ردیف | عنوان | پديدآورندگان | ناشر | محل نشر | تاريخ نشر |
1 | 114 ماده اوليه مورد مصرف در صنايع سراميك | بيژن بابايينژاد , فرزانه جواديدهخوارقاني , | سراميك , | تهران | 1371/4/1 |
2 | آزمونهاي غير مخرب | بري هال , ورنون جان , بهروز صالحپور , علياكبر آهني , جواد فيض , | دانشگاه صنعتي سهند , | تبريز | 1373/4/1 |
3 | آشنائي با اسپري دراير | محمد رستمخاني , | مركز آموزش و تحقيقات سراميك، شركت مقرهسازي ايران , مانا , | تهران | 1370/1/1 |
4 | آشنايي با زير كونيا | آل استيونز , مهرداد حبيبي , | شركت مقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك , | تهران | 1371/4/1 |
5 | آشنايي با مهندسي شيمي | محمد نصيري , نادر مختاريان , حبيبالله حاجهاشمي , | نداي مصلح , | قم | 1385/11/21 |
6 | آشنايي با مهندسي شيمي | سيدحسين نوعيباغبان , محسن پاكيزهسرشت , حسين واحدي , | جهاد دانشگاهي مشهد , | مشهد | 1386/9/19 |
7 | آميزهكاري در صنايع پليمري | جاناس. ديك , محمدحسين اميرخيري , مهران غياثي , ساعد يزداني , | دانشگاه صنعتي اصفهان , | اصفهان | 1374/2/11 |
8 | آيكون | دفتر علمي زنيكا در ايران , | تهران | 1373/4/8 | |
9 | اصول صنايع شيمي | عباس جانزاده , ماندانا صابرتهراني , مرتضي خسروي , | عباس جانزاده , | تهران | 1380/5/22 |
10 | اصول صنايع شيميايي | ابراهيم بيگدلي , محمدرضا ملاردي , | شركت كيمياي قم , انجمن مديران صنايع قم , | قم | 1375/10/11 |
11 | اصول صنايع شيميايي | سيروس نوري , شهريار آشوري , فاطمه مدرسي , | جهاد دانشگاهي (دانشگاه اروميه) , | اروميه | 1382/11/4 |
12 | اصول صنايع شيميايي | مظفر اسدي , فريبا منصوري , | دانشگاه شيراز , | شيراز | 1378/7/14 |
13 | اصول صنايع شيميايي | هوشنگ پرهام , محمد كوتي , بيژن نجفي , | دانشگاه شهيد چمران , | اهواز | 1378/6/16 |
14 | اصول صنايع شيميايي | مظفر اسدي , فريبا منصوري , | دانشگاه شيراز , | شيراز | 1384/12/23 |
15 | اصول طراحي قالبهاي پلاستيك و باكاليت | مصطفي نجومي , | موسسه انتشارات قايم , | تهران | 1373/6/9 |
16 | بيوتكنولوژي كشاورزي: راهبردهايي در جهت بهبود رقابت | كميتهتدوينراهبردمليبيوتكنولوژيدركشاورزي , احمد حجاران , | نشر آموزش كشاورزي , | كرج | 1377/7/15 |
17 | پليمرهاي مصنوعي: ساختن ملكولهاي بزرگ | فرد بيلمير , محمد حقيقتكيش , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1378/12/28 |
18 | پي. وي. سي | حميد حامدموسويان , منصوره قطبي , فاطمه حاجيصولت , | مجله صنايع پلاستيك , | تهران | 1372/3/1 |
19 | تجزيه و تحليل مسايل "اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي" | مسعود پهلوانبخش , | فتح دانش , | اراك | 1375/4/11 |
20 | ترموديناميك مهندسي شيمي | جي.ام. اسميت , هندريك وننس , منصور كلباسي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1375/4/28 |
21 | تكميل فرآوردههاي نساجي و رنگرزي | مرتضي شهيزاده , جهانگير زماني , | صفار , | تهران | 1373/10/29 |
22 | تكنولوژي رنگ و زرين | محمدعلي مازندراني , | پيشرو , | تهران | 1373/10/1 |
23 | تكنولوژي سراميكهاي ظريف | افسون رحيمي , مهران متين , | صنايع خاك چيني ايران , | تهران | 1370/3/1 |
24 | تكنولوژي فرآوردههاي دريائي ـ اصول نگهداي و عمل آوري | حسن رضويشيرازي , | صاحب اثر , | تهران | 1373/10/22 |
25 | جغرافياي تعيين محل صنايع | حسن قرهنژاد , | كبير , | اصفهان | 1373/1/24 |
26 | جوشكاري پلاستيك | افسانه ربيعي , | شهرآب , | تهران | 1370/6/1 |
27 | چكيده جامع مقالات دومين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران8 - 6 اسفند ماه 1375 | علي كارگري , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1375/12/11 |
28 | حلالمسائل طراحي راكتورهاي شيميايي (لونشپيل) | اميرساسان اميري , اميرفرزاد فرخزاد , | جاده ابريشم , | تهران | 1377/2/29 |
29 | حل كامل مسائل مباني كنترل فرآيند در مهندسي شيمي | منوچهر نيكآذر , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1381/9/9 |
30 | حل مسائل كنترل فرآيندها | آرش حميديان , | كيمياي هنر , | تهران | 1381/3/25 |
31 | خلاصه مقالات هشتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران | كميتهانتشاراتكنگره , سعيد ابراهيميان , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1382/9/23 |
32 | خواص سيالات مخازن نفتي | اميل برسيك , عليرضا طباطبائي , فريدون رابط , | دانشگاه صنعتي سهند , | تهران | 1374/2/11 |
33 | درآمدي بر ترموديناميك مهندسي شيمي | جي.ام. اسميت , هندريك وننس , محمد سلطانيه , سودابه دليل , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1373/7/29 |
34 | درآمدي بر مكانيك سيالات | اي راتا كرينشان , محسن جهانميري , | آوند انديشه , | شيراز | 1386/5/9 |
35 | راهنما و فهرست برنامه هشتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران | سعيد ابراهيميان , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1382/9/23 |
36 | راهنماي اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | پريچهر منتظررحمتي , شهرام بخشينژاد , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1376/6/23 |
37 | راهنماي صنايع شيميايي، بهداشتي و داروئي ايران | شركت طرح و گرافيك ارك , | تهران | 1372/2/1 | |
38 | رفتار فازي هيدروكربنها | طارق احمد , بابك امينشهيدي , رضا نعيميتاجدار , علي حائرياناردكاني , | دانشگاه فردوسي (مشهد) , | مشهد | 1385/12/28 |
39 | رفتار لرزهاي اتصالات نيمه صلب | فريبرز ناطقيالهي , حسين كاظم , علي يزداني , | موسسه بينالمللي زلزلهشناسي و مهندسي زلزله , | تهران | 1379/10/10 |
40 | روشهاي تجزيه و كنترل كيفيت مواد اوليه و فرآوردههاي صنايع شيميايي شامل: روشهاي تجزيه و كنترل كيفيت سوختهاي مايع، روشهاي .... | محمد ادريسي , عليرضا ميرحبيبي , نيما رزاقياصل , | موسسه دانش پويان , پژوهشكده صنايع رنگ ايران، واحد انتشارات , | تهران | 1384/7/20 |
41 | روشهاي آزمايش شير و فرآوردههاي آن | عباس فرخنده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1373/8/19 |
42 | روشهاي سنجش آنزيمي | فرزانه وهابزاده , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1373/8/5 |
43 | ساختمان كوره هاي صنعتي | جواد كلاهيعهدجديد , محمدرضا حداد , | شركت مقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك , | تهران | 1371/9/1 |
44 | شيمي سبز | مصطفي حبيبيخراساني , ملكظاهر مقصودلو , علي ابراهيمي , معصومه سراواني , | تفتان , | زاهدان | 1382/12/3 |
45 | شيمي صنعتي | مرتضي خسروي , سهيلا صداقت , | دانشگاه آزاد اسلامي (تهران شمال) , انديشه جوان , | تهران | 1377/1/25 |
46 | شيمي صنعتي 2 | سيروس نوري , شهريار آشوري , هدايت راحمي , محمدحسين خانمحمدي , | جهاد دانشگاهي، واحد آذربايجان غربي , | اروميه | 1383/7/15 |
47 | شيمي و اجتماع (نقش شيمي در برآوردن نيازهاي جامعه) | محمدرضا ملاردي , احمد نصيراحمدي , | مبتكران , | تهران | 1370/5/1 |
48 | طراحي راكتورهاي شيميايي | اي.بي. نامن , جعفر توفيقيداريان , محمدرضا اميدخواه , | دانشگاه تربيت مدرس، دفتر نشر آثار علمي , | تهران | 1372/7/1 |
49 | طراحي راكتورهاي شيميايي | Octavel Evenspiel , مرتضي سهرابي , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1371/4/1 |
50 | عمليات واحد: عمليات انتقال جرم | رابرتايوالد تريبال , پريسا زيني , | صاحب اثر , | تهران | 1370/7/1 |
51 | عمليات واحد: عمليات انتقال جرم | رابرتايوالد تريبال , پريسا زيني , | دانشگاه هرمزگان , | 1374/7/13 | |
52 | عمليات واحد در مهندسي شيمي | علي گودرزي , اسماعيل خسروبيگي , | نواي دانش , | اراك | 1385/12/21 |
53 | فرايندهاي غشائي صنعتي | سيدسياوش مدائني , اشكان رحيمپور , | دانشگاه رازي , چشمه هنر و دانش , | كرمانشاه | 1384/2/31 |
54 | فرهنگ جامع متالورژي و مواد: انگليسي - فارسي | پرويز فرهنگ , | دنيا , | تهران | 1373/12/12 |
55 | فرهنگ صنعت لاستيك: تشريحي - مصور | سمر , | تهران | 1372/3/1 | |
56 | كارشناسان و خبرگان صنعتي ايران در بيش از هشتاد زمينه تخصصي مورد نياز صنعت كشور | صدا و سيماي جمهوري اسلامي ايران (سروش) , | تهران | 1373/3/25 | |
57 | كارهاي عملي در شيمي بسپار (رشته شيمي) | اس.اچ پينر , سيداحمد ميرشكرايي , هادي سيدي , | دانشگاه پيام نور , | تهران | 1381/7/22 |
58 | كتاب مهندسي شيمي: چكيدهاي از نه درس تخصصي مهندسي شيمي و بيوتكنولوژي ... | محمدتقي معاضد , | نشراركان , | اصفهان | 1378/12/24 |
59 | كتاب مهندسي شيمي: چكيدهاي از نه درس تخصصي مهندسي شيمي و بيوتكنولوژي ... | محمدتقي معاضد , محمد چالكشاميري , | نشراركان , | اصفهان | 1380/12/26 |
60 | كتاب مهندسي شيمي: چكيدهاي از نه درس تخصصي مهندسي شيمي و بيوتكنولوژي همراه با حل تشريحي ده دوره آزمون كارشناسي ارشد و سوالات آزمون دكتراي اعزام ... | محمدتقي معاضد , حسن عباسنژاد , عليمحمد اشراقي , مهرداد هوشمندي , حجت عشرتي , | موسسه علمي دانشپژوهان برين , اركان دانش , | اصفهان | 1386/12/4 |
61 | گازهاي معدن | خسرو خرمي , | صنعت فولاد , | تهران | 1371/1/1 |
62 | مايكروويو در صنايع غذايي در منازل | سيدحسين ميرنظاميضيابري , زهره حميدياصفهاني , معصومه فايز , | صاحب اثر , | تهران | 1373/11/6 |
63 | مباني طراحي كورههاي صنعتي | حسن طوبي , محمدحسن ادريسي , | دانشگاه صنعتي اصفهان , | اصفهان | 1372/6/1 |
64 | مباني كنترل فرآيند در مهندسي شيمي | منوچهر نيكآذر , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1377/7/26 |
65 | مباني متالوژي فيزيكي | گيهرن , اردشير طهماسبي , مسعود رضاشاكري , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1371/7/1 |
66 | متالوژي پاتيلي | اي. زنكي , ناتاليسويچ كارلسون , ال هلي , پيام منصوري , عباس حداديان , شهريار بهراميمقدم , | شركت ملي فولاد ايران , | تهران | 1373/8/19 |
67 | مجتمعهاي پتروشيمي در ايران و طرحهاي در دست اجرا | شركت ملي صنايع پتروشيمي ايران , | تهران | 1370/3/1 | |
68 | مجموعه تستهاي كارشناسي ارشد مهندسي شيمي | احمد حلاجيثاني , عباس جليلزاده , نادر شرافتي , | اذكار , | تهران | 1375/11/27 |
69 | مجموعه مقالات سومين سمينار ملي و اولين سمينار بينالمللي علوم و تكنولوژي پليمر | سلوي فرهنگزاده , | مجله علوم و تكنولوژي پليمر , | تهران | 1374/7/30 |
70 | مجموعه مقالات متالوژي 9 | محمدرضا افضلي , شهرام بهراميمقدم , | شركت ملي فولاد ايران , | تهران | 1373/8/19 |
71 | محصولات بهداشتي: تكنولوژي ساخت شامپو و كنترل كيفيت آن | هميرا آگاه , | صاحب اثر , | تهران | 1373/7/15 |
72 | مديريت پسماندهاي شيميايي | گردا مولر , سعيد فردوسي , | شهرداري تهران، سازمان بازيافت و تبديل مواد , | تهران | 1372/3/1 |
73 | مديريت مواد زائد جامد "اصول مهندسي و مباحث مديريتي" | جرج چوبانوگلوس , هيداري يتن , رولف الياسن , منيره مجلسي , مهدي مومني , | شهرداري تهران، سازمان بازيافت و تبديل مواد , | تهران | 1371/7/1 |
74 | مقدمهاي بر شيمي رنگ | رابرت ترنر , ابراهيم بيگدلي , اردشير كامكار , | شركت رنگسازي كيمياي قم , | قم | 1373/8/12 |
75 | مهندس شيمي | جان منگافكولسون , جان فرانسيسريچاردسون , محسن عدالت , سودابه دليل , سيدمحمدباقر پورسيد , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1372/2/1 |
76 | مهندسي شيمي | سيداحمد حسينزاده , | آشيانه علم , | تهران | 1378/12/14 |
77 | مهندسي شيمي: عمليات واحدها | جانمتكاف كولسون , جانفرانسيس ريچاردسون , سيدمحمدباقر پورسيد , محمد خشنودي , محسن مدنياصفهاني , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/5/18 |
78 | مهندسي شيمي: عمليات واحدها | جانمتكاف كولسون , جانفرانسيس ريچاردسون , سيدمحمدباقر پورسيد , محمد خشنودي , عبدالعلي فقيهاردوبادي , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/8/15 |
79 | مهندسي شيمي: مباني طراحي | جانمتكاف كولسون , جانفرانسيس ريچاردسون , آر.كي سينوت , محمدمهدي منتظررحمتي , سيدمحمدباقر پورسيد , علياصغر حميدي , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/6/6 |
80 | ميكروبيولوژي صنعتي | اخترالملوك كاظميويسري , | جهاد دانشگاهي (واحد علوم پزشكي ايران) , | تهران | 1372/7/1 |
81 | روشهاي عددي حل مسايل مهندسي شيمي | مايكل كاتليپ , مردخاي شاخام , منوچهر نيكآذر , علي بهرامي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1381/9/13 |
82 | دستينه محاسبات مهندسي شيمي | نيكلاس چاپي , محمد كاظميني , ايرج ناصر , سيدمحمدباقر پورسيد , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1383/1/25 |
83 | روشهاي رياضي كاربردي براي مهندسان شيمي | نورمن لوني , منوچهر نيكآذر , فتحيه مينوفر , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1383/8/19 |
84 | رياضيات مهندسي شيمي (كاربردي And عددي) | سعيد غني ياري بنيس , | جاودانه , | تهران | 1386/8/19 |
85 | كاربرد رياضيات در مهندسي شيمي | سهيلا يغمايي , عزيز باباپور , سيدمحمد موسويبفرويي , | سنجش , | تهران | 1383/10/28 |
86 | كاربرد رياضيات در مهندسي شيمي | ارجمند مهرباني , ابوالفضل محبي , | اركان , | اصفهان | 1383/11/21 |
87 | كاربرد رياضيات و مدلسازي در مهندسي شيمي | شهره فاطمي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1383/8/18 |
88 | مدلسازي رياضي در مهندسي شيمي و نفت | رياض خراط , سيدعلي علويفاضل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پلي تكنيك تهران)، مركز نشر , | تهران | 1383/4/29 |
89 | راهنماي اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | پريچهر منتظررحمتي , شهرام بخشينژاد , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1374/12/9 |
90 | شبيهسازي با نرمافزار HYSYS | اميرپيران اميري , رضا سعادتمند , | جهاد دانشگاهي (دانشگاه صنعتي اصفهان)، مركز انتشارات , | تهران | 1382/12/10 |
91 | مرجع كامل شبيهسازي فرآيندهاي پايا با HYSYS | غلامرضا باغميشه , رضا درستي , معصومه مرادزاده , | انديشه سرا , | تهران | 1386/12/8 |
92 | مرجع كامل شبيهسازي فرآيندهاي پايا با HYSYS همراه با ASPEN 11.1 و HYSYS 3.1 3.01 | غلامرضا باغميشه , رضا درستي , معصومه مرادزاده , | انديشه سرا , | تهران | 1384/2/24 |
93 | مقدمهاي بر كاربرد Excel در فرآيندهاي مهندسي شيمي | سيامك جعفري , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/1/21 |
94 | فرهنگ اصطلاحات مهندسي شيمي | گروهمهندسيشيميجهاد , | علوم و فنون , | تهران | 1384/12/13 |
95 | فرهنگ جامع فرمولها و فرآوردههاي صنعتي، شامل صدها گونه فرمولهاي شيميايي، غذايي، بهداشتي، آرايشي | تقي قفقازي , مهران بختي , بشير بختي , | اطلس , | تهران | 1373/3/11 |
96 | واژهنامه شيمي صنعتي (فارسي - انگليسي) | فرهاد حاتمجعفري , شاهرخ جهاندار , سيدمحمدباقر پورسيد , | نشر كتابدار , | تهران | 1382/1/20 |
97 | بيوتكنولوژي ميكروبيولوژي صنعتي | ولف كروگر , آناليز كروگر , علي مرتضوي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1381/6/31 |
98 | آزمون كارشناسي ارشد مهندسي شيمي (به همراه حل تشريحي) | داريوش باستاني , هياتمولفان , | دانشگاه تهران , | تهران | 1375/11/10 |
99 | مدلسازي رياضي در مهندسي شيمي و نفت | رياض خراط , علي علويفاضل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1381/7/21 |
100 | اصول بنيادي و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | ديويدام. هيملبلوا , مرتضي سهرابي , | صاحب اثر , | تهران | 1374/10/6 |
101 | اصول بنياني و محاسباتي در مهندسي شيمي | ديويدماتنر هيملبلاو , جيمز ريگز , ساناز پورمند , سعيد سلطانعلي , فريد معمارزادهطهران , | انديشههاي گوهربار , | تهران | 1386/9/6 |
102 | اصول محاسبات شيمي صنعتي (رشته شيمي) | عبدالرضا مقدسي , محمود پايهقدر , | دانشگاه پيام نور , | تهران | 1386/8/14 |
103 | انتقال جرم و عمليات واحد | محمود ميرزازاده , اشرف شفائي , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1380/10/16 |
104 | انتقال جرم و عمليات واحد | محمد سميعپور , | پوران پژوهش , | تهران | 1384/12/15 |
105 | انتقال جرم و عمليات واحد: به همراه حل تستهاي طبقهبندي شده آزمونهاي كارشناسي ارشد | محمود ميرزازاده , اشرف شفائي , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1384/9/29 |
106 | پاككننده (چگونه همه چيز را تميز كنيم؟ ) | آلماچس ناتمور , ميترا صادقيپور , | نشرمينا , | تهران | 1370/7/1 |
107 | جرم و عمليات واحد | محمد سميعپور , | پوران پژوهش , | تهران | 1385/12/23 |
108 | مجموعه مقالات ششمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران | هياتمولفان , | موسسه فرهنگي انتشاراتي فرهنگ مردم , | اصفهان | 1380/12/28 |
109 | مجموعه مقالات هفتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران 6-9 آبانماه سال 1381: بيوتكنولوژي، مهندسي پزشكي... | محمدعلي موسويان , جلالالدين هاشميآغچهبدي , جواد ايواني , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1381/12/10 |
110 | مجموعه مقالات هفتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران 6-9 آبانماه سال 1381: پديدههاي انتقال و جداسازي | محمدعلي موسويان , جلالالدين هاشميآغچهبدي , جواد ايواني , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1381/12/10 |
111 | مجموعه مقالات هفتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران 6-9 آبانماه سال 1381: ترموديناميك، سوخت و ... | محمدعلي موسويان , جلالالدين هاشميآغچهبدي , جواد ايواني , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1381/12/10 |
112 | مجموعه مقالات هفتمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران 6-9 آبانماه سال 1381: مهندسي پليمر | محمدعلي موسويان , جلالالدين هاشميآغچهبدي , جواد ايواني , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1381/12/10 |
113 | اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | ديويدماتنر هيملبلاو , مرتضي سهرابي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پلي تكنيك تهران)، مركز نشر , | تهران | 1386/7/22 |
114 | تشريح كامل مسايل اصول بنياني و محاسباتي در مهندسي شيمي | فريد معمارزادهطهران , سعيد سلطانعلي , | انديشههاي گوهربار , | تهران | 1386/9/6 |
115 | راهنماي اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | پريچهر منتظررحمتي , شهرام بخشينژاد , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1386/9/10 |
116 | شيمي سبز در تئوري و عمل | پل انستاس , جان وارنر , محمد قلعهاسدي , مهرداد مهكام , | هاشمي سودمند , | تبريز | 1385/12/22 |
117 | اصول بنياني و مباني محاسبات در مهندسي شيمي | ديويدمانر هيملبلاو , مرتضي سهرابي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1380/5/24 |
118 | راهنما و حل مسائل طراحي كارخانه و تحليل مباحث اقتصادي براي مهندسين شيمي | ماكساستون پيترز , كلاوس تيمرهاوس , مجتبي سمنانيرهبر , رضا فريدوني , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1382/4/30 |
119 | طراحي كارخانه و تحليل مباحث اقتصادي براي مهندسين شيمي | ماكساستون پيترز , كلاوس تيمرهاوس , مجتبي سمنانيرهبر , ساناز پورمند , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1383/11/11 |
120 | ارزيابي بيولوژيكي تماس با مواد شيميايي | محمدرضا مشكاتي , بهمن خواهشي , | فنآوران , | همدان | 1386/12/20 |
121 | ايمني در كار با مواد شيميايي | محمدباقر دلخوش , | شهد , | تهران | 1385/3/6 |
122 | راهنماي ايمني در طراحي فرايندهاي شيميايي | جفريلئونارد ولز , سيگريو , وايتوي , داود رشتچيان , ليلا وفاجو , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1385/7/8 |
123 | سيستمهاي ايمني | ايان والاس , همايون لاهيجانيان , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1386/12/15 |
124 | مديريت ايمني در صنايع نفت و گاز و پتروشيمي: نگاهي به حوادث صنعتي جهان و شناخت خطرات عمده (طراحي و چيدمان راهاندازي واحدهاي مرتبط با نفت) | عليرضا احمدي , | پورشاد , | تهران | 1386/5/28 |
125 | واحدهاي نيمهصنعتي و بزرگسازي فرايندهاي شيميايي | ويليام هويل , محسن محسننيا , بهروز اكبري , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1383/11/17 |
126 | تشريح كامل مسائل مهندسي واكنشهاي شيميايي (طراحي راكتورهاي شيميايي) | سعيده سلطاني , ليلا محمدي , | آشينا , | تبريز | 1385/12/22 |
127 | طراحي مفهومي فرآيندهاي شيميايي | جيمزمريل داگلاس , مهرداد نقوي , سعيد موسويكريمي , | فارابي , | تهران | 1379/5/23 |
128 | كنترل فرآيندها | دونالدري كاگناور , لوئل كوپل , ايرج گودرزنيا , عبدالعلي فقيهاردوبادي , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/2/24 |
129 | مهندسي واكنشهاي شيميايي | اوكتاو لونسپيل , مرتضي سهرابي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1382/1/19 |
130 | مدلسازي، شبيهسازي و كنترل فرآيندها در مهندسي شيمي | ويليام لويبن , محمدتقي صادقي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1385/8/7 |
131 | اصول و اجزاء: كنترل صنعتي | سيدحجت سبزپوشان , زهرا بشيري , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1386/12/15 |
132 | حل مسائل برگزيده كنترل فرآيندها (براساس كتاب كاپل) | فرشيد اسوند , آرش گشتاسبياصل , مجيد گودرزي , فرزانه خوشخو , | فرشيد الاسوند , آرش گشتاسبي اصل , | تهران | 1377/11/27 |
133 | رسم ساختارهاي شيميايي (راهنماي نرمافزار ISIS/Draw) | وحيد حائري , علي پورجوادي , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1386/5/22 |
134 | طراحي مبدلهاي حرارتي صنعتي با ASPEN B-JAC | غلامرضا باغميشه , معصومه مرادزاده , رضا درستي , سيدمهدي هدايتزاده , | انديشهسرا , | تهران | 1386/8/30 |
135 | طراحي و بهينهسازي فرآيندها با Aspen plus, b-jac, pinch | فرناز سنندجي , حامد مولوي , | كاروان حله , | تهران | 1385/10/12 |
136 | طراحي و شبيهسازي فرآيندهاي شيميايي با نرمافزار HYSYS | حامد مولوي , حسن پورحسن , فرناز سنندجي , | طراح , | تهران | 1385/10/12 |
137 | كنترل اتوماتيك فرآيندهاي مهندسي | علي سيفاللهزاده , حسين كيا , برمك صادقيطباطبايي , | دنياي هنر , | تهران | 1386/11/24 |
138 | كنترل فرآيندهاي شيميايي | گئورگ استفانوپولوس , ايرج ناصر , | موسسه علمي فرهنگي نص , | تهران | 1381/8/13 |
139 | كنترل فرايندها | دونالدري كاگناور , لوئل كوپل , ايرج گودرزنيا , عبدالعلي فقيهاردوبادي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1381/12/18 |
140 | مدلسازي و شبيهسازي فرايندهاي شيميايي با ASPEN | رضا درستي , غلامرضا باغميشه , | انديشه سرا , | تهران | 1383/12/10 |
141 | مكانيزمهاي تخريب آلياژهاي مهندسي در صنايع نفت، گاز و پتروشيمي | عليرضا عبدالملكي , زهرا صادقيان , ابوالفضل پورنجاتي , | پژوهشگاه صنعت نفت , | تهران | 1386/12/14 |
142 | اصول طراحي راكتورهاي شيميايي | محمد ترابيانگجي , سعيد مخاطب , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1378/11/20 |
143 | تشريح كامل مسائل طراحي رآكتورهاي شيميايي (پيشرفته) | امين احمدپور , سيروس فلاحي , | ميرشمس , | تهران | 1381/12/27 |
144 | راهنماي حل مسائل طراحي رآكتورهاي شيميايي | سيروس عزيزمحمدي , علي بهرامي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1380/11/7 |
145 | راهنماي كار دستگاههاي فرايندي | نرمن ليبرمن , اليزابت ليبرمن , محمدرضا نفري , | انجمن خوردگي ايران , | تهران | 1384/9/19 |
146 | طراحي راكتورهاي شيميايي | اوكتاو لونسپيل , مرتضي سهرابي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/12/19 |
147 | مجموعه سوالات كنكور كارشناسي ارشد: طراحي راكتورهاي شيميايي سالهاي 1368 - 1378 | سعيد مخاطب , محمد ترابيانگجي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1378/12/22 |
148 | اصول مهندسي واكنشهاي شيميايي و طراحي واكنشگاهها: قابل استفاده دانشجويان مهندسي شيمي و شيمي كاربردي | اسكات فولگر , مرتضي خسروي , تقي گنجي , سهيلا صداقت , | خدمات فرهنگي كانون كتاب دانشگاهي شريف , مهكامه , | تهران | 1385/10/6 |
149 | طراحي راكتورهاي شيميايي | اسكات فوگلر , محمد كاظميني , بهشته حسامي , جواد نظيري , | نشر كتاب دانشگاهي , | تهران | 1385/3/16 |
150 | طراحي راكتورهاي شيميايي: براي دورههاي كارشناسي شيمي و مهندسي شيمي | اوكتاو لونسپيل , محمديوسف معتمدهاشمي , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1380/7/28 |
151 | عمليات انتقال جرم | قاسم نجفپور , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1376/8/5 |
152 | عمليات انتقال جرم: عمليات واحد | رابرت ايوالدتريبال , پريسا زيني , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1380/3/22 |
153 | آناليز خطر و ارزيابي ريسك در فرآيندهاي شيميايي | تيمور اللهياري , | موسسه انتشاراتي فنآوران انديشهپژوه , | تهران | 1384/7/2 |
154 | آناليز خطر و ارزيابي ريسك در فرآيندهاي شيميايي | تيمور اللهياري , | نجابت , | قم | 1384/11/3 |
155 | پيشبيني عملكرد فرآيندهاي جداسازي چند مرحلهاي | فواد خوري , طاهره كاغذچي , مريم تختروانچي , علي عباسيان , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1384/11/12 |
156 | عمليات انتقال در مهندسي شيمي | رابرتآلبرت گرينكورن , طاهره كاغذچي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1378/12/28 |
157 | عمليات واحد در مهندسي شيمي (مكانيك سيالات) | محمد معين , وارنلي مكيب , جوليانكليولند اسميت , پيتر هريت , اعظم بلوري , | دانشگاه گيلان , | رشت | 1384/12/22 |
158 | عمليات واحد مهندسي شيمي | وارنلي مكيب , جوليانكليولند اسميت , پيتر هريت , علياصغر حميدي , داود رشتچيان , محمدمهدي منتظررحمتي , مهرنوش نادعلي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1381/2/16 |
159 | عمليات واحد مهندسي شيمي | وارنلي مكيب , جوليانكليولند اسميت , پيتر هريت , بهرام پوستي , | نشر كتاب دانشگاهي , | تهران | 1386/12/27 |
160 | عمليات واحد مهندسي شيمي | وارنلي مكيب , جوليانكليولند اسميت , پيتر هريت , بهرام پوستي , انسيه مستغنييزدي , | نشر كتاب دانشگاهي , | تهران | 1386/12/19 |
161 | عمليات واحد مهندسي شيمي: تشريح مسائل بخش مكانيك سيالات | وارن مككيب , جوليانكليولند اسميت , پيتر هريوت , مصطفي داوودينژاد , محمدصالح يوسفنژادكبريا , بهروز صفرزاده , | نشر كتاب دانشگاهي , | تهران | 1386/12/19 |
162 | فرايند انتقال و عمليات واحدها: فرايندهاي انتقال | كريستيجي گينكوپليس , محمود اخوانمهدوي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1381/6/18 |
163 | مباني كنترل فرآيند در مهندسي شيمي | منوچهر نيكآذر , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پلي تكنيك تهران)، مركز نشر , | تهران | 1386/10/30 |
164 | مهندسي سيالسازي | دايزو كويني , اوكتاو لونسپيل , مهدي علوي , علياصغر حميدي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1379/6/30 |
165 | اصول انتقال جرم | محمد چالكشاميري , | نشراركان , | اصفهان | 1385/5/21 |
166 | اصول انتقال جرم | محمد چالكشاميري , مسعود بهشتي , رضا خادمي , | اركان , | اصفهان | 1386/12/4 |
167 | اصول عمليات واحد در مبدلها | عليرضا شريفي , | ازل , | تهران | 1378/11/16 |
168 | اصول و كاربرد انتقال جرم | آنتوني هاينز , رابرت مادوكس , جلالالدين هاشمي , محمدعلي آرون , | آينده سازان , | تهران | 1385/10/3 |
169 | انتقال جرم | حسين بهمنيار , | جهاد دانشگاهي (دانشكده فني دانشگاه تهران) , | تهران | 1386/3/6 |
170 | انتقال جرم | رابرتايوالد تريبال , طاهره كاغذچي , مرتضي سهرابي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1386/7/22 |
171 | تشريح كامل مسائل انتقال جرم رابرت تريبال به انضمام: تستهاي طبقهبندي شده آزمون كارشناسي ارشد درس انتقال جرم با پاسخ تشريحي ... | بهزاد خداكرمي , | آشينا , | تبريز | 1385/9/8 |
172 | عمليات انتقال جرم | رابرتايوالد تريبال , كامبيز جاوداني , علياكبر سيفكردي , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1378/8/26 |
173 | روش حل مسائل اصول انتقال جرم: شامل حل مسائل كتاب اصول انتقال جرم دكتر محمد چالكش اميري ... | محمد پوربافراني , | نشراركان , | اصفهان | 1381/10/18 |
174 | روش حل مسائل اصول انتقال جرم: شامل حل مسائل كتاب اصول انتقال جرم دكتر محمد چالكش اميري ... | محمد پوربافراني , محمد چالكشاميري , | نشراركان , | اصفهان | 1386/10/9 |
175 | عمليات واحد | رابرتايوالد تريبال , پريسا زيني , | نهر دانش , | تهران | 1384/6/15 |
176 | مباني نانوغشاهاي پليمري و فرآيند نانوفيلتراسيون = Fundamentals of polymeric nanomembranes and nanofiltration process | احمد اكبري , ربابه زماني , | پندار پارس , | تهران | 1386/6/19 |
177 | اصول طراحي تبخيركنندههاي صنعتي | مجتبي عبدال , آناهيتا دادگستر , مسعود نيلي , كيخسرو كريمي , | دانشپژوهان برين , اركان دانش , | اصفهان | 1385/12/6 |
178 | خشك كردن: اصول، طراحي و كاربرد | چسلاو استروميلو , تاديوز كودرا , حسن پهلوانزاده , رضا بيات , | دانشگاه تربيت مدرس، مركز نشر آثار علمي , | تهران | 1378/2/4 |
179 | خشك كردن: اصول، كاربردي | چسلاو استروميلو , حسن پهلوانزاده , | دانشگاه تربيت مدرس، دفتر نشر آثار علمي , | تهران | 1377/12/27 |
180 | اصول طراحي مخازن همزندار (ميكسرها) | منصور انبياء , علي دارابي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1384/11/8 |
181 | اصول فرآيندهاي صنعتي | رمضان رنجبر , | نويد شيراز , | شيراز | 1382/3/3 |
182 | كف و ضدكف | محمد چالكشاميري , محمد ترابيان , | نشراركان , | اصفهان | 1375/12/13 |
183 | مباني فناوري امولسيونها | طلعت قماشچي , زهرا اكبري , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1386/10/9 |
184 | ترموديناميك | محمدمهدي منتظررحمتي , مرضيه امان آبادي , | سنجش , | تهران | 1382/10/22 |
185 | ترموديناميك مهندسي شيمي | جوزفماك اسميت , هندريك وننس , مايكل ابوت , محمدمهدي منتظررحمتي , جواد نظيري , | نشر كتاب دانشگاهي , | تهران | 1380/10/15 |
186 | ترموديناميك مهندسي شيمي | رضا طاهري , | دانشگاه هرمزگان , | بندرعباس | 1384/9/27 |
187 | ترموديناميك مهندسي شيمي | جوزفماك اسميت , هندريك وننس , منصور كلباسي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1378/12/22 |
188 | ترموديناميك مهندسي شيمي (سيستم متريك و مهندسي) | جوزفماك اسميت , هندريك وننس , منصور كلباسي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/8/8 |
189 | تشريح مسائل ترموديناميك مهندسي شيمي (فصلهاي: 12، 13، 14، 15) | جي.ام. اسميت , هندريك وننس , سعيد رحيميمفرد , | نويد شيراز , | شيراز | 1378/10/20 |
190 | تشريح مسايل ترموديناميك مهندسي شيمي | جوزفماك اسميت , هندريك وننس , حسن صنعتي , | آشينا , | تبريز | 1385/12/22 |
191 | الكتروشيمي براي مهندسين | حسين پازنده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1378/11/13 |
192 | سينتيك مهندسي شيمي | جوزفماك اسميت , خليل صوتيخياباني , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/3/8 |
193 | سينتيك مهندسي شيمي | جوزفماك اسميت , خليل صوتيخياباني , عبدالرضا سلاجقه , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/3/8 |
194 | كاتاليز روي سطوح | يانمكاينتاير كمبل , بابك سميعي , بهزاد حقيقي , | بابك سميعي , | كرج | 1380/2/15 |
195 | كاتاليز ناهمگن: طراحي، ساخت و كاربرد كاتاليزورهاي جامد | لوپاژ , شهرزاد جوانشير , مهبد بصير , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1382/2/17 |
196 | كاتاليز همگن (كاربرد شيمي كاتاليز از طريق كمپلكسهاي حلپذير فلزات واسطه) | جرجويليام پارشال , استيوندي. ايتل , علي پورجوادي , منصور عابديني , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1378/9/1 |
197 | كاتاليز همگن: مكانيسم و كاربردهاي صنعتي | سوميت بهادوري , دوبله موكيش , منصور عابديني , علي نعمتيخراط , | دانشگاه تهران , | تهران | 1385/8/1 |
198 | مقدمهاي بر كاتاليزورهاي زيگلر - ناتا | وحيد حدادياصل , مهدي سلاميكلجاهي , | شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي، روابط عمومي , | تهران | 1386/3/9 |
199 | مكانيزم و كاربردهاي صنعتي كاتاليزورهاي همگن | سوميت بهادوري , دوبله موكش , محمد فتوره , روزبه صدراييفر , | سبزان , | تهران | 1386/4/16 |
200 | مباحثي نوين در بيوتكنولوژي | دانيال كهريزي , حميدرضا قاسمپور , نجات مهديه , | دانشگاه رازي , | تهران | 1386/5/16 |
201 | راهنماي ايمني و حفاظت در كار با مواد شيميايي | بهناز تجريشي , افسر عليزادهعظيمي , مريم كارگرراضي , | كاوش قلم , | تهران | 1386/3/21 |
202 | مديريت گازهاي فلر | محمد شاهيني , | جهان نو , اتحاد , | تهران | 1386/1/14 |
203 | اصول و اجزاء: كنترل صنعتي | سيدحجت سبزپوشان , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1380/8/28 |
204 | بيوتكنولوژي (مهندسي ژنتيك) | محمود بهزاد , | هدايت , | رشت | 1375/8/30 |
205 | بيوتكنولوژي براي مهندسين | نشراركان , | اصفهان | 1380/12/28 | |
206 | بيوتكنولوژي در يك نگاه | كيانوش كيهانيان , ارغوان گلشني , عاطفهالسادات واعظي , حميد ميرمحمدصادقي , | دانشگاه علوم پزشكي و خدمات بهداشتي درماني اصفهان , | اصفهان | 1383/11/24 |
207 | بيوتكنولوژي صنعتي | عباس شجاعالساداتي , محمدعلي اسداللهي , | دانشگاه تربيت مدرس، دفتر نشر آثار علمي , | تهران | 1381/12/7 |
208 | بيوتكنولوژي و كاربردهاي آن در داروسازي | گريراج كولكارني , محمدعلي فرامرزي , يونس قاسمي , غلامرضا زريني , عبدالعلي محققزاده , نسرين نفيسيورچه , | راه كمال , | اراك | 1385/3/31 |
209 | سند ملي زيستفناوري جمهوري اسلامي ايران | آهار , | تهران | 1385/12/9 | |
210 | سيستمهاي تحقيق و توسعه بيوتكنولوژي در كشورهاي مختلف جهان | فريدون مهبودي , | سامه , | تهران | 1376/9/1 |
211 | فنآوري و ايمني زيستي و دستورالعملهاي ايمني زيستي | نعمتالله خوانساري , | هامون , | تهران | 1380/4/4 |
212 | فناوري زيستي مدرن و ايمني زيستي | مهناز مظاهرياسدي , داوود حياتغيب , | موج سبز , | تهران | 1383/5/25 |
213 | فناوري كشت سلولهاي حيواني | مايكل باتلر , ميرزاخليل بهمني , ايوب خسروي , | دانشگاه امام حسين (ع) , | تهران | 1385/11/1 |
214 | كاربرد مواد طبيعي در روشهاي نوين دارو رساني | مهرناز كيهانفر , | ميرسعيدي فراهاني , | تهران | 1386/9/27 |
215 | مجموعه مقالات سومين همايش ملي بيوتكنولوژي جمهوري اسلامي ايران: پزشكي و دارويي | دبيرخانههمايش , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1382/7/26 |
216 | مجموعه مقالات سومين همايش ملي بيوتكنولوژي جمهوري اسلامي ايران: سلولي مولكولي مديريت، حقوق و اخلاق | دبيرخانههمايش , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1382/7/26 |
217 | مجموعه مقالات سومين همايش ملي بيوتكنولوژي جمهوري اسلامي ايران: كشاورزي و منابع طبيعي | دبيرخانههمايش , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1382/7/26 |
218 | مهندسي فرآيندهاي زيستي: مفاهيم بنيادي | مايكل شولر , فايكرت كارجي , فرزانه وهابزاده , | شركت به نشر , | مشهد | 1380/6/31 |
219 | نانوبيوتكنولوژي (با ديدگاه ميكروبيولوژي) | روحا كسريكرمانشاهي , بهارك حسينخاني , | دانشگاه اصفهان , | اصفهان | 1386/9/28 |
220 | بيوتكنولوژي در ايران: فرازها و نشيبها | فريدون مهبودي , | سامه , | تهران | 1380/3/9 |
221 | ايمني زيستي در صنعت فناوري زيستي ميكروبي | مهناز مظاهرياسدي , حميد راشدي , عباس اخوانسپهي , امين پاداش , | موج سبز , | تهران | 1384/5/4 |
222 | بيوتكنولوژي ميكربي | فريدون ملكزاده , محمدرضا صعودي , شيرين ملكزاده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1380/2/19 |
223 | بيوتكنولوژي ميكربي | فريدون ملكزاده , محمدرضا صعودي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1385/5/7 |
224 | راهنماي مهندسي ژنتيك و بيوتكنولوژي، اصول و كاربردهاي صنعتي | رولف اشميت , جعفر وطنخواهدولتسرا , | طراح , | تهران | 1386/3/20 |
225 | مباني بيوتكنولوژي و ميكروبشناسي صنعتي | حسن لامع , احمدرضا احساني , | دانشگاه آزاد اسلامي , | تهران | 1375/10/15 |
226 | مقدمهاي بر ميكروبيولوژي صنعتي | مايكل ويتز , نيل مورگان , جاناس راكي , گري هيگتون , سيدعلي مرتضوي , آرش كوچكي , محمدباقر حبيبينجفي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1383/12/8 |
227 | ميكروبشناسي كاربردي | صديقه محرابيان , شاپور گهواره , | نوپردازان , | كرمانشاه | 1378/3/22 |
228 | مهندسي بيوشيمي | منوچهر وثوقي , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1381/4/2 |
229 | Dolly اولين كلون بالغ | محسن فتحينجفي , پريسا عباسيپريزد , | سخنگستر , | مشهد | 1385/2/16 |
230 | اصول مهندسي ژنتيك و بيوتكنولوژي گياهي | عرفان يونسي , جلال سلطاني , | خواجه رشيد , | همدان | 1383/10/16 |
231 | بيوتكنولوژي مولكولي: اصول و كاربرد DNA نوتركيب | برنارد گليك , جك پاسترناك , جواد بهروان , زينب اسماعيلنظري , | دانشگاه علوم پزشكي و خدمات بهداشتي درماني مشهد , | مشهد | 1385/4/17 |
232 | پيشدرآمدي بر مهندسي ژنتيك | دزموند نيكل , محمود امينلاري , | دانشگاه شيراز , | شيراز | 1384/12/23 |
233 | شبيهسازي (كلونينگ) | ابوطالب صارمي , بهرام دلگشايي , | نشر خلوص , | تهران | 1383/4/29 |
234 | شبيهسازي انسان | حسن سالاري , | نشر حكيمان , | تهران | 1382/2/24 |
235 | شبيهسازي انسان | علي ناظمي , مهرداد هاشمي , شهرآشوب شريفي , | آييژ , | تهران | 1385/11/29 |
236 | شبيهسازي انسان: بيمها و اميدها | غلامرضا نورمحمدي , | دفترنشرمعارف , | قم | 1384/3/16 |
237 | شبيهسازي انساني در آئينه فقه، اخلاق و حقوق | محمدباقر عامرينيا , | راه سبز , | قم | 1386/12/28 |
238 | شبيهسازي در حيوانات | حميد كريمي , آذر بلوطيدهكردي , | پريور , | تبريز | 1384/7/23 |
239 | شبيهسازي و فناوري سلولهاي بنيادي | خسرو حسينيپژوه , | نوربخش , | تهران | 1384/3/3 |
240 | كلونسازي | دان ناردو , حميده علميغروي , | فاطمي , | تهران | 1385/2/5 |
241 | مقدمهاي بر مهندسي ژنتيك | والتر هيل , صادق وليانبروجني , محمد رونقي , | دانشگاه اصفهان , | اصفهان | 1386/8/9 |
242 | مهندسي ژنتيك | جف ويليامز , اي. سكارلي , ان. اسپور , مصطفي وليزاده , | عميدي , | تبريز | 1382/3/6 |
243 | مهندسي ژنتيك | جف ويليامز , آ سكارلي , ا والاس , محمدرضا نصيري , امير محمديملامحمدقلي , علياصغر اسلمينژاد , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1385/6/4 |
244 | مهندسي ژنتيك: روياها و كابوسها | انزو(وينچنزو) روسو , ديويد كورو , محمد صبور , حميده علميغروي , | موسسه فرهنگي فاطمي، واژه , | تهران | 1380/5/23 |
245 | مهندسي ژنتيك و كاربردهاي آن | علياصغر اسلمينژاد , علي سامعي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/2/1 |
246 | نگاهي به عرصههاي مولكولي پزشكي باليني | اميد صفا , اميرمحسن رضاپور , مريم افشارخاص , | همگامان چاپ , | تهران | 1384/9/1 |
247 | همانندسازي: جديدترين دستاورد مهندسي ژنتيك | ديويد جفريس , مهدي نجفيكوپايي , رضا عشر , | دلير , دلهام , | تهران | 1381/6/18 |
248 | خلاصه مقالات يازدهمين كنگره ملي مهندسي شيمي ايران (پديدههاي انتقال) | گروهمولفان , | مهربرنا , | تهران | 1385/11/18 |
249 | 2350 فرمولبندي و روش تهيه محصولات شيميايي تجاري در مقياس آزمايشگاهي و نيمهصنعتي | محمد ادريسي , عليرضا ميرحبيبي , عليرضا امينيفضل , | موج علم , | تهران | 1386/4/17 |
250 | اصول و مباني كاربردي تكنولوژي مواد | داود فدايي , | گنج عرفان , | قم | 1382/4/9 |
251 | شيمي معدني صنعتي | ورنر بوخنر , زهرا محمدي , عبدالرضا شيخمهديمسگر , | آزاده , | تهران | 1379/9/27 |
252 | فرآوري و كاربرد كانيهاي صنعتي | منوچهر اوليازاده , ميرمحمدعلي ميرمحمدي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/2/25 |
253 | فرهنگ جامع فرمولها و فرآوردههاي صنعتي | تقي قفقازي , مهران بختي , بشير بختي , | اطلس , | تهران | 1374/11/18 |
254 | كليات باكتريشناسي | جميله نوروزي , | جعفري , | تهران | 1382/10/22 |
255 | آشنايي با زيركونيا | ران استيونز , مهرداد حبيبي , | فني حسينيان , | تهران | 1382/5/7 |
256 | آشنايي با آلومينا | مهرداد حبيبي , محمد رستمخاني , | علوم روز , | تهران | 1379/3/18 |
257 | تكنولوژي توليد آلومينا از بوكسيت - نفلين سينيت و آلونيت | اشميگيدين , فريدون اشرفي , سيدعلي نيكجلال , محمود نيكبخت , | شركت ايتوك ايران , بهمن برنا , | تهران | 1384/10/25 |
258 | كاربيدها: فرايندهاي ساخت، خواص و كاربردها | تورج عبادزاده , محمدابراهيم ابراهيمي , مجيد ذريه سيدي , | موسسه دانشپويان جوان , | تهران | 1386/2/26 |
259 | پتروشيمي | پيتر وايزمن , سيدمجتبي ميريان , علي اكبر شهنازي سنگاچين , | موسسه انتشارات يادواره كتاب , | تهران | 1382/11/26 |
260 | راهنماي ارزيابي اثرات زيستمحيطي كارخانجات پتروشيمي | سيدمسعود منوري , | كتاب فرزانه , | تهران | 1381/3/6 |
261 | شيمي آلي صنعتي: مواد اوليه و حدواسطهاي مهم | كلاوس وايزرمل , هانسيورگن آرپه , محمد سليمانيجماراني , سيدرضا مختاريفر , محمدرضا داحي , | شركت ملي صنايع پتروشيمي ايران , | تهران | 1383/8/9 |
262 | شيمي آلي صنعتي: مواد اوليه و حد واسطهاي مهم | كلاوس وايزرمل , هانسيورگن آرپه , محمد سليمانيجماراني , مصطفي زاهدي , محمدرضا مختاريفر , محمدرضا داحي , | شركت ملي صنايع پتروشيمي ايران , | تهران | 1382/12/23 |
263 | راهبرد تامين پايدار مواد ليگنوسلولزي ايران | عادل جليلي , محمدكاظم عراقي , حسين حسينخاني , هاشم كنشلو , عباس فخريان , مسعودرضا حبيبي , حبيبالله عربتبار , امير نوربخش , محمود معلمي , حسين مجدطاهري , روحانگيز عباسعظيمي , فرزانه قاسمي , | موسسه تحقيقات جنگلها و مراتع , | تهران | 1386/9/19 |
264 | خوردگي، انتخاب مواد و جوشكاري در صنعت نفت و گاز | وحيد عامل , | دنياي نو , | تهران | 1386/6/24 |
265 | (آشنايي با مهندسي شيمي) تجهيزات صنايع نفت و گاز و پتروشيمي | بيژن قنواتي , | دانشنگار , | تهران | 1385/4/26 |
266 | آشنايي با محصولات پتروشيمي | گروهمشاورينشركتگسترشصنايعپاييندستيپتروشيمي , | جامي , | تهران | 1383/3/19 |
267 | پتروشيمي | فريدون رضوي , ژاله راستاني , | خانه قلم , | تهران | 1380/4/30 |
268 | پتروشيمي: توليد فرآوردهها در صنعت پتروشيمي | مرتضي خسروي , | دانشگاه تهران , | تهران | 1376/8/27 |
269 | ديروز براي فردا | سيدمهدي ميرسعيديفراهاني , | سپهر فاطمي , | تهران | 1384/11/29 |
270 | شيمي نفت: روشهاي تصفيه و فرآوردههاي پالايشگاهها | مرتضي خسروي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1386/9/5 |
271 | شيمي و فنآوري | سيروس نوري , مهرداد بلوكي , | دانشگاه اروميه , | اروميه | 1384/12/22 |
272 | صنايع پتروشيمي: ديپلماسي قدرتمند ايران (مجموعه مقالات) | عبدالرسول دشتي , رفعت فرزادفر , هوشنگ گودرزي , | پويه نگار , | تهران | 1386/11/13 |
273 | مجموعه مطالعات راهبردي صنايع كشور: صنايع پتروشيمي | محمدحسين سليمي , عليرضا عزيزي , رضا منفردي , حسين ديبايياصل , عباس قيومي , حميد مشرقي , محمد بروجردي , ميرنيما قاضي , | مركز آموزش و تحقيقات صنعتي ايران , | تهران | 1386/3/13 |
274 | آشنايي با تيمهاي پژوهشي شركت ملي صنايع پتروشيمي | گروههاي پژوهشي شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي , | شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي، روابط عمومي , | تهران | 1385/11/23 |
275 | چكيده پروژههاي پژوهشي خاتمه يافته شركت ملي صنايع پتروشيمي | مريم تختروانچي , | شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي، روابط عمومي , | تهران | 1385/11/23 |
276 | اسانس، دستگاههاي تقطير، روشهاي آزمون و شاخصهاي بازداري در تجزيه اسانس | كامكار جايمند , محمدباقر رضايي , غلامرضا نبي , | انجمن گياهان دارويي , | تهران | 1385/9/13 |
277 | شيمي و تهيه صنعتي روغنهاي اسانس | فاطمه سفيدكن , | زاوش , | تهران | 1386/12/1 |
278 | شيمي عكاسي | ضياءالدين خطير , سوره قشقائي , | كتاب فرزانه , | تهران | 1386/9/17 |
279 | شيمي عكاسي در عكاسي سياه - سفيد و رنگي | جورج ايتون , عبدالعلي ذكاوت , | صدا و سيماي جمهوري اسلامي ايران (سروش) , | تهران | 1376/5/15 |
280 | سينتيك شيمي پورفرين | رحمتالله رحيمي , | دادخواه , | تهران | 1374/12/27 |
281 | هيدروكلوئيدها و خواص كاربردي آنها در صنايع غذايي | مسعود قنبري , | ورسه , | آمل | 1384/12/27 |
282 | بار و بارگيري "دوره تخصصي تكميلي رسته ترابري" | مهدي وظيفه , پرويز جباري , نصرتاله نادي , | سپاه پاسداران انقلاب اسلامي، مركز برنامهريزي و تاليف كتابهاي درسي , | تهران | 1386/8/9 |
283 | روشهاي آزمون مواد منفجره | محمد سوچسكا , فروزان غلاميان , حجت هوشمند , غلامرضا ياري , علي اويسي , | شعاع , | تهران | 1385/9/29 |
284 | فنآوري مواد منفجره در ساختمان و معدن | استيكاوي الفسون , محمدعلي محمدي , مقصود روانسر , | كتاب امروز , دژ , | تهران | 1378/6/17 |
285 | مواد منفجره (تاريخچه، تئوري، شيمي و توليد) | جكلين اخوان , محمدعلي دهنوي , عبدالرحيم بزاز , | دانشگاه امام حسين (ع)، موسسه چاپ و انتشارات , | تهران | 1382/4/30 |
286 | مواد منفجره نانوسايز (بررسي خواص و روشهاي توليد) | يداله بيات , حسين دهقاني , نگار ذكري , فاطمه ابريشمي , | دانشگاه صنعتي مالك اشتر , | تهران | 1385/12/22 |
287 | سوخت و انرژي | خطيبالاسلام صدرنژاد , احمد كرمانپور , زهرا سلطانپوردهكردي , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1386/8/12 |
288 | كتاب آموزشي سوخت و احتراق | نادر نبهاني , | ناقوس , | تهران | 1384/7/30 |
289 | تكنولوژي زغالشويي | بهرام رضايي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1380/6/27 |
290 | شفافسازي آبميوه | عزيز اشكي , خليل پيروزيفر , جمالالدين بهرامزاده , | جهاد دانشگاهي (دانشگاه اروميه) , | اروميه | 1379/1/16 |
291 | آزمايشهاي ميكروبي عمومي و مواد غذايي | فاطمه زابلي , رابعه ايزديآملي , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1384/10/25 |
292 | آلودگيهاي باكتريايي و قارچي مواد غذايي | مهرانگيز مهديزاده , مهدي محمدعليپور , | نشراركان , | اصفهان | 1377/12/25 |
293 | آيين كار بينالمللي فرآوري كوسه ماهيان | مريم زند , عبدالحميد كاووسيان , | شيلات ايران، معاونت طرح و برنامه , | تهران | 1375/9/17 |
294 | از مايكروفر چه ميدانيد؟ (كاربرد آن در صنايع غذايي و منزل) | سيدحسين ميرنظاميضيابري , زهره حميدياصفهاني , معصومه فائز , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1381/12/19 |
295 | استاندارد و كنترل كيفيت مواد غذايي (دوره تخصصي اوليه و تكميلي) | سپاه پاسداران انقلاب اسلامي، معاونت آموزشي نيروي زميني , | تهران | 1376/3/20 | |
296 | اصول بستهبندي مواد غذايي | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | مرسا , | مشهد | 1375/12/14 |
297 | اصول تغذيه كاربردي | علي آبرومند , | قيام , | قم | 1381/12/1 |
298 | اصول مهندسي صنايع غذايي | حميد توكليپور , | آييژ , | تهران | 1384/3/4 |
299 | اصول مهندسي صنايع غذايي | پل سينگ , دنيس هلدمان , سيدعلي مرتضوي , علياكبر سيفكردي , عبدالرضا محمدينافچي , ليلا نوري , | دانشگاه فردوسي مشهد , | تهران | 1386/3/5 |
300 | اولين مجموعه مقالات جامعه كنترل كيفيت صنايع غذايي خراسان | بارثاوا , | مشهد | 1374/7/20 | |
301 | بهداشت مواد غذايي | داود فرجزادهآلان , | نور دانش , | تهران | 1379/9/23 |
302 | بهداشت و نگهداري مواد غذايي (به زبان ساده) مفيد و لازم براي تمام خانوادهها و صنايع غذايي | يوسفعلي رحيمينيا , | نوبل , | تبريز | 1376/4/26 |
303 | بيوشيمي مواد غذايي | علي آبرومند , | نشر علوم كشاورزي , رامند , | قم | 1378/12/17 |
304 | بيوشيمي مواد غذايي | شارل آلس , علي آبرومند , | نشر علوم كشاورزي , رامند , | تهران | 1379/8/17 |
305 | پرتودهي مواد غذايي: اصول و كاربردها | حسين خلفي , محمد قناديمراغه , فاطمه فاطمي , ابوالفضل دادخواه , فائزه رحماني , | مركز كشاورزي و پزشكي هستهاي , | تهران | 1386/12/12 |
306 | پرتو دهي مواد غذايي: روشي براي نگهداري و بهبود ايمني مواد غذايي | حميدرضا ذوالفقاريه , فرامرز مجد , شهرام مشايخي , | مركز كشاورزي و پزشكي هستهاي , | كرج | 1375/2/7 |
307 | تحقيق در عمليات: براي رشتههاي صنايع و علوم پايه | اكبر اقتصادي , علي محموديراد , حسن اسفندياريفر , | حفيظ , | تهران | 1386/10/4 |
308 | تغذيه سالم: دانستنيهايي در مورد خريد، نگهداري و طبخ گوشت قرمز | ناهيد ايرواني , | ماه , | تهران | 1375/12/30 |
309 | تكنولوژي توليد بستني | جيمز راتول , اصغر خسروشاهي , | انزلي , | اروميه | 1374/4/27 |
310 | توليد ماكاراني | فرهاد فرهنودي , | شركت تعاوني صنعت ماكاراني ايران , اوحدي , | تهران | 1375/10/22 |
311 | جدول تركيبات مواد غذايي | احمدرضا درستي , مينا طباطبايي , | دنياي تغذيه , | تهران | 1386/5/22 |
312 | جدول تركيبات مواد غذايي | آريو موحدي , رويا روستا , | انستيتو تحقيقات تغذيهاي و صنايع غذايي كشور , | تهران | 1379/3/30 |
313 | چكيدهنامه علوم و صنايع غذايي ايران: مقالات در مجلات علمي - پژوهشي فارسي و ... | پروين زندي , فهيمه لولاگو , خديجه خوشطينت , | انستيتو تحقيقات تغذيهاي و صنايع غذايي كشور , | تهران | 1375/12/30 |
314 | خشك كردن محصولات كشاورزي راهي به سوي استقلال اقتصادي | موسسه انتشارات عطايي , | تهران | 1373/4/22 | |
315 | درآمدي بر مهندسي صنايع غذايي | پل سينگ , دنيس آر هلدمن , علي مرتضوي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1381/10/1 |
316 | درآمدي بر مهندسي صنايع غذايي | پل سينگ , دنيس هلدمان , سيدعلي مرتضوي , علياكبر سيفكردي , رسول كدخدايي , مسعود شفافي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1384/5/1 |
317 | دروس تخصصي صنايع غذايي: كارداني به كارشناسي | مسعود هماپور , بهلول پارسافر , | مدرسان شريف , | تهران | 1386/12/19 |
318 | راهنماي توليد خمير و فرآوردههاي خميري ماهي | غلامرضا شويكلو , حميدرضا شويكلو , | نقش مهر , | تهران | 1378/3/1 |
319 | راهنماي صنايع غذايي | مايكل رنكن , قهرمان شمس , مجتبي دولتخواه , مريم شعباني , | موسسه فرهنگي انتشاراتي كتاب مير , | بابل | 1378/7/19 |
320 | راهنماي صنعت و خدمات بستهبندي ايران | ماهنامهچاپوبستهبندي , | بشارت , | تهران | 1378/7/24 |
321 | روش تجزيه و تحليل خطر و نقاط كنترل بحران | فرانك برايان , حميد نجفزاده , اسماعيل افتخاري , | پگاهان انديشه , | تهران | 1380/8/7 |
322 | روشهاي مختلف نگهداري مواد غذايي | حمزه شهراسبي , علي ناصررازليقي , | شركت سهامي خاص فرآوردههاي گوشتي مفيدان , | تهران | 1372/10/1 |
323 | سيستم تجزيه و تحليل و كنترل نقاط بحراني (HACCP) | ادارهكلنظارتبرموادغذايي،بهداشتيوآرايشي , شهرام رستگار , | موثقي , | تهران | 1378/3/1 |
324 | شيمي و تكنولوژي مواد غذايي | عباس احمدي , محمدرضا ملاردي , | پيشروان , مبتكران , | تهران | 1385/1/15 |
325 | صنايع تبديلي گوجهفرنگي (رب) | مسعود فلاحي , | بارثاوا , | مشهد | 1373/2/21 |
326 | صنايع غذايي | مايكل رنكن , آر.سي. كيل , مجتبي دولتخواه , مريم شعبانيگلدره , قهرمان شمس , | موسسه نشر دولتمند , | تهران | 1381/9/12 |
327 | طراحي فراوردههاي غذايي: مدلينگ فرآيند و فرمولاسيونهاي غذايي به كمك روشهاي آماري و كامپيوتر | هيو روگو , سيدعلي مرتضوي , سيدهاشم حسينيپرور , الهام خازنيپور , مسعود شفافي , | نشر جهانكده , | مشهد | 1383/9/7 |
328 | علم مواد غذايي | نورمنان. پاكر , مسعود فلاحي , | بارثاوا , | مشهد | 1375/9/1 |
329 | علم مواد غذايي | نورمن پاتر , مسعود فلاحيفخريشهيدي , | بارثاوا , | مشهد | 1376/3/29 |
330 | علوم و صنايع غذايي: پرسشهاي چهارگزينهاي، پاسخنامه تشريحي | فريد نوبختحقيقي , معصومه انصاري , فريد جهانبخش , پيمان روحي , | ديباگران تهران , | تهران | 1380/4/24 |
331 | فيزيك مواد غذايي و سيستمهاي فرآوري مواد غذايي | مايكلجان لوئيس , بابك قنبرزاده , | آرون , | تهران | 1383/3/5 |
332 | كاربرد سيال فوق بحراني در صنايع غذايي | سيدعلي مرتضوي , رقيه عزتي , ابوالفضل فدوي , مسعود دزياني , روناك عزيزي , | پريور , | تبريز | 1384/11/10 |
333 | كنترل كيفي و آزمايشهاي شيميائي مواد غذائي | ويدا پروانه , | دانشگاه تهران , | تهران | 1386/8/5 |
334 | گامي به سوي كارشناسي ارشد صنايع غذايي: مجموعه سئوالات چهارگزينهاي مهندسي و طراحي كارخانههاي ... | مسعود فلاحي , مهدي جعفري , | بارثاوا , | مشهد | 1381/9/2 |
335 | ماشينآلات صنايع غذايي: مشخصات، طرز كار و تصاوير | سجاد عبدينوروزاني , | مرز دانش , | تهران | 1385/1/23 |
336 | مباني شيمي مواد غذايي | جان دمان , بابك قنبرزاده , | آييژ , | تهران | 1384/11/18 |
337 | مباني كنترل كيفيت در صنايع غذايي | رسول پايان , | كارنو , | تهران | 1376/8/25 |
338 | مباني مهندسي صنايع غذائي | كمالالدين سيدرضوي , | عميدي , | تبريز | 1375/12/11 |
339 | مجموعهاي از علوم صنايع غذائي فيزيولوژي پس از برداشت سبزيها | جي وايشمن , مسعود فلاحي , | بارثاوا , | تهران | 1371/10/1 |
340 | مجموعه مطالعات راهبردي صنايع ايران: صنايع غذايي | محمدتقي مظلومي , سليمه عقيلي , فرانك چالاك , | مركز آموزش و تحقيقات صنعتي ايران , | تهران | 1385/2/16 |
341 | مجموعه مقالات نهمين كنگره ملي صنايع غذايي ايران (غذا و استاندارد) | بهروزان , | تهران | 1375/10/15 | |
342 | مسائل كيفي گوشت و ميكروبيولوژي گوشت | غلامعلي كياني , | سازمان دامپزشكي كشور , | تهران | 1372/10/1 |
343 | نقش تحقيق و توسعه در صنايع غذائي | دبليو.اچ. گلد , مسعود فلاحي , | بارثاوا , | مشهد | 1374/2/5 |
344 | نگهداري بيولوژيكي گوشت (نقش ضدميكروبي باكتريهاي اسيد لاكتيك) | فخري شهيدي , | بارثاوا , | مشهد | 1376/3/29 |
345 | نگهداري بيولوژي گوشت | فخري شهيدي , | بارثاوا , | مشهد | 1375/12/14 |
346 | نمك خوراكي: ويژگيهاي نمك خوراكي، نمك در صنايع غذايي، تكنولوژي توليد نمك، كنترل كيفي نمك | سعيد نيايش , | بصير , | تهران | 1385/5/15 |
347 | راهنماي پيادهسازي Haccp (hazard analisis and critical control points | حامد احمدي , | اركان دانش , دانشپژوهان برين , | اصفهان | 1385/10/26 |
348 | مدلسازي فرآيندهاي غذايي | ال.ام.ام. تيمكنس , علي مرتضوي , سيدحميد ضياءالحق , رزيتا سالاري , | سناباد , | مشهد | 1386/5/27 |
349 | ميكروبيولوژي مواد غذايي مدرن | جيمزمانرو جي , علي محمديثاني , اسماعيل عطايصالحي , | مرز دانش , | تهران | 1386/9/4 |
350 | ارزيابي مخاطرات ميكروبيولوژيكي مواد غذايي | استيو فورسايت , سيدعلي مرتضوي , بهروز مقدسزاده , علي ميرسپاهي , | نشر جهانكده , | مشهد | 1384/5/15 |
351 | اطلس ميكروبيولوژي مواد غذايي: به انضمام پيشگويي ميكروبيولوژيكي و روشهاي آناليز سريع در ميكروبيولوژي مواد غذايي | سيدعلي مرتضوي , الهام خانيپور , سيدهاشم حسينيپرور , محمد محسنزاده , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/2/15 |
352 | بهداشت مواد غذايي | داود فرجزادهآلان , | نور دانش , دانشگاه علوم پزشكي بقيهالله (عج) , | تهران | 1382/8/28 |
353 | چكيده ميكروبيولوژي مواد غذايي فريزير | سعيد تهموزيديدهبان , | مرز دانش , پارس پيدورا , | تهران | 1386/9/4 |
354 | راهنماي سريع كنترل ميكروبيولوژي مواد غذايي، آشاميدني، آرايشي و بهداشتي: شامل روشهاي آزمون، حدود مجاز ميكروبيولوژي فرآوردهها، ليست... | ناهيد رحيميفرد , | نشر طبيب , تيمورزاده , | تهران | 1386/11/1 |
355 | راهنماي كاربردي آناليز خطرات و نقاط كنترل بحراني (HACCP) | سارا مورتيمر , كارول والاس , سيدعلي مرتضوي , مهدي كاشانينژاد , سيدمهدي جعفري , محسن ضياييان , علي حائرياناردكاني , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1383/8/23 |
356 | غذا، منبع و ناقل بيماريهاي ميكروبي | طاهره دانايي , | دانشگاه سمنان , | سمنان | 1386/5/29 |
357 | مواد غذايي و مسموميتها: درآمدي بر ميكروبيولوژي، اپيدميولوژي و كنترل آلودگي | سيدحسن شجاعي , حميد رئيسي , مختار كرمي , | سلامت , | اصفهان | 1385/10/26 |
358 | ميكربهاي بيماريزا در مواد غذايي و اپيدميولوژي بيماريهاي غذائي | ودود رضويلر , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1382/2/20 |
359 | ميكربهاي بيماريزا در مواد غذايي و اپيدميولوژي مسموميتهاي غذائي | ودود رضويلر , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1378/8/18 |
360 | ميكروبشناسي (كپك و مخمر) "دوره كارشناسي ناپيوسته تغذيه و بهداشت مواد غذايي" | حميدرضا توكلي , محمدعلي افشاري , معصومه پرتويان , | مركز برنامهريزي و تاليف كتابهاي درسي سپاه , | تهران | 1386/8/9 |
361 | ميكروبيولوژي غذايي مدرن | جيمزمانرو جي , سيدعلي مرتضوي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/11/28 |
362 | ميكروبيولوژي مواد غذايي | ويليامكارول فريزير , دنيس وستهاف , سيدعلي مرتضوي , مهدي كاشانينژاد , سيدحميد ضياءالحق , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/2/22 |
363 | ميكروبيولوژي مواد غذايي (ادمز) | موريس ماس , آدامز , سيدعلي مرتضوي , عليرضا صادقيماهونك , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1385/3/20 |
364 | واكنشهاي بيوشيميايي در مواد و محيطهاي كشت ميكروبشناسي غذايي | مهرانگيز مهديزاده , شهناز اصغري , | ديباج , خسروي , | تهران | 1386/9/6 |
365 | دانستنيهاي پيرامون توليد و فروش مواد غذايي | محمد گودرزي , | موسسه فرهنگ منهاج , | تهران | 1383/11/17 |
366 | فرهنگ افزودههاي غذايي (علوم صنايع غذايي) | رابرتاس. ايگو , مسعود فلاحيفخريشهيدي , | بارثاوا , | مشهد | 1376/3/30 |
367 | فرهنگ صنايع غذايي: انگليسي - فارسي | مسعود هاشمي , | فرهنگ جامع , | تهران | 1379/12/21 |
368 | فرهنگ علوم تغذيه و مهندسي صنايع غذايي: انگليسي به فارسي و فارسي به انگليسي | مصطفي ايرانمنش , | نشر دايره , | تهران | 1377/8/30 |
369 | فرهنگ علوم غذايي و تغذيه | جواد ميداني , محسن آقداشي , فتحالله بلداجي , رسول پايان , جمال جماليان , شهرام دخاني , مسعود فلاحي , احمد كرباسي , محمدرضا صالحيمازندراني , | دانشگاه شهيد چمران , | اهواز | 1379/6/13 |
370 | فرهنگ علوم غذايي و تغذيه | جواد ميداني , | دانشگاه شهيد چمران , | اهواز | 1382/1/18 |
371 | فرهنگ لغات و اصطلاحات علوم و مهندسي و صنايع غذايي | شراره انصار , | صفار , اشراقي , | تهران | 1384/11/2 |
372 | فرهنگ واژگان علوم و صنايع غذايي | رويا جواهرچي , | موسسه فرهنگي انتشاراتي حيان , موسسه فرهنگي انتشاراتي اباصالح , | تهران | 1383/2/27 |
373 | واژهنامه صنايع غذايي و كشاورزي (انگليسي - فارسي) | كامبيز شمس , | حميدا , | تهران | 1376/12/20 |
374 | واژهنامه علوم و صنايع غذايي انگليسي به فارسي | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | علوم كشاورزي , | تهران | 1378/2/13 |
375 | واژهنامه علوم و صنايع غذايي و زمينههاي وابسته ( انگليسي - فارسي) | عبدالرضا صديقپور , | موسسه فرهنگي انتشاراتي حيان , | تهران | 1374/12/22 |
376 | مجموعه تستهاي كارشناسي ارشد رشته علوم و صنايع غذايي | ناصر رجبزاده , | فردوس , | تهران | 1374/11/16 |
377 | مجموعه سوالات 2000 تست كارشناسي ارشد علوم و صنايع غذايي با پاسخنامه تشريحي | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | علوم كشاورزي , پرسپوليس , | تهران | 1378/11/16 |
378 | آنزيمها در صنايع غذايي | گرگوري تاكر , ال.اف .ژ وودز , فخري شهيدي , مرضيه حسينينژاد , محمدباقر حبيبينجفي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1385/9/25 |
379 | فناوري زيستي غذايي نوين، سلامت انسان و توسعه پايدار "يك تحقيق بر مبناي شواهد" | غلامرضا امينيرنجبر , فاطمه مصدقمهرجردي , | فروزان , | تهران | 1386/10/23 |
380 | تكنولوژي هردل | مجتبي جعفري , | آييژ , | تهران | 1385/7/17 |
381 | روشهاي نوين نگهداري مواد غذايي | گراهاموارويك گولد , حميدبهادر قدوسي , شهره نيكخواه , | دانشگاه فردوسي , | مشهد | 1386/9/3 |
382 | روشهاي غيرحرارتي نگهداري مواد غذايي | بربوزاكانواس گوستاو , سيدعلي مرتضوي , علي معتمدزادگان , سيدحميدرضا ضياءالحق , | دانشگاه فردوسي , | مشهد | 1385/6/11 |
383 | قابليت نگهداري و عمر ماندگاري مواد غذايي | دومينيك من , حميد خانقاهيابيانه , محسن مشكوه , | نوربخش , | تهران | 1385/2/16 |
384 | كنسروسازي | رسول پايان , | آييژ , | تهران | 1386/12/19 |
385 | اصول خشك كردن مواد غذايي و محصولات كشاورزي | حميد توكليپور , | آييژ , | تهران | 1386/5/21 |
386 | خشك كردن مواد غذايي: اصول و روشها | حميد توكليپور , | آييژ , | تهران | 1380/9/17 |
387 | روشهاي خشككردن مواد غذايي | گوستاوو بربوزاكانوواس , اومبرتو وگامركادو , سيدعلي مرتضوي , مسعود شفافيزنوزيان , اكرم آريانفر , راضيه نيازمند , شبنم اسدينژاد , فخري شهيدي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/2/22 |
388 | پرتودهي مواد غذايي: روشي براي نگهداري و بهبود ايمني مواد غذايي | يحيي مقصودلو , مهدي كاشانينژاد , ناهيد رفعتيان , | ترجمان خرد , | مشهد | 1383/12/8 |
389 | مقدمهاي بر بيوتكنولوژي موادغذايي | پري جانسون-گرين , محمدباقر حبيبينجفي , امير سالاري , عليرضا رياضي , | دانشگاه فردوسي (مشهد) , | تهران | 1386/12/25 |
390 | افزودنيهاي غذايي و سلامت انسان | مصطفي رضاييطاويراني , بهاره شجاعصفار , ندا مرادين , كوروش ساكي , | انديشه ظهور , | تهران | 1385/1/29 |
391 | امولسيونهاي غذايي و امولسيفايرها | هما ترابيزاده , پروانه فخامزاده , | آييژ , | تهران | 1381/4/3 |
392 | امولسيون كنندههاي غذايي و كاربرد آنها | جرارد هيسنهاتل , ريچارد هارتل , محسن ضياييان , | آرون , | تهران | 1381/2/28 |
393 | آزمونهاي ميكربي مواد غذائي | گيتي كريم , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1374/9/20 |
394 | آشنايي با سيستم HACCP در صنايع و خدمات غذايي | مجتبي صفوي , | كيفيت ايران , | تهران | 1380/4/30 |
395 | آشنايي با مفاهيم HACCP | كيوان شيروانيجوزداني , | شركت خط رمز تك , | تهران | 1385/7/24 |
396 | اصول اجرايي GMP در صنايع غذايي | غلامرضا شويكلو , حميدرضا شويكلو , | نقش مهر , | تهران | 1383/4/22 |
397 | اصول بهداشت و ايمني كار در صنايع غذايي: پيشنياز سيستمهاي HACCP | رسول پايان , | آييژ , | تهران | 1381/11/26 |
398 | اصول علم تغذيه: با تجديدنظر كامل و اضافات | آزاده امينپور , گيتي صديق , | شركت سهامي انتشار , | تهران | 1384/8/24 |
399 | تجزيه و تحليل خطر نقطه كنترل بحراني (راهنماي عملي) | سارا مورتيمور , كارول والاس , حسين اصلسليماني , | ارجمند , | تهران | 1378/7/25 |
400 | تركيبات ضد مغذي (در خوراك انسان، دام، طيور و آبزيان) | محمدعلي سحري , | انديشمند , | تهران | 1381/6/9 |
401 | دانش مواد غذايي از ديدگاه شيميايي و تجربي | ام. اسوامينتان , رضا حيدري , اصغر خسروشاهياصل , | صبح انديشه , | اروميه | 1385/12/16 |
402 | راهنماي اجراي استاندارد ايزو 9001 و 9002 در صنايع فرآوري مواد غذايي | فاطمه عرفانيانتقوايي , عليرضا عرفانيانتقوايي , | مشاورين كيفيتساز , | تهران | 1378/11/4 |
403 | راهنماي جامع اجراي سامانه HACCP در صنايع غذايي | حميد خانقاهيابيانه , محمد جلالي , محمودرضا اكبريان , | جهاد دانشگاهي واحد اصفهان , | اصفهان | 1384/2/25 |
404 | راهنماي كاربرد HACCP براي واحدهاي كوچك | دونالد مكدونالد , داگمر انگل , محمد جلالي , داريوش عابدي , | جهاد دانشگاهي واحد اصفهان , دانشگاه علوم پزشكي اصفهان , | تهران | 1384/3/10 |
405 | روشهاي متداول در تجزيهي مواد غذايي | زيبا حسيني , كورش طارمي , | دانشگاه شيراز , | شيراز | 1385/12/15 |
406 | شيمي تركيبات رنگي (در مواد غذايي) | محمدعلي سحري , | انديشمند , | تهران | 1381/11/16 |
407 | شيمي مواد غذايي | سيدحسن فاطمي , | شركت سهامي انتشار , | تهران | 1386/2/2 |
408 | شيمي مواد غذايي: قابل استفاده براي دانشجويان صنايعغذايي، تغذيه و علوم آزمايشگاهي | سيدحسن فاطمي , | شركت سهامي انتشار , | تهران | 1378/12/18 |
409 | شيمي واكنشهاي قهوهاي شدن (در مواد غذايي) | محمدعلي سحري , | انديشمند , | تهران | 1381/5/1 |
410 | مباني كنترل كيفيت در صنايع غذايي | رسول پايان , | آييژ , | تهران | 1385/12/20 |
411 | مكانيسم و تئوري در شيمي مواد غذايي | دومينك وانگ , محمد عليزادهخالدآباد , | اصلاني , | تهران | 1380/10/22 |
412 | شيمي مواد غذايي | گروهمولفين , | سنجشاول , | تهران | 1382/10/21 |
413 | بستهبندي مواد غذايي با اتمسفر تغيير يافته (MAP) | اورايكول , استايلز , بهجت تاجالدين , محمد شاهدي , | سازمان تحقيقات، آموزش و ترويج كشاورزي , | تهران | 1381/6/6 |
414 | تكنولوژي بستهبندي مواد غذائي: مباني | ناصر صداقت , | مرز دانش , بارثاوا , | مشهد | 1385/1/14 |
415 | مباني و مفاهيم درجهبندي و بستهبندي محصولات كشاورزي | رويا ناويثاني , عبدالحميد شهمنش , سيدوحيدرضا ابطحي , | شريف , | تهران | 1386/2/29 |
416 | مسموميتها و بيماريهاي ناشي از غذا | حسين نيكپويان , | بارثاوا , | مشهد | 1385/5/1 |
417 | اصول بستهبندي مواد غذايي | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | آييژ , | تهران | 1385/8/14 |
418 | اصول صنايع توليد شكر | غلامرضا مصباحي , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1385/11/21 |
419 | رزينهاي تبادلگر ايوني و كاربرد آن در صنايع قند = Ion Exchange Eesins | علياكبر سجادي , | عقيق , | تهران | 1375/7/4 |
420 | تكنولوژي قند | رضا اسماعيلزادهكناري , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1382/2/9 |
421 | راهنماي مهندسان صنايع قند | بوبنيك , كادلك , اوربان , برونز , محمد حجتالاسلامي , | علوم كشاورزي , شركت فرآوردههاي غذايي و قند چهارمحال , | تهران | 1383/3/30 |
422 | صنايع غذايي: نگهداري غذا با استفاده از حرارت، خشك كردن و يخ زدن | مرتضي ملكي , شهرام دخاني , | دانشگاه شيراز، مركز نشر , | شيراز | 1383/12/17 |
423 | پالايش روغن و توليد كره گياهي | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1381/4/29 |
424 | چربيها و روغنهاي سرخكردني و تكنولوژي سرخكردن | فرشته مالك , | مرز دانش , | تهران | 1384/10/28 |
425 | فراوري روغنهاي خوراكي | ولف هام , ريچارد هميلتون , مهدي كديور , سيداميرحسين گلي , آتوسا سعادتي , | دانشگاه صنعتي اصفهان , | اصفهان | 1386/5/16 |
426 | فنآوري روغن و پالايش | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | علوم كشاورزي , | تهران | 1380/12/25 |
427 | مجموعه سخنرانيها و مباحث علمي ارايه شده در نخستين همايش صنايع روغنهاي نباتي و كره گياهي | محمدحسين عزيزي , | انديشمند , | تهران | 1381/12/14 |
428 | تصفيه روغن و توليد مارگارين | سيدحسين ميرنظاميضيابري , | مرسا , | تهران | 1375/7/24 |
429 | روغن زيتون (شيمي و فناوري) | ديميتريوس بوسكو , فرشته مالك , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/11/25 |
430 | انواع سركه و كاربردهاي آن | مرضيه رضويزاده , ابرهيم رضايياول , | بهنشر، كتابهاي پروانه , | مشهد | 1381/11/1 |
431 | انواع سركه و كاربردهاي آن | مرضيه رضويزاده , ابراهيم رضايياول , | شركت به نشر , | مشهد | 1386/12/25 |
432 | تكنولوژي نوين توليد انواع سس: فرمولاسيون، روشهاي توليد و آزمون، مايونز، سسهاي سالاد ... | شهرام مقصودي , | مرز دانش , | تهران | 1384/12/6 |
433 | روش صنعتي توليد لواشك و آلوچه فرآوري شده: تمرهندي، قرهقروت | شهرام مقصودي , | مرز دانش , | تهران | 1385/1/23 |
434 | صنعت آدامسسازي: فرمولاسيون و روش توليد، جويدني، بادكنكي، مغزدار، آنتي باكتريال، بدون قند، سفيدكننده ... | شهرام مقصودي , شهناز مقصودي , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1384/5/16 |
435 | فرمولاسيون و توليد فرآوردههاي كمچرب گوشتي و كره گياهي | شهرام مقصودي , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1381/7/8 |
436 | مباني فنآوري غلات: شناخت، طبقهبندي - مرفولوژي تركيبات و خواص غلات فنآوري آسياب كردن ... | ناصر رجبزاده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1381/2/9 |
437 | مباني فناوري غلات: مواد اوليه - فناوري كيك، شيريني، بيسكويت، ويفر، كراكر، غذاهاي لقمهاي، نگهداري و بستهبندي، ... | ناصر رجبزاده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1386/9/12 |
438 | مقدمهاي به تكنولوژي فرآوردههاي غلات | رسول پايان , | آييژ , | تهران | 1385/2/5 |
439 | مقدمهاي به تكنولوژي فرآوردههاي غلات | رسول پايان , | نوپردازان , | تهران | 1383/12/17 |
440 | تكنولوژي آسياباني از گندم تا آرد | عرفان علياكبرنيا , حميدرضا آذرباد , | مرز دانش , | تهران | 1385/11/15 |
441 | برنامه تمريني قهرمانان حرفهاي جهان از زبان خودشان | پژمان محمدعلينژاد , | علم و ورزش , | تهران | 1379/12/3 |
442 | فنآوري كيك و كلوچه | ادموندبارون بنيون , جي.اس.تي بمفورد , سيدرضا راستمنش , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1381/12/28 |
443 | تكنولوژي نان | ناصر رجبزاده , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1380/6/28 |
444 | شيمي و تكنولوژي نان | سعيد اماني , | آرمان برتر , | تهران | 1384/4/1 |
445 | فناوري نان مسطح | جلال قاروني , عبدالحسين بصيره , محمدرضا داهي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1382/11/7 |
446 | مجموعه مقالات اجلاس تخصصي نان | رسول پايان , | انستيتو تحقيقات تغذيهاي و صنايع غذايي كشور , | تهران | 1374/11/21 |
447 | تكنولوژي فراوردههاي خميري | فخري شهيدي , بهزاد ناصحي , آناهيتا راستگو , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/11/6 |
448 | توليد ماكاروني و فرآوردههاي آن | محمدمهدي جعفري , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1386/2/25 |
449 | فراوري ميوهها: تغذيه، فراوردهها و مديريت كيفي | ديويد آرثي , فيليپ اشرست , اميرحسين الهاميراد , | نشر جهانكده , | مشهد | 1381/12/1 |
450 | ميوه و سبزي و تكنولوژي نگهداري و تبديل آنها | رستم فرجيهارمي , محمدرضا داهي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1374/12/19 |
451 | شگفتيهاي سركه سيب | پاتريشيا براگ , مسعود فلاحي , احمد پناهي , | بارثاوا , | مشهد | 1380/6/6 |
452 | فناوري فرآوري فراوردههاي جانبي مركبات | رابرتجيمز برداك , سيدعلي مرتضوي , سيدحميدرضا ضياءالحق , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1386/6/17 |
453 | برداشت، فرآوري، انبارداري و بستهبندي پسته | احمد شاكراردكاني , مهدي بصيرت , امانالله جوانشاه , حسين حكمآبادي , محمدحسن فولادي , محمدرضا مهرنژاد , فرزاد فربد , | موسسه تحقيقات پسته كشور , | رفسنجان | 1386/9/25 |
454 | تكنولوژي زيتون و فرآوردههاي آن: شرايط كاشت و احداث باغ، روشهاي برداشت، ارزش غذايي ميوه و روغن زيتون ... | شهرام مقصودي , | نشر علوم كشاورزي , | تهران | 1384/10/25 |
455 | صنايع تبديلي گوجهفرنگي (رب) | مسعود فلاحي , | مرز دانش , بارثاوا , | مشهد | 1385/1/23 |
456 | سويا كليد سلامتي با معرفي شير گياهي سويا 'غذاي معجزهآسا' | عفت جعفري , | خانيران , | تهران | 1384/9/6 |
457 | لوبيا ژاپني "سويا" يك مائده بهشتي | طهمورث فروزين , | يكان , | تهران | 1386/3/5 |
458 | مرجع كامل فرآوردههاي سويايي "علمي، تخصصي و تكنولوژيك" | نازلين بينته ايمرام , عفت جعفري , زينب جعفري , | آواي قلم , | تهران | 1386/1/18 |
459 | تكنولوژي ساخت فرآوردههاي گوشتي سوسيس و كالباس | علي ناصريرازليقي , آزاده ناصريرازليقي , | جهاد دانشگاهي (واحد تهران) , | تهران | 1384/7/6 |
460 | علوم و صنايع گوشت | ان. رانكنوئي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1374/11/8 |
461 | علوم و صنايع گوشت | نوردهر ركني , | دانشگاه تهران , | تهران | 1374/2/1 |
462 | علوم و فنآوري گوشت و فرآوردههاي گوشتي | محمدسعيد يارمند , مهشيد محدود , | موسسه آموزش عالي علمي - كاربردي جهاد كشاورزي , | تهران | 1385/1/23 |
463 | گوشت و فرآوردههاي گوشتي: تكنولوژي، شيمي و ميكروبيولوژيكي | وارنم , جين ساذرلند , سارا موحد , | پلك , | تهران | 1383/9/2 |
464 | ميكروبشناسي گوشت | اندرو ديويس , رونالد جورجبورد , مهران اعلمي , علي خامسان , | شركت جهاد تحقيقات و آموزش , | تهران | 1385/1/23 |
465 | ميكروبيولوژي گوشت | اندرو ديويس , مهران اعلمي , علي خامسان , احمد بروجردي , زهره خداجوياشپلا , افتخارالسادات شجاعالديني , | شركت جهاد تحقيقات و آموزش , | تهران | 1381/1/18 |
466 | اجراي سيستم HACCP در صنايع گوشت و فرآوردههاي گوشتي | سيدحسين حسينيقابوس , احمدرضا فيضيپورنامقي , مرتضي خميري , | مرز دانش , | تهران | 1386/9/4 |
467 | عوامل فساد و شرايط نگهداري مواد غذايي در سردخانه | كرامتالله ايماندل , عذرا صادقزادهعراقي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1374/11/8 |
468 | نتايج آمارگيري از آمار كشتار دام كشتارگاههاي كشور | مركز آمار ايران , | تهران | 1380/8/30 | |
469 | نتايج آمارگيري از آمار كشتار دام كشتارگاههاي كشور سال 1381 | مركز آمار ايران , | تهران | 1382/8/11 | |
470 | بهداشت و بازرسي گوشت | لقمان اكرادي , | دانشگاه آزاد اسلامي (سنندج) , | سنندج | 1385/12/6 |
471 | بهداشت و بازرسي كشتارگاهي گوشت (دام و طيور) | سيدسهيل قائممقامي , محسن مشكوه , داود نقلاني , | موسسه آموزش عالي علمي - كاربردي جهاد كشاورزي , | تهران | 1384/2/10 |
472 | تضمين كيفيت و سلامت مواد غذايي (با منشا دامي) | ويليام هابرت , محمد محسنزاده , سعيد خانزادي , عبدالله جمشيدي , | دانشگاه فردوسي مشهد , | مشهد | 1384/6/17 |
473 | درسنامه بهداشت و بازرسي گوشت | آراسب دباغمقدم , حميدرضا توكلي , مهزاد آقازادهمشگي , عذرا صادقزادهعراقي , | مرز دانش , | تهران | 1384/10/28 |
474 | اطلس رنگي بازرسي گوشت | اينفانته ژيل , كوشتا دورايو , نادر افشارمازندراني , عباسعلي مطلبي , | نوربخش , | تهران | 1379/9/23 |
475 | مقدمهاي بر توليد و ميكروبيولوژي دام | محسن شهرامي , | رنگين قلم , | تهران | 1379/8/16 |
476 | مسائل كيفي گوشت و ميكروبيولوژي گوشت | غلامعلي كياني , | كتاب آذرگان , | تهران | 1382/5/20 |
477 | بازرسي و بهداشت گوشت | حسن اوحدينيا , | علم و قلم , | تهران | 1378/2/11 |
478 | انجماد و نگهداري محصولات شيلاتي در سردخانهها | جانستون , نيكلسون , ترانهسادات جانفدا , حميدرضا شاهمحمدي , | وزارت جهاد كشاورزي , هيوامهر , | تهران | 1384/2/14 |
479 | كنترل كيفي آبزيان و فرآوردههاي تبديلي آن | محسن ماجدي , | موسسه انتشارات كتاب آذرگان , | تهران | 1383/3/3 |
480 | كنترل كيفي آبزيان و فرآوردههاي تبديلي آن | محسن ماجدي , | گلاب , | تهران | 1381/8/18 |
481 | كنترل كيفيت ماهي | جان كانل , حميدرضا راستگويفهيم , گلاندام آلعلي , احمد غرقي , | موسسه تحقيقات شيلات ايران -مديريت اطلاعات علمي و روابط بين الملل , | تهران | 1383/12/15 |
482 | آيا شما هم نفت و گاز مصرف ميكنيد؟ | ابراهيم كريميفر , | موسسه فرهنگي و هنري شقايق روستا , | تهران | 1379/10/3 |
483 | برگزيده كشف الاسرار و عده الابرار ميبدي | علي يعقوبينژاد , | موسسه انتشارات يادواره كتاب , | تهران | 1379/0/21 |
484 | چربيها و روغنهاي خوراكي: ويژگيها و فرآوري | واي.اچ. هوي , فرشته مالك , | فرهنگ و قلم , | تهران | 1379/6/21 |
485 | راهنماي انتخاب و مصرف روغن موتور | حجتالله امانيدولتسرا , | شركت نفت , | تهران | 1374/6/4 |
486 | آييننامه روسازي آسفالتي راههاي ايران | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، معاونتامورپشتيباني، مركزمداركعلميوانتشارات , | تهران | 1384/2/25 | |
487 | اصول مهندسي بهرهبرداري و توليد | محمدرضا عادلزاده , | ستايش , | تهران | 1386/3/6 |
488 | اصول و محاسبات مهندسي پالايش | محمدرضا عادلزاده , | تمثيل , ميثاق عدالت , خليج فارس , راه نوين , | تهران | 1386/12/15 |
489 | چاهنگاري | ابرتو سرا , غلامحسين نوروزي , شهريار بهرامياقدم , | دانشگاه صنعتي اصفهان، دفتر انتشارات , | اصفهان | 1378/8/24 |
490 | شناخت سوخت گاز | محمدعلي مستوفيزاده , | هوتن , | تهران | 1377/7/21 |
491 | فرايندهاي پتروشيمي مشخصات فني و اقتصادي: مشتقات گاز سنتز و هيدروكربنهاي مهم | آلن چاول , گيلس لفبور , محمد حقيقي , | دانشگاه صنعتي سهند , | تبريز | 1383/4/20 |
492 | فرهنگ عمومي نفت | علي امامي , محمود خيرخواه , بهزاد دوران , تقي رجبي , سيداحمد عظيمي , مهرداد اميرغياثوند , | كاوش قلم , | تهران | 1386/4/27 |
493 | مباني مهندسي نفت | سعيد عوضعليپور , رضا مجيدي , | نوپردازان , | تهران | 1386/3/19 |
494 | مشخصات فني اجرائي بازيافت گرم آسفالت | سازمانمديريتوبرنامهريزيكشور , | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، مركز مدارك علمي و انتشارات , | تهران | 1385/10/5 |
495 | مشكل سال Y2K) 2000) در صنعت نفت | صنعتنفت شورايفنآورياطلاعات , | وزارت نفت، اداره كل روابط عمومي , | تهران | 1378/11/4 |
496 | فرهنگ علوم و تكنولوژي نفت: مشتمل بر بيش از 20 هزار اصطلاح و واژه تخصصي نفت و زمينههاي وابسته، به همراه تصاوير تخصصي و جداول مهم | اميرناصر اخوان , | خوشآوا , | تهران | 1383/10/6 |
497 | پالايش نفت (فناوري و اقتصاد) | جيمز گري , گلناي. هندورك , محمدمهدي بصير , سيدمحمدباقر پورسيد , گيتي ابوالحمد , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1381/1/20 |
498 | مباني پالايش نفت | گيتي ابوالحمد , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1386/3/20 |
499 | محاسبات پالايش | غلامرضا مرادي , | دانشگاه رازي , | كرمانشاه | 1386/5/16 |
500 | اصول روانكاري | معادن موسسهآموزشي-پژوهشي وابستهبهوزارتصنايعو , مرزبان كرماني , | نشر ذهنآويز , | تهران | 1380/9/11 |
501 | تكنولوژي روغن و روانكاري (علمي و عملي) | ايرج جمشيدوند , | فدك ايساتيس , | تهران | 1384/8/8 |
502 | راهنماي عملي روانكاري ماشينآلات | ال ليوگنر , محمود تركي , هوشنگ وثوق , | پژوهشگاه صنعت نفت , | تهران | 1382/12/21 |
503 | روانسازها با پايه نفتي: انواع روغن موتور، گريس، روغنهاي صنعتي و ضديخ | رحيم شايان , | سخنگستر , | مشهد | 1382/5/19 |
504 | روانكاري | عليرضا احمدي , | سپهر فاطمي , | تهران | 1385/2/16 |
505 | روانكاوها و برينگها شامل: اصول روانكاوي و موارد استفاده روانكاوها، روغنها، گريسها، ياتاقنها و بليرينگها | مهدي افقي , شهرام سپهريروحاني , | كارنو , | تهران | 1384/3/10 |
506 | روغنكاري تجهيزات نيروگاهي | سيدابراهيم موسويترشيزي , | دانشگاه صنعت آب و برق , | تهران | 1386/4/12 |
507 | كتاب جامع صنعت روانكار ايران | روحالله شهيديپور , | شركت بازار پژوهان نوآور , | تهران | 1384/12/27 |
508 | اصول و مباني طراحي، ساخت و بازرسي ظروف تحت فشار در صنايع نفت، گاز، پتروشيمي | عليرضا احمدي , | سپهر فاطمي , | تهران | 1383/3/4 |
509 | اصول و مباني طراحي مخازن ذخيره در صنايع نفت، گاز و پتروشيمي | عليرضا احمدي , | سپهر فاطمي , | تهران | 1383/1/15 |
510 | ساخت و بازرسي مخازن ذخيره (در صنايع نفت، گاز و پتروشيمي) | رضا اميرحسني , | جهاد دانشگاهي ( واحد صنعتي اصفهان ) , | تهران | 1386/5/23 |
511 | راهنماي نرمافزار OLGA 2000 | مهدي حبيبپور , مريم عبدالرحمني , | ديباگران تهران , | تهران | 1386/9/4 |
512 | تاسيسات واحدهاي بيوگاز | لودويك ساسه , قاسم نجفپور , | دانشگاه صنعتي اميركبير، واحد تفرش , | قم | 1374/6/19 |
513 | جداسازي گازها با غشاءها | سيدسياوش مدائني , مجيد اسماعيلي , | دانشگاه رازي , | كرمانشاه | 1385/9/7 |
514 | سوخت در صنعت سيمان | احمد پايداراردكاني , | مجتمع صنعتي سيمان آبيك، بخش فرهنگي , | تهران | 1372/7/1 |
515 | فرآوري و آمادهسازي گاز طبيعي: شيرينسازي گاز مايع | رابرتنات مادوكس , بيژن هنرور , داريوش مولا , | نويد شيراز , | شيراز | 1385/6/12 |
516 | فرهنگ لغات و اصطلاحات گاز | شركتگازاستانفارس , | نويد شيراز , | شيراز | 1379/7/13 |
517 | گاز طبيعي: توليد، فراوري، انتقال | الگزاندر روجي , كلود جفرت , گيتي ابوالحمد , عليرضا بهراميان , محمدرضا رسايي , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1382/10/3 |
518 | مباني توليد بيوگاز از فضولات شهري و روستايي | قاسمعلي عمراني , | دانشگاه تهران , | تهران | 1376/4/11 |
519 | خطوط انتقال گاز | عليمراد اتحاد , | موسسه انتشارات بهينه , | تهران | 1381/12/12 |
520 | ايستگاه سوخترساني CNG | حافظ بهراميبالاجاده , محمد كردي , وحيد اصفهانيان , | توسعه آموزش , كليد آموزش , | تهران | 1385/12/5 |
521 | شير مخازن CNG | شركتپيروزپيمانصنعت (PSCO) , | آدنا , | تهران | 1384/12/27 |
522 | انتقال گاز | محمدصادق خيرخواه , ژاله راستاني , | خانه قلم , | تهران | 1380/4/30 |
523 | بازار نفت | علي امامي , ژاله راستاني , | خانه قلم , | تهران | 1380/4/30 |
524 | لولهكشي گاز خانگي و تجاري | مجتبي زنگنه , | خليج فارس , ميثاق عدالت , راه نوين , تمثيل , كتاب آوا , | تهران | 1386/11/9 |
525 | لولهكشي گاز خانگي و تجاري | علي مسگري , هادي قناد , | صفار , | تهران | 1384/9/23 |
526 | لولهكشي گاز خانگي و تجاري: براساس استاندارد سازمان آموزش فني و حرفهاي با كد بينالمللي ... | علي مسگري , هادي قناد , | اشراقي , صفار , | تهران | 1382/1/27 |
527 | لولهكشي گاز خانگي و تجاري: طبق استاندارد بينالمللي سازمان فني و حرفهاي كشور | مجتبي زنگنه , | علوم معروف , ميثاق عدالت , | تهران | 1385/8/7 |
528 | لولهكشي گاز طبيعي و روش جوشكاري آن و رعايت نكات ايمني در وسائل گازسوز خانگي همراه با سوالهاي تشريحي و چهارجوابي... | باقر عبدي , | كتابخانه فرهنگ , | تهران | 1383/11/3 |
529 | نفت و توسعه | علي امامي , ژاله راستاني , | خانه قلم , | تهران | 1380/4/30 |
530 | نفت و توسعه: مروري بر اهم فعاليتهاي وزارت نفت 1381 - 1376 | وزارت نفت، اداره كل روابط عمومي , | تهران | 1382/12/24 | |
531 | استفاده و نگهداري از گاز مايع | هوشنگ شريفزاده , علي علويطالقاني , | انوار , | تهران | 1375/10/15 |
532 | استراتژي انتقال هيدروژن | سازمانبهينهسازيمصرفسوختكشور , رامين رحيميان , | نشر ذره , | تهران | 1382/12/3 |
533 | جايگزينهاي ذخيرهسازي هيدروژن (يك ارزيابي فني اقتصادي) | سازمانبهينهسازيمصرفسوختكشور , رامين رحيميان , | نشر ذره , | تهران | 1382/12/3 |
534 | طرح جامع هيدروژن اروپا EIHP | ذره , | تهران | 1382/12/3 | |
535 | آشنائي با اسپري دراير | محمد رستمخاني , | فني حسينيان , | تهران | 1375/10/24 |
536 | آنچه هر مهندسي دربارهي سراميكها بايد بداند | سالامون موزيكانت , عليرضا ميرحبيبي , رويا آقابابازاده , مهدي قهاري , اسماعيل صلاحي , | پژوهشكده رنگ ايران , | تهران | 1382/12/5 |
537 | آييننامه بتن ايران (آبا) | معاونت امور فني، دفتر امور فني، تدوين معيارها , | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، معاونتامورپشتيباني، مركزمداركعلميوانتشارات , | تهران | 1381/12/21 |
538 | آييننامه بتن ايران (آبا) | دفترتدوينضوابطومعيارهايفني سازمانمديريتوبرنامهريزيكشور , | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، معاونتامورپشتيباني، مركزمداركعلميوانتشارات , | تهران | 1384/2/25 |
539 | بتنشناسي (خواص بتن) | آ.ام. نويل , هرمز فاميلي , | دانشگاه علم و صنعت , | تهران | 1375/4/23 |
540 | بتن در سد | محمدتقي منصوريكيا , | خالدين , | اهواز | 1381/9/16 |
541 | تكنولوژي بتن | سعيد دهقانيسانيج , | موسسه فرهنگي هنري ديباگران تهران , | تهران | 1385/4/17 |
542 | تكنولوژي بتن | صمد ديلمقاني , | دانشگاه تبريز , | تبريز | 1385/12/20 |
543 | خواص بدنههاي سراميكي: پلاسيتسيته | بيژن بابايينژاد , فرزانه جواديدهخوارقاني , | فني حسينيان , | تهران | 1375/10/24 |
544 | خواص بدنههاي سراميكي اپلاستيه | بيژن بابايينژاد , فرزانه جواددهخدارقاني , | مركز آموزش و تحقيقات سراميك، شركت مقرهسازي ايران , مانا , | تهران | 1370/7/1 |
545 | درآمدي بر تعادل فازي در سراميكها | كليفتن برگرون , سابهاش ريسبود , فتحالله مضطرزاده , واهاك مارقوسيان , اسماعيل صلاحي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1378/12/18 |
546 | درآمدي بر سراميكها (ساختار و خواص) | دبليو كينگري , سعيد باغشاهي , سورنا نجمآبادي , | زبان امروز , | تهران | 1386/7/4 |
547 | درس مواد عمومي (شناخت خواص مواد، علم مواد) همراه با 30 تمرين و 86 پرسش و پاسخ | سيدابراهيم وحدت , | اشك قلم , | آمل | 1382/12/5 |
548 | سراميكها و موادنسوز | موسسهانگيزشموفقيتآمريكا , | جهاد دانشگاهي، واحد اصفهان , | اصفهان | 1376/4/26 |
549 | شالوده صنعت شيشه | Fayv Tooley , گروهمترجمين , | شركت سهامي شيشه قزوين , | قزوين | 1373/4/1 |
550 | شكل دادن بدنههاي سراميكي به روش پرس پودر | شعبانعلي تشكري , | شركت مقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك , | تهران | 1371/10/1 |
551 | شناخت و كاربرد سراميكها | مجتمعكاشيميبد , | موسسه انتشارات يزد , | يزد | 1378/7/20 |
552 | شيشه: مجموعه مرز بازرگان | اميرهوشنگ ابري , | سازمان ميراث فرهنگي كشور , | تهران | 1374/2/26 |
553 | شيمي سراميكها | هيروآكي ياناگيدا , كونيهيتو كوموتو , ماسارو مياياما , ليلا تركيان , حسين سرپولكي , مصطفي محمدپوراميني , | دانشگاه علم و صنعت , | تهران | 1386/2/31 |
554 | صنعت سراميك | سعيد گرجستاني , | گوتنبرگ (مير) , | تهران | 1370/7/1 |
555 | كاربرد آسيابتر پيوسته در صنعت كاشي | شركت مهندسي سراميك و شيشه ايران , | تهران | 1372/7/1 | |
556 | كاربرد سراميكها در مهندسي پزشكي | فتحالله مضطرزاده , ژامك نورمحمدي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1385/2/17 |
557 | كورههاي پخت سراميك | دانيل رادز , شعبانعلي تشكري , | مانا , مركز آموزش و تحقيقات سراميك، شركت مقرهسازي ايران , | تهران | 1370/7/1 |
558 | كورههاي سراميك | كيميو كيوتاني , ورنر نلسون , محمدرضا افضلي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1372/10/1 |
559 | لعاب فلز | فريبرز مسعوديبروجني , | نشر جوان , | تهران | 1374/2/26 |
560 | مجموعه مقالات اولين سمينار هسته خودكفايي تحقيقاتي صنايع چيني و سراميك | هسته خودكفايي صنعت چيني و سراميك , | تهران | 1370/7/1 | |
561 | مقدمهاي بر خشك كردن سراميكها (حاوي تمرينات آزمايشگاهي) | دنيس بروستان , گيلبرتچيس رابينسون , محمدابراهيم ابراهيمي , | دانشپويان جوان , | تهران | 1386/10/16 |
562 | مهندسي سراميكهاي مدرن: ساختارها و خواص | ديويد ريچرسون , محمدابراهيم ابراهيمي , سالومه مسگريعباسي , سيمين سلامتبريزي , | سالومه مسگريعباسي , سيمين سلامتبريزي , محمدابراهيم ابراهيمي , | تهران | 1384/6/9 |
563 | مهندسي سراميكهاي مدرن: فرايند ساخت و طراحي | ديويد ريچرسون , محمدابراهيم ابراهيمي , سالومه مسگريعباسي , سيمين سلامتبريزي , | سالومه مسگريعباسي , محمدابراهيم ابراهيمي , سيمين سلامتبريزي , | تهران | 1384/9/19 |
564 | فرهنگ تئوري و فناوري مواد سراميك شيشه مصالح ساختماني (انگليسي، آلماني و فارسي) | بهمن ميرهادي , | پرديس , | تهران | 1381/1/25 |
565 | اندازهگيريهاي سيستماتيك براي تشخيص عيوب سيستمهاي حرارتي: در ارتباط با كورههاي ...: اطلاعات پايه | شعبانعلي تشكري , | عباد صالح , | تهران | 1382/2/7 |
566 | تئوري شيشه | بهمن ميرهادي , | انشاء , | تهران | 1384/5/24 |
567 | شيشه: ساختار، خواص و كاربرد | واهاك مارقوسيان , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1386/9/17 |
568 | مرجعگذاري بازدهي انرژي در صنايع شيشه (جام و مظروف) | بهنام حقجو , قاسم عرب , | ذره , | تهران | 1385/5/7 |
569 | هنر تراش شيشه و آبطلاكاري روي شيشه، كريستال و سراميك: هنرجويان و كارآموزان مراكز آموزش ... | ابراهيم نباتي , ابوالقاسم گرامينژاد , | ادبستان , | تهران | 1382/4/31 |
570 | شيشه ايراني | شينجي فوكايي , آرمان شيشهگر , عباس شريفيناراني , | سازمان ميراث فرهنگي كشور , | تهران | 1371/10/1 |
571 | مواد اوليه صنايع شيشه | بهزاد جانيپور , بهمن ميرهادي , محمدحسين ماجدياردكاني , | بهمن ميرهادي , | تهران | 1386/1/20 |
572 | مواد اوليه ويژه در صنعت شيشه | بهزاد جانيپور , بهمن ميرهادي , محمدحسين ماجدياردكاني , | بهمن ميرهادي , بهزاد جانيپور , | تهران | 1386/1/20 |
573 | فايبرگلاس | جواد نظيري , محمدرضا افضلي , | شركت انتشارات فني ايران , | تهران | 1385/2/2 |
574 | پر كنها و برجهاي پر شده | فرزين ذكاييآشتياني , نويد رضوي , | محسن , | تهران | 1381/9/30 |
575 | راهنماي عملي سفالگري | لورت اسپي , بيتا مشحون , | شركت انتشارات فني ايران , | تهران | 1384/2/27 |
576 | لعابها و پوششهاي شيشهاي | ريچارد اپلر , داگلاس اپلر , سعيد باغشاهي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1382/10/2 |
577 | لعابها و پوششهاي شيشهاي | ريچارد اپلر , هادي شمسنظري , | نشر دانش ايران , | تهران | 1382/12/23 |
578 | كورههاي پخت محصولات سراميكي (KILNS) | دانيل رودز , شعبانعلي تشكري , | فني حسينيان , | تهران | 1383/10/16 |
579 | محاسبات در تكنولوژي كورهها | ابراهيم مسعود , | نويد شيراز , | شيراز | 1377/11/7 |
580 | مباني طراحي كورههاي صنعتي | حسن طوبي , محمدحسن ادريسي , | دانشگاه صنعتي اصفهان، دفتر انتشارات , | اصفهان | 1384/9/23 |
581 | تجربههايي در ساخت كورههاي سفال | عباس اكبري , | حك , | تهران | 1383/9/16 |
582 | كورههاي دوار | حسينقلي شفيعي , مصطفي خانزادي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1385/2/4 |
583 | توليد چيني آزمايشگاهي: اطلاعات پايه | شعبانعلي تشكري , | علوم روز , | تهران | 1380/2/18 |
584 | توليد چيني آزمايشگاهي: اطلاعات پايه | شعبانعلي تشكري , | رامرنگ , | تهران | 1382/4/16 |
585 | ديرگدازهاي سراميكي | زيارتعلي نعمتي , زهرا سلطانپوردهكردي , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1385/5/30 |
586 | فنآوري توليد كاشيهاي سراميكي | خسرو صانع , | نويد شيراز , | شيراز | 1384/4/1 |
587 | كاشيهاي پرسلاني: تكنولوژي، توليد، بازاريابي | سافو هاشميزنوز , حسين سرپولكي , | سروش دانش , | تهران | 1386/5/3 |
588 | مواد ديرگداز | جرالد روتشكا , بهزاد ميرهادي , | دانشگاه علم و صنعت ايران , | تهران | 1378/8/19 |
589 | مواد ديرگداز و كامپوزيتها | حسن آهنگري , | كژال , | تهران | 1384/7/13 |
590 | بررسي كانسارهاي مواداوليه مصالح ساختماني استان خوزستان | ويسه سهراب , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1378/12/28 |
591 | آجر سبك با استفاده از خاك اره | سهراب ويسه , ناهيد خدابنده , بهروز محمدكاري , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1382/12/19 |
592 | آجر سبك با استفاده از خاك اره | سهراب ويسه , ناهيد خدابنده , بهروز محمدكاري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1384/9/21 |
593 | آجر سبك با استفاده از سنگ آهك | سهراب ويسه , ناهيد خدابنده , نرگس صائب , بهروز محمدكاري , حسن تابش , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1383/12/26 |
594 | آجر سبك با استفاده از مواد پليمري | سهراب ويسه , ناهيد خدابنده , علياكبر يوسفي , بهروز محمدكاري , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1383/12/26 |
595 | پيوند و نگاره در آجركاري | حسين زمرشيدي , | زمرد , | تهران | 1380/7/4 |
596 | پيوند و نگاره در آجركاري | حسين زمرشيدي , محمدرضا مسلمانزاده , | زمرد , | تهران | 1386/9/5 |
597 | واحدهاي كوچك توليد آجر | سازمانتوسعهصنعتيمللمتحد(يونيدو) , سعيد دروديان , زهرا دروديان , حميد دروديان , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , وزارت مسكن و شهرسازي , | تهران | 1379/3/30 |
598 | تكنولوژي بتن كارداني پيوسته - كارشناسي ناپيوسته: ويژه رشتههاي عمران و معماري براي داوطلبان كنكور | مهدي پرنا , | آزاده , | تهران | 1386/5/15 |
599 | آييننامه بتن ايران (آبا) | دفترتدوينضوابطومعيارهايفني سازمانمديريتوبرنامهريزيكشور , | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، معاونتامورپشتيباني، مركزمداركعلميوانتشارات , | تهران | 1386/12/8 |
600 | بتنهاي توانمند و كاربردهاي آنها | سورندرا شاه , شعيب هاروناحمد , موسي مظلوم , علياكبر رمضانيانپور , | دانشگاه تربيت دبير شهيد رجائي , | تهران | 1384/2/3 |
601 | تكنولوژي بتن | محمد نكوفر , | نيكان كتاب , | زنجان | 1380/9/21 |
602 | تكنولوژي بتن | آدام نويل , جي.جي. بروكس , علياكبر رمضانيانپور , محمدرضا شاهنظري , | صنعت گستر , | تهران | 1383/4/23 |
603 | تكنولوژي بتن | آدام نويل , جي.جي. بروكس , علياكبر رمضانيانپور , محمدرضا شاهنظري , | آذرنگ , | تهران | 1385/10/20 |
604 | تكنولوژي بتن | آدام نويل , جي.جي. بروكس , علياكبر رمضانيانپور , محمدرضا شاهنظري , | علم و صنعت 110 , | تهران | 1386/10/1 |
605 | تكنولوژي بتن "براساس مقررات ملي ساختماني ايران" | ناصر وارستهمقدم , | پريور , | تبريز | 1385/9/8 |
606 | تكنولوژي بتن و آزمايشگاه | سيدادريس جوادين , | دهسرا , | رشت | 1385/12/21 |
607 | تكنولوژي بتن و آزمايشگاه همراه با طرح اختلاط بتن: مطابق با استاندارد ملي ايران: مبحث نهم و (آبا) و (دت) همراه با استانداردهاي ISO - ACI - ASTM - BS - | سيدادريس جوادين , فرهاد مصباحايراندوست , | شهرآشوب , | تهران | 1386/12/25 |
608 | تكنولوژي پخت سيمان | محمدرضا عزيزيان , | موسسه انتشارات كتاب دانشجو , | تهران | 1385/8/29 |
609 | تكنولوژي و طرح اختلاط بتن | داود مستوفينژاد , | اركان دانش , | اصفهان | 1386/12/4 |
610 | دستورالعمل طراحي، ساخت و اجراي سيستمهاي پانل پيشساخته سبك سهبعدي | سازمان مديريت و برنامهريزي كشور، مركز مدارك علمي و انتشارات , | تهران | 1386/12/6 | |
611 | ريزساختار، خواص و اجزاي بتن (تكنولوژي بتن پيشرفته) | پوويندار مهتا , پائولو مونتهئيرو , علياكبر رمضانيانپور , پرويز قدوسي , اسماعيل گنجيان , حميدرضا اشرفي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1385/4/3 |
612 | شيمي سيمان و بتن "دائرهالمعارف مواد افزودني" | منوچهر بكائيان , | مركز آموزش شركت سيمان آبيك , | تهران | 1384/10/18 |
613 | طراحي و كنترل مخلوطهاي بتن | اردشير اطيابي , | جويبار , | تهران | 1386/3/23 |
614 | طراحي و كنترل مخلوطهاي بتن | استيون كسماتكا , ويليام پانارس , عليرضا خالو , محمود ايراجيان , بهرام معلمي , | دانشگاه صنعتي شريف، موسسه انتشارات علمي , | تهران | 1385/9/1 |
615 | طرح اختلاط بتن | اكبر تركاشوند , ناهيد ارجمندسادات , | يكان , | تهران | 1386/7/3 |
616 | كاربرد الياف در بتن و فرآوردههاي سيماني | عليرضا باقري , طيبه پرهيزكار , پرويز قدوسي , افشين طاهري , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1378/12/28 |
617 | مجموعه مقالات دومين همايش منطقهاي بتن | سخنگستر , | مشهد | 1384/12/20 | |
618 | بتن در كارگاههاي ايران | سياوش كباري , | دانش و فن , | تهران | 1380/10/10 |
619 | بلوكهاي سيماني سبك | فاطمه جعفرپور , فهيمه فيروزيار , محمدحسين ماجدياردكاني , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1385/2/19 |
620 | مواد افزودني و پوزولاني و كاربرد آن در بتن | علياكبر رمضانيانپور , طيبه پرهيزكار , افشين طاهري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1381/12/20 |
621 | مصالح بنايي با استفاده از خاک؛ گچ؛ آهك و مخلوطهاي آنها در شش استان ايران (بخش دوم) | ناهيد خدابنده , محمدحسين ماجدياردكاني , سهراب ويسه , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1379/6/13 |
622 | تركيب، توليد و ويژگيهاي سيمان پرتلند | باي , محمد شكرچيزاده , هومن قاسمي , عسگر هورفر , | دانشگاه تهران، موسسه انتشارات و چاپ , | تهران | 1386/1/15 |
623 | مرجع كامل تكنولوژي سيمان: توليد و كاربرد | فريدريش ويلهلم لوخر , اميرمسعود معطر خرازي , | طراح , | تهران | 1386/4/3 |
624 | بررسي موردي كيفيت سيمانهاي كشور | ناهيد خدابنده , سهراب ويسه , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1378/6/16 |
625 | آبكاري پلاستيكها | محسن محمدعلي , | انتشارات بصير , | تهران | 1376/12/25 |
626 | آناليز شيميايي رنگها | سوسن تهامي , | نشر مهد پرداپژوهان , | تهران | 1384/7/26 |
627 | اصول علم و تكنولوژي رنگ | سيامك مراديان , ظاهر شمس , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1374/7/29 |
628 | تكنولوژي رنگهاي دريايي | محمدعلي مازندراني , حسن شكاري , | پيشرو , | تهران | 1376/12/16 |
629 | رنگ: نوآوري، بهرهوري | فرزانه كاركيا , | دانشگاه تهران , | تهران | 1375/11/28 |
630 | ريسندگي الياف مصنوعي و مخلوط آنها در سيستم پنبهاي | كي.آر. سالهوترا , رضا طاهرياطاقسرا , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1375/2/7 |
631 | سمپوزيوم بينالمللي رنگ و رزين 17 و 18 آذر ماه 1371 | فريبا طلوع , كامران كاشاني , حميد نظري , | وزارت صنايع، اداره كل صنايع شيميايي و سلولزي , | تهران | 1372/10/1 |
632 | صنعت لعاب سازي و رنگهاي آن | محمد عباسيان , | گوتنبرگ (مير) , | تهران | 1372/10/1 |
633 | عيوب رنگ: دلايل و درمانها | سعيد رستگار , زهرا رنجبر , | بسپار نو , | تهران | 1380/12/13 |
634 | فرآوردههاي چاپ در صنايع نساجي | مرتضي سهيزادهابيانه , | صفار , | تهران | 1375/5/23 |
635 | فرهنگ فشرده رنگدانههاي هنري | رادرفورد جتتنز , جورج استات , حميد فرهمندبروجني , حميدرضا بخشندهفرد , | حميد فرهمند بروجني , | اصفهان | 1379/2/7 |
636 | مقدمهاي بر كاربرد رنگهاي صنعتي و دريايي | سيدمحمود كثيريها , | موسسه انتشارات بهينه , | تهران | 1379/2/28 |
637 | هنر و صنعت رنگ: بخشي از دانش رنگها: شامل دو بخش (رنگشناسي - اصول شيمي و تكنولوژي رنگ) ويژه ... | ناصر فرزان , | انتشارات تهران , | تهران | 1377/9/3 |
638 | ريسندگي الياف بلند | ياكوفياوليويچ ليپنكوف , احمد جمالي , | دانشگاه يزد , | يزد | 1381/12/12 |
639 | ريسندگي الياف بلند = Wool spinning And worsted spinning | ياكوفياوليويچ ليپنكوف , احمد جمالي , | دانشگاه يزد , | يزد | 1383/2/20 |
640 | تكميل در صنعت نساجي | حسين توانايي , | نشراركان , | اصفهان | 1381/12/26 |
641 | تكنيكهاي صنعتي در شيمي نساجي | حسين نجفيكوتنايي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1385/3/23 |
642 | اصول شيمي و كاربرد مواد رنگزا | پل ريس , سيامك مراديان , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1378/12/28 |
643 | الياف و رنگرزي سنتي | محمدرضا بازغي , | ستايش حور , | تهران | 1382/11/6 |
644 | تكنيكهاي رنگرزي | حسين توانايي , | نشراركان , | اصفهان | 1381/12/26 |
645 | رنگرزي الياف مصنوعي و استات سلولز | عليرضا خسروي , كمالالدين قرنجيك , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1379/7/23 |
646 | شناسايي و بررسي عيوب رنگ Coating defects | سينا فضلاللهي , | والا انديش , | تهران | 1386/5/13 |
647 | پيشرفتهايي در شيمي و تكنولوژي مواد رنگزاي آلي | جان گريفتيس , كمالالدين قرنجيگ , عليرضا خسروي , سعيد فرخپي , | جهاد دانشگاهي (دانشگاه صنعتي اميركبير) , | تهران | 1383/1/22 |
648 | رنگرزي الياف با رنگهاي طبيعي | مهدي حياتي , مجيد منتظر , داود نقلاني , | موسسه آموزش عالي علمي - كاربردي جهاد كشاورزي , | تهران | 1385/4/17 |
649 | رنگرزي الياف و نخ (پشم، ابريشم، پنبه) | نسرين صدري , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/2/25 |
650 | رنگرزي الياف و نخ: پشم، ابريشم، پنبه مورد مصرف در: فرش و ساير زيراندازها و دستبافتها | نسرين صدري , | نسرين صدري , | تهران | 1381/12/20 |
651 | فرايند و روشهاي رنگرزي الياف با مواد طبيعي | ويكتوريا جهانشاهيافشار , هادي غبرائي , | دانشگاه هنر، معاونت پژوهشي , | تهران | 1376/2/24 |
652 | هنر رنگرزي طبيعي | جني دين , علي دارابي , | كميته امداد امام خميني (ره)، مركز آموزش عالي علمي - كاربردي , | تهران | 1385/1/15 |
653 | رنگدانههاي غيرآلي صنعتي | گانتر باكسبام , سعيد باغشاهي , عليرضا ميرحبيبي , | مهتاب , | تهران | 1382/9/30 |
654 | تكنولوژي رنگرزي الياف نساجي با مواد رنگزاي مستقيم | عبدالله احراري , | نگين سبز , | تهران | 1383/2/26 |
655 | ساخت و شناسايي رنگهاي نساجي (روشهاي آزمايشگاهي) | محسن حاجيشريفي , عليرضا خسروي , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1385/10/24 |
656 | تاريخ تحول هنر و صنعت رنگ در ايران و جهان (بخشي از دانش رنگها) | ناصر فرزان , | انتشارات تهران , | تهران | 1384/12/8 |
657 | تكنيكهاي چاپ در شيمي نساجي | حسين نجفيكوتنايي , ابوسعيد رشيدي , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/8/8 |
658 | چاپ در صنعت نساجي | حسين توانايي , آتوسا سعادتي , | دانشگاه صنعتي اصفهان، مركز نشر , | اصفهان | 1382/3/25 |
659 | ساخت فرآوردههاي كمكي رنگرزي و چاپ در صنايع نساجي | مرتضي سهيزادهابيانه , جهانگير زماني , | شعاع , | تهران | 1382/3/31 |
660 | اصول كاربري رنگهاي پودري | غلامرضا باكري , هوشنگعلي ويرديلو , نيلوفر اميننيا , | شهرآب , آينده سازان , | تهران | 1386/7/29 |
661 | برخي از ويژگيهاي رنگهاي ضد حريق | سعيد بخشعليبختياري , فاطمه جعفرپور , جليل مرشديان , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1382/12/19 |
662 | تكنولوژي رنگ و رزين | محمدعلي مازندراني , | پيشرو , | تهران | 1381/12/10 |
663 | تكنولوژي رنگ و رزين (2ـ1) | محمدعلي مازندراني , | پيشرو , | تهران | 1375/9/4 |
664 | توليد صنعتي مواد رنگزاي آلي و مواد واسطه | جرالد بوث , سيامك مراديان , سعيد فرخپي , | پژوهشكده , | تهران | 1378/7/4 |
665 | دايرهالمعارف رنگ ايران (كاربرد رنگ در صنعت) | حميد آغالر , | مربعآبي , | تهران | 1383/4/24 |
666 | شناخت رنگ | غلامرضا قرهويسكي , | نيكتاب , | تهران | 1382/9/18 |
667 | شيمي تجربي رنگ | احمد مومنهروي , عليرضا عظيمينانوايي , | موسسه انتشارات اميركبير , | تهران | 1375/11/13 |
668 | شيمي تجربي رنگ | احمد مومنهروي , عليرضا عظيمينانوايي , كاركنانشركتتوليديصنايعرنگپارسالوان , | موسسه انتشارات اميركبير , | تهران | 1382/8/21 |
669 | شيوههاي رنگسازي در قلمرو هنر و نقاشي | جليل جوكار , | فرهنگستان هنر , | تهران | 1385/3/30 |
670 | رزينها و پوششهاي پايه آبي (روشهاي تهيه، فرمولاسيون و كاربرد) | مرتضي ابراهيمي , سيدمحمود كثيريها , اسماعيل اكبرينژاد , | دانشگاه صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/9/26 |
671 | تكنيكهاي پوششدادن: طراحي و كاربرد | استن گرينچر , مسعود بينش , | نشر طراح , | تهران | 1384/11/5 |
672 | راهنماي كاربران رنگهاي پودري | داريل اولريچ , عباس مسجديانجزي , | دانش و فن , | تهران | 1379/12/22 |
673 | رنگهاي صنعتي (1) - آمادهسازي سطوح | علي قنبرزاده , سينا فضلاللهي , | والا انديش , | تهران | 1386/7/9 |
674 | مجموعه مقالات اولين سمينار تخصصي رنگدانههاي معدني و پوششهاي سراميكي | سرخ , | تهران | 1382/10/17 | |
675 | مواد مورد استفاده در مرمت: حلالهاي آلي - چسبها و جلاها | چارلزولسن هوري , ابوالفضل سمناني , فرهمند بروجني , | دانشگاه هنر , | تهران | 1378/12/15 |
676 | دايرهالمعارف رنگ ايران 1385 | حميد آغالر , | مربعآبي , | تهران | 1386/3/5 |
677 | اصول اساسي اكستروژن پلاستيكها | محمود محرابزاده , | سازمان آموزشي و انتشاراتي علوي , | تهران | 1375/10/8 |
678 | اصول مهندسي پليمر | ن.ج مككروم , س.پ. بالكي , بهزاد پورعباس , محمدتقي زعفراني , علياكبر ترابي , | دانشگاه صنعتي سهند , | تبريز | 1383/4/20 |
679 | پر كنندهها، نگرشي بر خواص و موارد استفادهي آنها در صنعت لاستيك | شركتمهندسيوتحقيقاتصنايعلاستيك , فريبرز عوضملايري , | سمر , | تهران | 1377/12/11 |
680 | شيمي پليمر عملي: روشهاي تهيه مواد اوليه پايه براي چسبها، رزينها، رنگها، انواع مواد پلاستيكي و لاستيكي | وينريچارد سورنسن , تاد كمبل , محمدجلالالدين ظهوريانمهر , مهرنوش نادعلي , گريگور ترپوگوسيان , | دانشگاه صنعتي شريف , | تهران | 1377/1/16 |
681 | فرآوردههاي آرايش و بهداشتي (كليات، فرمولاسيون، روش ساخت) | جواد شكري , | نشر افروز , | تهران | 1382/3/13 |
682 | فنآوري توليد صابون | ديتر اوستروت , شهرام رستگار , | موثقي , | تهران | 1380/2/9 |
683 | محصولات بهداشتي: تكنولوژي ساخت شامپو و كنترل كيفيت آن | هميرا آگاه , | هميرا آگاه , | تهران | 1379/6/20 |
684 | سورفكتنتهاي شيميايي و طبيعي | غلامرضا دهقان , | واژگان خرد , | تهران | 1386/7/17 |
685 | دنياي هنر صابونسازي | فريده جهانگيري , | بينالمللي حافظ , | تهران | 1383/6/18 |
686 | شناخت و تكنولوژي مواد شوينده | حميدرضا حقيقتپژوه , روحاله جمشيدي , | پيشروان , مبتكران , | تهران | 1385/2/25 |
687 | لاستيكها و الياف مصنوعي | ژان ون , علي پورجوادي , | سازمان انتشارات و آموزش انقلاب اسلامي , | تهران | 1370/7/1 |
688 | چسبها و جلاهاي طبيعي | ال. كلينر , حميد فرهمندبروجني , | حميد فرهمند بروجني , | اصفهان | 1378/11/20 |
689 | چسبهاي فلزات "تكنولوژي چسبها" | روديگر بك , روبرت لوتس , سعيد ناديمقدم , | شركت انتشارات جزيل , | تهران | 1382/4/1 |
690 | شيمي و تكنولوژي چسب چوب | اي.پي. زي , سيداحمد ميرشكرايي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1374/4/19 |
691 | رزينهاي نفتي | شكوه فتاحي , | بسپار نو , | تهران | 1381/9/30 |
692 | فرمالدهيد در چسبهاي اوره - فرمالدهيد | محمد شمسيان , | بنفام , | تهران | 1384/11/15 |
693 | پلاستيكهاي گرمانرم | استيو شوارتس , اس.اچ. گودمن , علي عباسيان , سام منوچهري , حسين نازكدست , | بهروزان , ماهنامه صنايع پلاستيك , | تهران | 1377/8/20 |
694 | پلاستيكها، فرآيندها و قالبها | اريك لوكنسگارد , جعفر وطنخواهدولتسرا , اكبر شيرخورشيديان , | طراح , | تهران | 1385/6/28 |
695 | پلي پروپيلن | محمد حقيقتكيش , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/5/30 |
696 | تكنولوژي و كاربرد لاستيك، پلاستيك و كامپوزيت در صنايع و خودروسازي | جمشيد قضاتيمصلحآبادي , | دانش و فن , | تهران | 1380/6/6 |
697 | ژئوسنتتيكها و كاربرد آنها در پروژههاي عمراني و زيست محيطي | احمد خدادادي , سعيد نعمتي , حميدرضا اميريحسيني , | فدك ايساتيس , | تهران | 1386/11/15 |
698 | سيليكونها | اعظم رحيمي , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/5/30 |
699 | طراحي پلاستيك | محمدرضا عباسي , | سهادانش , | تهران | 1386/2/30 |
700 | عمليات روي پلاستيكها (پلاستورژي) | ج. رويت , اي. فانتين , فيروز پزشكي , | افشار , | تهران | 1370/10/1 |
701 | فرمولهاي طراحي براي مهندسين پليمر (همراه با مثالهاي كاربردي) | ناتي رائو , علي زادهوش , محمدعلي الشريف , | جهاد دانشگاهي، واحد صنعتي اصفهان , | اصفهان | 1382/11/6 |
702 | مواد پلاستيك | جي.اي. بريدسون , حسين اميديان , مهدي وفائيان , علي پورجوادي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1376/3/12 |
703 | مواد پلاستيك | برايدسون , حسين اميديان , علي پورجوادي , | مركزنشردانشگاهي , | تهران | 1381/4/1 |
704 | نمودار وضعيت كورههاي القايي و كاربرد عملي آن | اينگوه سوندبرگ , حبيب ناظري , | وزارت معادن و فلزات، شركت ملي فولاد ايران , | تهران | 1370/10/1 |
705 | اصول علمي و عملي قالبهاي پلاستيك = Plastics mold engineering | جانهري دوبويس , وين پريبل , سيروس دبيري , | موسسه انتشارات قايم , | تهران | 1378/2/5 |
706 | تئوري و عملي قالبهاي تزريق پلاستيك | گئورگ منگس , عبدالله ولينژاد , فرزاد بيغال , | نشرطراح , | تهران | 1378/4/23 |
707 | تئوري و عملي قالبهاي تزريق پلاستيك | عبدالله ولينژاد , فرزاد بيغال , | نشرطراح , | تهران | 1379/4/25 |
708 | تئوري و عملي قالبهاي تزريق پلاستيك | گئورگ منگس , پاول موهرن , عبدالله ولينژاد , فرزاد بيغال , | طراح , | تهران | 1382/4/3 |
709 | تكنولوژي قالبهاي پلاستيك، باكاليت و دايكاست | مهدي اشتري , | خجسته , | تهران | 1377/12/8 |
710 | دانستنيهاي فرايندي براي تزريقكاران پلاستيك | آلبرتو نارانجو , حسينعلي خنكدار , سيدمجتبي ابطحي , | بسپار نو , | تهران | 1383/5/28 |
711 | راهنماي عيبيابي قطعات تزريقي پلاستيك | كارندر , فريد ملكيان , | خدمات نشر كيان رايانه سبز , | تهران | 1385/4/17 |
712 | عيبيابي قطعات تزريقي پلاستيك: (راهنماي تصويري / تشريحي) | احمدعلي ساعتنيا , محمد صبرآموز , | بهروزان , | تهران | 1381/6/6 |
713 | قالبهاي تزريق پلاستيك "108 مثال آزمايش شده" | هانس گسترو , عبدالله ولينژاد , فرزاد بيغال , محمد اميري , | نشرطراح , | تهران | 1381/3/1 |
714 | كتابچهي فني فرايند تزريق پلاستيكها | محمدرضا حدادي , الهام زينالي , | شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي، روابط عمومي , | تهران | 1385/11/23 |
715 | تكنولوژي اكسترودرها و صنايع اكستروژن | محمد گلمحمدي , | شركت ملي صنايع پتروشيمي ايران , | تهران | 1381/3/8 |
716 | جوشكاري پلاستيكها | افسانه ربيعي , | فني حسينيان , | تهران | 1378/5/20 |
717 | دانشنامه جوشكاري پلاستيكها | ابراهيم باقريپور , | رجاء تهران , | تهران | 1384/2/14 |
718 | راهنماي جيبي جوشكاري پلاستيكها | اوراهام بناتار , اكبر شيرخورشيديان , | طراح , | تهران | 1385/2/31 |
719 | طراحي با پلاستيكهاي تقويت شده | رينر ماير , فرهاد گشايش , | دانشگاه هنر , | تهران | 1376/5/28 |
720 | شبيهسازي فرايند تزريق پلاستيك به كمك كامپيوتر | بهروز آرزو , علياكبر خادم , | شركت طراحي مهندسي و تامين قطعات ايران خودرو (ساپكو) , نشرآتنا , | تهران | 1383/5/20 |
721 | آناليز قالبهاي تزريقي به كمك كامپيوتر | محسن هاشميرفسنجاني , عبدالنبي وحيدي , | دفتر نشر معارف انقلاب , | تهران | 1377/3/16 |
722 | روشهاي ساده براي شناسايي پلاستيكها | ديتريش براون , احمدعلي ساعتنيا , محمد صبرآموز , | ماهنامه صنايع پلاستيك , بهروزان , | تهران | 1380/12/25 |
723 | روشهاي ساده در شناسايي پلاستيكها (همراه با جدول شناسايي پلاستيكها) اثر هانس يورگن زشتلينگ | ديتريش براون , مهرداد كوكبي , رضا بيات , | كارآفرينان بصير , | تهران | 1382/2/15 |
724 | رنگهاي پودري: شيمي، تكنولوژي و كاربرد | مرتضي احساني , مرجان الماسي , حسينعلي خنكدار , | طلايه , | تهران | 1384/6/1 |
725 | رزينهاي فنولي | محمدحسين بهشتي , فرشته تقوي , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/5/16 |
726 | كارخانجات توليد پلياستر: اصول فرآيند و تكنولوژي توليد | هانيتس-ديتر شومان , اولريشكي. تيله , شاهين كاظمي , سپهدار انصارينيك , | جهاد دانشگاهي واحد صنعتي اميركبير , | تهران | 1386/10/23 |
727 | آزمونهاي سنجش كيفي پلاستيكهاي صنعتي | عليرضا مايلمقدم , | آمه , سبزان , | تهران | 1385/6/27 |
728 | سوپرجاذبها | محمدجلال ظهوريانمهر , فرشته تقوي , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/5/16 |
729 | پلي اتيلن | علي عباسيان , دلارام فلاحي , مازيار خاكپور , | بسپار نو , | تهران | 1383/5/28 |
730 | پليمريزاسيون كئورديناسيوني الفينها | صادق عابدي , وحيد حدادياصل , | شركت پژوهش و فناوري پتروشيمي، روابط عمومي , | تهران | 1386/5/14 |
731 | راهنماي پلي پروپيلن | ادوارد مور , غلامحسين ظهوري , | شركت ملي صنايع پتروشيمي ايران , | تهران | 1386/12/27 |
732 | پليايميدها (پليمرهاي گرمامقاوم) | مهدي باريكاني , فرشته تقوي , آتوما فروهي , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/2/24 |
733 | كاربرد P.V.C در صنعت | هانس فلگر , مريم گنجيزاده , | نوپردازان , | تهران | 1381/12/27 |
734 | كاربرد P.V.C در صنعت | هانس فلگر , مسعود گنجي , | نوپردازان , | تهران | 1386/5/21 |
735 | فومهاي سخت پلييورتان | مهدي باريكاني , آتوما فروهي , فرشته تقوي , | انجمن پليمر ايران , | تهران | 1386/5/16 |
736 | مباني و كاربرد پوششهاي پودري | مجتبي ميرعابديني , حسن عابديني , | موسسه انتشاراتي نقش گستران بهار , | تهران | 1385/11/28 |
737 | شيمي و تكنولوژي پوششهاي پودري | توسكوالكساندار ميسو , شهلا پازكي فرد , مجتبي ميرعابديني , | پژوهشگاه پليمر و پتروشيمي ايران , | تهران | 1382/11/20 |
738 | لولههاي پليمري | قاسم حيدرينژاد , شهرام دلقاني , محمدتقي فرقداني , محمد حيدرينژاد , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1384/12/17 |
740 | آشنايي با هنر عطرسازي: معرفي پرفروشترين عطرهاي 10 ساله اخير، ارائه دهها فرمول عطرسازي مشابه با عطرهاي معروف جهان ... | حسينرضا دارابي , كيومرث آقاپور , فرشيد محسنزاده , | نوپردازان , | تهران | 1384/12/20 |
741 | عطرسازي در خانه | فرانچسكارومانا لپور , جمشيد كاوياني , | نشر پيدايش , | تهران | 1384/12/8 |
742 | عطر و عطرسازي | تاجخانم مومني , لاله زين , | اميد انقلاب , شهرآب , | تهران | 1379/8/23 |
743 | آموزش ساخت كرم ميوه كيوي | محمود كارگر , | آريابان , | تهران | 1383/12/10 |
744 | دستينه مواد آرايشي و بهداشتي هري | رالفگوردون هري , جانبرنارد ويلكينسون , ريموندجك مور , مهرنوش نادعلي , علي پورجوادي , | مركز نشر دانشگاهي , | تهران | 1385/11/23 |
745 | زيبايي با معجزه سبز: ساخت جديدترين لوازم آرايشي با مواد طبيعي | آنيتا گويتون , محمدهادي عطارنژاد , | نشر ذهنآويز , | تهران | 1379/10/27 |
746 | شكوه يك نام: داروگر از ابتدا تاكنون | موسسه دانش و نوآوري كيا , | تهران | 1386/11/20 | |
747 | شيمي مواد آرايشي - بهداشتي | هوارد استيفن استوكر , عذرا مرتاضهجري , | گيلهوا , | رشت | 1382/11/19 |
748 | فرمولاسيون و تكنولوژي توليد فرآوردههاي آرايشي و بهداشتي | اسدالله عمراني , | نشركارنگ , | تهران | 1375/8/13 |
749 | عملكرد انجمنهاي علمي ايران در سال 1382 | اكرم قديمي , ناهيد آموزگار , نرگس صالحي , سياوش مشهديسلمان , | كميسيون انجمنهاي علمي ايران , | تهران | 1383/12/15 |
750 | فرهنگ تخصصي دكتر اسپيلر: مواد فعال پايه در تركيبات زيبايي دكتر اسپيلر | هرست اسپيلر , فرهاد هادئي , | رويا , | تهران | 1386/3/22 |
751 | فرايند توليد اسيد فسفريك | سيامك جعفري , | هژبر , | تهران | 1384/9/23 |
752 | بررسي مواد اوليه مصالح ساختماني در استان ايلام (خاك رس، سنگ گچ و سنگ آهك) | سهراب ويسه , ناهيد خدابنده , محمدحسين ماجدياردكاني , امير عشيري , | مركز تحقيقات ساختمان و مسكن , | تهران | 1378/6/16 |
753 | بازنگري آلفاسايپرمترين و سايفلوترين | طيبه الهي , عليرضا عليمحمدي , ماهمنير سلسله , | شهد , | تهران | 1384/6/16 |
754 | بازنگري آلفاسايپرمترين و سايفلوترين | طيبه الهي , عليرضا عليمحمدي , ماهمنير سلسله , علياصغر فرشاد , فلكي , | شهد , | تهران | 1385/3/6 |
755 | سمشناسي | محمد خانجاني , علي اصغرپورميرزا , | دانشگاه بوعلي سينا , | همدان | 1380/6/14 |
756 | راهنماي علفكشهاي ثبت شده در ايران با رويكرد مديريت مقاومت علفهاي هرز به علفكشها | اسكندر زند , محمدعلي باغستاني , محمد بيطرفان , پرويز شيمي , | جهاد دانشگاهي مشهد , | تهران | 1386/4/5 |
757 | پرتوفرآوري پليمرها | آجيت سينگ , جوزف سيلورمن , حسن نوركجوري , معصومه شربتداران , | موسسه فرهنگي انتشاراتي آيه , | تهران | 1383/2/13 |
758 | پلياسترهاي غيراشباع | كاوه پروانك , بهمن تمامي , احمد بنيهاشمي , | رخشيد , | تهران | 1386/7/1 |
759 | پليمرهاي مصنوعي: ساختن مولكولهاي بزرگ | فرد بيلمير , محمد حقيقتكيش , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پلي تكنيك تهران)، مركز نشر , | تهران | 1386/7/7 |
760 | تكنولوژي پليمرها | محمدحسين رفيعيفنود , | نشر ني , | تهران | 1376/10/9 |
761 | تكنولوژي و علم بسپار: پلاستيكها، لاستيكها، مخلوطها و كامپوزيتها | پريماموي گوش , محمدرضا نفري , | انجمن خوردگي ايران , | تهران | 1386/8/29 |
762 | شيمي فيزيك پليمرها: ويژه گروه فني - مهندسي شامل: شرح درس، نكته، مثالهاي حل شده ... | حامد ابراهيميفريماني , | علوي فرهيخته , | تهران | 1386/9/25 |
763 | كائوچوهاي مصنوعي، فرمولاسيون، خواص و كاربردها | شركتمهندسيوتحقيقاتصنايعلاستيك , عبدالرضا جعفري , فريبرز عوضملايري , | سمر , | تهران | 1376/1/26 |
764 | مباني مهندسي پليمريزاسيون: تكنولوژي پليمرها | وحيد حدادياصل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1385/9/21 |
765 | مباني مهندسي پليمريزاسيون: روشهاي پليمريزاسيون | وحيد حدادياصل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1383/12/22 |
766 | مباني مهندسي پليمريزاسيون: طراحي راكتورهاي پليمري | وحيد حدادياصل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1386/5/7 |
767 | مباني مهندسي پليمريزاسيون: واكنشهاي پليمريزاسيون | وحيد حدادياصل , | دانشگاه صنعتي اميركبير (پليتكنيك تهران) , | تهران | 1385/12/20 |
کتابهایی باموضوع سرامیک
نام کتاب : سراميك
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : صندوق كار آموزي سال : ١٣٥٦
نام کتاب : كاربرد اشعه مادون قرمز و ميكروويو در خشك كردن سراميك ها
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : شركت مهندسي سراميك و شيشه ايران سال : ١٣٧٢
نام کتاب : *اندازه گيري جريان سيالات
نويسنده : پرابراژنسكي ، ويكتور محل نشر : - ناشر : شركت نقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي صنعت چيني سال : ١٣٧٠
نام کتاب : آشنايي با اسپري دراير
نويسنده : رستم خاني ، محمد محل نشر : - ناشر : شركت مقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي صنعت چيني سال : ١٣٦٩
نام کتاب : كوره هاي سراميك
نويسنده : كيوتاني ، كي ميو محل نشر : تهران ناشر : مركز نشر دانشگا هي سال : ١٣٧٢
نام کتاب : *كوره هاي پخت محصولات سراميكي Kilns كيلنز
نويسنده : رودز، دانيل ، ١٩١١- محل نشر : - ناشر : شركت مقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك سال : ١٣٦٩
نام کتاب : سراميك كاربرد و عرصه هاي نوين آن
نويسنده : - محل نشر : مشهد ناشر : آستان قدس رضوي ، معاونت فر هنگي سال : ١٣٦٥
نام کتاب : ابزار هاي ساده ساخت محصولات سراميك
نويسنده : سازمان توسعه صنعتي سازمان ملل متحد محل نشر : - ناشر : شركت نقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي صنعت چيني سال : ١٣٦٩
نام کتاب : دائره المعارف سراميكDictionary of Ceramic=
نويسنده : مسعود، ابرا هيم محل نشر : شيراز ناشر : نويد شيراز سال : ١٣٧٦
نام کتاب : تكنولوژي سراميكهاي ظريف
نويسنده : رحيمي ، افسون ، ١٣٣٠- محل نشر : تهران ناشر : شركت صنايع خاك چيني ايران سال : ١٣٦٨-١٣٦٩
نام کتاب : نگرشي بر جنبه هاي تئوري و عملي تبادل يون
نويسنده : گريمشاو، ركس محل نشر : - ناشر : شركت نقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي صنعت چيني سال : ١٣٧٠
نام کتاب : شكل دادن بدنه هاي سراميكي به روش پرس پودر
نويسنده : تشكري ، شعبانعلي ، گرد آورنده و مترجم محل نشر : تهران ناشر : شركت تحقيقات صنايع سراميك ايران ، مركز نشر سراميك سال : ١٣٧١
نام کتاب : شناخت و كاربرد سراميكها
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : موسسه انتشارات يزد سال : ١٣٧٨
نام کتاب : مباني شيمي فيزيك مواد كاني غيرفلزي : تهيه و توليد سراميكها، مواد نسوز، شيشه ، گچ ، آ هك
نويسنده : عباسيان ، ميرمحمد محل نشر : تهران ناشر : گوتنبرگ سال : ١٣٧٨
نام کتاب : توليد چيني آزمايشگا هي : اطلاعات پايه
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : شركت نقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي چيني سال : ١٣٦٩
نام کتاب : در آمدي بر تعادل فازي در سراميكها
نويسنده : برگرون ، كليفتن محل نشر : تهران ناشر : دانشگاه علم و صنعت ايران ، مركز انتشارات سال : ١٣٧٨
نام کتاب : ابزار هاي ساده ساخت محصولات سراميك
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : نشر علوم روز سال : ١٣٨٠
نام کتاب : English for students of Ceramics
نويسنده : - محل نشر : Tehran ناشر : the Center for Studying and Compiling University Books in Humanities, SAMT سال : 1378 = 2000
نام کتاب : فر هنگ تئوري و فناوري مواد سراميك ، شيشه ، مصالح ساختماني انگليسي ، آلماني و فارسي
نويسنده : مير هادي ، بهمن ، ١٣٢٤- محل نشر : تهران ناشر : بهمن مير هادي : پرديس ٥٧؛ مركز تحقيقات سينا سال : ١٣٨٠
نام کتاب : ١١٤ صد و چهارده ماده اوليه مورد مصرف در صنايع سراميك
نويسنده : بابائي نژاد، بيژن محل نشر : تهران ناشر : فني حسينيان سال : ١٣٨٠
نام کتاب : بيلدينگ سراميكس اند ايتس هيستري اين ايران
نويسنده : مير هادي ، بهمن ، ١٣٢٤- محل نشر : تهران ناشر : شركت پرديس ٥٧ سال : ١٣٨٠ = ٢٠٠٢م
نام کتاب : فر آيند توليد كاشي و سراميكSACMI
نويسنده : - محل نشر : اصفهان ناشر : سافو هاشمي زنوز سال : ١٣٨١
نام کتاب : آشنايي با صنعت سراميك همراه با مقدمه اي بر شيمي صنايع معدني
نويسنده : امين ابرا هيم آبادي ، محمدحسن ، ١٣٤١- محل نشر : تهران ناشر : شركت تحقيقات صنعتي شيمي پژو هشيار سال : ١٣٨١
نام کتاب : كاشي و تاريخچه سراميكهاي ساختماني در ايران
نويسنده : مير هادي ، بهمن ، ١٣٢٤- محل نشر : تهران ناشر : پرديس ٥٧
نام کتاب : آموزش هنر و فن سفال و سراميك
نويسنده : گرجستاني ، سعيد، ١٣٢٩-، گرد آورنده و مترجم محل نشر : تهران ناشر : دانشگاه هنر سال : ١٣٧٩
نام کتاب : سفال و سراميك
نويسنده : نفري ، بهرام ، ١٣٤٠- محل نشر : تهران ناشر : حس برتر سال : ١٣٧٩
نام کتاب : اين لي و آن لي هاي سراميك و كامپازيت
نويسنده : لي سي ، التون محل نشر : تهران ناشر : يار روشن سال : ١٣٨١
نام کتاب : شيمي تخصصي كتابهاي درسي : ٧/٤٦٥ رشته سراميك ، گروه تحصيلي مواد، زمينه صنعت
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : شركت چاپ و نشر ايران سال : ١٣٧٣
نام کتاب : توانتيت سنچري سراميك ديز اين بريتين
نويسنده : كيسي ، اندرو محل نشر : Woodbridge ناشر : Antique collector's culb سال : ١٣٨٠ = ٢٠٠١م
نام کتاب : آنچه هر مهندسي درباره ي سراميك ها بايد بداند
نويسنده : موزيكانت ، سالامون ، ١٩٢٣-م محل نشر : تهران ناشر : نگارش علوم سال : ١٣٨٢
نام کتاب : شكل دادن بدنه هاي سراميكي به روش پرس پودر
نويسنده : تشكري ، شعبانعلي ، گرد آورنده و مترجم محل نشر : تهران ناشر : فني حسينيان سال : ١٣٨٢
نام کتاب : آشنايي با فنون عملي هنر سراميك مجموعه مقالات
نويسنده : - محل نشر : تهران ناشر : وزارت فر هنگ و ارشاد اسلامي ، سازمان چاپ و انتشارات سال : ١٣٨٢
نام کتاب : انجينيرينگ سراميكس اند سراميك هيستري اين ايران
نويسنده : مير هادي ، بهمن ، ١٣٢٤- محل نشر : تهران ناشر : شركت پرديس ٥٧ سال : ١٣٨٠ = ٢٠٠٢م
نام کتاب : سراميكهاي مهندسي و تاريخچه سراميكها در ايران
نويسنده : مير هادي ، بهمن ، ١٣٢٤- محل نشر : تهران ناشر : پرديس ٥٧ سال :
نام کتاب: سراميك |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: صندوق كارآموزي |
سال: ١٣٥٦ |
نام کتاب: كاربرد اشعه مادون قرمز و ميكروويو در خشك كردن سراميك ها |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت مهندسي سراميك و شيشه ايران |
سال: ١٣٧٢ |
نام کتاب: اندازه گيري جريان سيالات |
نويسنده: پرابراژنسكي، ويكتور |
محل نشر: - |
ناشر: شركت نقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك، هسته خودكفايي صنعت چيني |
سال: ١٣٧٠ |
نام کتاب: آشنايي با اسپري دراير |
نويسنده: رستم خاني، محمد |
محل نشر: - |
ناشر: شركت مقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك، هسته خودكفايي صنعت چيني |
سال: ١٣٦٩ |
نام کتاب: كوره هاي سراميك |
نويسنده: كيوتاني، كي ميو |
محل نشر: تهران |
ناشر: مركز نشر دانشگا هي |
سال: ١٣٧٢ |
نام کتاب: كوره هاي پخت محصولات سراميكي كيلنزKilns- |
نويسنده: رودز، دانيل، ١٩١١- |
محل نشر: - |
ناشر: شركت مقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك |
سال: ١٣٦٩ |
نام کتاب: سراميك: كاربرد و عرصه هاي نوين آن |
نويسنده: - |
محل نشر: مشهد |
ناشر: آستان قدس رضوي، معاونت فر هنگي |
سال: ١٣٦٥ |
نام کتاب: ابزار هاي ساده ساخت محصولات سراميك |
نويسنده: سازمان توسعه صنعتي سازمان ملل متحد |
محل نشر: - |
ناشر: شركت نقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك، هسته خودكفايي صنعت چيني |
سال: ١٣٦٩ |
نام کتاب: دائره المعارف سراميكDictionary of Ceramic |
نويسنده: مسعود، ابرا هيم |
محل نشر: شيراز |
ناشر: نويد شيراز |
سال: ١٣٧٦ |
نام کتاب: تكنولوژي سراميكهاي ظريف |
نويسنده: رحيمي، افسون، ١٣٣٠- |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت صنايع خاك چيني ايران |
سال: ١٣٦٨-١٣٦٩ |
نام کتاب: نگرشي بر جنبه هاي تئوري و عملي تبادل يون |
نويسنده: گريمشاو، ركس |
محل نشر: - |
ناشر: شركت نقره سازي ايران، مركز آموزش و تحقيقات سراميك، هسته خودكفايي صنعت چيني |
سال: ١٣٧٠ |
نام کتاب: شكل دادن بدنه هاي سراميكي به روش پرس پودر |
نويسنده: تشكري، شعبانعلي، گرد آورنده و مترجم |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت تحقيقات صنايع سراميك ايران، مركز نشر سراميك |
سال: ١٣٧١ |
نام کتاب: شناخت و كاربرد سراميكها |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: موسسه انتشارات يزد |
سال: ١٣٧٨ |
نام کتاب: مباني شيمي فيزيك مواد كاني غيرفلزي: تهيه و توليد سراميكها، مواد نسوز، شيشه، گچ، آ هك |
نويسنده: عباسيان، ميرمحمد |
محل نشر: تهران |
ناشر: گوتنبرگ |
سال: ١٣٧٨ |
نام کتاب: در آمدي بر تعادل فازي در سراميكها |
نويسنده: برگرون، كليفتن |
محل نشر: تهران |
ناشر: دانشگاه علم و صنعت ايران، مركز انتشارات |
سال: ١٣٧٨ |
نام کتاب: ابزار هاي ساده ساخت محصولات سراميك |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: نشر علوم روز |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: English for students of Ceramics |
نويسنده: - |
محل نشر: Tehran |
ناشر: the Center for Studying and Compiling University Books in Humanities, SAMT |
سال: 1378 = 2000 |
نام کتاب: فر هنگ تئوري و فناوري مواد سراميك، شيشه، مصالح ساختماني انگليسي، آلماني و فارسي |
نويسنده: مير هادي، بهمن، ١٣٢٤- |
محل نشر: تهران |
ناشر: بهمن مير هادي: پرديس ٥٧؛ مركز تحقيقات سينا |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: ١١٤ماده اوليه مورد مصرف در صنايع سراميك |
نويسنده: بابائي نژاد، بيژن |
محل نشر: تهران |
ناشر: فني حسينيان |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: بيلدينگ سراميكس اند ايتس هيستري اين ايران |
نويسنده: مير هادي، بهمن، ١٣٢٤- |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت پرديس ٥٧ |
سال: ١٣٨٠ = ٢٠٠٢م |
نام کتاب: فر آيند توليد كاشي و سراميكSACMI |
نويسنده: - |
محل نشر: اصفهان |
ناشر: سافو هاشمي زنوز |
سال: ١٣٨١ |
نام کتاب: آشنايي با صنعت سراميك همراه با مقدمه اي بر شيمي صنايع معدني |
نويسنده: امين ابرا هيم آبادي، محمدحسن، ١٣٤١- |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت تحقيقات صنعتي شيمي پژو هشيار |
سال: ١٣٨١ |
نام کتاب: كاشي و تاريخچه سراميكهاي ساختماني در ايران |
نويسنده: مير هادي، بهمن، ١٣٢٤- |
محل نشر: تهران |
ناشر: پرديس ٥٧ |
نام کتاب : توليد چيني آزمايشگا هي : اطلاعات پايه |
نويسنده : - |
حل نشر : تهران |
ناشر : شركت نقره سازي ايران ، مركز آموزش و تحقيقات سراميك ، هسته خودكفايي چيني |
سال : ١٣٦٩ |
کتب ويژه شیشه |
نام کتاب: شيشه |
نويسنده: - |
محل نشر: مشهد |
ناشر: بنياد پژو هشهاي اسلامي |
سال: ١٣٧٣ |
نام کتاب: تزئينات مختلف روي شيشه |
نويسنده: صبا، منتخب، ١٢٩٦- |
محل نشر: تهران |
ناشر: منتخب صبا |
سال: ١٣٧١ |
نام کتاب: صنعت شيشه |
نويسنده: مالوني، فرانسيس جوزف ترنس |
محل نشر: تهران |
ناشر: گوتنبرگ مير |
سال: ١٣٦٦ |
نام کتاب: شالوده صنعت شيشه |
نويسنده: تولي، في وانيسل، ١٩٠٨- |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت سهامي شيشه قزوين |
سال: ١٣٧٢ |
نام کتاب: ديرگداز هاي مصرفي در صنايع شيشه |
نويسنده: امامي، ابوالقاسم، ١٣١٣ |
محل نشر: تهران |
ناشر: شركت سهامي شيشه قزوين |
سال: ١٣٧١ |
نام کتاب: از شن تا شيشه |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: تربيت |
سال: ١٣٧٠ |
نام کتاب: مباني شيمي فيزيك مواد كاني غيرفلزي: تهيه و توليد سراميكها، مواد نسوز، شيشه، گچ، آ هك |
نويسنده: عباسيان، ميرمحمد، گرد آورنده و مترجم |
محل نشر: - |
ناشر: ميرمحمد عباسيان |
سال: ١٣٧٠ |
نام کتاب: شيشه ايراني |
نويسنده: فوكائي، شينجي، ١٩٢٤- |
محل نشر: تهران |
ناشر: سازمان ميراث فر هنگي كشور، مركز ميراث فر هنگي استان تهران |
سال: ١٣٧١ |
نام کتاب: هنر و صنعت شيشه گري |
نويسنده: نفري، بهرام، ١٣٤٠- |
محل نشر: تهران |
ناشر: حس برتر |
سال: ١٣٧٩ |
نام کتاب: درباره شيشه بيشتر بدانيم |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: ديباگران تهران، كتابهاي سامان |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: فر هنگ تئوري و فناوري مواد سراميك، شيشه، مصالح ساختماني انگليسي، آلماني و فارسي |
نويسنده: مير هادي، بهمن، ١٣٢٤- |
محل نشر: تهران |
ناشر: بهمن مير هادي: پرديس ٥٧؛ مركز تحقيقات سينا |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: توليد و كنترل رنگ در شيشه |
نويسنده: بمفورد، ري |
محل نشر: تهران |
ناشر: پژو هشكده صنايع رنگ ايران |
سال: ١٣٨٠ |
نام کتاب: شيشه |
نويسنده: پلت، سيلويا، ١٩٣٢-١٩٦٣ |
محل نشر: تهران |
ناشر: نقش و نگار |
سال: ١٣٨١ |
نام کتاب: شيشه: ساختار، خواص و كاربرد |
نويسنده: مارقوسيان، وا هاك |
محل نشر: تهران |
ناشر: دانشگاه علم و صنعت ايران، مركز انتشارات |
سال: ١٣٨١ |
نام کتاب: دكورتيوگلس آو د... |
نويسنده: فايسن، نانس لوي، ١٩٤٥-م |
محل نشر: Newton Abbot |
ناشر: David and Charles |
سال: ١٣٧٥ = ١٩٩٦م |
نام کتاب: حكاكي شيميايي و فيزيكي روي شيشه |
نويسنده: - |
محل نشر: تهران |
ناشر: ستايش حور |
سال: ١٣٨٢ |
نام کتاب: هنر تراش شيشه و آب طلاكاري روي شيشه، كريستال و سراميك... |
نويسنده: نباتي، ابرا هيم، ١٣١٦- |
محل نشر: تهران |
ناشر: ادبستان |
سال: |
کتب مربوط به شیشه و لعاب
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | لعاب | مهندس محمود سالاریه | - | دانشگاه آزاد اسلامی ساوه |
2 | لعاب فلز و کاربرد آن در صنعت | دکتر ابراهیم مسعود | - | نوید شیراز |
3 | لعاب فلز (1 و 2 ) | فریبرز مسعودی بروجنی | - | نشر جوان |
4 | صنعت لعاب سازی و رنگهای آن | دکتر میر محمد عباسیان | - | گوتنبرگ |
5 | تئوری و فن آوری ساخت لعابهای سرامیک | دکتر بهمن میرهادی | دانشگاه امیر کبیر | |
6 | مواد اولیه لعابها و رنگها و محاسبه آنها | دکتر بهمن میرهادی | - | دانشگاه امیر کبیر |
7 | لعابها و پوشش های شیشه ای | ریچارد ا .اپلر وداگلاس ر . اپلر | هادی شمس نظری | دانش ایران |
8 | لعاب ها و پوشش های شیشه ای | ریچارد ا .اپلر داگلاس ر . اپلر | دکتر سعید باغشاهی دکتر علیرضا میر حبیبی و .... | تربیت مدرس |
9 | شالوده صنعت شیشه 3 جلدی | فی و.تولی | گروه مترجمین | شیشه قزوین |
10 | شکل دادن شیشه های رنگی | دکتر سعید باغشاهی دکتر علیرضا میرحبیبی و ... | - | نقش بیان |
11 | شیشه ( ساختار، خواص و کاربرد) | واهاک مارقوسیان | - | دانشگاه علم و صنعت ایران |
12 | راهنمای نصب شیشه | استنلی ج .تامپسون | مهرداد حبیبی داور ملکی | انتشارات فنی ایران |
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معرفی چند کتاب سرامیکی
کتب مربوط به سیمان
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | راهبری کارخانه سیمان | گروه نویسندگان | قیروز یوسفی مجید محمودی | شرکت کارآفرینان احداث صنعت |
2 | تکنولوژی سیمان | مهندس محمدرضا عزیزیان | - | سیمان اکباتان |
3 | سیمان | محمدرضا عزیزیان | - | محمدرضا عزیزیان |
4 | سیمانهای پوزالانی و آلومینی | محمدرضا عزیزیان | - | محمدرضا عزیزیان |
5 | شیمی و فیزسک سیمان | پرفسور چرنین | محمدرضا عزیزیان | محمدرضا عزیزیان |
6 | تکنولوژ پخت سیمان | مهندس محمد رضا عزیزیان | - | کتاب پدیده |
7 | سوخت در صنعت سیمان | مهندس احمد پایدار | - | سیمان آبیک |
8 | تراز در کوره های دوار | مهندس منوچهربکائیان | - | سیمان آبیک |
9 | سیمان | دکتر عباس طائب فرشته کوهی | - | دانشگاه علم و صنعت ایران |
10 | هنبوک مهندسی سیمان جلد1 و 2 | مهندس منوچهر بکائیان | - | سیمان آبیک |
11 | سیمانهای طبیعی | احمد حامی | - | مرکز تحقیقات ساختمان و مسکن |
12 | مواد جایگزین سیمان در بتن | گروه مولفین | - | مرکز تحقیقات ساختمان و مسکن |
13 | مبانی شیمی فیزیک گچ | دکتر میر محمد عباسیان | شرکت گچ ایران |
کتب مربوط به کاشی و مصالح ساختمانی
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | فن آوری تولید کاشی های سرامیکی | خسرو صانع | - | نوید شیراز |
2 | فرایند تولید کاشی و سرامیک | ساکمی | سافو هاشمی زنوز | دانشگاه علم و صنعت |
3 | استانداردهای صنعت کاشی | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه | - | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه |
4 | راهنمای کاشیکاری | ادوین م.فیلد و سلما ج. فیلد | نصرت الله یوسفی | فنی ایران |
5 | لعاب ، کاشی ، سفال | ع.شروه ، م.انوشفر | - | گوتنبرگ |
6 | آجر رسی خواص و تولید | سهراب ویسه | - | مرکز تحقیقات ساختمان و مسکن |
7 | کاربرد اشعه مادون قرمز و میکروویودر خشک کردن سرامیکها | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه | - | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه |
8 | شکل دادن بدنه های سرامیکی به روش پودر | شعبانعلی تشکری | - | تحقیقات صنایع سرامیک ایران |
9 | شناخت و کاربرد سرامیکها | گروه مولفین | - | مجتمع کاشی میبد |
کتب مربوط به شیشه و لعاب
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | لعاب | مهندس محمود سالاریه | - | دانشگاه آزاد اسلامی ساوه |
2 | لعاب فلز و کاربرد آن در صنعت | دکتر ابراهیم مسعود | - | نوید شیراز |
3 | لعاب فلز (1 و 2 ) | فریبرز مسعودی بروجنی | - | نشر جوان |
4 | صنعت لعاب سازی و رنگهای آن | دکتر میر محمد عباسیان | - | گوتنبرگ |
5 | تئوری و فن آوری ساخت لعابهای سرامیک | دکتر بهمن میرهادی | دانشگاه امیر کبیر | |
6 | مواد اولیه لعابها و رنگها و محاسبه آنها | دکتر بهمن میرهادی | - | دانشگاه امیر کبیر |
7 | لعابها و پوشش های شیشه ای | ریچارد ا .اپلر وداگلاس ر . اپلر | هادی شمس نظری | دانش ایران |
8 | لعاب ها و پوشش های شیشه ای | ریچارد ا .اپلر داگلاس ر . اپلر | دکتر سعید باغشاهی دکتر علیرضا میر حبیبی و .... | تربیت مدرس |
9 | شالوده صنعت شیشه 3 جلدی | فی و.تولی | گروه مترجمین | شیشه قزوین |
10 | شکل دادن شیشه های رنگی | دکتر سعید باغشاهی دکتر علیرضا میرحبیبی و ... | - | نقش بیان |
11 | شیشه ( ساختار، خواص و کاربرد) | واهاک مارقوسیان | - | دانشگاه علم و صنعت ایران |
12 | راهنمای نصب شیشه | استنلی ج .تامپسون | مهرداد حبیبی داور ملکی | انتشارات فنی ایران |
13 | صنعت شیشه | ترنس مالونی | محمد رمضانی | گوتنبرگ |
14 | تولید و کنترل رنگ در شیشه | سی.آر.بامفورد | دکتر سعید باغشاهی دکتر علیرضا میرحبیبی و .... | پژوهشکده صنایع رنگ ایران |
15 | شناسایی صنعت شیشه | مهری محمدی | - | آموزش فنی و حرفه ای ایران |
16 | سرامیک-مواد نسوز-شیشه-گچ-آهک | دکتر میرمحمدعباسیان | - | دکتر میرمحمدعباسیان |
کتب مربوط به دیرگدازها
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | مواد دیرگداز سرامیکهای دیرگداز | ولفگانک شوله | دکتر طاهر محمودیان | نشر جانان |
2 | سرامیک ها و مواد نسوز | دکتر احمد منشی | - | دانشگاه صنعتی اصفهان |
3 | مواد دیرگداز | جرالد روتشکا | دکتر بهزاد میرهادی | دانشگاه علم و صنعت ایران |
4 | خاکهای نسوز | محمد مهدی فرهپور علیرضا ولی زاده | - | سپهر دانش |
5 | دیرگدازهای سرامیکی | دکتر زیارتعلی نعمتی | - | دانشگاه صنعتی شریف |
6 | دیرگدازها | گروه مهندس متالورژی | - | دانشگاه صنعتی شریف |
7 | سرامیک-مواد نسوز-شیشه-گچ-آهک | دکتر میرمحمدعباسیان | - | دکتر میرمحمدعباسیان |
8 | دیرگدازهای مونولیتیک | سوبراتا بنرجی | دکتر باغشاهی-دکتر ابراهیمی و .... | دانش پویان جوان |
9 | مواد اولیه فرآورده های نسوز | علیرضا حسینی | - | امیر کبیر |
کتب مربوط به مواد اولیه
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | مواد اولیه مصرفی در صنایع سرامیک | دکتر حسین پایدار | - | دانشگاه آزاد اسلامی |
2 | سیلیس ماده اولیه سرامیکی | مهندس محمد رستم خانی | - | محقق دانش |
3 | فلدسپات ماده اولیه سرامیکی | مهندس محمد رستم خانی | - | محقق دانش |
4 | کانیها و سنگهای صنعتی | دکتر محمد حسین کریم پور | - | دانشگاه فردوسی مشهد |
5 | مواد خام غیر فلزی | س. برزنف | علی میرزاییان | شرکت ملی فولاد ایران |
6 | مواد اولیه سرامیک | دبلیو.ای.ورال | مهندس پورعزت | حاذق |
7 | زمین شناسی سنگها و کانیهای صنعتی | ل. بیتس | صمد علیپور | جهاد دانشگاهی ارومیه |
8 | مواد اولیه فرآورده های نسوز | علیرضا حسینی | - | امیر کبیر |
9 | تکنولوژی فرآوری مواد معدنی | دکتر بهرام رضائی | - | نور |
کتب مربوط به علم مواد - سرامیک
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | درامدی بر تعادل فازی در سرامیکها | کلیفتون.جی.برگرون سابهاش.اچ.ریسبورد | فتح الله مضطرزاده واهاک مارقوسیان اسماعیل صلاحی | دانشگاه علم و صنعت ایران |
2 | خشک کردن و پختن سرامیکها | محمود سالاریه | - | دانشگاه آزاد اسلامی ساوه |
3 | نمودارهای فازی سه تایی در علم مواد | دی.ار.وست ، ان.ساندرز | دکترعلی حائریان واحسان حائریان و... | آستان قدس رضوی |
4 | مهندسی سرامیکهای مدرن 1 و 2 | دیوید دبلیو.ریچرسون | دکترمحمد ابراهیم ابراهیمی مهندس سالومه مسگرس عباسی مهندس سیمین سلام تبریزی | دانش پویان |
5 | سرامیکهای مهندسی | دکتر مورات بنگیسو | دکترمحمد ابراهیم ابراهیمی | مترجم |
6 | اصول مهندس و علم مواد | لارنس اچ.ون ولک | اشرفی زاده- سعادت و ... | نشر دانشگاه تهران |
7 | خواص فیزیکی مواد | دکتر احمد رزاقیان | - | دانشگاه امام خمینی |
8 | مواد مهندسی | و.ب.جان | دکترمرتضی تمیزی فر و ... | دانشگاه آزاد اسلامی |
9 | سرامیک-مواد نسوز-شیشه-گچ-آهک | دکتر میرمحمدعباسیان | - | دکتر میرمحمدعباسیان |
سراميك عمومي
ردیف | نام کتاب | مولف | مترجم | انتشارات |
1 | کاربرد سرامیکها در مهندسی پزشکی | دکتر فتح الله مضطرزاده مهندس ژامک نورمحمدی | - | پلی تکنیک تهران |
2 | محاسبات در تکنولوژی کوره ها | دکتر ابراهیم مسعود | - | نوید شیراز |
3 | متالورژ پودر | راندال ام . جرمن | دکتر مجتبی ناصریان دکتر علی حائریان | دانشگاه فردوسی مشهد |
4 | کوره های دوار | مهندس حسینقلی شفیعی دکتر مصطفی خانزادی | - | دانشگاه علم و صنعت |
5 | اندزه گیری سیستماتیک | سازمان یونیدو | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
6 | مواد دیرگداز و مصالح سرامیکی | احمد منشی | - | جهاد دانشگاهی اصفهان |
7 | دماسنجی با پدیده ترموالکتریک | بروبراژنسکی | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
8 | تبادل یون | هارلند و گریمشو | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
9 | اندازه گیری جریان سیالات | بروبراژنسکی | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
10 | آشنایی با آلومینا | مارس تیلر | مهندس مهرداد حبیبی | تحقیقات صنایع سرامیک ایران |
11 | آشنایی با فنون عملی هنر سرامیک | گروه مولفین | - | هنر |
12 | فرهنگ اصطلاحات کوره ، مشعل ، سوخت واحتراق | شعبانعلی تشکری محمد رستم خانی | - | شرکت مقره سازی ایران |
13 | دایره المعارف سرامیک | ابراهیم مسعود | - | نوید شیراز |
14 | پلاستیسیته مواد اولیه سرامیکی | محمد رستم خانی | - | محقق دانش |
15 | مبانی شکل دادن سرامیکها | اف. مور | دکتر علیرضا میرحبیبی | پژوهشکده صنایع رنگ ایران |
16 | تکنولوژی سرامیک | مرتضی توکلی | - | مرتضی توکلی |
17 | تولید چینی آزمایشگاهی | سازمان یونیدو | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
18 | ابزارهای ساده ساخت محصولات سرامیک | سازمان یونیدو | شعبانعلی تشکری | شرکت مقره سازی ایران |
19 | صنعت سرامیک | مهندس سعید گرجستانی | - | گوتنبرگ |
20 | سرامیک-مواد نسوز-شیشه-گچ-آهک | دکتر میرمحمدعباسیان | - | دکتر میرمحمدعباسیان |
21 | سرامیک برای اهل فن سرامیک | اف.اچ.نورتن | شعبانعلی تشکری | شعبانعلی تشکری |
22 | آنچه هر مهندسی درباره ی سرامیک باید بداند | Solomon musikant | دکتر سعید باغشاهی دکتر رویا آقابابازاده و ... | پژوهشکده صنایع رنگ ایران |
23 | سفال و سرامیک | مهندس سعید گرجستانی | - | دانشگاه هنر |
24 | فن و هنر سفالگری | فائق توحیدی | - | سمت |
25 | کاربرد اشعه مادون قرمز و میکروویودر خشک کردن سرامیکها | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه | - | شرکت مهندسی سرامیک و شیشه |
26 | شناخت و کاربرد سرامیکها | گروه مولفین | - | مجتمع کاشی میبد |
27 | تولید چینی مظروف به روش پرس ایزواستاتیک | مهندس علی آراسته | - | گل آفتاب و چینی مقصود |
28 | شکل دادن بدنه های سرامیکی به روش پودر | شعبانعلی تشکری | - | تحقیقات صنایع سرامیک ایران |
29 | ساختمان کوره های صنعتی | جواد کلاهی و محمدرضا حداد | - | تحقیقات صنایع سرامیک ایران |
30 | کوره های پخت سرامیک | شعبانعلی تشکری | - | شرکت مقره سازی ایران |
31 | کوره های سرامیک | کی میو کیوتانی | علی نمازی | سمت |
32 | تکنولوژی سرامیکهای ظریف | افسون رحیمی مهران متین | - | صنایع خاک چینی ایران |
فرآوری سرامیکها
Ceramic processing
درس تخصصی دوره کارشناسی رشته مهندسی مواد – سرامیک
مسعود محبی
دانشگاه بین المللی امام خمینی
سر فصل درس
فرآوری مواد اولیه Raw material preparation:
قابل استفاده کردن مواد معدنی مورد نیاز برای محصولات سرامیکی (سنتی و پیشرفته)
تکنولوژی های تغلیظ مواد معدنی :
شتسشوی کائولن (بالابردن میزان کائولن (تغلیظ))
تکنولوژی بایر bayer (تولید آلومینا Al2O3 )
تکنولوژی Acheson
فرآوری مواد اولیه:
سنگ شکنها و تکنیکهای آن
آسیاب کردن
روشهای تهیه پودر powder preparation:
Chemical method
Physical method (محدود است)
روشهای شناخت پودرها (خواص پودرها) powder characterization
تفسیر خواص، اثر متقابل با خواص مواد
مورفولوژی: علم شناخت شکل (مثلا شناسایی شکل پودر)، توزیغ مورفولوژی.
شکل دادن:forming
Electrodeposition
CVD
PVD
Tape casting
Injection moulding
روشهای پیشرفته
روش های ساخت کامپوزیت
نقش افزودنیها The role of additives in ceramic processing:
1- اثر در فرآوری
a- افزودنیهایی به کمک آسیاب (Anti-foam, surfactant (ضدکف))
b- افزودنی هایی کمک به پایداری دوغاب
c- افزودنی های کمک به پرس :
الف- Flowability of powder (کمک به خواص جریانی گرانوله ها)
ب- روغنکاری lubricant
d- چسب binder
2- اثر در خواص نهایی
خشکایش Drying
روش های پیشرفته
محاسبات مهندسی (فرموله کردن اثر عوامل بر روی پروسه ها)
تف جوشی sintering
روشهای پیشرفته
محاسبات مهندسی
Machining & Surface finishing
Attachment & Joining
فرآوری مواد اولیه Raw material preparation:
علم مواد چیست؟ یک متخصص مواد باید بداند رابطه بین ترکیب و ساختار چیست و آن را پیدا کرده و بشناسد و پیش بینی نماید و نیز رابطه بین ساختار و خواص و رابطه بین ترکیب و خواص را.
(خواص مواد مبنتی بر ترکیب و ساختار آنهاست) در واقع کار متخصص مواد این است که رابطه میان ترکیب، خواص و ساختار را بشناسد و بتواند با شناخت این روابط پیش بینی های لازم را انجام دهد. در بین این سه عامل، نوع پروسه ساخت نیز دارای اهمیت است و میتواند بر روی خواص و کاربرد و غیره تأثیر بگذارد. لذا یک متخصص مواد، با شناخت رابطه میان این چهار عامل می تواند پیش بینی نماید که چه قطعه ای با چه ترکیب، خواص و پروسه و ساختاری برای یک کاربرد بخصوص می تواند مفید باشد.
اگر بخواهيم بدنه هاي سراميكي بخصوص سراميكهاي مهندسي بسازيم؛ بايستي آگلومره هاي خودبخودي را كنترل كنيم و آنها را ديسپرز كنيم، سپس بدنه اي متراكم مي سازيم. در ادامه انقباض داريم؛ انقباض مرحله خشك كردن و ديگري در زينترينگ و اگر در پروسه ، پليمر هم داشته باشيم، بعد از خشك كردن و قبل از زينترينگ مرحله ي ديگري با عنوان pyrolysis يا polymer burnout داريم( البته زماني اين مرحله را داريم كه مقدار پليمر قابل توجه باشد.)
در اين بخش، تغليظ دو ماده مورد بررسي قرار خواهد گرفت: 1-كائولن (مهمترين ماده سراميكهاي سنتي) ،2-آلومينا (مهمترين ماده سراميكهاي مهندسي).
تغلیظ کائولن
کائولن از هوازدگی سنگهای ثانویه فلدسپاتی پدید می آید. در معدن کائولن، کائولینیت، سیلیس، فلدسپات، کوارتز و ... نیز وجود دارد. بخاطر تاریخچه باستانی که در یک معدن وجود دارد، امکان دارد که نوع کائولن موجود در یک معدن با دیگر معادن تفاوت داشته باشد. (پرکائولینیت، کم کائولینیت، نوع رنگ و ...)
معادن به صورت روباز(open pit) (بهترين معادن كائولن اروپا از اين نوع هستند ودر ايران با وجود اينكه معادن خوبي نداريم ميتوان زنوز و آباده را نام برد)و یا بسته هستند. در یک معدن، نکته مهم برداشت از معدن و هماهنگسازی است. در یک معدن، نقاط مختلف معدن دارای درجه های متفاوت خلوص مواد در جاهای گوناگون می باشد در نتیجه نمی توان به طور ساده عملیات تغلیظ را انجام داد و باید تکنیکهای هماهنگ سازی و انبار صورت گیرد. زیرا مواد استخراج شده باید همگن باشند تا خلوص مواد یکسان باشد، برای این منظور و برای هماهنگ سازی و انبار و یکنواخت سازی از تکنیکهای دپوی چند تپه ای و یا دپو و برداشت عمود بر هم استفاده می گردد.
بسته به نوع معدن کائولنیت موجود در سنگ در یک محدوده مثلاً 25-30 درصد وجود دارد که باید به 70-80 درصد برسد تا درصد کائولن مناسبی داشته باشیم. پس به طور كلي سنگهايي كه از معادن به دست مي آيند بايد دو كار بر روي آنها انجام شود؛ يكي اينكه بايد تغليظ شوند تا درصد كائولينيت افزايش يابد و ثانيا بايد ناخالصيهاي كائولن گرفته شود. ( بعضي ناخالصيها وجودشان مضر است؛ مانند: آهن، تيتانيوم؛ ولي بعضي زياد خطرناك نيستند مثل كوارتز و فلدسپار.)براي سراميكهاي سنتي بيشتر افزايش مينرال كائولينيت اهميت دارد و در صورتي عمليات شيميايي در جهت حذف ناخالصي ها انجام مي شود كه بخواهيم در جهت خاصي استفاده شود.
دو نوع مواد معدني كائولن داريم: 1- معدن پر از كلوخه هاي بسيار محكم باشد (مثل معدن زنوز). 2- كائولن در حالت طبيعي به صورت پودر يا كلوخه هايي با استحكام كم داريم.
پروسه اول: شستشوي كلوخه هاي بسيار محكم كائولن
در مرحله اول برداشت از معدن و انبار كردن در نزديكي كارخانه را داريم. (به ماده برداشت شده كائولن خام(crude kaolin) گويند.)
یک روش برای شروع کار، آسیاب سنگهاست که میتواند خشک یا تر باشد، اگر آسیاب خشک باشد، محصول پودر است که باید جداسازی شده و سپس به داخل آب برود. در روش تر، آسیاب تر انجام می گیرد که محصول دوغابی حاوی کائولن، فلدسپار، کوارتز و... خواهد بود. سختی این مواد با یکدیگر متفاوت است. هرچه نرمتر باشد، در آب راحتتر باز می شود و احتمال زیادی دارد که در بخشهای سخت تر سیلیکای بیشتری وجود داشته باشد. در این مرحله محصول را وارد سیکلون می کنند. در سیکلون مواد را از پایین وارد می کنند و از بالا خارج می کنند. یعنی جهت حرکت مواد، عکس جاذبه است، لذا مواد سنگین تر با احتمال بیشتری، زودتر ته نشین می گردد. این کار را چندبار تکرار می کنند، هرچه که پیش رود، سرعت کمتر می گردد تا به ترتیب مواد ریزتر و سبکتر نیز جدا شوند. (البته سرعت چرخش را هم بايد مورد نظر قرار دهيم؛ چون اگر سرعت زياد باشد كائولينيت هم حل مي شود و بايد سرعتي بهينه باشد .
بعد از جداسازی اولیه، تغلیظ می کنند و دوباره وارد سیکلون می نمایند و این پروسه را برای بالابردن درجه خلوص مواد تکرار می کنند. سپس توسط سرند مواد درشت را جدا کرده و استخرهای بزرگی می کنند. در اینجا ذرات دارای غنای بیشتری از کائولینیت هستند. اما به دلیل رقیق بودن و آب داشتن، محصول در اینجا دارای مقدار آب زیادی است. در این مرحله محصول یا با اضافه کردن افزودنیهایی و دادن زمان، ته نشین می کنند. در نتیجه دو لایه، یکی ضخیم و غلیظ، در پایین و دیگری شفاف و رقیق در بالا ایجاد می شود. از بالا آب را با پمپ خارج می کنند و از پایین مواد غلیظ را وارد فیلترپرس می نمایند.
محصول قبل از فیلترپرس، خاکی غنی از کائولن است که بعد از فیلترپرس بخش زیادی نمکها و افزودنیهای محلول در آب از آن خارج می شود. به محصول بعد از فیلترپرس «کیک» می گویند. بعد از این مرحله کائولن را به صورت پودر در می آورند یعنی خشک کرده و آسیاب می کنند. ولی برای گرانوله کردن (که برای سرامیکها مهم است) کیک را از چرخ گوشت مانندهای بزرگی رد می کنند که خروجی آن به صورت گرانوله هایی خواهد بود که سپس آن را خشک می کنند.
پروسه دوم: شستشوی کائولن نرم (تغلیظ کائولن یا فراوری کائولن):
در بعضی معادن به خاطر تاریخچه ای دارند بسیار نرم هستند و امکان خروج سنگ را ندارند. در نتیجه اگر کارخانه فرآوری نزدیک معدن باشد (به دلایل اقتصادی) دیگر نیازی به استخراج معدن به صورت سنگ و غیره نیست. و لذا توسط جت آب معدن را شستشو داده و مواد حاصل را به صورت استخرهای فرآوری هدایت میکنند. و در بین راه از سرندی رد می کنند تا مواد درشت را جدا سازند و سپس مانند روش قبل مراحل را انجام می دهند. در جاهایی که غلظت معدن بالاست و بسیار نرم است، مواد را مستقیم وارد حوضچه ها و استخرها می کنند که در این استخرها مواد سنگین زودتر ته نشین می شوند که هرچه رو به بالا برویم، غلظت کائولن نیز بیشتر می گردد. در نتیجه نمی گذارند مواد کاملاً ته نشین گردند، و از بالا برداشت می کنند و مراحل تغلیظ را انجام می دهند.
كاربردهاي كائولن:
از کاربرهای کائولن، در صابون سازی، لاستیک سازی، چسب (در این کاربرد به عنوان فیلر و پرکننده است) داروسازی، کشاورزی (حامل کود) و... است.
کاربرد ديگر کائولن در صنایع سرامیک است. مهمترین خصوصیت آن، پلاستیسیته آن است. (ریزدانه بودن و بالاتربودن، میزان کائولینیت که در نتیجه پلاستیسیته بیشتر است) و رنگ (وجود آهن) در کائولن مهم است.
بهترین و مهمترین كاربرد كائولن در صنايع كاغذسازي است.تناژ مصرف كائولن در كاغذسازي خيلي بيشتر از كائولن در سراميك است و به عنوان سفيدكننده و پركننده(filler) در كاغذ مورد استفاه قرار مي گيرد.
گرید Ultra fine: خیلی ریز نیز در صنایع کاربرد دارد.
در صنایع رنگسازی (رنگ سفید یا پرکننده) و صنایع خاص لاستیک سازی.
گرید High Purity : در داروسازی و صنایع آرایشی به عنوان پرکننده استفاده می شود زیرا دانه ها نرم و صابونی هستند.
آشنايي با Al2O3
Al2O3 در تقسیم بندی های اولیه در سرامیکها یک ماده بسیار مهم است و جزو Structural ceramics است.
Structual Ceramics: موادی هستند که برای ساخت قطعات مختلف برای کاربردهای مختلف در یک محدوده وسیع استفاده می گردند. مانند Al2O3، ZrO2، SiC، Si3N4، SiO2، SiAlON، Carbids و...
Engineering ceramics (سرامیکهای مهندسی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار می کند. یا برای بهبود کارکرد وسیله ای دیگر استفاده می گردد.
Advanced Ceramics: هرآنچه که سنتی نباشد، پیشرفته است که در عصر حاضر مطرح گردیده است. (چه ساخت و چه خواص آن) را گویند. یا آنچه که مواد اولیه آن به روش خاص سنتز می شوند و از مواد معدنی و... به طور مستقیم استفاده نمی کند را گویند.
Functional Ceramics (سرامیک های کاربردی یا کارکردی): یک تقسیم بندی است بر اساس کارکرد سرامیکها
1- Electroceramic
2- Optical ceramic
3-Optoelectrical ceramic
4- Bioceramic
Technical Ceramics (سرامیکهای تکنیکی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار میکند یا برای بهبود کارکرد یک وسیله دیگر استفاده می شود. (مانند Engineering ceramic).
Al2O3 مهمترین Structural ceramic است.
فرآوری Al2O3 : عمده مصرف آلومینای تولیدی در دنیا برای تهیه فلز Al است و قسمت کوچکی از آن در استفاده بعنوان نسوز و قطعات سرامیکی مصرف می گردد. برای ساخت قطعات مختلف با خواص مورد نظر، نیاز است تا مواد با خلوص متفاوت از طریق روشهای ارزانتر و با بازده بالاتری آماده گردند.
آلومینا به صورت خالص یافت نمی گردد و تنها مقدار اندکی به صورت سنگهای زینتی و گران قیمت وجود دارد. اما به علت جانشینی های Al و Si، این مواد به وفور در پوسته زمین به صورت مواد آلومیناسیلیکاتی وجود دارند و به ندرت به صورت خالص یافت می گردند.
تهيه آلومينا
معادني وجود دارند كه تا درصد بالايي داراي هيدروكسيد آلومينيوم يا بوكسيت هستند. بوكسيت ماده اوليه براي استخراج Al2O3 مي باشد. انواع روشها براي اين كار وجود دارد كه مهمترين اين روشها روشهاي قليايي مانند باير و لوشاتليه است.
روشهاي ديگر شامل:
1- روش شيميايي تر قليايي ( wet alkaline process)
2- روش شيميايي تر اسيدي (wet acid process)
3- روش ذوب (furnace process)
4- روش كربوترميك( carbothermic process)
5- روش الكتروليتيك (electrolytic process)
6- روش ژل آلومينا (amorphous and gel aluminas)
بوكسيت كه به صورت هيدروكسيدهاي آلومينيوم است را تغليظ نموده و آلمينيوم آن را خارج كرده و پس از عمليات حرارتي، اكسيد كم آب آن و يا هيدروكسيد كم آب آلمينيوم به دست ميآيد و با ادامه عملیات حرارتی (کلسیناسیون) اكسيد آلومينيوم بدست می آید.
روش لوشاتليه:
+ CO2 NaAlO2 → بوكسيت كلسينه شده + Na2CO3
بوكسيت كلسينه شده را با كربنات سديم مخلوط مي كنند و در نتيجه آن آلومينات سديم بدست ميآيد.
اما بوكسيت عناصر ديگري مانند Al , Fe, Si , Ca و... نيز وجود دارند.
مثلاً Si با Na2CO3 سيليكات سديم مي دهد. در نهايت در مخلوط حاصل دو جزء در آب حل ميگردند:
1- آلومينات سديم
2- سيليكات سديم
مابقي حل نشده و رسوب ميكنند لذا محصول را در آب حل كرده و سپس از فيلتر رد ميكنيم تا رسوب از آن جدا گرد.
بنابراين در اين روش داريم:
محلول← آب← فيلتر (رسوب زدايي)← غليظ شدن← افزودن جوانه زا (مانند پودر هيدروكسيد آلومينيوم)← تشكيل رسوب هيدروكسيد آلومينيوم ←فيلتر ←كلسيناسيون Al2O3←
روش باير :
در روش بایر واکنش زیر در اتوكلاو با دماي c ° 160 تا c° 180 و فشار 4 اتمسفر انجام میگیرد:
+ بوكسيت Na2CO3 → H2O + NaAlO2
روش باير در سال 1875 توسط آقاي باير ابداع شد و امروزه بزرگترين شركت توليدكننده Al2O3، شركت آمريكايي آلكوآ ALCOA است که به این روش کار میکند. در اين روش چون فرآيند در اتوكلاو با دماي c ° 160-180 و فشار atm 4 انجام ميگيرد لذا در محلول به جاي CO2 ، H2O خواهيم داشت.
فلوچارت روش باير:
آماده سازي مواد اوليه← حل كردن قليايي ها← تصفيه آلومينياي حاصل ( سيليكات سديم، آلومينات سديم)← رسوب دادن هيدروكسيد سديم ←فيلتر ←كلسيناسيون ←Al2O3
وقتي گيبسيت را اضافه ميكنند آلومينات سديم رسوب ميكند اما راندمان مناسب نيست و بخشي از مواد بدون رسوب كردن در محلول باقي ميمانند. لذا در اين روش ، در اين مرحله گاز CO2 را از محلول عبور ميدهند. عبور CO2 باعث ميشود تا مابقي مواد نيز طبق واکنش زیر رسوب كنند.
2Al(OH)3 + Na2CO3 → H2O + + CO 2 NaAlO2
اگر هيدروكسيد آلومينيوم را حرارت داده (با فشار) و زمان بالايي به آن بدهيم تبديل به Al2O3 مي گردد و اگر تا 400 بالا برده و نگه داريم بخشي از آن خارج ميگردد و تخلخلهاي بسيار ريز و زيادي باقي ميماند. لذا نيروي مكش فوقالعادهاي خواهد داشت. درواقع كلسيناسيون غيركامل هيدروكسيدآلومينيوم تشكيل تك كريستال ميدهد و مثلاً در پالايشگاهها كه باعث خوردگي قطعات ميگردد ( آب شور) ميتوان از اين قطعات براي خشك كردن و يا جذب اختياري مواد و مايعات مختلف استفاده كرد.
در استاندارد جهاني آلوميناي توليدي بايد قيمت تمام شدهي مناسبي داشته باشد تا مورد مصرف صنايع قرار گيرد. لذا مصرف انرژي پروسههاي توليد آلومينيوم براي هر كيلو آلومينيوم بايد در محدوده mj.Kg-1 6/32-4/7 باشد.(به طور ميانگين mj.Kg-116 هر چه كارخانه بزرگتر باشد نيز راندمان بالاتر خواهد بود.)
انواع Al2O3 بدست آمده از روش باير:
1-Low soda Alumina
2-Reactive Alumina
3- Tabular Alumina
4- Fused Alumina
5- Activated Alumina
6- Calcined Alumina
7-high-purity alumina
8-ultra high-purity alumina
محصول پروسه آلومينا، هيدروكسيد آلوميناست كه بعد از كلسينه ، آلومينا شده است. در حالت كلسيناسيون، آب ساختاري خارج مي شود. از 300-400 درجه ، عمل خارج شدن آب ساختاري بر اثر عمليات حرارتي شروع مي شود و تا 700-800 درجه ادامه دارد. وقتي آب ساختاري خارج مي شود، در مقياس اتمي ، جاي خالي به وجود مي آيد و ناپايدار مي شود.
محصول كلسيناسين ، يك ماده پرتخلخل تقريبا آمورف است. بعد يك هيدروكسيد آلومينا بدون آب داريم، بعد از عمليات حرارتي در 1200 درجه سانتي گراد بر اثر rearrangement اتمها، كريستال يا فازهاي آلومينا ايجاد مي شود. اگر Al(OH)3 را عمليات حرارتي كرده تا 500 درجه سانيتگراد دما داده و سريع سرد شود، شبه آمورف به وجود مي آيد؛ ساختاري ناپايدار و پرتخلخل با سطح ويژه بسيار بالا كه با جذب آب پايدار مي شود.
در واقع با اينكار يك هيدروكسيد آلومينيوم پايدار را با يك عمليات حرارتي، كاري انجام داديم تا هر چيزي را كه مي تواند جذب كند. به اين هيدروكسيد آلومينيوم كه بينابين هيدروكسيد و آلوميناست activated alumina مي گويند كه از كاربردهاي آن مي توان به عنوان جاذب يا كاتاليست آن اشاره كرد.
لامپهاي بخار سديمي در ابتدا نور زرد كم سويي دارند و بعد تلالؤ آن افزايش مي يابد.اين لامپ كپسولي دارد كه حاوي بخار سديم است؛ اين كپسول بايستي با سديم واكنش ندهد و دماي بالا را هم تحمل كند و عايق الكتريكي باشد و نور هم از آن عبور كند و سديم از آن رد نشود (ضريب نفوذ كمي داشته باشد) پس ماده مورد استفاده آلوميناي translucent است.
تعريف پودر : دسته اي كه از ذرات متصل به هم تشكيل شده است.(تعريف كلي)
تعريف ذره : به کوچکترین اجزاي جامدی که میتوانند بطور مستقل وجود داشته باشند گفته ميشود. گاهی این ذرات يك توده را ميسازند كه به اين توده Agglomerate گفته ميشود و قابل جدا شدن از يكديگر هستند. اگر اين توده به سختي به يكديگر متصل شده باشند و به سختي از هم جدا شوند به آن Aggregate يا Hard-Agglomerate ميگويند.
آگلومره: توده كوچكي متشكل از ذرات اوليه كه از طريق نيروهاي سطحي يا پلهاي جامد (solid bridge) بهم پيوسته اند و داراي شبكه اي از تخلخلهاي بهم پيوسته اند.
گرانول: آگلوره هايي هستند كه بصورت تعمدي تشكيلي شده و داراي اندازه كنترل شده باشد.
فلاك: اگر ذرات مجزا درون سوسپانسيون بهم بچسبند و توده تشكيل دهند به اين عمليات تشكيل توده، تشكيل فلاك گويند.( خوشه يا دسته اي از ذرات كه بوسيله نيروهاي كشش سطحي يا عوامل فلوكوله كننده آلي در يك سوسپانسيون مايع تشكيل مي شود.)
اگر آگلومره اي در داخل سوسپانسيون بريزيم، نمي گوييم فلاك هستند، بلكه آگلومره هاي باز نشده اند.
كلوئيد: اگر ذرات ابعادش بين 1nm-1µm بود، سوسپانسيون حاصل را كلوئيد مي گويند.(ذرات ريزي كه هنگام پخش شدن در يك مايع بدون ته نشيني ، حركات براوني خود را حفظ نمايند.)
آگريگيت: جزء سازنده داراي اندازه بزرگتر در بچ، گاهي به آگلومره هاي سخت نيز آگريگيت مي گويند. اهميتش در فرمولاسيون نسوز، بتن و آسفالت است. در ساخت سراميكهاي پرسلاني ، مهندسي و ... آگريگيت نداريم، پودر داريم.اگر يك مخلوطي كه مي خواهيم بدنه اي با آن بسازيم و هم ذرات درشت و متراكم استفاده كنيم و هم ذرات ريز و مخلوطي از اينها داشته باشيم، به آن ذرات درشت و متراكم كهه بخش اصلي زمينه را تشكيل مي دهند آگريگيت مي گويند.
ريشه تشكيل اگلومره و چسبيدن ذرات به هم چيست؟
يك عامل نيروهاي واندروالس است و عامل ديگر پيوندهاي ثانويه است كه اهميت كمتري دارند.
استحكام يك توده را چگونه اندازه ميگيرند؟
دو پودر را در نظر بگيريد كه يكي از ذرات سختتر و ديگري از ذرات با چسبندگي ضعيفتر تشكيل شده است لذا ذرات با چسبندگي ضعيفتر ، راحتتر جدا ميشوند و ذرات با چسبندگي قويتر سخت تر جدا ميگردند يك راه اين است كه با وارد كردن فشار بر پودر (مثلاً پرس كردن) ميتوان استحكام توده را سنجيد.
اگر يك اگلومره بزرگ را كه از پودرهاي مختلف تشكيل شدهاند را تحت فشار قرار دهيم هم اتصال ميان اگلومره و اگلومرهها راحتتر شكسته ميشود و هم درون اگلومره شكسته ميشود و پودرها جدا ميشوند. نمودار زير نشاندهنده رابطه فشار و دانسيته پودر است. ابتدا اگلومرههاي ضعيف و سپس قوي شكسته ميشوند، لذا با مقايسه نمودار فشار- دانسيته در پودر هاي مختلف ميتوان استحكام اگلومرههاي دو پودر را نسبت به هم سنجيد كه اتصال كدام قويتر و كدام ضعيفتر است.
لذا از طريق اين روش تنها ميتوان استحكام را با هم مقايسه كرد آن هم به طور نسبي ولي نميتوان عدد خاصي براي آن يافت. راههاي ديگري نيز وجودارد:
پودر را به صورت خشك يا تر بر روي الك ريخته و ويبره ميكنيم. مدت زماني كه طول ميكشد نشاندهنده استحكام پودر است، ارتعاش الك باعث خرد شدن اگلومرها و رد شدن آنها از الك ميگردد. (اين روش مقايسهاي است.)
هر اگلومره از ذرات تشكيل شده است. به اين ذرات هم ذرات ابتدايي هم ذرات نهايي ميگويند. هنگامي كه پودر را سنتز مينمايند ، اين ذرات اولين ذراتي هستند كه به وجود ميآيند لذا به آنها ذرات اوليه ميگويند و زماني كه پودر تشكيل ميشوند و آنها را ديسپرز ميكنيم تبديل به ذرات نهايي ميگردند بنابراين به ذرات نهايي نيز معروفاند.
هر كدام از ذرات از كريستاليتها تشكيل شدهاند.
تعريف اگلومره: تودهاي از ذرات است كه ذرات (particle) آن قابل جدا شدن هستند. اما خود ذرات به كريستاليت تبديل نميشوند.
بنابراين هنگام اعمال فشار ، ابتدا اتصالات ضعيفتر ميشكنند و با افزايش فشار اتصالات قويتر نيز شكسته ميشوند و دانسيته رفته رفته افزايش مييابد. آخرين مرحله افزايش دانسيته مربوط به اتصالات بين ذرات است و شكسته شدن آنهاست كه اتصالات قويتر دارند.(نمودار قبل در مراحل اوليه رسم شده است، لذا پس از مدتي ثابت ميگردد و روند افزايش دانسيته رسم ميگردد و بسيار كم ميشود. در مراحل اوليه افزايش استحكام مرتب شدن داريم ولي به خاطر اينكه ذرات با يكديگر اصطكاك زيادي دارند اين مرتب شدن خوب صورت نميگيرد لذا ذرات را اسپري دراير ميكنند تا اين كار به خوبي صورت پذيرد.)
پس هر عاملي كه بتواند با اعمال نيرو ذرات پودر را از هم جدا گرداند و اتصالات آنها را بشكند و سپس ميزان ريز و درشتي پودر را بسنجد ميتواند معياري براي سنجش استحكام پودر باشد.
چرا ذرات و پودرها در سراميك مهم هستند؟
چون بجز موارد بسيار اندك (در ذوب و ريختهگري) روش شكلدهي سراميكها توسط پودر است. و در آنها بايد به شكلي پودر را سر هم كرده و شكل داد و سپسس آنها را سنتز نمود.
سراميك assamble شده را بايد زينتر نمود. در زينتر كردن عامل بسيار مهم انرژي سطحي پودر است. هرچه پودر ريزتر باشد ، انرژي سطحي بالاتري دارد لذا در هنگام زينتر كردن در درجه حرارت و زمان كمتري ميتوان به دانسيته بالاتري دست يافت. هرچه پودر ريزتر باشد انرژي سطحي بالاتر است و نيرو محركه بالاتري دارد و لذا قابليت زينتر شدنش بيشتر خواهد بود.
قابليت زينتر شدن از اين جهت اهميت دارد كه هرچه بالاتر باشد ، پودر در دماي پايين تر و زمان كمتري زينتر ميگردد و چون هرچه زينتر شدن در دماي بالاتري صورت گيرد دانهها درشتتري ايجاد ميشوند (رشد دانه) و كنترل بر روي ريزساختار كمتر ميگردد. حال اگر قابليت زينتر شدن بالا باشد، زينتر در دماي پايين تر صورت ميگيرد و چون انرژي ذرات براي رشد در دماي پايينتر كمتر است لذا رشد دانه كمتر صورت ميگيرد و خواص قطعه نهايي كمتر دچار مشكل ميگردد لذا قابليت زينتر شدن بر روي ريزساختار اثر ميگذارد.
بنابراين هرچه پودر ريزتر باشد انرژي سطحي بالاتر است پس قابليت زينتر بالاتر است و دماي كمتري براي زينترينگ لازم است (قابليت زينتر در مسائل اقتصادي و زماني نيز حائز اهميت است.)
اما آيا روند افزايش قابليت زينترينگ و انرژي سطحي همواره باعث افزايش دانسيته ميگردد؟
منحنی نشان می دهد که (fig. 4.6) هرچه سطح ویژه زیادتر می گردد، انرژی سطحی سیستم نیز زیادتر می گردد (رابطه خطی است) اما دانسیته خام با افزایش سطح ویژه پودر افزایش می یابد. زیرا هرچه سطح ویژه زیاد می گردد، اتصالات ذرات و اگلومره ها قوی تر می گردد و اگلومره بیشتر و بزرگتری تولید می گردد. و هرچه اگلومره بیشتری تولید شود، فضای بیشتری بین آنها خالی می ماند و دانسیته خام کاهش می یابد. پس ریزدانه کردن ذرات و افزایش سطح ویژه به دلیل بالابردن قابلیت زینترینگ مطلوب است اما دانسیته خام را کاهش میدهد و هرچه دانسیته خام کاهش یابد، دانسیته نهایی نیز کم می شود.
هرچه پودر درشت تر باشد، تشکیل اگلومره کمتر خواهد شد. یکی از دلایل اسپری درایر کردن این است که ما خود پودر را به صورت اگلومره در بیاوریم تا دیگر پودر در هنگام پروسه، تشکیل اگلومره ندهد تا packing factor افزایش یابد.
یکی دیگر از پروسه هایی که به استحکام اگلومره ها منجر می شود با استفاده از انواع آلتراسونیک است . التروسونیک در واقع امواج ما فوق صوت است که با استفاده از ارتعاش ایجاد شده توسط امواج مافوق صوت پودر ها را به ارتعاش در آورده و در نتیجه آن پیوند میان اگلومره ها و ذرات می شکند . در این روش باید یک سوسپانسیون از پودر درست کرد ( بدون سوسپانسیون این روش کاربرد ندارد) و سوسپانسیون را تحت آلتراسونیک قرار داد تا در نتیجه آن ذرات شکسته شوند. لذا اگر به یک روش بتوان اندازه ذرات را سنجید، می توان مشاهده کرد که پس از آلتراسونیک اندازه ذرات کاهش می یابد. طبق منحنی بعد از ده دقیقه روند کاهش میانگین اندازه ذرات متوقف می گردد. این روند نزولی به این دلیل است که امواچ مافوق صوت اتصالات میان ذرات را می شکند. در ابتدا چون اگلومره های بزرگ داریم، با امواج شکسته میشوند و به ابعاد ریزتر می رسند ( با لیزر یا x-ray میتوان اندازه ذرات را دید و سنجید). لذا پس از مدتی به اندازه ذرات ریز دست پیدا می کنیم. روش آلتراسونیک دارای efficiency بالایی است، اما قدرت نفوذ کمی دارد، یعنی زود اثر می کند.
آیا اندازه ذرات نشان داده شده در منحنی ثابت شده است؟، اندازه واقعی ذرات و اندازه نهایی ذرات چقدر است؟ خیر، زیرا در این روش، اندازه ذرات به اندازه نهایی نمی رسد، خصوصاً اگر پیوند بین ذرات محکم باشد، لذا در آلتراسونیک بخشی از ذرات پیوندشان با هم باقی می ماند و نمی شکند.
در XRD برای آنالیز از پودر استفاده می شود. هرچه پودر ریزتر باشد، پهنای پیکهایی که از XRD بدست می آید، زیادتر می گردد تا یک حدی این پهنا خیلی اهمیت ندارد، اما در اندازه دانه های مایکرو و خیلی ریز، این پیکها دارای پهنای بیشتری می گردند، لذا از طریق اندازه پهنای پیک می توان تا حدودی به اندازه ذرات پی برد. این روش هم روشی مقایسه ای است. به این روش، روش پهن شدن کمی پیک می گویند.(این ها روشهای آنالیزی هستند)
با استفاده از میکروسکوپ اندازه ذرات را بررسی کرد، که این روش یک روش آنالیتیک نیست بلکه یک روش کوآلیتیک است. پودر را برای دیدن در زیر میکروسکوپ باید خشک نمود. برای این کار مثلاً یک قطر از سوسپانسیون را بر روی سطح می ریزند و در زیر میکروسکوپ مشاهده می کنند، لذا اگر سوسپانسیون غلیظ باشد، ذرات در هنگام خشک شدن، دوباره تشکیل اگلومره می دهد. برای جلوگیری از این عمل از سوسپانسیونهایی بسیار بسیار رقیق استفاده کرد و سرعت خشک شدن را زیاد نمود تا درنتیجه سطح ویژه ذرات زیاد به هم نچسبد.
روشهایی متفاوتی برای اندازه گیری اندازه ذرات وجود دارد. قدیمی ترین و مهمترین دستگاه ها، دستگاه سدی گراف است که با X-Ray کار می کند و محدوده قابل اندازه گیری، اندازه ذرات مشخصی دارد. باید یک رابطه interaction میان طول موج Xray و اندازه ذرات وجود داشته باشد. یعنی X-ray میتواند ذرات را با اندازه مشخص detect کند.
دستگاههایی نیز هستند که با لیزر و یا با پراکندگی نور کار می کنند. این دستگاه ها هم با توجه به طول موج نور مورد استفاده، ابعاد متفاوتی از ذرات را می توانند شناسایی کنند. هر دستگاهی که استفاده گردد، میتواند نتایج حاصله از آن را توسط روش هایی مانند میکروسکوپی و یا اندزاه گیری سطح ویژه، چک کرد. این کار برای کاربردهای دقیق لازم است، اندازه ذره، اندازه کوچکترین اجزایی است که در سوسپانسیون وجود دارد. لذا اگر اگلومره به ذرات نهایی شکسته شده باشند، آنچه اندازه گیری می شود توزیع اندازه ذرات نهایی خواهد بود، اما اگر اگلومره را نشکسته باشیم، اندازه گیری انجام شده،اندازه کوچکترین جزیی است که به طور مستقل حرکت می کند. زیرا این دستگاه ها چیزی را که به صورت واحد و یکپارچه حرکت می کند را دیده و اندازه می گیرند. پس دستگاه ها، اندازه اجسامی را که به صورت توده حرکت می کنند را اندازه می گیرد، حال چه این ذرات به صورت ذرات نهایی و یا به صورت اگلومره باشند.
شکل 3-5 یک روش اندازه گیری اندازه ذره: روش به این صورت است که تعداد ذراتی را که در یک محدوده ابعادی دارند، را می سنجد لذا اگر هرکدام از ستونها را با ستونهای قبل از آن جمع ببندیم، cumulative بدست می آید. Cumulative یعنی انباشته شدن روی هم که همان منحنی خط چین است. اگر همه را با هم جمع کنیم، برابر 100 درصد می شود.
شکل 4-5:
توسط روش Sedimentation اندازه گیری شده است. این روش به روش سدی گرافی و یا روشهایی که با نور های مختلف کار می کنند، به این صورت است که سوسپانسیون را اجازه می دهند تا ته نشین شود، چون ذرات درشت زودتر از ذرات ریز ته نشین می گردند، لذا دستگاه ذراتی را که زود ته نشین می شوند و سرعت بیشتری دارند، را یک معیاری از آنها بدست می آورد و همین طور بقیه ذرات را. و سپس با استفاده از سرعت رسوب و ربط دادن آن با اندازه ذرات، میتواند اندازه ذرات را بدست آورد. یعنی اگر سرعت سقوط یک ذره را در یک مایع با ویسکوزیته مشخص داشته باشیم، می توانیم اندازه آن را نیز بدست آوریم.
در بیشتر پروسه های شکل دهی، پودرها را در یک مایع و در یک محیط disperse می نمایند. لذا در اکثر روشها به یک مایع نیاز داریم زیرا با ورود مایع پودر قابلیت شکل گیری می یابد که بعد از فرم گرفتن باید به نوعی مایع را از سیستم خارج کرد. در انواع روشهای فرم دهی، به غیر از پرس خشک، بقیه روشها نیازمند درصدی رطوبت هستند، تا به صورت خمیری یا دوغاب در آیند.
بسته به نوع مایع مورد استفاده، دمای محیط و کاربرد و نوع پودر و غیره مخلوط پودر و مایع می توانند دارای ویسکوزیته های مختلفی باشند.
ویسکوزیته: نسبت تنش برشی به سرعت برشی در بین صفحات (لایه ها) مایع. (میزان اصطکاک میان لایه های سیال)
هرچه ویسکزیته بیشتر باشد، به ازای تنش ثابت، سرعت برش کمتر خواهد بود. نحوه ی اندازه گیری تنش برشی و سرعت برشی در شکل نشان داده شده است. که یک مایع در میان دوصفحه ثابت در حالت ثابت است. به دلیل ثبات دو صفحه مایعی که بلافاصله بعد از دو صفحه قرار دارد نیز ثابت است و رفته رفته هرچه از دو صفحه دورتر می شویم، مایع حرکت کرده و به سرعت حرکت آن افزوده می شود، تا در وسط به حداکثر میزان خود برسد. ویسکوزیته به دما، اندازه ذرات دوغاب، بار ذرات دوغاب، شکل ذرات دوغاب، نوع توزیع ذرات دوغاب، محیط سیال یا نوع مایع (قطبی یا غیرقطبی بودن و...) بستگی دارد. (انتخاب مایع بستگی به نوع پروسه دارد. مثلاً برای روشی که نیاز به ویسکوزیته نسبتاً بالا دارد، باید از مایعی با ویسکوزیته نسبتاً بالا استفاده کرد.) عوامل پایدار کننده سوسپانسیونها نیز در ویسکوزیته موثرند.
چرا تیکسوتروپی رخ می دهد؟
ذرات در دوغاب به علت عدم خنثی ای الکتریکی واینکه در سطح خود به علت پیوندهای شکسته دارای بارهای الکتریکی هستند و نیز به دلیل نزدیک شدن به هم و برقراری نیروی واندروالس می توانند به یکدیگر متصل شوند (مانند ساختار لبه به سطح یا سطح به سطح توسط ذرات کروی، بشقابی یا سوزنی شکل)
در نتیجه ی این اتصال و سکون سیال، ذرات توسط نیروی های واندروالس به یکدیگر می چسبند و چنین مایعی از رفتار سیال به سمت رفتار ویسکوز با سیالیت کمتر می رود اما اگر در اثر هم زدن، این اتصالات را از بین ببریم، مایع سیال می شود که در صورت سکون دوباره این پیوندها و اتصالات به وجود می آیند. این رفتار را تیکسوتروپی می گویند.
ریشه های اهمیت فرآوری پودرها:
1-که علت اصلی آن بارهای سطحی ذرات دوغاب است.
2-برای افزایش قابلیت سینترینگ مواد، باید ذرات را ریزتر کنیم (ریزتر شدن ذرات تا یک مقدار باعث افزایش دانسیته شده و از آن به بعد باعث کاهش آن می گرد و داری یک مقدار اپتیمم است).
اما وقتی ذرات را ریزتر کنیم، ذرات مستعد این هستند که به یکدیگر بچسبند و دوباره توده های بزرگتری را تشکیل دهند. بنابراین باید به نحوی از این کار جلوگیری کرد و پایدارسازی را انجام داد و ذرات را همچنان جدا نگه داشت.
پایدار سازی به دو روش امکان پذیر است:
1- فضایی (Steric)
2- الکترواستاتیکی (Electrostatis) که با استفاده از نیروهای الکترواستاتیک سیستم را پایدار می کندو با استفاده از عواملی که بر روی سطح ذرات بار ایجاد می کند. بر روی ذرات بار همنام ایجاد می کند تا ذرات همدیگر را دفع نمایند.
در بسیاری از ذرات ( به خصوص سرامیک های سنتی) ذرات دارای بار هستند.
ریشه های بارداری ذرات:
1-رهایی و خروج بارهای سطحی.
2-واکنش با مایع (با آب = هیدرولیز) که تابع PH است.
3-جذب یون های خاص.
مثلا رس ها در هنگام تشکیل، در میان لایه های خود تعدادی یون های قلیایی جذب می کنند. حال اگر این ذره در مایعی مانند آب قرار بگیرد و بعضی از این یون ها آزاد میگردند و به جای آنها یک بار منفی روی ذره قرار می گیرد.
با انتخاب پودر و مایع برای تشکیل دوغاب (سوسپانسیون) دو عامل اول به صورت خود به خود ( و بدون کنترل) رخ خواهد داد. اما عامل سوم را می توان برای ایجاد یا تقویت پایدارسازی به وجود آورد. برای مثال در پایدارسازی الکترواستاتیکی ذراتی را وارد مایع می کنند که دارای بار مخالف ذرات سوسپانسیون است. این یون های جدید دور ذرات قرار گرفته و یک لایه را تشکیل می دهند و لذا از نزدیک شدن ذرات به هم جلوگیری می کنند و باعث دفع یکدیگر میگردند و د ر نتیجه یک پتانسیل دافع (Vvep) به وجود می آورند.
پتانسیل زتا: پتانسیل در لایه هیدروداینامیک را گویند.
پس کاری می کنند که بار سطحی ذرات صفر شود. لذا نتیجه و نشانه این که بار ذرات صفر نشده است این است که اگر ذرات را در میدان الکتریکی قرار دهند ذرات به سمت دو قطب حرکت نکنند. اگر این خنثی ای رخ دهد، به آن نقطه و به آن PH، نقطه ایزوالکتریک گویند.
کنترل کردن پایداری:
کنترل کردن پایداری به نوعی کنترل کردن ویسکوزیته و نیز پروسه فرم دهی می باشد. و نیز پایدارسازی باعث می شود که عمل عکس آن و چسبیدن ذرات به یکدیگر صورت نگیرد.
پایدارسازی فضایی:
در روش قبل باید ذرات باردار باشند، لذا برای ذرات غیر باردار خیلی کارآیی ندارد، (البته تمام ذرات به دلیل پیوندهای شکسته سطحی دارای بار بر روی سطح خود هستند، که بعضی دارای بار زیاد و بعضی بار کم هستند). یک راه فیزیکی برای پایدارسازی استفاده مولکول های زنجیرهای بلند پلیمری است که با اتصال آن به ذرات، از نزدیک شدن ذرات به یکدیگر جلوگیری به عمل می آید.
عاملی که سبب می شود نگذاریم ذرات به یکدیگر نزدیک شوند نیروی واندروالس است. نیروی واندروالس یک نیروی همواره جاذبه است که در فاصله های کم عمل می کند، لذا در پایدارسازی نمی گذارند تا ذرات به هم نزدیک شده و این نیرو عمل کند.
اگر بتوان به روشی حرکت ذرات را در میدان الکتریکی مشخص نمود، می توان نوع بار ذرات را نیز تعیین کرد.
روش "Barton Tube":
پس از اینکه سوسپانسیون به درون لوله رفت یک زمان کوتاهی به مایع فرصت داده می شود تا کمی ته نشین گردد، قبل از اعمال بار به الکترودها نحوه ی ته نشینی ذرات در دو طرف به صورت متقارن است اما پس از اتصال الکترودها در نحوه ی ته نشین شدن ذرات تغییر ایجاد می شود و اختلاف سطحی در دو طرف ایجاد می گردد که نشان دهنده ی نوع ذرات باردار سوسپانسیون است.
محاسبات خرد کردن (Pulvarization):
یک مکعب با اضلاع a داریم که مساحت سطحی آن برابر 6a2 است. حال اگر آن را به n قسمت مساوی تقسیم کنیم داریم:
که عدد به دست آمده برابر سطح اضافه شده است.
حال اگر ذرات کروی با شعاع r داشته باشیم سطح اضافه شده برابر است با:
برای خرد کردن ذرات، انرژی صرف می نماییم، این انرژی صرف ایجاد سطوح جدید می گردد و لذا :
میزان انرژی مصرف شده متناسب است با ایجاد سطوح جدید.
چون سطح بیشتری ایجاد می کنیم لذا باید انرژی بیشتری مصرف کنیم، زیرا در سطوح جدید پیوندهای ناکامل وجود دارد و لذا انرژی سطحی زیادی داریم. که این همان انرژی ای است که صرف خرد شدن ذرات شده است.
در هر صورت میزان اضافه شدن مضربی از (n-1) است.
مثال: برای خرد کردن سنگ معدنی با ابعاد متوسط mm 50 حدود 20 اسب بخار (HP) نیرو لازم است تا به ابعاد ریزتر تا mm 4 برسیم، مطلوب است نیروی لازم برای خرد کردن همان سنگ تا ابعاد mm 0.75 .(هر دو پروسه به ازای یک زمان خاص و برابر انجام می گیرد).
n= نسبت ابعاد اولیه به ثانویه.
سطح 1:
سطح 2:
HP 20 2258
114.21=x 128942
راه دوم:
خرد کردن (Crushig):
خرد کردن در مقیاس بزرگ را ریز کردن گویند. از سنگ شکن ها (crushers) استفاده می کنند و هدف رسیدن ذرات به ابعاد 4-6 cm است. (در اینجا ابعاد اولیه می تواند بسیار بزرگ باشد)
آسیاب کردن (Griding/milling):
در مقیاس (اندازه) کوچکتری ذرات را ریز کردن گویند. از 4-6 cm به ریزتر تبدیل می کنند که از دستگاههای Grinders یا Mills (آسیاب ها) استفاده میکنند.
Crushers: (a) jaw, (b) gyratory
Jaw crushers (سنگ شکن های فکی):
سنگ شکن های فکی از همه متداول تر و مهم تر هستند. دارای یک فک ثابت و یک فک متحرک هستند و بین این دو سنگ ها گیر می کنند و خرد می شوند، جنس فک ها از فولادهای منیزیمی است.
انواع سنگ شکن های فکی از نظر مکانیزم کار سه دسته اند:
برای سنگ شکن های فکی نسبت دهانه(D)به گلوییd))برابر است با:
محدوده ی تغییرات 4-5 =D/d
ضریب خرد کردن (R): نسبت اندازه ی بزگ ترین قطعات در خوراک به اندازه ی کوچکترین قطعات در محصولات را گویند.
T= ظرفیت تولید (هر چه d یا L کوچکتر باشد ظرفیت تولید کمتر است)
K= ثابت است و مقدار آن برابر 0.6 است.
جنس فک ها از فولاد منیزیم دار است و میزان سایش بستگی به نوع سنگ دارد. اگر سنگ نرمی داشته باشیم، میزان سایش فک ها کم است و به عکس. معمولاَ بیشتر سایش در نیمه ی پایینی فک ها (از وسط به پایین) رخ می دهد. بین 10-1 gr به ازای هر تن سنگ عبوری از سنگ شکن از فک ها خورده می شود.چون فک ها قطعات بزرگی هستند عوض کردن آنها به دلیل سایش های شدید کار سختی است. برای همین فک ها را به صورت تکه تکه می سازند، که برای عوض کردن فک به دلیل سایش و خوردگی تنها بخش رویی آن قابل تعویض باشد.
مکانیزم گیر انداختن ( Arresting Mechanism):
وقتی سنگ ها را به درون crusher می ریزیم این سنگ ها را باید به نوعی بین فک متحرک و فک ثابت گیر انداخت تا سنگ خورد شود و لذا بر روی فک ها شیارهایی ایجاد می کنند تا ضریب اصطکاک سطح بالا برود و سنگ بین سطوح به دام بیافتد.
سنگ شکن های ژیراتوری (Vibrating or cone crushers):
در بعضی مدل ها علاوه بر گردش مخروط، مخروط بالا پایین هم می رود (توسط حرکت لنگ)
سنگ شکن ضربه ای:
Size reduction: 1.5 m - 20 cm; production rate:1500 tph
با ورود مواد، مواد اولیه به چکش هایی که روی یک چرخ بزگ قرار دارد برخورد می کند و با شتاب به دیواره برخورد کرده و خرد می گردد و به پایین افتاده و از آن خارج می گردد.
ضریب خرد کردن بین 6-4 است.
مقایسه ی سه نوع سنگ شکن:
مدت زمانی که کار مفید در سنگ شکن انجام می شود، در ژیراتوری از دو نوع دیگر بیشتر است. سنگ شکن فکی فقط در زمان ضربه زدن کار مفید انجام می دهد و چکشی هم در هنگام ضزبه زدن کار مفید انجام می انجام می دهد اما در ژیراتوری همواره کار مفید انجام می شود و در ژیراتوری دائماَ کار مفید انجام می گیرد لذا ظرفیت بیشتری دارد.
در ژیراتوری با ابعاد خروجی و ورودی برابر با بقیه، ظرفیت 2.5 برابر دو نوع دیگر است. لذا سایش بیشتری هم از دو نوع دیگر دارد. از نظر وزن کلی سیستم ژیراتوری سبک تر از دو نوع دیگر است اما به علت مکانیزم پیچیده تر هزینه نگهداری بیشتری دارد.
لذا به طور کلی می توان گفت راندمان آن بالاتر است.
if
که در آن T ظرفیت به تن و D قطر خوراک بر حسب in است.
اگر مواد نرم یا نیمه سخت باشند از ضربه ای استفاده می شود.
بعد از آنکه ماده از سنگ شکن خارج شد باید تست شود که آیا برای مراحل بعدی دارای ابعاد مناسبی است یا خیر.
پروسه ی مدار باز (Open Circuit):
Feed ← Primary Crusher ← الک کردن (screen) ← اگر کوچکتر از اندازه ی غربال باشد رد شده و مورد تائید می گردد. در غیر این صورت اگر بزرگتر از اندازه ی غربال باشد دوباره باید خرد شود پس وارد Secondery Crusher می شود و بعد از خرد شدن ثانویه به صورت محصول وارد می شود و دیگر غربال نمی گردد.
پروسه ی مدار بسته (Close Circuit):
Feed ← Primary Crusher ← الک کردن (screen) ← اگر کوچکتر از اندازه ی غربال باشد رد شده و مورد تائید می گردد. در غیر این صورت اگر بزرگتر از اندازه ی غربال باشد دوباره باید خرد شود پس وارد Secondery Crusher می شود و بعد از خرد شدن ثانویه حتماَ باید از غربال رد شود، حتی پس از خردکن ثانویه.
بسته به اینکه ماده ی ورودی و محصول چه نوعی است از سنگ شکن های ثانویه متفاوتی استفاده می شود.
سنگ شکن های ثانویه:
Grinders: (a) hammer mill, (b) plate mill
1- فکی کوچک.
2- ضربه ای کوچکتر: در این سنگ شکن ها چون کوچکترند علاوه بر اینکه ضربه می زند در قسمت پایین نیز به علت اصطکاک بین فک ها و سطح زیرین خردایش بیشتری صورت می گیرد.
3- ژیراتوری ( دو استوانه ی درون هم و غیر هم محور با ضریب خرد کردن 2.5-1.5)
4- غلطکی (Rolls):غلطک های فلزی هستند که عکس یکدیگر می گردند و ذرات را بین خود گیر انداخته و خرد می کنند. دندانه های روی غلطک سبب اصطکاک بیشتر و خرد شدن بیشتر، سنگ ها می شود .
در عمل e کوچک است لذا می توان از جمله ی اخر صرف نظر کرد، پس:
f ضریب اصطکاک بین سنگ و رولر است و مقدار آن از نظر عددی بزرگتر محاسبه شده است.
θ زاویه بین خط عمود بر مماس های بین سنگ و رولر است.
θباید بزرگتر از 25 درجه باشد تا قطعه بین دو غلطک گیر بیفتد (بسته به نوع ذره و فاصله ی غلطک ها دارد).
برای فولاد (جنس رولرها) می توان 0.3 = f فرض نمود. یعنی برای خرد کردن قطعات کوچک باید از غلطک های بزرگ استفاده نمود، که این یک عیب است. این غلطک ها از لحاظ اندازه ی خوراک نیز دارای محدودیت هستند. (عیب دیگر)
برای مثال رولر با قطر 1.4 متر برای سنگ هایی با قطر متوسط 2.6 سانتی متر مناسب است و محصول دارای قطر 0.43 سانتی متر است. در نتیجه این روش دارای محدودیت هایی از لحاظ اندازه ی خوراک و اندازه ی رولرها است که یک عیب محسوب می گردد.
اگر بر روی غلطک ها شیار ایجاد کنیم، ضریب اصطکاک را بالا می بریم و راندمان افزایش می یابد.
Nتعداد دور غلطک (دور در دقیقه rpm)
D قطر غلطک(in)
d قطر متوسط خوراک
W پهنای غلطک(in)
ρ وزن مخصوص سنگ (lb.in-3)
Feed ← آسیاب ← Screen ← موادی که از غربال عبور کنند محصولات ما هستند و هر چه عبور نکند مجدداَ به آسیاب باز می گردد.
بار ورودی به آسیاب = A
مقدار محصول عبوری از غربال = P
مقدار بازگشتی در ساعت اول = A(1-P)
مقدار بازگشتی در ساعت دوم = [A+A(1-P)](1-P)
مقدار بازگشتی در ساعت سوم = {A+[A+A(1-P)](1-P)}(1-P)
ظرفیت =
الک کردن (Screening) :
عوامل مهم در عبور و حرکت ذره از الک:
1- ضخامت الک که هر چه کمتر باشد احتمال عبور بیشتر است.
2- زاویه حرکت ذره نسبت به الک. اگر ذره به صورت عمودی بیاید می تواند عبور کند ولی اگر به صورت مایل بیاید امکان دارد از الک عبور نکند.
3- اختلاف اندازه ذره با محفظه ( اختلاف D,d) که هر چه بیشتر باشد احتمال عبور بیشتر است.
خواص سوسپانسيونها
رئولوژي: علم مطالعه جريان سيال
در روشهاي فرآوري سراميكها از ويسكوزيته هاي مختلفي استفاده مي شود .(طبق جدول بالا)
اساس اندازه گيري ويسكوزيته اينست كه مقاومت به جريان را اندازه گيري كنيم. براي مثال مي توان از يكي از روشهاي زير استفاده كرد.
با استفاده از روشهاي بالا به نمودارهايي ميرسيم كه نشاندهنده رفتارهاي متفاوت است.
ويسكومتر لوله موئين:
در يك ويسكومتر لوله موئين زمان حركت سيال از ميان يك لوله موئين تحت يك اختلاف فشار معين اندازه گيري مي شود.
يك نوع مشخص و تجاري از اين نوع ويسكومترها، ويسكومتر OSTWALD مي باشد.
در اين دستگاه زمان حركت سيال از A تا B اندازه گيري شده و ويسكوزيته سينماتيك را از معادله Poiseuilleبدست آورند.
ويسكومتر چرخشي:
- استوانه هاي هم محور:
ساده ترين نوع از اين ويسكومترها مي باشد. مايع مورد نظر در بين دو استوانه هم محور تحت برش قرار مي گيرد.
ويسكومتر :Couette
در اين نوع ويسكومتر استوانه خارجي با سرعت مشخص چرخانده مي شود و گشتاور ايجاد شده اندازه گيري ميگردد.
ويسكومتر :stormer
در اين نوع دستگاه ها استوانه خارجي ثابت بوده و استوانه داخلي چرخانده مي شود.
"The Rule of additives in processing of Ceramic"
Anti foam Agent : کاهش و از بین بردن کف در پروسه.
Foam stabilizer : ایجاد و پایدار کردن کف در پروسه.
Fungicide and bactericide : ضد باکتری و ضد قارچ هستند. در بعضی از مواد ریشه هایی وجود دارد که مکن است ایجاد باکتری و قارچ کنند و خواص را تغییر دهند.
Chelating or sequestering agent : عواملی که یون های نا خواسته را خنثی می کنند و یا بعضی از یون ها را فعال تر می نماید.
مایع سیستم:
ذرات جامد + مایع( که جزء اصلی سیستم است) + افزودنی ها (Addetives) سیستم را تشکیل می دهند.
آب مهمترین مایع است. آب مایعی قطبی با کشش سطحی و ضریب دی الکتریک نسبی بالایی است. برای افزودن افزودنی به هر مایع باید در نظر داشت که آن افزودنی در مایع حل شود. فرمول کلی این است که مواد قطبی در قطبی و مواد غیر قطبی در غیر قطبی حل می شود.
در آب یون های مختلفی ممکن است وجود داشته باشد. برای اندازه گیری میزان سختی آب یا میزان یون های مختلف در آب، با اندازه گیری هدایت الکتریکی آب می توان این کار را انجام داد. این کار توسط رابطه تجربی TDS انجام می گیرد.
که در آن 0.055= ρ برای آب خالص و c مقاومت ویژه ی آب است.
وجود یون ها ممکن است باعث تغییر در خواص گردد. مثلاَ Ca باعث ناپایداری دوغاب می گردد و یا بعضی از یون ها باعث زودگدازی بدنه ی نهایی می گردد و... لذا باید آب را از این یون ها تصفیه نمود.
تصفیه آب:
1- نیتراسیون صنعتی + حرارت دهی: آب را از الکترودهایی عبور می دهند و در یون ها در اکترودها تغییر می کنند و آب خارج شده بدون یون خواهد بود.
2- مواد کربن اکتیو.
3- رزین های با قابلیت تعویض یونی: این مواد سطح فعال زیادی دارند و این سطح جاذب یون است لذا با عبور آب یون های محلول در آب را جذب می کنند.
بعد از آب مهمترین مایع، الکل ها هستند.
بین مایع و ذرات یک سطح تماس وجود دارد (interface) لذا مایع، سطح ذرات را خیس می کند. میزان تر کنندگی مایع مهم است. اگر مایع سطح ذرات را خیس کند یعنی از نظر انرژی سطحی مناسب است و ترکیب مناسبی داریم. اما اگر تر نکند باید ازافزودنی ها استفاده کنیم زیرا در غیر این صوورت مایع و ذرات از هم فرار می کنند و جدا می شوند.
سطح جامد در برابر مایع دو نوع برخورد دارد:
1- مایع گریز lyophobe (آب گریز hydrophobe) ← ترکنندگی نداریم ← افزودنی اضافه می کنیم ← wetting agent که فقط به ترکنندگی کمک می کند اما surfutant علاوه بر ترکنندگی در dispertion نیز موثر است.
2- مایع دوست lyophile (آب دوست hydrophile) ← ترکنندگی داریم ←در اینجا مایع کمک می کند تا ذرات از هم و گرانوله ها از هم جدا شوند و لذا به جدایش این ذرات از هم کمک می کند.
با افزودن افزودنی و ترکننده، سطح آب گریز به سطح آب دوست تبدیل می گردد. مولکول های این عوامل دارای یک بخش آب دوست و یک بخش آب گریز هستند. لذا از سمت آب گریز خود به سطح ذرات می چسبند و چون سطح آب دوست آنها آزاد است، می توانند به مولکول های آب بچسبند و عمل تر کنندگی را انجام دهند. در هر دو حالت ترکنندگی و عدم ترکنندگی سیستم به حداقل انرژی خود می رسد، قبل از ریختن مایع بر روی سطح، یک انرژی سطحی بین جامد و گاز و یک انرژی سطحی بین مایع و گاز داریم. سطح که زیاد می شود یعنی پارامتر انرژی سطحی مایع و جامد به قدری کوچک است که مایع تمایل دارد تا سطح زیادتری با مایع داشته باشد. (همینطور انرژی سطحی مایع و گاز هم کم است) این حالت در مورد ترکنندگی رخ می دهد (سیسستم به سمت حداقل انرژی می رود) یعنی:
γ > > γ + γ
=
γ < γ + γ
دراینجا چون انرژی سطحی مایع و جامد زیاد است سیستم تمایل دارد تا حداقل سطح بین مایع و جامد راداشته باشد.
اگر θ>90 درجه باشد عدم ترکنندگی داریم واگر θ<90 درجه باشد ترکنندگی داریم.
اگر ترکنندگی ذرات توسط مایع خوب باشد مایع تمایل دارد ذرات را جذب نماید و لذا بخشی ازذرات و گرانوله ها را ازهم جدا می کند و به جدا سازی ذرات کمک می کند وذرات ماده را جذب می کند.(تر کنندگی به جدایش ذرات کمک می کند)
اگر مثلا آب باشد ،به دو صورت فیزیکی (الکتروستاتیکی) و شیمیایی مولکول های آب به ذرات جذب می شوند در حالت شیمیایی مولکل های آب می شکنند و جذب ذره می گردند به این حالت هیدرولیز آب می گویند.
اگر ترکنند گی صورت بگیرد یک لایه و غشایی از مایع دور ذرات را می گیرد و هر ذره ای دردرون مایع سیستم ،مقداری از آب به دور خود جذب می کند.لذا این آب به ذره می چسبد و با آن حرکت می کند و همزمان با حرکت ذره ، لایه آب دور آن نیز با آن حرکت می کند.به این لایه آب جذب شده می گویند.
این لایه دارای ضخامتی است که به طور معمول 0A 20ضخامت دارد.
حال وقتی که مقداری ذرا ت در مایع داریم ،این ذرات در درون مایع پراکنده می گردند وهر ذره نیز دارای یک لایه آب به دور خود می باشد. مایع نیز دارای ویسکوزیته مشخصی است که رفتار مایع را با آن می سنجند.
حرکت کلی مایع عبارت است از حرکت ذرات و حرکت مایع به طور همزمان و نسبت به هم .اگرغلظت ذرا ت در مایع کم باشد چون ذرات دارای فاصله زیادی نسبت به هم هستند، لذا می توانند به راحتی حرکت کنند.حرکت ذرات نسبت به هم معادل است با حرکت ذرات نسبت به هم (همراه با لایه ی مایع اطراف هر ذره)و حرکت مایع از بین ذرات وقتی غلظت ذرات کم است ،فاصله بین آنها زیاد است و مایع به راحتی از بین دو ذره عبور می کند.
هنگام حرکت مایع اطراف سطح ذره جامد ،لایه مرزی ایجاد می شود ، که در درون لایه مرزی سرعت حرکت کم است ولی خارج از لایه مرزی ،حرکت سیال سریع خواهد بود .اگر ذرات نسبت به هم فاصله کمی داشته باشند و خیلی به هم نزدیک باشند،لایه های مایع اطراف آنها همدیگر را قطع می کنند و لایه های مرزی آنها با هم تداخل می کنند و لذا حرکت مایع بین این دو ذره به کندی و با زحمت صورت می گیرد و ویسکوزیته مایع افزایش می یابد . چون کانال عبور مایع کاهش یافته است .
اگر دو ذره بیش از این به هم نزدیک شوند ،لایه های مایع جذبی آنها با یکدیگر مشترک می گردند و این لایه های مایع جذبی ،خود مانند جسم جامد عمل می کنند
در این حالت حرکت مایع به شدت کند می شود و ویسکوزیته شدیداَ بالا می رود.
اگر همین درصد ذرات را به ذرات و دانه های ریزتر تبدیل کنیم ،سطح ذرات افزایش می یابد و لایه ی آب اطراف ذرات هم افزایش می یابد (به علت افزایش سطح ذرات ) لذا کانال های عبوری مایع از بین ذرات کوچکتر می گردد.وحرکت سیال سخت تر می گردد، و ویسکوزیته مایع افزایش می یابد.
به ازای یک اندازه دانه خاص ،یک Max درصد جامدی وجود دارد که بیش تر از آن لایه های آب اطراف ذرات با هم مشترک می شوند. هر چه اندازه ذرات درشت تر باشد، این Max درصد، بیش تر خواهد بود و هر چه اندازه ذرات ریزتر باشد اینMax بسیار کمتر خواهد بود .فقط ممکن است برای دانه های درشت این میزان به 40% حجمی برسد ولی در حالت ریز دانه تنها 20%حجمی باشد.
حجم موثر = حجم ذره +حجم آب اطراف ذره
درحالت ریز دانه حجم موثر بسیار بیش تر از حالت درشت دانه ،مقدار بیش تری از ذرات برای پرکردن حجم مایع نیاز داریم .
دفلوکولانت Deflocculants :
:Flocجمع شدن چند ذره کنار هم را گویند (تجمع ذراتی که از هم جدا هستند ) سیستمی که این اتفاق در آن بیافتد را Flocculanted system نامند. اگر جلوی این عمل گرفته شود به آن عمل Deflocculation گویند و به آن عامل دفلوکولانت گویند.
ریشه های باردار شدن ذرات :
1-خارج شدن یون ها از سطح ذرات (مثلا در رس ها)
2- پیوند های ذرات و پیوند های شکسته
3-الکترولیز و جدایش ذرات در دوغاب
عامل مهم در جداسازی ذرات از هم توجه به نیروی واندروالس است.این نیرو همواره جاذبه است و ازایجاد دی پل های موقت در سیستم بو جود می آید و کوتاه برد است ( زیرا در مقیاس مولکولی است لذا ذرات باید به هم بسیار نزدیک شوند تا نیروی واندروالس عمل کند) در نتیجه Stabilization مقابله با نیروی واندروالس است و در واقع جلو گیری از نزدیک شدن ذرات و جلو گیری از اثر نیروی واندروالس است.
icStabilization Electrostat
Steric
فرض : ذره ای داریم که به دلایلی دارای سطح باردار است . اگراین ذره در محیط مثلاَ آبی قرار گیرد یون های با بار مخالف را جذب می کند و در نزدیکی سطح ذره ،لایه جذب شده متراکم تر است و هر چه از سطح ذره دور می شویم تراکم لایه ذرات جذب شده (با بار مخالف )کمتر خواهد بود. می توان نمودار پتانسیل الکتریکی را به ازای فاصله از ذره رسم نمود.
پتانسیل در سطح ذره Max است و بیش ترین جذب یون های مخالف در سطح ذره صورت می گیرد.با فاصله گرفتن از سطح پتانسیل کاهش می یابد.
صفحه ای را که از آن جا به بعد یون های جذب شده به ذره خیلی مقید نیستند و می توانند حرکت کنند این صفحه را، صفحه لغزش گویند و پتانسیل این صفحه را پتانسیل زتا می نامند.
اهمیت و اثر rε بر پتا نسیل زتا و ضخامت لایه موثر چیست؟
- به علت وجود نیروی واندروالس اگر ذرات به هم نزدیک شوند ،به یکدیگرمی چسبند و آگلومره تشکیل می دهند و سنگین شده و ته نشین می گردند برای جلوگیری از آن باید پایدار سازی صورت بگیرد .
پایدارسازی الکترواستاتیک بدین صورت است که با ایجاد ابریونی در دور ذره، چون ذرات در اطراف خود دارای ابر یونی با بارهم نام می شوند،خیلی نمی توانند به هم نزدیک شوند لذا یکدیگر را دفع می کنند و در نتیجه نیروی واندروالس نمی تواند اثر کند.
پتانسیلی که باعث جدا شدن ذرات از هم می گردد باید حتما دافعه ای باشد تا از نیروی جاذبه ای واندروالس جلو گیری کند.
مکانیزم پا یدارسازی steric نیز باید به صورت دافعه ای باشد ولی دافعه در این جا از نوع دافعه الکترواستاتیکی نخواهد بود بلکه از نوع دافعه فیزیکی است (یا مکانیکی ) به این صورت که اگر پلیمرهای زنجیره ای را به صورتی به ذرات متصل کنیم که ازسر به ذره بچسبد لذا این رشته ها دراطراف ذرات قرار می گیرند و مانع نزدیک شدن ذرات به هم می شوند.
جمع جبری پتانسیل ها در سیستم نشان دهنده ی این است که پتانسیل و سیستم جذبی است و یا دفعی و آیا سیستم پایدار است یا خیر؟
اگر میزان دافعه بیش از جاذبه باشد لذا vt دافعه ای خواهد بود و در نتیجه سیستم می تواند پایدار شود وبالعکس
عوامل مهم و موثر در پایدار سازی :
1-غلظت
2-دما
3- نوع مایع
4-PH
-5 ظرفیت ونوع یون عامل (یونی که پایدار سازی انجام می دهد)
هر چه ضخامت لایه موثر بیشتر باشد، دافعه ی بیش تری نیز دارد و لذا پایداری بیش تری نیز خواهد داشت.
(استفاده از یون Na باعث افزایش ضخامت لایه مضاعف می شود و آن را کم می کند زیرا یون Ca بار کمتری دارد وباید به مقدار بیش تری برای خنثی کردن بار ذره به ذره بچسبد.)
ویسکوزیته یک مایع با تعداد ذرات یکسان ،در حالت دی فلوکولانت با حالت فلو کولانت متفاوت است.چرا؟
با توجه به بحث های جلسه ی قبل ،می دانیم که ذرات در مایع ،مقداری از مایع را به خود جذب می کنند، لذا هر چه ذره ریزتر باشد ،چون سطح بیش تری دارند ،در کل مقدار مایع بیش تری را جذب می کند و لذا ذرات ریز تر،حجم مایع را سریع تر و زود تر نسبت به ذرات درشت تر پر می کنند حال اگر ذرات ریز تری داشته باشیم که دی فلو کولانت شده اند، این ذرات تمام فضای مایع را پر می کنند،در نتیجه کانال های بین ذرات کوچک خواهد شد و گرانروی زیاد می شود ولی اگر به هم جذب شوند درشت تر می گردند و کانال های بین ذرات باز تر می گرددو لذا گرانروی کم می شود.
عکس این مطلب هم می تواند صادق باشد ،پس به نظر شما جواب چیست؟
کاربردهای مهم افزودنی های پليمری در پروسسينگ سراميکها
بايندر -
پلاستی سايزر -
ديسپرزانت -
حلال -
Binders:
: Inorganicانواع رس ها
1-کلوئیدی:
:Organic سلو لز مایکروکریستالین، Vinyl
Inorganic :سیلیکات سدیم ،آلومینات سدیم
2-مولکلی :
:organicدر Advanced ceramic ها مهم هستند . (نوع سنتزی گران تر و دارای
پسماند کمتری است)
خواص مورد نياز بايندرها
-راحت بسوزد و خارج شود.
-استحکام خام بالا بدهد.
-قابل حل در حلال مناسب و پايداری در محلول.
-ارزان باشد.
سوختن بايندر
با افزايش حرارت،پليمر تجزيه شده و در دمای خاصی از سيستم خارج شود.
بعد از سوختن پسماند کمی به جا بگذارد.
گاهی ممکن است با سطح ذرات ريز واکنش کرده و ديرتر از سيستم خارج شود.
در عمل جهت جلوگيری از خروج ناگهانی گازها و ايجاد ترک،سعی می کنند تا از بايندرهای گوناگون استفاده کنند. (پلی اتيل متااکريليت:محدوده تبخير600 – 150 )
در قطعات بزرگ مشکل سوختن را داريم.راه حل؟
چند راه حل
استفاده از هوای فشرده)البته سرعت سوختن نبايد خيلی بالا باشد تا قطعه ترک نخورد(
استفاده از منگنز يا پالاديم در حد 100 ppm تا فرآيند اکسيد شدن را تسريع کنند.
استفاده از بايندرهای خود اکسيد شونده)نيترات سلولز محلول در اتيل استات يا متانول (
استحکام
ذرات را به خوبی بهم بچسباند.
بين خود چسب،چسبندگی بالالايی وجود داشته باشد.
با افزايش بايندر،استحکام و چسبندگی افزايش می يابد.
بهترين چسبندگی از پيوند هيدروژنی حاصل می شود.
حل کردن بايندرها
حل کردن بايندر،يعنی غلبه بر پيوند قطبی يا غير قطبی بين مولکولها
برخی از بايندرها جهت افزايش قابليت انحلالال تحت عمليات سطحی قرار می گيرند.
عموما بايندرهای قطبی در حلالال های قطبی و بايندرهای غيرقطبی در حلال های غير قطبی حل می شوند.
جهت انحلالال بايستی مولکول حلالال توانايی گسستن پيوندهای بين مولکولهای بايندر را داشته باشد.
در تمامی پروسه ها بجز قالب گيری تزريقی و ريخته گری تحت فشار،بايندر در يک مايع محلول و ديسپرز می شود.
آشنايی با چند نوع بايندر پليمری
نوع وينيلی
پيوند درون زنجيره ها c-c است و گروههای شاخه ای H و OHوجود دارند پس حلاليت در آب داريم . OH با سطح ذرات پيوند هيدروژنی می دهد و چسبندگی بالالا می رود.
نوع سلولز
-نسبت به نوع وينيلی انعطاف کمتری دارند پس مولکول پيچ نمی خورد و بزرگتر است.
-نشاسته:چسب طبيعی و نامحلول در آب سرد
-سديم کربوکسی متيل سلولز:يک چسب آنيونی جهت افزايش ويسکوزيته و کنترل خواص فيلتراسيون سراميکهای سنتی
-صمغ های طبيعی:مشتق شده از گياهان و دارای شاخه های پليمری پيچيده
-ليگنوسولفانات ها:در پروسه های سولفاتی استفاده می شوند.به عنوان ديسپرزانت های ارزان قيمت هستند.
واکس ها و گليکل ها
واکس های معمولی مثل پارافين مشتق شده از نفت هستند.
پارافين ها:مخلوطی از هيدروکربن های اشباع شده هستند که تمايل به تبلور صفحه ای يا سوزنی شکل دارند.
استرها،اسيدها و الکل ها:نسبتا سخت هستند و نقطه ذوب نسبتا بالالايی دارند)حدود 90 درجه سانتی گراد(
موم:مخلوط پيچيده استری که نسبت به واکس های گياهی نقطه ذوب پايين تری دارد.
PEG : نوع وزن مولکولی پايين دارای ويسکوزيته مايعی پايدار با گرما و نوع وزن مولکولی بالا ،واکس های جامدی هستند که به عنوان بايندر و روانساز استفاده می شوند.
عوامل موثر برTg بايندر
هر چه شاخه های پليمری بايندر سفت تر باشند،در اثرحرکت زنجيره ها مقاومت کرده و باعث افزايش Tg می گردند.
هر چه شاخه های پليمری بايندرقطبی تر و استحکام پيوند بين آنها بيشتر ، Tg بیشتر
هر چه وزن مولکولی بايندر بيشتر ، Tg بیشتر
هر چه ميزان شبکه سه بعدی بهم پيوسته بيشتر ، Tg بیشتر
پلاستی سايزر
مواد آلی دارای وزن مولکولی کمتر از بايندر هستند و با نفوذ بين مولکول های بايندر و شکستن آنها باعث نرم شدن و کاهشTg بايندر می شوند.
معمولا در همان حلالی حل می شوند که بايندر در آن حل می شود.
عموما سه برابر چسب استفاده می شود.
در بسياری موارد دارای توان بالايی برای حل کردن پليمر ها هستند.
فراريت آنها کمتر از حلال های آلی است.
پلاستی سايزری انتخاب می شود تاTg بايندر را هنگام کار به زير دمای اتاق ببرد.
چند نکته
در ريخته گری نواری نقش مهمی دارند.
هر چه وزن مولکولی پلاستی سايزر بالاتر،توانايی کاهشTg بايندر بيشتر.
عموما از دو پلاستی سايزر استفاده می کنند تا فضای بين مولکول های بايندر را پر کنند.
برخی اوقات عمل مخلوط بايندر و پلاستی سايزر در خلا انجام می شود تا از حبس هوا جلوگيری شود.
پلاستی سايزر،سوختن بايندر را تسهيل می کند.
پلاستی سايزرعموما باعث کاهش استحکام نيز می شود.
چند مثال از پلاستی سايزرها
از پلاستی سايزرهای محلول در آب می توان به گليسرين ، PEG، پلی پروپيلن گليکل و پروپيلون گليکل اشاره کرد که برای چسب های خاصی مناسبند مثلPVA ، متیل سلولز ، هيدروکسی اتيل سلولز و پلی اکريل آميد
بسياری از پلاستی سايزرها نه تنها برای مولکول های بايندر که برای بايندرهايی با ذرات کلوئيدی نيز استفاده می شوند.مثلا گليسرين واتيلن گليکل در بدنه های رسی نقش پلاستی سايزر را بازی می کنند.
ديسپرزانت
وظيفه اصلی جلوگيری از تشکيل آگلومره هاست.
ديسپرزانت با جداسازی ذرات در سوسپانسيون سراميکی،ميزان ماده جامد و رفتار جريانی را افزايش می دهد.
هر چه ذرات ريزتر،سطح بيشتر،جاذبه بين ذرات بيشتر،ديسپرزانت بيشتر
عملکرد ديسپرزانت ها
اگر ديسپرزانت بهتر عمل کند:
1) رسوب کمتر
2) کاهش ويسکوزيته
3) ماده جامد بيشتر
4) دانسيته خام بيشتر
پليمرهای دارای وزن مولکولی کم معمولا به عنوان ديسپرزانت عمل می کنند.
حلال ها
خواصی که حلال ها بايد داشته باشند:
توانايی حل کردن افزودنی های ديگر
در ميزان ماده جامد بالا،ويسکوزيته کمتر
تمايل کم به تشکيل حباب ها حين آسياب
سرعت تبخير بالا
مسائل امنيتی(عدم شعله وری-غير سمی بودن)
هزينه پايين
فقدان حمله شيميايی به پودر سراميکی
در بسياری موارد جلوگيری از تشکيل آگلومره
پلی وينيل پيروليدون( PVA )
پليمری شامل گروههای آميدی
محلول در آب
پايدار حرارتی
پسماند بسيار کم بعد از سوختن
با توجه به وزن مولکولی پايين در رطوبت های بالا به عنوان پلاستی سايزر عمل می کند.
کاربردها
در تشکيل فيلم های نازک بدون ترک مثل BaTiO3 ، TiO2 ، CeO2
به عنوان ديسپرزانت در تشکيل ممبران های رشته ای باريک آلومينا و هيدروکسی آپاتيت
به عنوان بايندر در ريخته گری نواری محلول آبی پايه آلومينايی
مثال
در تحقيقی که از PVA به عنوان بايندر در کامپوزيت آلومينا/زيرکونيا استفاده شد،در مقايسه با ديگر بايندرها بالاترين استحکام (634MPa)و بالاترین دانسیته (99.7%) حاصل شد .
پلی اورتان
در تحقيقی ديگر اثر بايندر پلی اورتان بر خواص آلومينای پرس خشک شده بررسی و نتايج زير حاصل شد:
افزايش استحکام
بسته به غلظت بايندر ( 5-1 ) درصد وزنی،استحکام کششی (7-1.6) و خمشی ( 12.2-2 (MPa
عامل کنترل کننده استحکام خام بالا،پيوند هيدروژنی بين اتم های اکسيژن آلومينا و گروههای اورتان بايندر
اين بايندر به تدريج می سوزد و کربن باقی مانده کمی به جا می گذارد.
مورد ديگر
در تحقيقی اثر افزودنی های آلی بر ويسکوزيته دوغاب آبی AIN در روش ريخته گری نواری بررسی شد. نتايج نشان دادند که افزودنی های آلی تاثيرات شگرفی بر ويسکوزيته دوغاب دارند.بايندر PVA تمايل به افزايش ويسکوزيته دوغاب و پلاستی سايزر(PEG+FBP) تمايل به کاهش ويسکوزيته دوغاب نشان دادند.
ذرات ماده مانند ذرات رس، به علل مختلف بر روی سطح خود دارای بار هستند لذا اگر از چسبیدن ذرات به هم جلوگیری نکنیم ذرات از قسمت های مختلف با بار مخالف به هم می چسبند و تشکیل یک ساختار لبه به سطح می دهند. به این مکانیزمHetropolar attraction می گویند.(اگر در سیستم رس داشته باشیم ،این مکانیزم رخ می دهد و باعث افزایش استحکام بدنه می گردد، در بدنه های غیررسی هم می توان از رس به عنوان چسب استفاده کرد.)
اما در حالتی که دوغاب را پایدار کرده ایم، ذرات از هم جدا هستند، لذا برای اینکه این مکانیزم رخ دهد ،با ید آب سیستم را کاهش دهیم تا ذرات به هم نزدیک شوند و به هم بچسبند.(پس مکانیزم چسبیدن رس ها به هم مکانیزم هتروپلار است)
مکانیزم هتروپلار یکی از مکانیزم هایی است که اگر دوغاب (رسی) پایدار نشده باشد رخ می دهد و دوغاب را ناپایدار می کند.
1- پلیمریزاسیون
مکانیزم های اثر چسب ها:
2- تشکیل فیلم
در پلیمریزاسیون ، با کم شدن حلال، غلظت مولکل های پلیمری زیاد می گردد.در نتیجه مولکول های پلیمری زنجیره های طولانی از یک سری مولکول ها می دهند و به هم می چسبند.
ایجاد فیلم: در اطراف ذره تشکیل فیلمی از پلیمر می دهند ، با کاهش آب ذرات به هم نزدیک می شوند ودر نتیجه ی این نزدیک شدن، فیلم های اطراف ذرات با هم هم پوشانی می کنند و ذرات به هم می چسبند.
بعضی از binder ها علاوه بر اینکه چسب هستند، مایع بدنه را تشکیل می دهند مانند رزین ها و بعضی ها علاوه بر چسب، جزء ماده بدنه نیز هستند مانند کلوئیدی ها.مانند رس کلوئیدی هم چسب است وهم جزء بدنه.
در روش injection molding ، مایع و چسب یکی است.(ازجنس پلیمر های دمای بالا) و پلیمر در این جا هم چسب است و هم مایع وهم امکان فرم دهی به ما می دهد.
تکنیک های فرم دهی:
ریخته گری نواری Tape casting :
با این روش هم می توان سرامیک های نواری ساخت هم سرامیک های چند لایه.
Spin coating :
در این روش دو عامل روی ضخامت تاثیرگذار است:
1- سرعت چرخش که هرچه زیادتر باشد، ضخامت کمتر است.
2- زمان خشک شدن که هر چه زمان بیشتر باشد ضخامت بیشتر می شود.
سرامیک های متخلخل Porous Ceramic :
کاربرد این سرامیک ها عبارتند از:
1- عایق حرارتی.
2- فیلتر برای مذاب ها یا مواد شیمیایی خورنده.
3- پایه ی کاتالیست.
در این مواد باید اندازه و تعداد و پخش تخلخل ها را کنترل کرد.
در مواد پایه کاتالیست باید بتوان مثلاَ مایع را از گاز جدا کرد.
ساخت این سرامیک ها چند تکنیک کلی دارد:
1- Direct Formong : ایجاد حباب با استفاده از مواد حباب زا یا موادی با انرژی سطحی کم که ایجاد حباب می کنند یا با انجام یک واکنش می توان حباب در قطعه ایجاد کرد که اگر قبل از خروج حباب قطعه را پایدار کنیم قطعه ای با تخلخل بالا داریم.
2- Secrificial tempale : اگر موادی داخل قطعه بریزیم که فدا شوند مثل خاک اره یا کک که بعد از شکل دهی جای آنها تخلخل بماند.
3- Replica : این روش همانند شکل دهی دوغاب با استفاده از اسفنج و سپس از بین بردن اسفنج است.
مقایسه روش Solid Free Forming با روش های متداول شکل دهی:
روش های معمولی: طراحی ← ساخت مدل ← ساخت قالب ← شکل دهی.
S.F.F : طراحی ← شکل دهی. (روش الگوسازی سریع).
فرآوری سرامیکها
Ceramic processing
درس تخصصی دوره کارشناسی رشته مهندسی مواد – سرامیک
مسعود محبی
دانشگاه بین المللی امام خمینی
سر فصل درس
فرآوری مواد اولیه Raw material preparation:
قابل استفاده کردن مواد معدنی مورد نیاز برای محصولات سرامیکی (سنتی و پیشرفته)
تکنولوژی های تغلیظ مواد معدنی :
شتسشوی کائولن (بالابردن میزان کائولن (تغلیظ))
تکنولوژی بایر bayer (تولید آلومینا Al2O3 )
تکنولوژی Acheson
فرآوری مواد اولیه:
سنگ شکنها و تکنیکهای آن
آسیاب کردن
روشهای تهیه پودر powder preparation:
Chemical method
Physical method (محدود است)
روشهای شناخت پودرها (خواص پودرها) powder characterization
تفسیر خواص، اثر متقابل با خواص مواد
مورفولوژی: علم شناخت شکل (مثلا شناسایی شکل پودر)، توزیغ مورفولوژی.
شکل دادن:forming
Electrodeposition
CVD
PVD
Tape casting
Injection moulding
روشهای پیشرفته
روش های ساخت کامپوزیت
نقش افزودنیها The role of additives in ceramic processing:
1- اثر در فرآوری
a- افزودنیهایی به کمک آسیاب (Anti-foam, surfactant (ضدکف))
b- افزودنی هایی کمک به پایداری دوغاب
c- افزودنی های کمک به پرس :
الف- Flowability of powder (کمک به خواص جریانی گرانوله ها)
ب- روغنکاری lubricant
d- چسب binder
2- اثر در خواص نهایی
خشکایش Drying
روش های پیشرفته
محاسبات مهندسی (فرموله کردن اثر عوامل بر روی پروسه ها)
تف جوشی sintering
روشهای پیشرفته
محاسبات مهندسی
Machining & Surface finishing
Attachment & Joining
فرآوری مواد اولیه Raw material preparation:
علم مواد چیست؟ یک متخصص مواد باید بداند رابطه بین ترکیب و ساختار چیست و آن را پیدا کرده و بشناسد و پیش بینی نماید و نیز رابطه بین ساختار و خواص و رابطه بین ترکیب و خواص را.
(خواص مواد مبنتی بر ترکیب و ساختار آنهاست) در واقع کار متخصص مواد این است که رابطه میان ترکیب، خواص و ساختار را بشناسد و بتواند با شناخت این روابط پیش بینی های لازم را انجام دهد. در بین این سه عامل، نوع پروسه ساخت نیز دارای اهمیت است و میتواند بر روی خواص و کاربرد و غیره تأثیر بگذارد. لذا یک متخصص مواد، با شناخت رابطه میان این چهار عامل می تواند پیش بینی نماید که چه قطعه ای با چه ترکیب، خواص و پروسه و ساختاری برای یک کاربرد بخصوص می تواند مفید باشد.
اگر بخواهيم بدنه هاي سراميكي بخصوص سراميكهاي مهندسي بسازيم؛ بايستي آگلومره هاي خودبخودي را كنترل كنيم و آنها را ديسپرز كنيم، سپس بدنه اي متراكم مي سازيم. در ادامه انقباض داريم؛ انقباض مرحله خشك كردن و ديگري در زينترينگ و اگر در پروسه ، پليمر هم داشته باشيم، بعد از خشك كردن و قبل از زينترينگ مرحله ي ديگري با عنوان pyrolysis يا polymer burnout داريم( البته زماني اين مرحله را داريم كه مقدار پليمر قابل توجه باشد.)
در اين بخش، تغليظ دو ماده مورد بررسي قرار خواهد گرفت: 1-كائولن (مهمترين ماده سراميكهاي سنتي) ،2-آلومينا (مهمترين ماده سراميكهاي مهندسي).
تغلیظ کائولن
کائولن از هوازدگی سنگهای ثانویه فلدسپاتی پدید می آید. در معدن کائولن، کائولینیت، سیلیس، فلدسپات، کوارتز و ... نیز وجود دارد. بخاطر تاریخچه باستانی که در یک معدن وجود دارد، امکان دارد که نوع کائولن موجود در یک معدن با دیگر معادن تفاوت داشته باشد. (پرکائولینیت، کم کائولینیت، نوع رنگ و ...)
معادن به صورت روباز(open pit) (بهترين معادن كائولن اروپا از اين نوع هستند ودر ايران با وجود اينكه معادن خوبي نداريم ميتوان زنوز و آباده را نام برد)و یا بسته هستند. در یک معدن، نکته مهم برداشت از معدن و هماهنگسازی است. در یک معدن، نقاط مختلف معدن دارای درجه های متفاوت خلوص مواد در جاهای گوناگون می باشد در نتیجه نمی توان به طور ساده عملیات تغلیظ را انجام داد و باید تکنیکهای هماهنگ سازی و انبار صورت گیرد. زیرا مواد استخراج شده باید همگن باشند تا خلوص مواد یکسان باشد، برای این منظور و برای هماهنگ سازی و انبار و یکنواخت سازی از تکنیکهای دپوی چند تپه ای و یا دپو و برداشت عمود بر هم استفاده می گردد.
بسته به نوع معدن کائولنیت موجود در سنگ در یک محدوده مثلاً 25-30 درصد وجود دارد که باید به 70-80 درصد برسد تا درصد کائولن مناسبی داشته باشیم. پس به طور كلي سنگهايي كه از معادن به دست مي آيند بايد دو كار بر روي آنها انجام شود؛ يكي اينكه بايد تغليظ شوند تا درصد كائولينيت افزايش يابد و ثانيا بايد ناخالصيهاي كائولن گرفته شود. ( بعضي ناخالصيها وجودشان مضر است؛ مانند: آهن، تيتانيوم؛ ولي بعضي زياد خطرناك نيستند مثل كوارتز و فلدسپار.)براي سراميكهاي سنتي بيشتر افزايش مينرال كائولينيت اهميت دارد و در صورتي عمليات شيميايي در جهت حذف ناخالصي ها انجام مي شود كه بخواهيم در جهت خاصي استفاده شود.
دو نوع مواد معدني كائولن داريم: 1- معدن پر از كلوخه هاي بسيار محكم باشد (مثل معدن زنوز). 2- كائولن در حالت طبيعي به صورت پودر يا كلوخه هايي با استحكام كم داريم.
پروسه اول: شستشوي كلوخه هاي بسيار محكم كائولن
در مرحله اول برداشت از معدن و انبار كردن در نزديكي كارخانه را داريم. (به ماده برداشت شده كائولن خام(crude kaolin) گويند.)
یک روش برای شروع کار، آسیاب سنگهاست که میتواند خشک یا تر باشد، اگر آسیاب خشک باشد، محصول پودر است که باید جداسازی شده و سپس به داخل آب برود. در روش تر، آسیاب تر انجام می گیرد که محصول دوغابی حاوی کائولن، فلدسپار، کوارتز و... خواهد بود. سختی این مواد با یکدیگر متفاوت است. هرچه نرمتر باشد، در آب راحتتر باز می شود و احتمال زیادی دارد که در بخشهای سخت تر سیلیکای بیشتری وجود داشته باشد. در این مرحله محصول را وارد سیکلون می کنند. در سیکلون مواد را از پایین وارد می کنند و از بالا خارج می کنند. یعنی جهت حرکت مواد، عکس جاذبه است، لذا مواد سنگین تر با احتمال بیشتری، زودتر ته نشین می گردد. این کار را چندبار تکرار می کنند، هرچه که پیش رود، سرعت کمتر می گردد تا به ترتیب مواد ریزتر و سبکتر نیز جدا شوند. (البته سرعت چرخش را هم بايد مورد نظر قرار دهيم؛ چون اگر سرعت زياد باشد كائولينيت هم حل مي شود و بايد سرعتي بهينه باشد .
بعد از جداسازی اولیه، تغلیظ می کنند و دوباره وارد سیکلون می نمایند و این پروسه را برای بالابردن درجه خلوص مواد تکرار می کنند. سپس توسط سرند مواد درشت را جدا کرده و استخرهای بزرگی می کنند. در اینجا ذرات دارای غنای بیشتری از کائولینیت هستند. اما به دلیل رقیق بودن و آب داشتن، محصول در اینجا دارای مقدار آب زیادی است. در این مرحله محصول یا با اضافه کردن افزودنیهایی و دادن زمان، ته نشین می کنند. در نتیجه دو لایه، یکی ضخیم و غلیظ، در پایین و دیگری شفاف و رقیق در بالا ایجاد می شود. از بالا آب را با پمپ خارج می کنند و از پایین مواد غلیظ را وارد فیلترپرس می نمایند.
محصول قبل از فیلترپرس، خاکی غنی از کائولن است که بعد از فیلترپرس بخش زیادی نمکها و افزودنیهای محلول در آب از آن خارج می شود. به محصول بعد از فیلترپرس «کیک» می گویند. بعد از این مرحله کائولن را به صورت پودر در می آورند یعنی خشک کرده و آسیاب می کنند. ولی برای گرانوله کردن (که برای سرامیکها مهم است) کیک را از چرخ گوشت مانندهای بزرگی رد می کنند که خروجی آن به صورت گرانوله هایی خواهد بود که سپس آن را خشک می کنند.
پروسه دوم: شستشوی کائولن نرم (تغلیظ کائولن یا فراوری کائولن):
در بعضی معادن به خاطر تاریخچه ای دارند بسیار نرم هستند و امکان خروج سنگ را ندارند. در نتیجه اگر کارخانه فرآوری نزدیک معدن باشد (به دلایل اقتصادی) دیگر نیازی به استخراج معدن به صورت سنگ و غیره نیست. و لذا توسط جت آب معدن را شستشو داده و مواد حاصل را به صورت استخرهای فرآوری هدایت میکنند. و در بین راه از سرندی رد می کنند تا مواد درشت را جدا سازند و سپس مانند روش قبل مراحل را انجام می دهند. در جاهایی که غلظت معدن بالاست و بسیار نرم است، مواد را مستقیم وارد حوضچه ها و استخرها می کنند که در این استخرها مواد سنگین زودتر ته نشین می شوند که هرچه رو به بالا برویم، غلظت کائولن نیز بیشتر می گردد. در نتیجه نمی گذارند مواد کاملاً ته نشین گردند، و از بالا برداشت می کنند و مراحل تغلیظ را انجام می دهند.
كاربردهاي كائولن:
از کاربرهای کائولن، در صابون سازی، لاستیک سازی، چسب (در این کاربرد به عنوان فیلر و پرکننده است) داروسازی، کشاورزی (حامل کود) و... است.
کاربرد ديگر کائولن در صنایع سرامیک است. مهمترین خصوصیت آن، پلاستیسیته آن است. (ریزدانه بودن و بالاتربودن، میزان کائولینیت که در نتیجه پلاستیسیته بیشتر است) و رنگ (وجود آهن) در کائولن مهم است.
بهترین و مهمترین كاربرد كائولن در صنايع كاغذسازي است.تناژ مصرف كائولن در كاغذسازي خيلي بيشتر از كائولن در سراميك است و به عنوان سفيدكننده و پركننده(filler) در كاغذ مورد استفاه قرار مي گيرد.
گرید Ultra fine: خیلی ریز نیز در صنایع کاربرد دارد.
در صنایع رنگسازی (رنگ سفید یا پرکننده) و صنایع خاص لاستیک سازی.
گرید High Purity : در داروسازی و صنایع آرایشی به عنوان پرکننده استفاده می شود زیرا دانه ها نرم و صابونی هستند.
آشنايي با Al2O3
Al2O3 در تقسیم بندی های اولیه در سرامیکها یک ماده بسیار مهم است و جزو Structural ceramics است.
Structual Ceramics: موادی هستند که برای ساخت قطعات مختلف برای کاربردهای مختلف در یک محدوده وسیع استفاده می گردند. مانند Al2O3، ZrO2، SiC، Si3N4، SiO2، SiAlON، Carbids و...
Engineering ceramics (سرامیکهای مهندسی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار می کند. یا برای بهبود کارکرد وسیله ای دیگر استفاده می گردد.
Advanced Ceramics: هرآنچه که سنتی نباشد، پیشرفته است که در عصر حاضر مطرح گردیده است. (چه ساخت و چه خواص آن) را گویند. یا آنچه که مواد اولیه آن به روش خاص سنتز می شوند و از مواد معدنی و... به طور مستقیم استفاده نمی کند را گویند.
Functional Ceramics (سرامیک های کاربردی یا کارکردی): یک تقسیم بندی است بر اساس کارکرد سرامیکها
1- Electroceramic
2- Optical ceramic
3-Optoelectrical ceramic
4- Bioceramic
Technical Ceramics (سرامیکهای تکنیکی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار میکند یا برای بهبود کارکرد یک وسیله دیگر استفاده می شود. (مانند Engineering ceramic).
Al2O3 مهمترین Structural ceramic است.
فرآوری Al2O3 : عمده مصرف آلومینای تولیدی در دنیا برای تهیه فلز Al است و قسمت کوچکی از آن در استفاده بعنوان نسوز و قطعات سرامیکی مصرف می گردد. برای ساخت قطعات مختلف با خواص مورد نظر، نیاز است تا مواد با خلوص متفاوت از طریق روشهای ارزانتر و با بازده بالاتری آماده گردند.
آلومینا به صورت خالص یافت نمی گردد و تنها مقدار اندکی به صورت سنگهای زینتی و گران قیمت وجود دارد. اما به علت جانشینی های Al و Si، این مواد به وفور در پوسته زمین به صورت مواد آلومیناسیلیکاتی وجود دارند و به ندرت به صورت خالص یافت می گردند.
تهيه آلومينا
معادني وجود دارند كه تا درصد بالايي داراي هيدروكسيد آلومينيوم يا بوكسيت هستند. بوكسيت ماده اوليه براي استخراج Al2O3 مي باشد. انواع روشها براي اين كار وجود دارد كه مهمترين اين روشها روشهاي قليايي مانند باير و لوشاتليه است.
روشهاي ديگر شامل:
- روش شيميايي تر قليايي ( wet alkaline process)
- روش شيميايي تر اسيدي (wet acid process)
- روش ذوب (furnace process)
- روش كربوترميك( carbothermic process)
- روش الكتروليتيك (electrolytic process)
- روش ژل آلومينا (amorphous and gel aluminas)
بوكسيت كه به صورت هيدروكسيدهاي آلومينيوم است را تغليظ نموده و آلمينيوم آن را خارج كرده و پس از عمليات حرارتي، اكسيد كم آب آن و يا هيدروكسيد كم آب آلمينيوم به دست ميآيد و با ادامه عملیات حرارتی (کلسیناسیون) اكسيد آلومينيوم بدست می آید.
روش لوشاتليه:
+ CO2 NaAlO2 → بوكسيت كلسينه شده + na2co3
بوكسيت كلسينه شده را با كربنات سديم مخلوط مي كنند و در نتيجه آن آلومينات سديم بدست ميآيد.
اما بوكسيت عناصر ديگري مانند Al , fe, si , ca و... نيز وجود دارند.
مثلاً si با na2co3 سيليكات سديم مي دهد. در نهايت در مخلوط حاصل دو جزء در آب حل ميگردند:
- آلومينات سديم
- سيليكات سديم
مابقي حل نشده و رسوب ميكنند لذا محصول را در آب حل كرده و سپس از فيلتر رد ميكنيم تا رسوب از آن جدا گرد.
بنابراين در اين روش داريم:
محلول← آب← فيلتر (رسوب زدايي)← غليظ شدن← افزودن جوانه زا (مانند پودر هيدروكسيد آلومينيوم)← تشكيل رسوب هيدروكسيد آلومينيوم ←فيلتر ←كلسيناسيون Al2O3←
روش باير :
در روش بایر واکنش زیر در اتوكلاو با دماي c ° 160 تا c° 180 و فشار 4 اتمسفر انجام میگیرد:
+ بوكسيت na2co3 → H2O + NaAlO2
روش باير در سال 1875 توسط آقاي باير ابداع شد و امروزه بزرگترين شركت توليدكننده Al2O3، شركت آمريكايي آلكوآ ALCOA است که به این روش کار میکند. در اين روش چون فرآيند در اتوكلاو با دماي c ° 160-180 و فشار atm 4 انجام ميگيرد لذا در محلول به جاي Co2 ، H2O خواهيم داشت.
فلوچارت روش باير:
آماده سازي مواد اوليه← حل كردن قليايي ها← تصفيه آلومينياي حاصل ( سيليكات سديم، آلومينات سديم)← رسوب دادن هيدروكسيد سديم ←فيلتر ←كلسيناسيون ←Al2O3
وقتي گيبسيت را اضافه ميكنند آلومينات سديم رسوب ميكند اما راندمان مناسب نيست و بخشي از مواد بدون رسوب كردن در محلول باقي ميمانند. لذا در اين روش ، در اين مرحله گاز CO2 را از محلول عبور ميدهند. عبور CO2 باعث ميشود تا مابقي مواد نيز طبق واکنش زیر رسوب كنند.
2Al(OH)3 + na2co3 → H2O + + CO 2 NaAlO2
اگر هيدروكسيد آلومينيوم را حرارت داده (با فشار) و زمان بالايي به آن بدهيم تبديل به Al2O3 مي گردد و اگر تا 400 بالا برده و نگه داريم بخشي از آن خارج ميگردد و تخلخلهاي بسيار ريز و زيادي باقي ميماند. لذا نيروي مكش فوقالعادهاي خواهد داشت. درواقع كلسيناسيون غيركامل هيدروكسيدآلومينيوم تشكيل تك كريستال ميدهد و مثلاً در پالايشگاهها كه باعث خوردگي قطعات ميگردد ( آب شور) ميتوان از اين قطعات براي خشك كردن و يا جذب اختياري مواد و مايعات مختلف استفاده كرد.
در استاندارد جهاني آلوميناي توليدي بايد قيمت تمام شدهي مناسبي داشته باشد تا مورد مصرف صنايع قرار گيرد. لذا مصرف انرژي پروسههاي توليد آلومينيوم براي هر كيلو آلومينيوم بايد در محدوده mj.Kg-1 6/32-4/7 باشد.(به طور ميانگين mj.Kg-116 هر چه كارخانه بزرگتر باشد نيز راندمان بالاتر خواهد بود.)
انواع Al2O3 بدست آمده از روش باير:
1-low soda Alumina
2-reactive Alumina
3- tabular Alumina
4- fused Alumina
5- activated Alumina
6- calcined Alumina
7-high-purity alumina
8-ultra high-purity alumina
محصول پروسه آلومينا، هيدروكسيد آلوميناست كه بعد از كلسينه ، آلومينا شده است. در حالت كلسيناسيون، آب ساختاري خارج مي شود. از 300-400 درجه ، عمل خارج شدن آب ساختاري بر اثر عمليات حرارتي شروع مي شود و تا 700-800 درجه ادامه دارد. وقتي آب ساختاري خارج مي شود، در مقياس اتمي ، جاي خالي به وجود مي آيد و ناپايدار مي شود.
محصول كلسيناسين ، يك ماده پرتخلخل تقريبا آمورف است. بعد يك هيدروكسيد آلومينا بدون آب داريم، بعد از عمليات حرارتي در 1200 درجه سانتي گراد بر اثر rearrangement اتمها، كريستال يا فازهاي آلومينا ايجاد مي شود. اگر Al(OH)3 را عمليات حرارتي كرده تا 500 درجه سانيتگراد دما داده و سريع سرد شود، شبه آمورف به وجود مي آيد؛ ساختاري ناپايدار و پرتخلخل با سطح ويژه بسيار بالا كه با جذب آب پايدار مي شود.
در واقع با اينكار يك هيدروكسيد آلومينيوم پايدار را با يك عمليات حرارتي، كاري انجام داديم تا هر چيزي را كه مي تواند جذب كند. به اين هيدروكسيد آلومينيوم كه بينابين هيدروكسيد و آلوميناست activated alumina مي گويند كه از كاربردهاي آن مي توان به عنوان جاذب يا كاتاليست آن اشاره كرد.
لامپهاي بخار سديمي در ابتدا نور زرد كم سويي دارند و بعد تلالؤ آن افزايش مي يابد.اين لامپ كپسولي دارد كه حاوي بخار سديم است؛ اين كپسول بايستي با سديم واكنش ندهد و دماي بالا را هم تحمل كند و عايق الكتريكي باشد و نور هم از آن عبور كند و سديم از آن رد نشود (ضريب نفوذ كمي داشته باشد) پس ماده مورد استفاده آلوميناي translucent است.
تعريف پودر : دسته اي كه از ذرات متصل به هم تشكيل شده است.(تعريف كلي)
تعريف ذره: به کوچکترین اجزاي جامدی که میتوانند بطور مستقل وجود داشته باشند گفته ميشود. گاهی این ذرات يك توده را ميسازند كه به اين توده Agglomerate گفته ميشود و قابل جدا شدن از يكديگر هستند. اگر اين توده به سختي به يكديگر متصل شده باشند و به سختي از هم جدا شوند به آن Aggregate يا Hard-Agglomerate ميگويند.
آگلومره: توده كوچكي متشكل از ذرات اوليه كه از طريق نيروهاي سطحي يا پلهاي جامد (solid bridge) بهم پيوسته اند و داراي شبكه اي از تخلخلهاي بهم پيوسته اند.
گرانول: آگلوره هايي هستند كه بصورت تعمدي تشكيلي شده و داراي اندازه كنترل شده باشد.
فلاك: اگر ذرات مجزا درون سوسپانسيون بهم بچسبند و توده تشكيل دهند به اين عمليات تشكيل توده، تشكيل فلاك گويند.( خوشه يا دسته اي از ذرات كه بوسيله نيروهاي كشش سطحي يا عوامل فلوكوله كننده آلي در يك سوسپانسيون مايع تشكيل مي شود.)
اگر آگلومره اي در داخل سوسپانسيون بريزيم، نمي گوييم فلاك هستند، بلكه آگلومره هاي باز نشده اند.
كلوئيد: اگر ذرات ابعادش بين 1nm-1µm بود، سوسپانسيون حاصل را كلوئيد مي گويند.(ذرات ريزي كه هنگام پخش شدن در يك مايع بدون ته نشيني ، حركات براوني خود را حفظ نمايند.)
آگريگيت: جزء سازنده داراي اندازه بزرگتر در بچ، گاهي به آگلومره هاي سخت نيز آگريگيت مي گويند. اهميتش در فرمولاسيون نسوز، بتن و آسفالت است. در ساخت سراميكهاي پرسلاني ، مهندسي و ... آگريگيت نداريم، پودر داريم.اگر يك مخلوطي كه مي خواهيم بدنه اي با آن بسازيم و هم ذرات درشت و متراكم استفاده كنيم و هم ذرات ريز و مخلوطي از اينها داشته باشيم، به آن ذرات درشت و متراكم كهه بخش اصلي زمينه را تشكيل مي دهند آگريگيت مي گويند.
ريشه تشكيل اگلومره و چسبيدن ذرات به هم چيست؟
يك عامل نيروهاي واندروالس است و عامل ديگر پيوندهاي ثانويه است كه اهميت كمتري دارند.
استحكام يك توده را چگونه اندازه ميگيرند؟
دو پودر را در نظر بگيريد كه يكي از ذرات سختتر و ديگري از ذرات با چسبندگي ضعيفتر تشكيل شده است لذا ذرات با چسبندگي ضعيفتر ، راحتتر جدا ميشوند و ذرات با چسبندگي قويتر سخت تر جدا ميگردند يك راه اين است كه با وارد كردن فشار بر پودر (مثلاً پرس كردن) ميتوان استحكام توده را سنجيد.
اگر يك اگلومره بزرگ را كه از پودرهاي مختلف تشكيل شدهاند را تحت فشار قرار دهيم هم اتصال ميان اگلومره و اگلومرهها راحتتر شكسته ميشود و هم درون اگلومره شكسته ميشود و پودرها جدا ميشوند. نمودار زير نشاندهنده رابطه فشار و دانسيته پودر است. ابتدا اگلومرههاي ضعيف و سپس قوي شكسته ميشوند، لذا با مقايسه نمودار فشار- دانسيته در پودر هاي مختلف ميتوان استحكام اگلومرههاي دو پودر را نسبت به هم سنجيد كه اتصال كدام قويتر و كدام ضعيفتر است.
لذا از طريق اين روش تنها ميتوان استحكام را با هم مقايسه كرد آن هم به طور نسبي ولي نميتوان عدد خاصي براي آن يافت. راههاي ديگري نيز وجودارد:
پودر را به صورت خشك يا تر بر روي الك ريخته و ويبره ميكنيم. مدت زماني كه طول ميكشد نشاندهنده استحكام پودر است، ارتعاش الك باعث خرد شدن اگلومرها و رد شدن آنها از الك ميگردد. (اين روش مقايسهاي است.)
هر اگلومره از ذرات تشكيل شده است. به اين ذرات هم ذرات ابتدايي هم ذرات نهايي ميگويند. هنگامي كه پودر را سنتز مينمايند ، اين ذرات اولين ذراتي هستند كه به وجود ميآيند لذا به آنها ذرات اوليه ميگويند و زماني كه پودر تشكيل ميشوند و آنها را ديسپرز ميكنيم تبديل به ذرات نهايي ميگردند بنابراين به ذرات نهايي نيز معروفاند.
هر كدام از ذرات از كريستاليتها تشكيل شدهاند.
تعريف اگلومره: تودهاي از ذرات است كه ذرات (particle) آن قابل جدا شدن هستند. اما خود ذرات به كريستاليت تبديل نميشوند.
بنابراين هنگام اعمال فشار ، ابتدا اتصالات ضعيفتر ميشكنند و با افزايش فشار اتصالات قويتر نيز شكسته ميشوند و دانسيته رفته رفته افزايش مييابد. آخرين مرحله افزايش دانسيته مربوط به اتصالات بين ذرات است و شكسته شدن آنهاست كه اتصالات قويتر دارند.(نمودار قبل در مراحل اوليه رسم شده است، لذا پس از مدتي ثابت ميگردد و روند افزايش دانسيته رسم ميگردد و بسيار كم ميشود. در مراحل اوليه افزايش استحكام مرتب شدن داريم ولي به خاطر اينكه ذرات با يكديگر اصطكاك زيادي دارند اين مرتب شدن خوب صورت نميگيرد لذا ذرات را اسپري دراير ميكنند تا اين كار به خوبي صورت پذيرد.)
پس هر عاملي كه بتواند با اعمال نيرو ذرات پودر را از هم جدا گرداند و اتصالات آنها را بشكند و سپس ميزان ريز و درشتي پودر را بسنجد ميتواند معياري براي سنجش استحكام پودر باشد.
چرا ذرات و پودرها در سراميك مهم هستند؟
چون بجز موارد بسيار اندك (در ذوب و ريختهگري) روش شكلدهي سراميكها توسط پودر است. و در آنها بايد به شكلي پودر را سر هم كرده و شكل داد و سپسس آنها را سنتز نمود.
سراميك assamble شده را بايد زينتر نمود. در زينتر كردن عامل بسيار مهم انرژي سطحي پودر است. هرچه پودر ريزتر باشد ، انرژي سطحي بالاتري دارد لذا در هنگام زينتر كردن در درجه حرارت و زمان كمتري ميتوان به دانسيته بالاتري دست يافت. هرچه پودر ريزتر باشد انرژي سطحي بالاتر است و نيرو محركه بالاتري دارد و لذا قابليت زينتر شدنش بيشتر خواهد بود.
قابليت زينتر شدن از اين جهت اهميت دارد كه هرچه بالاتر باشد ، پودر در دماي پايين تر و زمان كمتري زينتر ميگردد و چون هرچه زينتر شدن در دماي بالاتري صورت گيرد دانهها درشتتري ايجاد ميشوند (رشد دانه) و كنترل بر روي ريزساختار كمتر ميگردد. حال اگر قابليت زينتر شدن بالا باشد، زينتر در دماي پايين تر صورت ميگيرد و چون انرژي ذرات براي رشد در دماي پايينتر كمتر است لذا رشد دانه كمتر صورت ميگيرد و خواص قطعه نهايي كمتر دچار مشكل ميگردد لذا قابليت زينتر شدن بر روي ريزساختار اثر ميگذارد.
بنابراين هرچه پودر ريزتر باشد انرژي سطحي بالاتر است پس قابليت زينتر بالاتر است و دماي كمتري براي زينترينگ لازم است (قابليت زينتر در مسائل اقتصادي و زماني نيز حائز اهميت است.)
اما آيا روند افزايش قابليت زينترينگ و انرژي سطحي همواره باعث افزايش دانسيته ميگردد؟
منحنی نشان می دهد که (fig. 4.6) هرچه سطح ویژه زیادتر می گردد، انرژی سطحی سیستم نیز زیادتر می گردد (رابطه خطی است) اما دانسیته خام با افزایش سطح ویژه پودر افزایش می یابد. زیرا هرچه سطح ویژه زیاد می گردد، اتصالات ذرات و اگلومره ها قوی تر می گردد و اگلومره بیشتر و بزرگتری تولید می گردد. و هرچه اگلومره بیشتری تولید شود، فضای بیشتری بین آنها خالی می ماند و دانسیته خام کاهش می یابد. پس ریزدانه کردن ذرات و افزایش سطح ویژه به دلیل بالابردن قابلیت زینترینگ مطلوب است اما دانسیته خام را کاهش میدهد و هرچه دانسیته خام کاهش یابد، دانسیته نهایی نیز کم می شود.
هرچه پودر درشت تر باشد، تشکیل اگلومره کمتر خواهد شد. یکی از دلایل اسپری درایر کردن این است که ما خود پودر را به صورت اگلومره در بیاوریم تا دیگر پودر در هنگام پروسه، تشکیل اگلومره ندهد تا packing factor افزایش یابد.
یکی دیگر از پروسه هایی که به استحکام اگلومره ها منجر می شود با استفاده از انواع آلتراسونیک است . التروسونیک در واقع امواج ما فوق صوت است که با استفاده از ارتعاش ایجاد شده توسط امواج مافوق صوت پودر ها را به ارتعاش در آورده و در نتیجه آن پیوند میان اگلومره ها و ذرات می شکند . در این روش باید یک سوسپانسیون از پودر درست کرد ( بدون سوسپانسیون این روش کاربرد ندارد) و سوسپانسیون را تحت آلتراسونیک قرار داد تا در نتیجه آن ذرات شکسته شوند. لذا اگر به یک روش بتوان اندازه ذرات را سنجید، می توان مشاهده کرد که پس از آلتراسونیک اندازه ذرات کاهش می یابد. طبق منحنی بعد از ده دقیقه روند کاهش میانگین اندازه ذرات متوقف می گردد. این روند نزولی به این دلیل است که امواچ مافوق صوت اتصالات میان ذرات را می شکند. در ابتدا چون اگلومره های بزرگ داریم، با امواج شکسته میشوند و به ابعاد ریزتر می رسند ( با لیزر یا x-ray میتوان اندازه ذرات را دید و سنجید). لذا پس از مدتی به اندازه ذرات ریز دست پیدا می کنیم. روش آلتراسونیک دارای efficiency بالایی است، اما قدرت نفوذ کمی دارد، یعنی زود اثر می کند.
آیا اندازه ذرات نشان داده شده در منحنی ثابت شده است؟، اندازه واقعی ذرات و اندازه نهایی ذرات چقدر است؟ خیر، زیرا در این روش، اندازه ذرات به اندازه نهایی نمی رسد، خصوصاً اگر پیوند بین ذرات محکم باشد، لذا در آلتراسونیک بخشی از ذرات پیوندشان با هم باقی می ماند و نمی شکند.
در XRD برای آنالیز از پودر استفاده می شود. هرچه پودر ریزتر باشد، پهنای پیکهایی که از XRD بدست می آید، زیادتر می گردد تا یک حدی این پهنا خیلی اهمیت ندارد، اما در اندازه دانه های مایکرو و خیلی ریز، این پیکها دارای پهنای بیشتری می گردند، لذا از طریق اندازه پهنای پیک می توان تا حدودی به اندازه ذرات پی برد. این روش هم روشی مقایسه ای است. به این روش، روش پهن شدن کمی پیک می گویند.(این ها روشهای آنالیزی هستند)
با استفاده از میکروسکوپ اندازه ذرات را بررسی کرد، که این روش یک روش آنالیتیک نیست بلکه یک روش کوآلیتیک است. پودر را برای دیدن در زیر میکروسکوپ باید خشک نمود. برای این کار مثلاً یک قطر از سوسپانسیون را بر روی سطح می ریزند و در زیر میکروسکوپ مشاهده می کنند، لذا اگر سوسپانسیون غلیظ باشد، ذرات در هنگام خشک شدن، دوباره تشکیل اگلومره می دهد. برای جلوگیری از این عمل از سوسپانسیونهایی بسیار بسیار رقیق استفاده کرد و سرعت خشک شدن را زیاد نمود تا درنتیجه سطح ویژه ذرات زیاد به هم نچسبد.
روشهایی متفاوتی برای اندازه گیری اندازه ذرات وجود دارد. قدیمی ترین و مهمترین دستگاه ها، دستگاه سدی گراف است که با X-Ray کار می کند و محدوده قابل اندازه گیری، اندازه ذرات مشخصی دارد. باید یک رابطه interaction میان طول موج Xray و اندازه ذرات وجود داشته باشد. یعنی X-ray میتواند ذرات را با اندازه مشخص detect کند.
دستگاههایی نیز هستند که با لیزر و یا با پراکندگی نور کار می کنند. این دستگاه ها هم با توجه به طول موج نور مورد استفاده، ابعاد متفاوتی از ذرات را می توانند شناسایی کنند. هر دستگاهی که استفاده گردد، میتواند نتایج حاصله از آن را توسط روش هایی مانند میکروسکوپی و یا اندزاه گیری سطح ویژه، چک کرد. این کار برای کاربردهای دقیق لازم است، اندازه ذره، اندازه کوچکترین اجزایی است که در سوسپانسیون وجود دارد. لذا اگر اگلومره به ذرات نهایی شکسته شده باشند، آنچه اندازه گیری می شود توزیع اندازه ذرات نهایی خواهد بود، اما اگر اگلومره را نشکسته باشیم، اندازه گیری انجام شده،اندازه کوچکترین جزیی است که به طور مستقل حرکت می کند. زیرا این دستگاه ها چیزی را که به صورت واحد و یکپارچه حرکت می کند را دیده و اندازه می گیرند. پس دستگاه ها، اندازه اجسامی را که به صورت توده حرکت می کنند را اندازه می گیرد، حال چه این ذرات به صورت ذرات نهایی و یا به صورت اگلومره باشند.
شکل 3-5 یک روش اندازه گیری اندازه ذره: روش به این صورت است که تعداد ذراتی را که در یک محدوده ابعادی دارند، را می سنجد لذا اگر هرکدام از ستونها را با ستونهای قبل از آن جمع ببندیم، cumulative بدست می آید. Cumulative یعنی انباشته شدن روی هم که همان منحنی خط چین است. اگر همه را با هم جمع کنیم، برابر 100 درصد می شود.
شکل 4-5:
توسط روش Sedimentation اندازه گیری شده است. این روش به روش سدی گرافی و یا روشهایی که با نور های مختلف کار می کنند، به این صورت است که سوسپانسیون را اجازه می دهند تا ته نشین شود، چون ذرات درشت زودتر از ذرات ریز ته نشین می گردند، لذا دستگاه ذراتی را که زود ته نشین می شوند و سرعت بیشتری دارند، را یک معیاری از آنها بدست می آورد و همین طور بقیه ذرات را. و سپس با استفاده از سرعت رسوب و ربط دادن آن با اندازه ذرات، میتواند اندازه ذرات را بدست آورد. یعنی اگر سرعت سقوط یک ذره را در یک مایع با ویسکوزیته مشخص داشته باشیم، می توانیم اندازه آن را نیز بدست آوریم.
در بیشتر پروسه های شکل دهی، پودرها را در یک مایع و در یک محیط disperse می نمایند. لذا در اکثر روشها به یک مایع نیاز داریم زیرا با ورود مایع پودر قابلیت شکل گیری می یابد که بعد از فرم گرفتن باید به نوعی مایع را از سیستم خارج کرد. در انواع روشهای فرم دهی، به غیر از پرس خشک، بقیه روشها نیازمند درصدی رطوبت هستند، تا به صورت خمیری یا دوغاب در آیند.
بسته به نوع مایع مورد استفاده، دمای محیط و کاربرد و نوع پودر و غیره مخلوط پودر و مایع می توانند دارای ویسکوزیته های مختلفی باشند.
ویسکوزیته: نسبت تنش برشی به سرعت برشی در بین صفحات (لایه ها) مایع. (میزان اصطکاک میان لایه های سیال)
هرچه ویسکزیته بیشتر باشد، به ازای تنش ثابت، سرعت برش کمتر خواهد بود. نحوه ی اندازه گیری تنش برشی و سرعت برشی در شکل نشان داده شده است. که یک مایع در میان دوصفحه ثابت در حالت ثابت است. به دلیل ثبات دو صفحه مایعی که بلافاصله بعد از دو صفحه قرار دارد نیز ثابت است و رفته رفته هرچه از دو صفحه دورتر می شویم، مایع حرکت کرده و به سرعت حرکت آن افزوده می شود، تا در وسط به حداکثر میزان خود برسد. ویسکوزیته به دما، اندازه ذرات دوغاب، بار ذرات دوغاب، شکل ذرات دوغاب، نوع توزیع ذرات دوغاب، محیط سیال یا نوع مایع (قطبی یا غیرقطبی بودن و...) بستگی دارد. (انتخاب مایع بستگی به نوع پروسه دارد. مثلاً برای روشی که نیاز به ویسکوزیته نسبتاً بالا دارد، باید از مایعی با ویسکوزیته نسبتاً بالا استفاده کرد.) عوامل پایدار کننده سوسپانسیونها نیز در ویسکوزیته موثرند.
چرا تیکسوتروپی رخ می دهد؟
ذرات در دوغاب به علت عدم خنثی ای الکتریکی واینکه در سطح خود به علت پیوندهای شکسته دارای بارهای الکتریکی هستند و نیز به دلیل نزدیک شدن به هم و برقراری نیروی واندروالس می توانند به یکدیگر متصل شوند (مانند ساختار لبه به سطح یا سطح به سطح توسط ذرات کروی، بشقابی یا سوزنی شکل)
در نتیجه ی این اتصال و سکون سیال، ذرات توسط نیروی های واندروالس به یکدیگر می چسبند و چنین مایعی از رفتار سیال به سمت رفتار ویسکوز با سیالیت کمتر می رود اما اگر در اثر هم زدن، این اتصالات را از بین ببریم، مایع سیال می شود که در صورت سکون دوباره این پیوندها و اتصالات به وجود می آیند. این رفتار را تیکسوتروپی می گویند.
ریشه های اهمیت فرآوری پودرها:
1-که علت اصلی آن بارهای سطحی ذرات دوغاب است.
2-برای افزایش قابلیت سینترینگ مواد، باید ذرات را ریزتر کنیم (ریزتر شدن ذرات تا یک مقدار باعث افزایش دانسیته شده و از آن به بعد باعث کاهش آن می گرد و داری یک مقدار اپتیمم است).
اما وقتی ذرات را ریزتر کنیم، ذرات مستعد این هستند که به یکدیگر بچسبند و دوباره توده های بزرگتری را تشکیل دهند. بنابراین باید به نحوی از این کار جلوگیری کرد و پایدارسازی را انجام داد و ذرات را همچنان جدا نگه داشت.
پایدار سازی به دو روش امکان پذیر است:
- فضایی (Steric)
- الکترواستاتیکی (Electrostatis) که با استفاده از نیروهای الکترواستاتیک سیستم را پایدار می کندو با استفاده از عواملی که بر روی سطح ذرات بار ایجاد می کند. بر روی ذرات بار همنام ایجاد می کند تا ذرات همدیگر را دفع نمایند.
در بسیاری از ذرات ( به خصوص سرامیک های سنتی) ذرات دارای بار هستند.
ریشه های بارداری ذرات:
1-رهایی و خروج بارهای سطحی.
2-واکنش با مایع (با آب = هیدرولیز) که تابع PH است.
3-جذب یون های خاص.
مثلا رس ها در هنگام تشکیل، در میان لایه های خود تعدادی یون های قلیایی جذب می کنند. حال اگر این ذره در مایعی مانند آب قرار بگیرد و بعضی از این یون ها آزاد میگردند و به جای آنها یک بار منفی روی ذره قرار می گیرد.
با انتخاب پودر و مایع برای تشکیل دوغاب (سوسپانسیون) دو عامل اول به صورت خود به خود ( و بدون کنترل) رخ خواهد داد. اما عامل سوم را می توان برای ایجاد یا تقویت پایدارسازی به وجود آورد. برای مثال در پایدارسازی الکترواستاتیکی ذراتی را وارد مایع می کنند که دارای بار مخالف ذرات سوسپانسیون است. این یون های جدید دور ذرات قرار گرفته و یک لایه را تشکیل می دهند و لذا از نزدیک شدن ذرات به هم جلوگیری می کنند و باعث دفع یکدیگر میگردند و د ر نتیجه یک پتانسیل دافع (Vvep) به وجود می آورند.
پتانسیل زتا: پتانسیل در لایه هیدروداینامیک را گویند.
پس کاری می کنند که بار سطحی ذرات صفر شود. لذا نتیجه و نشانه این که بار ذرات صفر نشده است این است که اگر ذرات را در میدان الکتریکی قرار دهند ذرات به سمت دو قطب حرکت نکنند. اگر این خنثی ای رخ دهد، به آن نقطه و به آن PH، نقطه ایزوالکتریک گویند.
کنترل کردن پایداری:
کنترل کردن پایداری به نوعی کنترل کردن ویسکوزیته و نیز پروسه فرم دهی می باشد. و نیز پایدارسازی باعث می شود که عمل عکس آن و چسبیدن ذرات به یکدیگر صورت نگیرد.
پایدارسازی فضایی:
در روش قبل باید ذرات باردار باشند، لذا برای ذرات غیر باردار خیلی کارآیی ندارد، (البته تمام ذرات به دلیل پیوندهای شکسته سطحی دارای بار بر روی سطح خود هستند، که بعضی دارای بار زیاد و بعضی بار کم هستند). یک راه فیزیکی برای پایدارسازی استفاده مولکول های زنجیرهای بلند پلیمری است که با اتصال آن به ذرات، از نزدیک شدن ذرات به یکدیگر جلوگیری به عمل می آید.
عاملی که سبب می شود نگذاریم ذرات به یکدیگر نزدیک شوند نیروی واندروالس است. نیروی واندروالس یک نیروی همواره جاذبه است که در فاصله های کم عمل می کند، لذا در پایدارسازی نمی گذارند تا ذرات به هم نزدیک شده و این نیرو عمل کند.
اگر بتوان به روشی حرکت ذرات را در میدان الکتریکی مشخص نمود، می توان نوع بار ذرات را نیز تعیین کرد.
روش "Barton Tube":
پس از اینکه سوسپانسیون به درون لوله رفت یک زمان کوتاهی به مایع فرصت داده می شود تا کمی ته نشین گردد، قبل از اعمال بار به الکترودها نحوه ی ته نشینی ذرات در دو طرف به صورت متقارن است اما پس از اتصال الکترودها در نحوه ی ته نشین شدن ذرات تغییر ایجاد می شود و اختلاف سطحی در دو طرف ایجاد می گردد که نشان دهنده ی نوع ذرات باردار سوسپانسیون است.
محاسبات خرد کردن (Pulvarization):
یک مکعب با اضلاع a داریم که مساحت سطحی آن برابر 6a2 است. حال اگر آن را به n قسمت مساوی تقسیم کنیم داریم:
که عدد به دست آمده برابر سطح اضافه شده است.
حال اگر ذرات کروی با شعاع r داشته باشیم سطح اضافه شده برابر است با:
برای خرد کردن ذرات، انرژی صرف می نماییم، این انرژی صرف ایجاد سطوح جدید می گردد و لذا :
میزان انرژی مصرف شده متناسب است با ایجاد سطوح جدید.
چون سطح بیشتری ایجاد می کنیم لذا باید انرژی بیشتری مصرف کنیم، زیرا در سطوح جدید پیوندهای ناکامل وجود دارد و لذا انرژی سطحی زیادی داریم. که این همان انرژی ای است که صرف خرد شدن ذرات شده است.
در هر صورت میزان اضافه شدن مضربی از (n-1) است.
مثال: برای خرد کردن سنگ معدنی با ابعاد متوسط mm 50 حدود 20 اسب بخار (HP) نیرو لازم است تا به ابعاد ریزتر تا mm 4 برسیم، مطلوب است نیروی لازم برای خرد کردن همان سنگ تا ابعاد mm 0.75 .(هر دو پروسه به ازای یک زمان خاص و برابر انجام می گیرد).
n= نسبت ابعاد اولیه به ثانویه.
سطح 1:
سطح 2:
HP 20
2258
114.21=x
128942
راه دوم:
خرد کردن (Crushig):
خرد کردن در مقیاس بزرگ را ریز کردن گویند. از سنگ شکن ها (crushers) استفاده می کنند و هدف رسیدن ذرات به ابعاد 4-6 cm است. (در اینجا ابعاد اولیه می تواند بسیار بزرگ باشد)
آسیاب کردن (Griding/milling):
در مقیاس (اندازه) کوچکتری ذرات را ریز کردن گویند. از 4-6 cm به ریزتر تبدیل می کنند که از دستگاههای Grinders یا Mills (آسیاب ها) استفاده میکنند.
Crushers: (a) jaw, (b) gyratory
Jaw crushers (سنگ شکن های فکی):
سنگ شکن های فکی از همه متداول تر و مهم تر هستند. دارای یک فک ثابت و یک فک متحرک هستند و بین این دو سنگ ها گیر می کنند و خرد می شوند، جنس فک ها از فولادهای منیزیمی است.
انواع سنگ شکن های فکی از نظر مکانیزم کار سه دسته اند:
برای سنگ شکن های فکی نسبت دهانه(D)به گلوییd))برابر است با:
محدوده ی تغییرات 4-5 =D/d
ضریب خرد کردن (R): نسبت اندازه ی بزگ ترین قطعات در خوراک به اندازه ی کوچکترین قطعات در محصولات را گویند.
T= ظرفیت تولید (هر چه d یا L کوچکتر باشد ظرفیت تولید کمتر است)
K= ثابت است و مقدار آن برابر 0.6 است.
جنس فک ها از فولاد منیزیم دار است و میزان سایش بستگی به نوع سنگ دارد. اگر سنگ نرمی داشته باشیم، میزان سایش فک ها کم است و به عکس. معمولاَ بیشتر سایش در نیمه ی پایینی فک ها (از وسط به پایین) رخ می دهد. بین 10-1 gr به ازای هر تن سنگ عبوری از سنگ شکن از فک ها خورده می شود.چون فک ها قطعات بزرگی هستند عوض کردن آنها به دلیل سایش های شدید کار سختی است. برای همین فک ها را به صورت تکه تکه می سازند، که برای عوض کردن فک به دلیل سایش و خوردگی تنها بخش رویی آن قابل تعویض باشد.
مکانیزم گیر انداختن ( Arresting Mechanism):
وقتی سنگ ها را به درون crusher می ریزیم این سنگ ها را باید به نوعی بین فک متحرک و فک ثابت گیر انداخت تا سنگ خورد شود و لذا بر روی فک ها شیارهایی ایجاد می کنند تا ضریب اصطکاک سطح بالا برود و سنگ بین سطوح به دام بیافتد.
سنگ شکن های ژیراتوری (Vibrating or cone crushers):
در بعضی مدل ها علاوه بر گردش مخروط، مخروط بالا پایین هم می رود (توسط حرکت لنگ)
سنگ شکن ضربه ای:
Size reduction: 1.5 m - 20 cm; production rate:1500 tph
با ورود مواد، مواد اولیه به چکش هایی که روی یک چرخ بزگ قرار دارد برخورد می کند و با شتاب به دیواره برخورد کرده و خرد می گردد و به پایین افتاده و از آن خارج می گردد.
ضریب خرد کردن بین 6-4 است.
مقایسه ی سه نوع سنگ شکن:
مدت زمانی که کار مفید در سنگ شکن انجام می شود، در ژیراتوری از دو نوع دیگر بیشتر است. سنگ شکن فکی فقط در زمان ضربه زدن کار مفید انجام می دهد و چکشی هم در هنگام ضزبه زدن کار مفید انجام می انجام می دهد اما در ژیراتوری همواره کار مفید انجام می شود و در ژیراتوری دائماَ کار مفید انجام می گیرد لذا ظرفیت بیشتری دارد.
در ژیراتوری با ابعاد خروجی و ورودی برابر با بقیه، ظرفیت 2.5 برابر دو نوع دیگر است. لذا سایش بیشتری هم از دو نوع دیگر دارد. از نظر وزن کلی سیستم ژیراتوری سبک تر از دو نوع دیگر است اما به علت مکانیزم پیچیده تر هزینه نگهداری بیشتری دارد.
لذا به طور کلی می توان گفت راندمان آن بالاتر است.
if
که در آن T ظرفیت به تن و D قطر خوراک بر حسب in است.
اگر مواد نرم یا نیمه سخت باشند از ضربه ای استفاده می شود.
بعد از آنکه ماده از سنگ شکن خارج شد باید تست شود که آیا برای مراحل بعدی دارای ابعاد مناسبی است یا خیر.
پروسه ی مدار باز (Open Circuit):
Feed ← Primary Crusher ← الک کردن (screen) ← اگر کوچکتر از اندازه ی غربال باشد رد شده و مورد تائید می گردد. در غیر این صورت اگر بزرگتر از اندازه ی غربال باشد دوباره باید خرد شود پس وارد Secondery Crusher می شود و بعد از خرد شدن ثانویه به صورت محصول وارد می شود و دیگر غربال نمی گردد.
پروسه ی مدار بسته (Close Circuit):
Feed ← Primary Crusher ← الک کردن (screen) ← اگر کوچکتر از اندازه ی غربال باشد رد شده و مورد تائید می گردد. در غیر این صورت اگر بزرگتر از اندازه ی غربال باشد دوباره باید خرد شود پس وارد Secondery Crusher می شود و بعد از خرد شدن ثانویه حتماَ باید از غربال رد شود، حتی پس از خردکن ثانویه.
بسته به اینکه ماده ی ورودی و محصول چه نوعی است از سنگ شکن های ثانویه متفاوتی استفاده می شود.
سنگ شکن های ثانویه:
Grinders: (a) hammer mill, (b) plate mill
- فکی کوچک.
- ضربه ای کوچکتر: در این سنگ شکن ها چون کوچکترند علاوه بر اینکه ضربه می زند در قسمت پایین نیز به علت اصطکاک بین فک ها و سطح زیرین خردایش بیشتری صورت می گیرد.
- ژیراتوری ( دو استوانه ی درون هم و غیر هم محور با ضریب خرد کردن 2.5-1.5)
- غلطکی (Rolls):غلطک های فلزی هستند که عکس یکدیگر می گردند و ذرات را بین خود گیر انداخته و خرد می کنند. دندانه های روی غلطک سبب اصطکاک بیشتر و خرد شدن بیشتر، سنگ ها می شود .
در عمل e کوچک است لذا می توان از جمله ی اخر صرف نظر کرد، پس:
f ضریب اصطکاک بین سنگ و رولر است و مقدار آن از نظر عددی بزرگتر محاسبه شده است.
θ زاویه بین خط عمود بر مماس های بین سنگ و رولر است.
θباید بزرگتر از 25 درجه باشد تا قطعه بین دو غلطک گیر بیفتد (بسته به نوع ذره و فاصله ی غلطک ها دارد).
برای فولاد (جنس رولرها) می توان 0.3 = f فرض نمود. یعنی برای خرد کردن قطعات کوچک باید از غلطک های بزرگ استفاده نمود، که این یک عیب است. این غلطک ها از لحاظ اندازه ی خوراک نیز دارای محدودیت هستند. (عیب دیگر)
برای مثال رولر با قطر 1.4 متر برای سنگ هایی با قطر متوسط 2.6 سانتی متر مناسب است و محصول دارای قطر 0.43 سانتی متر است. در نتیجه این روش دارای محدودیت هایی از لحاظ اندازه ی خوراک و اندازه ی رولرها است که یک عیب محسوب می گردد.
اگر بر روی غلطک ها شیار ایجاد کنیم، ضریب اصطکاک را بالا می بریم و راندمان افزایش می یابد.
Nتعداد دور غلطک (دور در دقیقه rpm)
D قطر غلطک(in)
d قطر متوسط خوراک
W پهنای غلطک(in)
ρ وزن مخصوص سنگ (lb.in-3)
Feed ← آسیاب ← Screen ← موادی که از غربال عبور کنند محصولات ما هستند و هر چه عبور نکند مجدداَ به آسیاب باز می گردد.
بار ورودی به آسیاب = A
مقدار محصول عبوری از غربال = P
مقدار بازگشتی در ساعت اول = A(1-P)
مقدار بازگشتی در ساعت دوم = [A+A(1-P)](1-P)
مقدار بازگشتی در ساعت سوم = {A+[A+A(1-P)](1-P)}(1-P)
ظرفیت =
الک کردن (Screening) :
عوامل مهم در عبور و حرکت ذره از الک:
1- ضخامت الک که هر چه کمتر باشد احتمال عبور بیشتر است.
2- زاویه حرکت ذره نسبت به الک. اگر ذره به صورت عمودی بیاید می تواند عبور کند ولی اگر به صورت مایل بیاید امکان دارد از الک عبور نکند.
3- اختلاف اندازه ذره با محفظه ( اختلاف D,d) که هر چه بیشتر باشد احتمال عبور بیشتر است.
خواص سوسپانسيونها
رئولوژي: علم مطالعه جريان سيال
در روشهاي فرآوري سراميكها از ويسكوزيته هاي مختلفي استفاده مي شود .(طبق جدول بالا)
اساس اندازه گيري ويسكوزيته اينست كه مقاومت به جريان را اندازه گيري كنيم. براي مثال مي توان از يكي از روشهاي زير استفاده كرد.
با استفاده از روشهاي بالا به نمودارهايي ميرسيم كه نشاندهنده رفتارهاي متفاوت است.
ويسكومتر لوله موئين:
در يك ويسكومتر لوله موئين زمان حركت سيال از ميان يك لوله موئين تحت يك اختلاف فشار معين اندازه گيري مي شود.
يك نوع مشخص و تجاري از اين نوع ويسكومترها، ويسكومتر OSTWALD مي باشد.
در اين دستگاه زمان حركت سيال از A تا B اندازه گيري شده و ويسكوزيته سينماتيك را از معادله Poiseuilleبدست آورند.
ويسكومتر چرخشي:
- استوانه هاي هم محور:
ساده ترين نوع از اين ويسكومترها مي باشد. مايع مورد نظر در بين دو استوانه هم محور تحت برش قرار مي گيرد.
ويسكومتر :Couette
در اين نوع ويسكومتر استوانه خارجي با سرعت مشخص چرخانده مي شود و گشتاور ايجاد شده اندازه گيري ميگردد.
ويسكومتر :stormer
در اين نوع دستگاه ها استوانه خارجي ثابت بوده و استوانه داخلي چرخانده مي شود.
"The Rule of additives in processing of Ceramic"
Anti foam Agent : کاهش و از بین بردن کف در پروسه.
Foam stabilizer : ایجاد و پایدار کردن کف در پروسه.
Fungicide and bactericide : ضد باکتری و ضد قارچ هستند. در بعضی از مواد ریشه هایی وجود دارد که مکن است ایجاد باکتری و قارچ کنند و خواص را تغییر دهند.
Chelating or sequestering agent : عواملی که یون های نا خواسته را خنثی می کنند و یا بعضی از یون ها را فعال تر می نماید.
مایع سیستم:
ذرات جامد + مایع( که جزء اصلی سیستم است) + افزودنی ها (Addetives) سیستم را تشکیل می دهند.
آب مهمترین مایع است. آب مایعی قطبی با کشش سطحی و ضریب دی الکتریک نسبی بالایی است. برای افزودن افزودنی به هر مایع باید در نظر داشت که آن افزودنی در مایع حل شود. فرمول کلی این است که مواد قطبی در قطبی و مواد غیر قطبی در غیر قطبی حل می شود.
در آب یون های مختلفی ممکن است وجود داشته باشد. برای اندازه گیری میزان سختی آب یا میزان یون های مختلف در آب، با اندازه گیری هدایت الکتریکی آب می توان این کار را انجام داد. این کار توسط رابطه تجربی TDS انجام می گیرد.
که در آن 0.055= ρ برای آب خالص و c مقاومت ویژه ی آب است.
وجود یون ها ممکن است باعث تغییر در خواص گردد. مثلاَ Ca باعث ناپایداری دوغاب می گردد و یا بعضی از یون ها باعث زودگدازی بدنه ی نهایی می گردد و... لذا باید آب را از این یون ها تصفیه نمود.
تصفیه آب:
- نیتراسیون صنعتی + حرارت دهی: آب را از الکترودهایی عبور می دهند و در یون ها در اکترودها تغییر می کنند و آب خارج شده بدون یون خواهد بود.
- مواد کربن اکتیو.
- رزین های با قابلیت تعویض یونی: این مواد سطح فعال زیادی دارند و این سطح جاذب یون است لذا با عبور آب یون های محلول در آب را جذب می کنند.
بعد از آب مهمترین مایع، الکل ها هستند.
بین مایع و ذرات یک سطح تماس وجود دارد (interface) لذا مایع، سطح ذرات را خیس می کند. میزان تر کنندگی مایع مهم است. اگر مایع سطح ذرات را خیس کند یعنی از نظر انرژی سطحی مناسب است و ترکیب مناسبی داریم. اما اگر تر نکند باید ازافزودنی ها استفاده کنیم زیرا در غیر این صوورت مایع و ذرات از هم فرار می کنند و جدا می شوند.
سطح جامد در برابر مایع دو نوع برخورد دارد:
- مایع گریز lyophobe (آب گریز hydrophobe) ← ترکنندگی نداریم ← افزودنی اضافه می کنیم ← wetting agent که فقط به ترکنندگی کمک می کند اما surfutant علاوه بر ترکنندگی در dispertion نیز موثر است.
- مایع دوست lyophile (آب دوست hydrophile) ← ترکنندگی داریم ←در اینجا مایع کمک می کند تا ذرات از هم و گرانوله ها از هم جدا شوند و لذا به جدایش این ذرات از هم کمک می کند.
با افزودن افزودنی و ترکننده، سطح آب گریز به سطح آب دوست تبدیل می گردد. مولکول های این عوامل دارای یک بخش آب دوست و یک بخش آب گریز هستند. لذا از سمت آب گریز خود به سطح ذرات می چسبند و چون سطح آب دوست آنها آزاد است، می توانند به مولکول های آب بچسبند و عمل تر کنندگی را انجام دهند. در هر دو حالت ترکنندگی و عدم ترکنندگی سیستم به حداقل انرژی خود می رسد، قبل از ریختن مایع بر روی سطح، یک انرژی سطحی بین جامد و گاز و یک انرژی سطحی بین مایع و گاز داریم. سطح که زیاد می شود یعنی پارامتر انرژی سطحی مایع و جامد به قدری کوچک است که مایع تمایل دارد تا سطح زیادتری با مایع داشته باشد. (همینطور انرژی سطحی مایع و گاز هم کم است) این حالت در مورد ترکنندگی رخ می دهد (سیسستم به سمت حداقل انرژی می رود) یعنی:
γ > > γ + γ
=
γ < γ + γ
دراینجا چون انرژی سطحی مایع و جامد زیاد است سیستم تمایل دارد تا حداقل سطح بین مایع و جامد راداشته باشد.
اگر θ>90 درجه باشد عدم ترکنندگی داریم واگر θ<90 درجه باشد ترکنندگی داریم.
اگر ترکنندگی ذرات توسط مایع خوب باشد مایع تمایل دارد ذرات را جذب نماید و لذا بخشی ازذرات و گرانوله ها را ازهم جدا می کند و به جدا سازی ذرات کمک می کند وذرات ماده را جذب می کند.(تر کنندگی به جدایش ذرات کمک می کند)
اگر مثلا آب باشد ،به دو صورت فیزیکی (الکتروستاتیکی) و شیمیایی مولکول های آب به ذرات جذب می شوند در حالت شیمیایی مولکل های آب می شکنند و جذب ذره می گردند به این حالت هیدرولیز آب می گویند.
اگر ترکنند گی صورت بگیرد یک لایه و غشایی از مایع دور ذرات را می گیرد و هر ذره ای دردرون مایع سیستم ،مقداری از آب به دور خود جذب می کند.لذا این آب به ذره می چسبد و با آن حرکت می کند و همزمان با حرکت ذره ، لایه آب دور آن نیز با آن حرکت می کند.به این لایه آب جذب شده می گویند.
این لایه دارای ضخامتی است که به طور معمول 0A 20ضخامت دارد.
حال وقتی که مقداری ذرا ت در مایع داریم ،این ذرات در درون مایع پراکنده می گردند وهر ذره نیز دارای یک لایه آب به دور خود می باشد. مایع نیز دارای ویسکوزیته مشخصی است که رفتار مایع را با آن می سنجند.
حرکت کلی مایع عبارت است از حرکت ذرات و حرکت مایع به طور همزمان و نسبت به هم .اگرغلظت ذرا ت در مایع کم باشد چون ذرات دارای فاصله زیادی نسبت به هم هستند، لذا می توانند به راحتی حرکت کنند.حرکت ذرات نسبت به هم معادل است با حرکت ذرات نسبت به هم (همراه با لایه ی مایع اطراف هر ذره)و حرکت مایع از بین ذرات وقتی غلظت ذرات کم است ،فاصله بین آنها زیاد است و مایع به راحتی از بین دو ذره عبور می کند.
هنگام حرکت مایع اطراف سطح ذره جامد ،لایه مرزی ایجاد می شود ، که در درون لایه مرزی سرعت حرکت کم است ولی خارج از لایه مرزی ،حرکت سیال سریع خواهد بود .اگر ذرات نسبت به هم فاصله کمی داشته باشند و خیلی به هم نزدیک باشند،لایه های مایع اطراف آنها همدیگر را قطع می کنند و لایه های مرزی آنها با هم تداخل می کنند و لذا حرکت مایع بین این دو ذره به کندی و با زحمت صورت می گیرد و ویسکوزیته مایع افزایش می یابد . چون کانال عبور مایع کاهش یافته است .
اگر دو ذره بیش از این به هم نزدیک شوند ،لایه های مایع جذبی آنها با یکدیگر مشترک می گردند و این لایه های مایع جذبی ،خود مانند جسم جامد عمل می کنند
در این حالت حرکت مایع به شدت کند می شود و ویسکوزیته شدیداَ بالا می رود.
اگر همین درصد ذرات را به ذرات و دانه های ریزتر تبدیل کنیم ،سطح ذرات افزایش می یابد و لایه ی آب اطراف ذرات هم افزایش می یابد (به علت افزایش سطح ذرات ) لذا کانال های عبوری مایع از بین ذرات کوچکتر می گردد.وحرکت سیال سخت تر می گردد، و ویسکوزیته مایع افزایش می یابد.
به ازای یک اندازه دانه خاص ،یک Max درصد جامدی وجود دارد که بیش تر از آن لایه های آب اطراف ذرات با هم مشترک می شوند. هر چه اندازه ذرات درشت تر باشد، این Max درصد، بیش تر خواهد بود و هر چه اندازه ذرات ریزتر باشد اینMax بسیار کمتر خواهد بود .فقط ممکن است برای دانه های درشت این میزان به 40% حجمی برسد ولی در حالت ریز دانه تنها 20%حجمی باشد.
حجم موثر = حجم ذره +حجم آب اطراف ذره
درحالت ریز دانه حجم موثر بسیار بیش تر از حالت درشت دانه ،مقدار بیش تری از ذرات برای پرکردن حجم مایع نیاز داریم .
دفلوکولانت Deflocculants :
:Flocجمع شدن چند ذره کنار هم را گویند (تجمع ذراتی که از هم جدا هستند ) سیستمی که این اتفاق در آن بیافتد را Flocculanted system نامند. اگر جلوی این عمل گرفته شود به آن عمل Deflocculation گویند و به آن عامل دفلوکولانت گویند.
ریشه های باردار شدن ذرات :
1-خارج شدن یون ها از سطح ذرات (مثلا در رس ها)
2- پیوند های ذرات و پیوند های شکسته
3-الکترولیز و جدایش ذرات در دوغاب
عامل مهم در جداسازی ذرات از هم توجه به نیروی واندروالس است.این نیرو همواره جاذبه است و ازایجاد دی پل های موقت در سیستم بو جود می آید و کوتاه برد است ( زیرا در مقیاس مولکولی است لذا ذرات باید به هم بسیار نزدیک شوند تا نیروی واندروالس عمل کند) در نتیجه Stabilization مقابله با نیروی واندروالس است و در واقع جلو گیری از نزدیک شدن ذرات و جلو گیری از اثر نیروی واندروالس است.
icStabilization Electrostat
Steric
فرض : ذره ای داریم که به دلایلی دارای سطح باردار است . اگراین ذره در محیط مثلاَ آبی قرار گیرد یون های با بار مخالف را جذب می کند و در نزدیکی سطح ذره ،لایه جذب شده متراکم تر است و هر چه از سطح ذره دور می شویم تراکم لایه ذرات جذب شده (با بار مخالف )کمتر خواهد بود. می توان نمودار پتانسیل الکتریکی را به ازای فاصله از ذره رسم نمود.
پتانسیل در سطح ذره Max است و بیش ترین جذب یون های مخالف در سطح ذره صورت می گیرد.با فاصله گرفتن از سطح پتانسیل کاهش می یابد.
صفحه ای را که از آن جا به بعد یون های جذب شده به ذره خیلی مقید نیستند و می توانند حرکت کنند این صفحه را، صفحه لغزش گویند و پتانسیل این صفحه را پتانسیل زتا می نامند.
اهمیت و اثر rε بر پتا نسیل زتا و ضخامت لایه موثر چیست؟
- به علت وجود نیروی واندروالس اگر ذرات به هم نزدیک شوند ،به یکدیگرمی چسبند و آگلومره تشکیل می دهند و سنگین شده و ته نشین می گردند برای جلوگیری از آن باید پایدار سازی صورت بگیرد .
پایدارسازی الکترواستاتیک بدین صورت است که با ایجاد ابریونی در دور ذره، چون ذرات در اطراف خود دارای ابر یونی با بارهم نام می شوند،خیلی نمی توانند به هم نزدیک شوند لذا یکدیگر را دفع می کنند و در نتیجه نیروی واندروالس نمی تواند اثر کند.
پتانسیلی که باعث جدا شدن ذرات از هم می گردد باید حتما دافعه ای باشد تا از نیروی جاذبه ای واندروالس جلو گیری کند.
مکانیزم پا یدارسازی steric نیز باید به صورت دافعه ای باشد ولی دافعه در این جا از نوع دافعه الکترواستاتیکی نخواهد بود بلکه از نوع دافعه فیزیکی است (یا مکانیکی ) به این صورت که اگر پلیمرهای زنجیره ای را به صورتی به ذرات متصل کنیم که ازسر به ذره بچسبد لذا این رشته ها دراطراف ذرات قرار می گیرند و مانع نزدیک شدن ذرات به هم می شوند.
جمع جبری پتانسیل ها در سیستم نشان دهنده ی این است که پتانسیل و سیستم جذبی است و یا دفعی و آیا سیستم پایدار است یا خیر؟
اگر میزان دافعه بیش از جاذبه باشد لذا vt دافعه ای خواهد بود و در نتیجه سیستم می تواند پایدار شود وبالعکس
عوامل مهم و موثر در پایدار سازی :
1-غلظت
2-دما
3- نوع مایع
4-PH
-5 ظرفیت ونوع یون عامل (یونی که پایدار سازی انجام می دهد)
هر چه ضخامت لایه موثر بیشتر باشد، دافعه ی بیش تری نیز دارد و لذا پایداری بیش تری نیز خواهد داشت.
(استفاده از یون Na باعث افزایش ضخامت لایه مضاعف می شود و آن را کم می کند زیرا یون Ca بار کمتری دارد وباید به مقدار بیش تری برای خنثی کردن بار ذره به ذره بچسبد.)
ویسکوزیته یک مایع با تعداد ذرات یکسان ،در حالت دی فلوکولانت با حالت فلو کولانت متفاوت است.چرا؟
با توجه به بحث های جلسه ی قبل ،می دانیم که ذرات در مایع ،مقداری از مایع را به خود جذب می کنند، لذا هر چه ذره ریزتر باشد ،چون سطح بیش تری دارند ،در کل مقدار مایع بیش تری را جذب می کند و لذا ذرات ریز تر،حجم مایع را سریع تر و زود تر نسبت به ذرات درشت تر پر می کنند حال اگر ذرات ریز تری داشته باشیم که دی فلو کولانت شده اند، این ذرات تمام فضای مایع را پر می کنند،در نتیجه کانال های بین ذرات کوچک خواهد شد و گرانروی زیاد می شود ولی اگر به هم جذب شوند درشت تر می گردند و کانال های بین ذرات باز تر می گرددو لذا گرانروی کم می شود.
عکس این مطلب هم می تواند صادق باشد ،پس به نظر شما جواب چیست؟
کاربردهای مهم افزودنی های پليمری در پروسسينگ سراميکها
بايندر -
پلاستی سايزر -
ديسپرزانت -
حلال -
Binders:
: Inorganicانواع رس ها
1-کلوئیدی:
:Organic سلو لز مایکروکریستالین، Vinyl
Inorganic :سیلیکات سدیم ،آلومینات سدیم
2-مولکلی :
:organicدر Advanced ceramic ها مهم هستند . (نوع سنتزی گران تر و دارای
پسماند کمتری است)
خواص مورد نياز بايندرها
-راحت بسوزد و خارج شود.
-استحکام خام بالا بدهد.
-قابل حل در حلال مناسب و پايداری در محلول.
-ارزان باشد.
سوختن بايندر
با افزايش حرارت،پليمر تجزيه شده و در دمای خاصی از سيستم خارج شود.
بعد از سوختن پسماند کمی به جا بگذارد.
گاهی ممکن است با سطح ذرات ريز واکنش کرده و ديرتر از سيستم خارج شود.
در عمل جهت جلوگيری از خروج ناگهانی گازها و ايجاد ترک،سعی می کنند تا از بايندرهای گوناگون استفاده کنند. (پلی اتيل متااکريليت:محدوده تبخير600 – 150 )
در قطعات بزرگ مشکل سوختن را داريم.راه حل؟
چند راه حل
استفاده از هوای فشرده)البته سرعت سوختن نبايد خيلی بالا باشد تا قطعه ترک نخورد(
استفاده از منگنز يا پالاديم در حد 100 ppm تا فرآيند اکسيد شدن را تسريع کنند.
استفاده از بايندرهای خود اکسيد شونده)نيترات سلولز محلول در اتيل استات يا متانول (
استحکام
ذرات را به خوبی بهم بچسباند.
بين خود چسب،چسبندگی بالالايی وجود داشته باشد.
با افزايش بايندر،استحکام و چسبندگی افزايش می يابد.
بهترين چسبندگی از پيوند هيدروژنی حاصل می شود.
حل کردن بايندرها
حل کردن بايندر،يعنی غلبه بر پيوند قطبی يا غير قطبی بين مولکولها
برخی از بايندرها جهت افزايش قابليت انحلالال تحت عمليات سطحی قرار می گيرند.
عموما بايندرهای قطبی در حلالال های قطبی و بايندرهای غيرقطبی در حلال های غير قطبی حل می شوند.
جهت انحلالال بايستی مولکول حلالال توانايی گسستن پيوندهای بين مولکولهای بايندر را داشته باشد.
در تمامی پروسه ها بجز قالب گيری تزريقی و ريخته گری تحت فشار،بايندر در يک مايع محلول و ديسپرز می شود.
آشنايی با چند نوع بايندر پليمری
نوع وينيلی
پيوند درون زنجيره ها c-c است و گروههای شاخه ای H و OHوجود دارند پس حلاليت در آب داريم . OH با سطح ذرات پيوند هيدروژنی می دهد و چسبندگی بالالا می رود.
نوع سلولز
-نسبت به نوع وينيلی انعطاف کمتری دارند پس مولکول پيچ نمی خورد و بزرگتر است.
-نشاسته:چسب طبيعی و نامحلول در آب سرد
-سديم کربوکسی متيل سلولز:يک چسب آنيونی جهت افزايش ويسکوزيته و کنترل خواص فيلتراسيون سراميکهای سنتی
-صمغ های طبيعی:مشتق شده از گياهان و دارای شاخه های پليمری پيچيده
-ليگنوسولفانات ها:در پروسه های سولفاتی استفاده می شوند.به عنوان ديسپرزانت های ارزان قيمت هستند.
واکس ها و گليکل ها
واکس های معمولی مثل پارافين مشتق شده از نفت هستند.
پارافين ها:مخلوطی از هيدروکربن های اشباع شده هستند که تمايل به تبلور صفحه ای يا سوزنی شکل دارند.
استرها،اسيدها و الکل ها:نسبتا سخت هستند و نقطه ذوب نسبتا بالالايی دارند)حدود 90 درجه سانتی گراد(
موم:مخلوط پيچيده استری که نسبت به واکس های گياهی نقطه ذوب پايين تری دارد.
PEG : نوع وزن مولکولی پايين دارای ويسکوزيته مايعی پايدار با گرما و نوع وزن مولکولی بالا ،واکس های جامدی هستند که به عنوان بايندر و روانساز استفاده می شوند.
عوامل موثر برTg بايندر
هر چه شاخه های پليمری بايندر سفت تر باشند،در اثرحرکت زنجيره ها مقاومت کرده و باعث افزايش Tg می گردند.
هر چه شاخه های پليمری بايندرقطبی تر و استحکام پيوند بين آنها بيشتر ، Tg بیشتر
هر چه وزن مولکولی بايندر بيشتر ، Tg بیشتر
هر چه ميزان شبکه سه بعدی بهم پيوسته بيشتر ، Tg بیشتر
پلاستی سايزر
مواد آلی دارای وزن مولکولی کمتر از بايندر هستند و با نفوذ بين مولکول های بايندر و شکستن آنها باعث نرم شدن و کاهشTg بايندر می شوند.
معمولا در همان حلالی حل می شوند که بايندر در آن حل می شود.
عموما سه برابر چسب استفاده می شود.
در بسياری موارد دارای توان بالايی برای حل کردن پليمر ها هستند.
فراريت آنها کمتر از حلال های آلی است.
پلاستی سايزری انتخاب می شود تاTg بايندر را هنگام کار به زير دمای اتاق ببرد.
چند نکته
در ريخته گری نواری نقش مهمی دارند.
هر چه وزن مولکولی پلاستی سايزر بالاتر،توانايی کاهشTg بايندر بيشتر.
عموما از دو پلاستی سايزر استفاده می کنند تا فضای بين مولکول های بايندر را پر کنند.
برخی اوقات عمل مخلوط بايندر و پلاستی سايزر در خلا انجام می شود تا از حبس هوا جلوگيری شود.
پلاستی سايزر،سوختن بايندر را تسهيل می کند.
پلاستی سايزرعموما باعث کاهش استحکام نيز می شود.
چند مثال از پلاستی سايزرها
از پلاستی سايزرهای محلول در آب می توان به گليسرين ، PEG، پلی پروپيلن گليکل و پروپيلون گليکل اشاره کرد که برای چسب های خاصی مناسبند مثلPVA ، متیل سلولز ، هيدروکسی اتيل سلولز و پلی اکريل آميد
بسياری از پلاستی سايزرها نه تنها برای مولکول های بايندر که برای بايندرهايی با ذرات کلوئيدی نيز استفاده می شوند.مثلا گليسرين واتيلن گليکل در بدنه های رسی نقش پلاستی سايزر را بازی می کنند.
ديسپرزانت
وظيفه اصلی جلوگيری از تشکيل آگلومره هاست.
ديسپرزانت با جداسازی ذرات در سوسپانسيون سراميکی،ميزان ماده جامد و رفتار جريانی را افزايش می دهد.
هر چه ذرات ريزتر،سطح بيشتر،جاذبه بين ذرات بيشتر،ديسپرزانت بيشتر
عملکرد ديسپرزانت ها
اگر ديسپرزانت بهتر عمل کند:
1) رسوب کمتر
2) کاهش ويسکوزيته
3) ماده جامد بيشتر
4) دانسيته خام بيشتر
پليمرهای دارای وزن مولکولی کم معمولا به عنوان ديسپرزانت عمل می کنند.
حلال ها
خواصی که حلال ها بايد داشته باشند:
توانايی حل کردن افزودنی های ديگر
در ميزان ماده جامد بالا،ويسکوزيته کمتر
تمايل کم به تشکيل حباب ها حين آسياب
سرعت تبخير بالا
مسائل امنيتی(عدم شعله وری-غير سمی بودن)
هزينه پايين
فقدان حمله شيميايی به پودر سراميکی
در بسياری موارد جلوگيری از تشکيل آگلومره
پلی وينيل پيروليدون( PVA )
پليمری شامل گروههای آميدی
محلول در آب
پايدار حرارتی
پسماند بسيار کم بعد از سوختن
با توجه به وزن مولکولی پايين در رطوبت های بالا به عنوان پلاستی سايزر عمل می کند.
کاربردها
در تشکيل فيلم های نازک بدون ترک مثل BaTiO3 ، TiO2 ، CeO2
به عنوان ديسپرزانت در تشکيل ممبران های رشته ای باريک آلومينا و هيدروکسی آپاتيت
به عنوان بايندر در ريخته گری نواری محلول آبی پايه آلومينايی
مثال
در تحقيقی که از PVA به عنوان بايندر در کامپوزيت آلومينا/زيرکونيا استفاده شد،در مقايسه با ديگر بايندرها بالاترين استحکام (634MPa)و بالاترین دانسیته (99.7%) حاصل شد .
پلی اورتان
در تحقيقی ديگر اثر بايندر پلی اورتان بر خواص آلومينای پرس خشک شده بررسی و نتايج زير حاصل شد:
افزايش استحکام
بسته به غلظت بايندر ( 5-1 ) درصد وزنی،استحکام کششی (7-1.6) و خمشی ( 12.2-2 (MPa
عامل کنترل کننده استحکام خام بالا،پيوند هيدروژنی بين اتم های اکسيژن آلومينا و گروههای اورتان بايندر
اين بايندر به تدريج می سوزد و کربن باقی مانده کمی به جا می گذارد.
مورد ديگر
در تحقيقی اثر افزودنی های آلی بر ويسکوزيته دوغاب آبی AIN در روش ريخته گری نواری بررسی شد. نتايج نشان دادند که افزودنی های آلی تاثيرات شگرفی بر ويسکوزيته دوغاب دارند.بايندر PVA تمايل به افزايش ويسکوزيته دوغاب و پلاستی سايزر(PEG+FBP) تمايل به کاهش ويسکوزيته دوغاب نشان دادند.
ذرات ماده مانند ذرات رس، به علل مختلف بر روی سطح خود دارای بار هستند لذا اگر از چسبیدن ذرات به هم جلوگیری نکنیم ذرات از قسمت های مختلف با بار مخالف به هم می چسبند و تشکیل یک ساختار لبه به سطح می دهند. به این مکانیزمHetropolar attraction می گویند.(اگر در سیستم رس داشته باشیم ،این مکانیزم رخ می دهد و باعث افزایش استحکام بدنه می گردد، در بدنه های غیررسی هم می توان از رس به عنوان چسب استفاده کرد.)
اما در حالتی که دوغاب را پایدار کرده ایم، ذرات از هم جدا هستند، لذا برای اینکه این مکانیزم رخ دهد ،با ید آب سیستم را کاهش دهیم تا ذرات به هم نزدیک شوند و به هم بچسبند.(پس مکانیزم چسبیدن رس ها به هم مکانیزم هتروپلار است)
مکانیزم هتروپلار یکی از مکانیزم هایی است که اگر دوغاب (رسی) پایدار نشده باشد رخ می دهد و دوغاب را ناپایدار می کند.
1- پلیمریزاسیون
مکانیزم های اثر چسب ها:
2- تشکیل فیلم
در پلیمریزاسیون ، با کم شدن حلال، غلظت مولکل های پلیمری زیاد می گردد.در نتیجه مولکول های پلیمری زنجیره های طولانی از یک سری مولکول ها می دهند و به هم می چسبند.
ایجاد فیلم: در اطراف ذره تشکیل فیلمی از پلیمر می دهند ، با کاهش آب ذرات به هم نزدیک می شوند ودر نتیجه ی این نزدیک شدن، فیلم های اطراف ذرات با هم هم پوشانی می کنند و ذرات به هم می چسبند.
بعضی از binder ها علاوه بر اینکه چسب هستند، مایع بدنه را تشکیل می دهند مانند رزین ها و بعضی ها علاوه بر چسب، جزء ماده بدنه نیز هستند مانند کلوئیدی ها.مانند رس کلوئیدی هم چسب است وهم جزء بدنه.
در روش injection molding ، مایع و چسب یکی است.(ازجنس پلیمر های دمای بالا) و پلیمر در این جا هم چسب است و هم مایع وهم امکان فرم دهی به ما می دهد.
تکنیک های فرم دهی:
ریخته گری نواری Tape casting :
با این روش هم می توان سرامیک های نواری ساخت هم سرامیک های چند لایه.
Spin coating :
در این روش دو عامل روی ضخامت تاثیرگذار است:
- سرعت چرخش که هرچه زیادتر باشد، ضخامت کمتر است.
- زمان خشک شدن که هر چه زمان بیشتر باشد ضخامت بیشتر می شود.
سرامیک های متخلخل Porous Ceramic :
کاربرد این سرامیک ها عبارتند از:
- عایق حرارتی.
- فیلتر برای مذاب ها یا مواد شیمیایی خورنده.
- پایه ی کاتالیست.
در این مواد باید اندازه و تعداد و پخش تخلخل ها را کنترل کرد.
در مواد پایه کاتالیست باید بتوان مثلاَ مایع را از گاز جدا کرد.
ساخت این سرامیک ها چند تکنیک کلی دارد:
- Direct Formong : ایجاد حباب با استفاده از مواد حباب زا یا موادی با انرژی سطحی کم که ایجاد حباب می کنند یا با انجام یک واکنش می توان حباب در قطعه ایجاد کرد که اگر قبل از خروج حباب قطعه را پایدار کنیم قطعه ای با تخلخل بالا داریم.
- Secrificial tempale : اگر موادی داخل قطعه بریزیم که فدا شوند مثل خاک اره یا کک که بعد از شکل دهی جای آنها تخلخل بماند.
- Replica : این روش همانند شکل دهی دوغاب با استفاده از اسفنج و سپس از بین بردن اسفنج است.
مقایسه روش Solid Free Forming با روش های متداول شکل دهی:
روش های معمولی: طراحی ← ساخت مدل ← ساخت قالب ← شکل دهی.
S.F.F : طراحی ← شکل دهی. (روش الگوسازی سریع).
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
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در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
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پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
در این مقاله برخی
از مواد اولیه ی مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
را معرفی می کنیم. بدست آوردن مواد اولیه ی مناسب، اولین مرحله از تولید اجزای سرامیکی است. دو منبع عمده برای مواد خام وجود دارد. این دو منبع عبارتند از :
کانی های طبیعی (Naturally occurring Minerals)
کانی های مصنوعی (Synthetic Minerals)
در مورد مینرال های طبیعی ما توضیحاتی درمورد منشع، محل تمرکز منابع و مکان هایی که احتمال وجود آنها هست را توضیح می دهیم. همچنین فراوانی نسبی آنها را نیز بیان می کنیم. برای آنکه بتوان از منیرال های طبیعی استفاده کرد باید آنها را تغلیظ کرد. در اغلب موارد صنایع تغلیظ کننده در کنار منابع این مینرال ها پدید می آیند.
بیشتر این مینرال ها پیش از استفاده شدن باید تغییر حالت فیزیکی – شیمیایی دهند تا برای استفاده شدن مناسب شوند. به مجموعه ی این فرآیندها فرآوری می گویند . افراد شاغل در زمینه ی فرآوری با مطالعه ی مستمر می دانند که یک اکسید چگونه تشکیل گشته و چه ناخالصی هایی به همراه آن وجود دارد. البته آگاهی دقیق از ترکیب شیمیایی یک مینرال طبیعی بوسیله ی آزمایشات آنالیز انجام می شود. موادی که در طبیعت بوجود نمی آیند یا در طبیعت به میزان بسیار کمی وجود دارند را باید به صورت مصنوعی تهیه کرد. (ازاین رو اتلاق واژه ی مینرال به آنها صحیح نمی باشد). در ادامه ما به بیان فرآیندهای سنتز این مواد می پردازیم. کاربیدها، نیتریدها و بریدها مواد مصنوعی متداول مورد استفاده در صنعت سرامیک هستند. البته برخلاف متدوال بودن آنها، این مواد، موادی گران بها هستند و تولید شان بوسیله ی فرآیندهای خاص انجام می شود. برای اکثر مواد غیر اکسیدی، ناخالصی عمده ی مواد اولیه در تولید آنها هستند که به طور کامل واکنش نداده اند مانند آلومینیوم در نیترید آلومینیوم (AIN) یا سیلیسیم در نیترید سیلیسیم در صنعت ساخت سرامیک های ویژه ، مواد خام مختلفی استفاده می شوند که اگر بخواهیم به آنها بپردازیم ، هر کدام یک مقاله را به خود اختصاص می دهند. در این مقاله ما سعی می کنیم گروه های اصلی مواد خام طبیعی و مصنوعی را معرف کنیم.
سنگ معدن ، مکافی و زمین شناسی
شکل 1 یک برش عرضی است که زمین را به صورت شماتیک نشان می دهد. زمین دارای شعاع متوسط 6370 کیلومتر است که این شعاع از سه لایه ی مجزا تشکیل شده است. لایه ی بیرونی زمین پوسته نامیده می شود.این لایه نسبت به دو لایه ی دیگر نازک تر است. صخامت آن از 20-60 کیلومتر متغیر است.
(به طور متوسط پوسته 30 کیلومتر صخامت دارد.) این پوسته ی زمین است که کانی های مفید برای بشر را در خود جای داده است.
پوسته ی قاره ای اصولا از سیلیکات های منیزیم ، آهن، آلومینیوم و کلسیم تشکیل شده است که به همراه این مواد، فلزات قلیایی، آلومینیوم وسیلیس آزاد وجود دارد. جدول 1 فراوانی عناصر عمده ی پوسته ی قاره ای را نشان می دهد. اگر به جدول توجه کنید متوجه می شوید که اکسیژن ، سیلیسیم و آلومینیوم با هم تقریبا %90 وزنی عناصر پوسته را تشکیل می دهند.
لایه ی زیر پوسته جبه نامیده می شود. این تصور وجود دارد که لایه ی ضخیم جبه از سیلیکات های منیزیم، سیلیکات آهن، آهن آزاد و سولفیدهای آهن تشکیل شده است. مینرال های موجود در جبه و هسته هم اکنون قابل دسترسی نیستند برای همین در مورد آنها بیشتر توضیح نمی دهیم. به هر حال زمین شناسان می توانند به توصیف سنگهایی بپردازند که از جبه و به صورت فرآیندهای طبیعی به سطح آمده اند. معدن منبعی از یک ماده ی معدنی است که ارزش استخراج داشته باشد. مثال هایی از معدن ها عبارتند از: هماتیت (سنگ معدن اصلی آهن)، ایلمنیت (سنگ معدن اصلی تیتانیم .البته علاوه بر تیتانیم این ماده آهن نیز دارد.) ، پیروفانیت نیز یکی از مواد معدنی تیتانیم دار است اما این ماده ی معدنی ماده ای بسیار کمیاب است.
تشکیل کانی ها
کانی ها جزء اصلی سنگ ها هستند که از بخش جامد و غیر آلی زمین بدست آمده اند. سنگ ها معمولا از یک کانی تشکیل نشده اند. در واقع آنها از تجمع دو یا چند کانی تشکیل شده اند. عموما زمین شناسان سنگ ها را به سه نوع تقسیم می کنند . که این سه نوع عبارتند از :
1)سنگ های آذرین (igneous)
2)سنگ های دگرگون (metamorphic)
3)سنگ های رسوبی (Sedimentry)
سنگ های آذرین
این مواد وقتی تشکیل می شوند که ماگما در نزدیکی پوسته و یا در خارج از پوسته و در سطح زمین سرد و جامد می شود. واژه ی آذرین (igneous) از واژه ی ignis که یک واژه ی لاتین است ، گرفته شده است. ignis به معنای آتش است. وسنگ های آذرین به معنای سنگ های بوجود آمده از آتش است. ماگما از عناصری چون سیلیس، آلومینیوم، اکسیژن، سدیم ، پتاسیم، کلسیم ، آهن و منیزیم غنی است. جدول 2 گستره ی ترکیب عناصر عمده ی موجود در سنگ های آذرین را نشان می دهد.
اینها عناصری هستند که وقتی با سیلیس ترکیب شوند، تشکیل سیلیکات می دهند. سیلیکات ها به تنهایی 90 درصد از سنگ های آذرین را تشکیل می دهند. تمام کانی های سیلیکاتی از گروه های سیلیکات تشکیل شده اند.طبقه بندی کانی های سیلیکاتی بر اساس نحوه ی ترکیب این گروه ها انجام می شود. ویژگی مینرال های بوجود آمده ازماگما به ترکیب شیمیایی و دمای ماگما بستگی دارد. نحوه ی کرستالیزاسیون کانی های سیلیکاتی اصلی بوسیله ی واکنش های زنجیره ای Bowen توصیف می گردد که در شکل 2 این واکنش ها را می ببیند. اولوین (Olivine) و فلوسپار کلسیم دار در دمای بالا تشکیل می شوند. و این امکان وجود دارد که در همان ابتدای تشکیل از مذاب جدا شوند. همین طور که دما کاهش می یابد، سایر کانی ها نیز از مذاب به جامد تبدیل می شوند. آخرین کانی هایی که کریستالین می شوند عبارتند از : فلدسپار پتاسیک، میکای موسکویتی (mic muscovite) و کوارتز. این مواد جزء اصلی گرانیت (granite) را تشکیل می دهند.
در پایان آب موجود در ماگما فلزات و گوگرد موجود در ماگما را در خود حل کرده و با نفوذش در ترک ها سبب تشکیل رگه هایی از سولفید در سنگ ها می شود.
سنگ های دگرگون
سنگ های دگرگون دارای ساختار دگرگون هستند که در آنها استحاله های شیمیایی رخ داده است. این تغییر دگردیسی یا دگرگونی نامیده می شود (metamorphism or metamorphosis) استحاله ی رخ داده در این سنگ ها به دلیل اعمال دما و فشار بالا بر سنگ بستر اولیه است. این فشار و دمای بالا در اعماق لایه های زمین پدید آمده است. این دگرگونی در حالت جامد رخ می دهد بدون آنکه ماده ی اولیه ذوب شود و نتیجه آن تشکیل کانی های جدید مانند کیانیت (kyanite)، استارولیت (Staurolite) ، سیلیمانیت (Sillimanite)، آندالوزیت (andalusite)، و گارنت (garnets) می شود . سایر کانی ها مانند درصد ناچیزی از سنگ های آذرین ممکن است در سنگ های دگرگون وجود داشته باشند. البته این نوع کانی ها لزوما به خاطر فشار و دمای بالای صفحات تشکیل نشده اند. و در نمونه ی سنگ اولیه وجود داشته اند. واژه ی دگرگون (metamorphic) واژه ای است که در اصل یونانی است و از دو واژه ی متا (mata) به معنای تغییر و مورفی (morphe) به معنای شکل تشکیل شده است.
سنگ های رسوبی
این نوع از سنگ ها هنگامی تشکیل می شوند که ذرات کوچک و یا کریستال های با خاصیت ته نشین شوندگی به همدیگر بچسبند . سنگ های رسوبی به سنگ های شیمایی(chemical) یا کلاسیک (clasic : جدا شونده) طبقه بندی شوند. سنگ های رسوبی کلاسیک هنگامی تشکیل می شوند که ذرات سنگ ریزه ی تولید شده بوسیله ی هوازدگی شیمیایی و فیزیکی بوسیله ی آب، یخ و باد به مکان های جدید منتقل شوند و به همدیگر بچسبند.
سنگ های رسوبی شیمیایی هنگامی تشکیل می شوند که یون هایی با قابلیت حل شوندگی بالا مانند یون های سدیم، پتاسیم، کلسیم، منیزیم، کلر، سولفات، کربنات و فسفات از سنگ های اولیه در آب حل شوند و رسوب دهی ثانویه در آنها اتفاق افتد. این مواد تشکیل لایه هایی در کف اقیانوس ها و دریاچه ها می دهند و در همان مکان به همدیگر می چسبند. ترکیب سنگ های رسوبی به موارد زیر بستگی دارد:
1)ترکیب شیمیایی منبع سنگ اولیه
2) مقاومت شیمیایی و مکانیکی هر جزء کانی
3)مسافت پیموده شده بوسیله ی مواد تشکیل دهنده سنگ رسوبی
کانی های پایدار مانند کوارتز معمولا جزء اصلی سنگ های رسوبی هستند و همچنین کانی های کمیاب (مانند گارنت، روتایل (rutile) و زیرکن) نیز در این سنگ ها دیده می شود.
اگر چه فلدسپار کانی با مقاومت پایین است اما این ماده به عنوان یکی از اجزای اصلی سنگ های رسوبی است. کانی های رسوبی شامل کربنات (مانند کلسیت ( Calcite) و دولومیت (Dolomite)، سولفات ها (مانند گیبسیت (gypsum) و آنهیدرایت (anhydrite) )، کلریدها، سیلیس کلسدونیک (Silica chalcedonic) هستند.
سه نوع سنگ توضیح داده شده در بالا در شکل 3 نشان داده شده اند. این شکل نشان دهنده چرخه ی سنگ هاست.
فرآوری
فرآوری فرآیندی است که اکثر مینرال ها پیش از استفاده شدن در تولید سرامیک ها از آن عبور می کنند. فرآوری فیزیکی شامل خردایش و آسیاب سنگ های درشت می شود. اندازه ی ذره ی ماده ی خام ممکن است بر روی مراحل بعد فرآیند تولید تاثیر بگذارد. یکی از مثال ها در این زمینه فرآوری آلومینا از بوکسیت است. این فرآیند شامل مراحل مختلف و فرآیند های شیمیایی است.
فرآوری شیمیایی شامل فرآیندهایی است که در آنها کانی های با ارزش از مواد باطله جدا می شوند. برای مثال در این فرآیندها بواسطه ی انحلال مواد در محلول های خاص و فیلتراسیون عمل فرآوری انجام می شود. فرآیند بایر که بوسیله ی آن آلومینا فرآوری می شود مثالی خوب از فرآوری شیمیایی است . در این فرآیند بوکسیت که شامل مواد ناخالصی فراوانی است تغلیظ و فرآوری می شود.
میزان خلوص مواد خام بر روی ترکیب محصول پایانی اثر می گذارد. برای بسیاری از بدنه های سرامیکی کنترل دقیق میزان ناخالصی ها ضروری می باشد . در این کاربردها مواد اولیه به صورت مصنوعی تهیه می شوند. علاوه بر این برخی از مواد سرامیکی به صورت طبیعی وجود ندارند و از این رو باید آنها را با روشهای شیمیایی بسازیم. سنتز مصنوعی پودر سرامیک ها نه تنها دارای مزیت خالص بودن است بلکه اجازه می دهد تا پودر های بسیار ریز با مرفولوژی بسیار خوب تولید شود.
وزن و مقیاس
درسیستم جهانی SI جرم دارای واحد کیلوگرم است. این واحد به خاطر برخی مسائل مورد توجه است. واحد کیلوگرم از پیشوند کیلو بعلاوه گرم پدید آمده است. کیلوگرم بوسیله ی وزن مرجع یک استوانه ی پلاتین – ایریدیم تعریف می شود. این رفرنس در مرکزی در فرانسه نگهداری می شود. برای بیان جرم موادی که در فرآیندهای تغلیظ و معدن کاری با آنها روبرو هستیم معمولا از واحد تن (metricton) استفاده می شود. هر تن هزار کیلوگرم یا یک مگاگرم است . مسئله گیج کننده در زمینه واحد تن وجود واحدهای خاص آمریکایی و انگلیسی برای تن است. که امروزه هنوز در این کشورها در حال استفاده شدن هستند. یک تن برابر o.984 تن انگلیسی است. همچنین یک تن برابر 1.103 تن آمریکایی است.
مسأله ی گیج کننده ی دیگری که وجود دارد این است که در انگلستان واحد آمریکایی تن در معادن سنگ های فلز دار (فلزی) استفاده می شود و این در حالی است که واحد انگلیسی تن در معادن ذغال سنگ استفاده می شود. ما از واحد معمولی تن (metric ton) استفاده می کنیم. البته این مسأله باید مورد توجه قرار گیرد که این واحدها در کارهای تقریبی زیاد متفاوت نیستند و به هم نزدیک اند. محاسبه ی میزان تمام کانی های تجاری دنیا آسان است. سازمان نظارت کننده ایالات متحده ی آمریکا (VSMS) در زمینه ی مواد معدنی هر ساله اطلاعات خود در زمینه ی مواد معدنی انتشار می دهد. این اطلاعات به صورت کتاب سال منتشر می شود. این سازمان تغییرات حاصل در زمینه ی تولید، ذخایر و... را در هر سال گزارش می دهد.
درادامه به بیان مواد معدنی مورد استفاده در صنعت سرامیک می پردازیم .سعی شده است تا منابع و ذخایر اصلی این مواد نیز ذکر شود.
سیلیس
سیلیس یک ماده ی معدنی مهم در صنعت سرامیک است. استفاده ی عمده از این ماده در صنعت شیشه سازی است (حدود 38% از تولید ایالات متحده ی آمریکا در صنعت شیشه سازی مصرف می شود. ) برای مثال حباب های لامپ های با نور سفید (bulbs incandescent lamp) از شیشه های سودالایم تولید می شود که تقریبا 70% از آنها سیلیس است. درصد سیلیس موجود در لامپ های رشته ای می تواند تا حدود %99.8 وزنی نیز برسد.
یکی از منابع عمده ی سیلیس ، ماسه سنگ است . ماسه سنگ صنعتی و ماسه ی سیلیسی دو واژه هستند که در صنعت سرامیک زیاد استفاده می شوند. این دو واژه به معنای ماسه سنگی است که در صد سیلیس موجود در آن ها بالا باشد. در برخی موارد درصد سیلیس برخی از این ماسه ها بیش از 99.5% است.
برطبق تعریف ASTM، ماسه سنگ ذرات سنگ است که به صورت گرانول هستند. این ذرات می توانند از میان الک مش 4 بگذارند.(4.75mm) و بر روی الک مش 200 (75mm) باقی می مانند. و باید از خردایش طبیعی یا مصنوعی سنگ پدید آمده باشند. (ماسه سنگ همچنین از فرآوری فیزیکی سنگ ها (بوسیله ی سنگ شکن) تولید می شوند.)
ماسه سنگ های تولیدی معمولا دارای ترکیب شیمیایی متنوعی هستند که این ترکیب به نوع سنگ مورد استفاده بستگی دارد. ایالات متحده ی آمریکا بزرگترین تولید کننده ی ماسه ی صنعتی در جهان است. ایالت های ویرجینیای غربی، کالیفرنیا، الینویز، پنسیلوانیا ، اوهایو و نیوجرسی 80% ماسه ی سیلیسی با کیفیت بالای مورد استفاده در ایالات متحده ی آمریکا را فراهم می کنند. در الینویز و میسوری عملا تمام سیلیکای مورد استفاده در ساخت شیشه از ماسه سنگ های st.peter بدست می آید. سایر ذخیره های با کیفیت ماسه سنگ نیز وجود دارد. مثلا یکی از این ذخایر oriskany است که در ویرجینیای غربی و پنسیلونیا وجود دارد. این ذخیره ها عموما به صورت تپه های شنی ساحلی یا به شکل لایه هایی 20-30 متری زیر لایه هایی از لجن، خاک رس و سنگ رست (shales) وجود دارند.
عموما استخراج سیلیس صنعتی یک شغل با فروش منطقه ای است . در واقع مراکز تولید عمدتا در کنار مراکز خرید واقع اند مگر آنکه کیفیت محصول تولیدی استثنائی باشد مثلا خواص اندازه ی ذرات یا شکل ذرات ویژه باشد. منطقه ی جغرافیایی فروش این محصول معمولا از 200 مایل فراتر نمی رود. این مسئله به دلیل هزینه ی بالای حمل و نقل این ماده و فراوانی معادن آن در سرتاسر دنیا است.
در سال های اخیر، مقررات محیط زیستی بر روی استخراج سنگ سیلیس بسته شده که علت آن مشکلات سلامتی است که بوسیله ی این محصول بوجود می آید.
کواتز مینرال عمده ی سیلیس ، جزء اصلی سنگ های آتشفشانی مانند گرانیت است. این ماده همچنین در بیشتر سنگ های دگرگون یافت می شود. بخش اصلی سنگ های دگرگون را ماسه سنگ تشکیل می دهد. همچنین رگه هایی با خلوص بالا از کوارتز نیز در این سنگ ها یافت می شود. کریستال های کوارتز با کیفیت نوری بالا واقعا کم یابند . اما روش هایی مناسب وجود دارد که می توان کریستال های کوارتز را رشد داد و آنها را به صورت تجاری تولید کرد. تولید سالانه ی سیلیس در ایالات متحده ی آمریکا تقریبا 30 مگاتن است که این مقدار 700 میلیون دلار ارزش دارد.
سیلیکات ها
فلدسپار
فلدسپارها یک گروه مینرالی بزرگ هستند واین تخمین زده شده است که بیش از 60 درصد پوسته ی زمین را تشکیل می دهند. (همانگونه که در جدول 1 دیده می شود) این گروه مینرالی در بسیاری از سنگ های رسوبی و تقریبا در تمام سنگ های آذرین و دگرگون یافت می شوند.
صنعت شیشه سازی بیشتر فلدسپارهای تولیدی را مصرف می کند. فلدسپار منبع اکسید آلومینوم است. این ماده خواص مکانیکی شیشه مانند مقاومت در برابر خراش و قابلیت مقاومت در برابر شک حرارتی آن را افزایش می دهد. فلدسپار همچنین در بدنه های سرامیک وایت ویر (whiteware) به عنوان فلاکس استفاده می شود. این ماده باعث ایجاد فاز شیشه ای در هنگام پخت بدنه می شود و استحکلام و حالت زجاجی (translucency) بدنه را افزایش می دهد.
کره ی جنوبی بزرگترین تولید کننده ی فلدسپار در جهان است. تولید سالانه ی فلدسپار در ایالات متحده ی آمریکا 800000 تن است که این میزان ارزشی برابر 45 میلیون دلار دارد. ایالات کالیفورنیا، کارولینای شمالی و کانوکتیکات بزرگترین تولید کنندگان فلدسپار هستند.
رویه ی اصلی در فرآیند استخراج و استفاده از فلدسپار شامل موارد زیر است:
1)سوراخ کاری و انفجار توده ی معدنی
2)انتقال سنگ معدن به آسیاب و خردایش آن (فرآوری فیزیکی)
3)جدا سازی مینرال ها به روش فلوتاسیون (این فرآیند بر اساس قابلیت ترشوندگی متفاوت مواد در محلول آبی اتفاق می افتد).
4)خشک کردن
5)آسیاب کردن تا رسیدن به اندازه ی ذره ی زیرمش 200 (75Mm) برای کاربردهای صنتعت سرامیک
درفرآیند فلوتاسیون هوا به داخل سوسپانسیونی از مینرال های خردایش یافته دمیده می شود. در این حالت در محلول کف تشکیل می شود. ذرات تر شده (ذرات آب دوست) در سوسپانسیون باقی می مانند در حالی که ذرات آب گریز جذب حباب های هوا شده که با جدا سازی کف ها می توان مینرال های مورد نظر را جدا سازی نمود. عوامل متنوعی مانند آمینو اسیدها (این مواد دارای وزن ملکولی بالایی هستند) را می توان برای افزایش قابلیت تر شوندگی نسبی مواد جامد در مخلوط ، استفاده کرد. این عوامل به طور گزینشی بر روی سطح مواد خاص مخلوط ، جذب می شوند. این فرآیند در مراحل زیر انجام می شود:
1)جدایش میکا
2)جدایش مینرال های آهن دار مخصوصا گارنت
3)جداسازی فلدسپار از مواد ته نشست شده مانند کوارتز
رس ها و کائولن
رس جزء عمده ی سرامیک های سنتی است. این مواد عموما سیلیکات های لایه ای با اندازه ی دانه ی زیر 2 میکرون هستند. هر لایه ی سیلیکاتی را می توان به عنوان یک کانی رسی تعریف کرد. شش نوع تجاری از رس ها وجود دارند. این انواع در جدول 2 به صورت لیست وار آورده شده است. این رس ها از لحاظ ترکیب، پلاستیسیته، رنگ و خواص پخت متفاوت اند.
هوازدگی مکانیکی و شیمیایی فلدسپارها در سنگ های آذرین و دگرگون شده باعث تشکیل کائولن می شود.(کائولن یک جزء کلیدی در خاک چینی است) . کائولن تشکیل شده می تواند در همان محل متلاشی گردد و یا ابتدا بوسیله ی آب یا باد به محل دیگری منتقل شود و در آنجا متلاشی گردد. ذخایر کائولن اولیه در محل سنگ اولیه وجود دارند. این نوع کائولن دارای مقادیر زیادی کوارتز و میکا است که در حین فرآیند هوا زدگی تشکیل گشته اند. ذخایر بزرگی از کائولن اولیه در جنوب شرقی انگلستان ، اکراین و چین یافت می شود.
کائولن های ثانویه، کائولن هایی هستند که به طور طبیعی از سنگ های اصلی شسته شده اند. و سپس در مکان های دیگر رسوب کرده اند. این مواد به طور طبیعی فرآوری گشته اند و دارای خلوص بیشتری هستند. ذخایر تجاری و اصلی کائولن ثانویه در ایالات متحده آمریکا 50 میلیون سال پیش تشکیل شده اند. این ذخایر به صورت کمربندی در خط ساحلی قدیمی ازشمال آلاباما تا کارولینای شمالی کشیده شده است
میکا
گروه میکا شامل 37 کانی می باشد . این کانی ها با نام فیلو سیلیکات ها (phyllosilicates) هستند که دارای ساختاری صفحه ای یا لایه ای هستند. واژه ی یونانی فیلون (phyllon) به معنای برگ است. برخی از کانی های میکا در جدول 1 آورده شده است. همچنین علاوه بر اسم آنها مکان های وجود منابع عمده ی آنها نیز آورده شده است. میکا ها همچنین بر اساس میکاهای واقعی (truemica) و ترد (brittle) نیز طبقه بندی می شوند. میکاهای واقعی که دارای کاتیون های تک ظرفیتی (مانند k^+ و〖Na〗^+ ) در میان لایه هایشان هستند، از خود خواص ورقه ورقه شده نشان می دهند. این مواد به آسانی به صفحات نازک تبدیل می شوند. در میکاهای ترد، بین لایه ها کاتیون های دو ظرفیتی (مانند 〖Ca〗^(2+) ) وجود دارد. پیوند این کاتیون ها و لایه ها قوی است. اگر چه این مواد نیز خاصیت ورقه شدن دارند اما نسبت به نوع واقعی ترد ترند. میکاهای ترد کانی های کمیابی هستند و استفاده از آنها زیاد نیست.
موسکویت (Muscovite) ، یک نوع میکا است که کاربرد عمده ای دارد. این میکا به خاطر خواص الکتریکی فوق العاده و فراوانی ، کاربردهای فراوانی یافته است.
فلوگوپیت (phlogopite) نوعی کانی است که در دمای بالا پایدار است؛ از این رو از آن در کاربردهایی استفاده می شود که در آنها نیاز به پایداری در دمای بالا و خواص الکتریکی مورد نیاز باشد. هردوی این کانی ها (موسکویت وفلوگوپیت) به صورت صفحه ای و آسیاب شده استفاده می شوند.
میکاها در سنگ های آذرین، رسوبی و دگرگون تشکیل می شوند.( این کانی ها در محیط های مختلف زمین شناسی تشکیل می شوند) . علت تشکیل این مواد در گسترده ی وسیعی از محیط های زمین شناسی پایداری گرمایی این مواد است. شکل 1 دیاگرام فشار – دما برای میکای موسکویتی است. در دمای بسیار بالا (بیشتر از)، این نوع میکا ناپایدار می شود و در حضور کوارتز تجزبه گشته و به فلدسپار پتاسیک و سیلیمانیت (sillimanite) تبدیل می شود.(طبق فرمول زیر):
سیلیمانیت فلدسپارتپاسیک کوارتز موسکوویت
موسکوویت در سنگ های دگرگون کم ارزش تشکیل می شود. در این مکان ها موسکوویت از پیروفیلیت تشکیل می شود. این فرآیند در کریستالیزاسیون اولیه ی کانی های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها (Pegmatites) نیز رخ می دهد.
در سنگ های رسوبی مخصوصا آرنیت (arenites) نیز فرآیند تشکیل موسکویت اتفاق می افتد. موسکوویت در بسیاری از بخش های ایالات متحده ی آمریکا به صورت محدود وجود دارد.
بزرگترین تولید کننده ی میکا، روسیه است. این کشور یک سوم نیاز سالانه ی این ماده را تولید می کند. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 75000 تن میکای ورقه ای و ذره ای تولید می کند. اگر چه ایالات متحده ی آمریکا از لحاظ تاریخی تولید کننده ی صفحات میکایی است ولی منابع داخلی این ماده به پایان رسیده و از این رو این کشور تنها به تولید میکای ورقه ای و ذره ای می پردازد.
مصرف عمده ی میکای آسیاب شده به عنوان پرکننده در اجزای اتصال دهنده ی دیواره های گچی (ژیپسی) است . استفاده از پر کننده های میکایی موجب تولید سطوح صاف می شود، کارایی را بهبود داده و از گسترش ترک جلوگیری می کند. از این مواد همچنین در رنگ ها، محصولات رابری قالب گیری مانند تایرها و خمیر دندان کاربرد دارند. از میکای فلس مانند به عنوان جایگزینی در لقمه ترمزها و صفحه کلاچ استفاده می شود.
هند بزرگترین تولید کننده ی میکای مورد استفاده در ساخت صفحات موسکوریتی (muscovite sheet meca) است. ماداگاسکار نیز بخش عمده ای از میکای مورد استفاده در ساخت صفحات فلوگوپیت را مهیا می کند. قیمت میکای صفحه ای از کمتر از یک دلار بر کیلوگرم برای کیفیت پایین تا 2000 دلار بر کیلوگرم برای نوع با کیفیت متغیر است. از نوع با کیفیت بالای میکای موسکویتی در ساخت دی الکتریک مورد استفاده در خازن ها استفاده می شود.
مولایت
مولایت در طبیعت به میزان فراوان وجود ندارد و باید به صورت مصنوعی ساخته شود. این ماده دارای خواص زیادی است که موجب شده تا این ماده برای کاربردهای دما بالا مناسب باشد. مولایت دارای ضریب انبساط حرارتی بسیار کوچکی است.(این مسأله باعث می شود که مولایت مقاومت به شک حرارتی خوبی داشته باشد). این ماده همچنین در دمای بالا مقاومت به خزش خوبی دارد و از همه مهمتر، مولایت به آسانی با شیشه ی مذاب یا سر باره ی فلزات مذاب واکنش نمی دهد و در اتمسفر های کوره ای خورنده پایدار است.
از این رو از این ماده در آستر کاری کوره و سایر کاربردهای دیرگداز در صنعت فولاد سازی و ذوب آهن و صنعت شیشه استفاده می شود.
از لحاظ تجاری مولایت به دو روش ساخته می شود:
1)زینته ینگ
2)فیوزینگ
مولایت زنیته شده ممکن است بوسیله ی حرارت دادن مخلوطی از کیانیت : ، بوکسیت و کائولن تولید شود. (کیانیت مینرالی است که به صورت طبیعی در سنگ های دگرگون یافت می شود.) این مخلوط (درنسبت های معین) در دماهای بالاتر از 1600c° زینته می شود. ماده ی زینته شده به این روش دارای 90-85% مولایت است . علاوه بر مولایت درصدی شیشه و کریستو بالیت (یکی از پلی فرم های وجود دارد . آفریقای جنوبی تولید کننده ی عمده ی کیانیت دنیاست این کشور سالانه 165000 تن کیانیت تولید می کند.
ایالات متحده ی آمرکیا دارای بزرگترین منابع کیانیت دنیاست. این منابع در منطقه ی کوه های آپلاچین (Applochian Mountains) و آیداهو (Idaho) قرار گرفته اند. آندالوزیت (Andalusite) وسیلیمانیت سایر مینرال های آلومینو سیلیکاتی هستند که مانند کیانیت می توان از آنها به عنوان ماده ی اولیه در تولید مولایت استفاده کرد.
در روش فیوزینگ مقداری آلومینا و کائولن به داخل کوره ی قوس الکتریکی ریخته می شود. پس از روشن شدن این کوره دما به بالاتر از 1750c° می رسد و از این رو می توان با این روش مولایت با خلوص بالاتر تولید کرد. مولایت تولیدی به روش فیوزینگ دارای بیش از 95% مولایت است که به همراه آن مخلوطی از آلومینا و شیشه وجود دارد.
اکسیدها
موادخام مورد استفاده در ساخت سرامیک های اکسیدی تقریبا همگی به وسیله ی فرآیندهای شیمیایی تولید می شوند. علت استفاده از فرآیندهای شیمیایی بدست آوردن خلوص شیمیایی بالا و تهیه ی پودرهای مناسب جهت ساخت اجزای سرامیکی است. اکسیدهای مهم مورد استفاده در صنعت سرامیک در جدول 2 آمده است.
آلومینا
اکسید آلومینیوم ( ، آلومینا ، کوراندوم) بیشترین ماده ی شیمیایی غیر آلی است که در صنعت سرامیک استفاده می شود. این اکسید از کانی بوکسیت (bauxite) و بوسیله ی فرآیند بایر (bayer Process) تولید می شود. بوکسیت مخلوطی از اکسید آلومینیوم هیدراته با اکسید آهن، سیلیس ، تیتا نیا (به عنوان ناخالصی) تشکیل شده است. این کانی از هوا زدگی و متلاشی شدن سنگ های آلومینیوم دار بوجود می آید که در اغلب موارد جنس سنگ ها از نوع آذرین است. این کانی در مناطق گرمسیری تشکیل می شود. مانند کائولن، بوکسیت نیز می تواند به صورت ذخایر اولیه و ثانویه باشد.
فرآیند بایر آلومینایی با خلوص اسمی 99.5% تولید می کند. آلومینا بر اساس کابردهایش در گریدهای مختلف تولید می شود. این گریدها از لحاظ اندازه و شکل کریستال ها و میزان ناخالصی متفاوت اند. ناخالصی اصلی آلومینا اکسید سدیم است. کریستال های آلومینا می توانند اندازه ی بین o.1 – 25 میکرون داشته باشد. شکل 2 کارخانه ی تولید آلومینا به روش بایر را نشان می دهد.
مراحل فرآیند بایر عبارتند از :
1) فرآوری فیزیکی
بوکسیت بدست آمده از معدن ابتدا آسیاب می شود. البته اندازه ی ذرات در این خردایش بسیار درشت است. (اندازه ی ذرات زیر یک میلیمتر است). فرآیند آسیاب کاری باعث افزایش مساحت سطح کل ذرات می شود که این مسأله موجب کاهش زمان فرآیند می شود. (کاهش زمان واکنش های شیمیایی درمراحل بعدی )
2) مرحله هضم
ذرات درشت بوکسیت بوسیله ی افزودن هیدروکسید سدیم (NaOH) به آب حل می شود. این فرآیند در دمای و در فشار کل O.5MPa اتفاق می افتد. همه ی آلومینای هیدراته ی موجود در بوکسیت حل می گردد و به صورت سدیم آلومینات در می آید.طبق فرمول زیر:
3) فیلتراسیون
ناخالصی های جامد موجود در محلول حاصله که عمدتا سیلیس ، تیتانیا و اکسید آهن هستند بوسیله ی فیلتراسیون جدا سازی می شوند.
4) رسوب دهی
پس از سرد کردن ، دانه های گیبسیت (آلومینای هیدراته ی طبیعی - به محلول سدیم آلومینات اضافه می شود. این مسأله موجب تشکیل فاز پایدار از هیدروکسید آلومینیوم در دمای پایین می شود. با دمش گاز به داخل محلول بوجود آمده ،فرآیند ایجاد رسوب تسریع می شود و عمل رسوب زایی ایجاد می شود.
5) شستشو
رسوبات بدست آمده سپس از فیلترعبور داده شده و شستشو می شوند تا میزان سدیم آن کاهش یابد.
6) کلسیناسیون
پودر حاصله در دمای بین 1100C∘ - 1200 کلسیناسیون می شود. در این فرآیند هیدروکسید به اکسید تبدیل می شود. واکنش در این مرحله به صورت زیر است:
در این مرحله آلومینای بدست آمده به شکل کلوخه ای است. این کلوخه ها از دانه های ریز با قطر 10-5 میکرون تشکیل شده اند.
7) آسیاب کردن
پودر حاصله در مرحله ی قبل آسیاب می شود تا اندازه ی ذرات و توزیع ذرات معین بدست آید. آلومینای تولیدی به این روش دارای بیش از 99.5% است. و همانگونه که قبلا گفتیم، ناخالصی عمده ی موجود در این ماده است. پودر حاصله ممکن است به میزان بسیار کم در حدود % 0.001 داشته باشد. این میزان از خلوص برای آلومینا برای بسیاری از کاربردها مناسب است. کنترل دقیق شرایط ته نشست شدن، شستشوی رسوبات و کنترل شرایط کلیناسیون و آسیا ب کردن می تواند موجب تشکیل آلومینایی با خلوص 99.99% شود. قیمت آلومینای کلسینه شده ی معمولی 0.60 دلار بر کیلوگرم است و این قیمت می تواند برای آلومینای کلسینه شده ی با خلوص بالاتر به 2.00 دلار بر کیلوگرم برسد. قیمت گرید متالورژیکی (مناسب برای تولید آلومینوم ) تقریبا ً 150 دلار برتن است.
جدول 3 ترکیب نمونه وار فرم های اصلی آلومینای کلسینه شده آورده شده است. حضور در برخی موارد غیر قابل قبول است. برای مثال ، یون سدیم در میدان الکتریکی تحرک پیدا می کند و باعث اتلاف خاصیت عایق کاری الکتریکی می شود. همچنین سدیم ، آلومینا تشکیل فاز می دهند. تشکیل این فاز باعث کاهش دانستیه، استحکام ، مقاومت به شک حرارتی و مقاومت به خوردگی محصول نهایی می شود. جدول 4 درصد مناسب برای کاربردهای مختلف آلومینای کلسینه شده (تولیدی به روش بایر ) را نشان می دهد.
استرالیا بزرگترین تولید کننده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 60 مگا تن از این ماده تولید می کند.
منابع عمده ی بوکسیت در ایالات متحده ی آمریکا در آرکانزاس (Arkansas) وجود دارد. البته ذخایر کوچکتری نیز در جرجیا (Georgia) ، آلاباما (Alabama) و میسی سی پی(Missisippi) وجود دارد . معادن داخلی کمتر از 1% بوکسیت مورد نیاز ایالات متحده ی آمریکا را مهیا می کنند. از این رو ایالات متحده ی آمریکا یکی از واردکنندگان عمده ی بوکسیت دنیاست. این کشور سالانه 10 مگاتن بوکسیت وارد می کند.
تقریباً 95% از آلومینای استخراج شده در فرآیند تولید آلومینیوم استفاده می شود. بقیه ی آلومینای تولیدی در کاربردهای غیر فلزی مانند تولید آلومینای ویژه مصرف می شوند. و در واقع همین درصد کم برای ما مهم می باشد. زیرا بیشتر آن در صنایع سرامیک کاربرد دارد.
فرم با خلوص بالای آلومینا را می توان به طور مستقیم از فلز آلومینیوم تولید کرد. برای این کار چندین روش وجود دارد که در شکل 3 نشان داده شده است
* منیزیا
اکسید منیزیم(Mgo، منیزیا) به صورت طبیعی و در حالت کانی پیریکاز (periclase) تشکیل می شود. این کانی یک کانی دگرگون است که از تخریب دولومیت و دیگر کانی های منیزیادار تشکیل می شود. منابع پریکاز کمیاب است و ارزش اقتصادی ندارد. منابع اصلی منیزیا ، منیزیت وهیدرو کسید منیزیم است.
ذخایر بزرگ منیزیت در بسیاری از کشورها مانند چین و ترکیه و روسیه وجود دارد. منیزیت دارای ناخالصی های مختلفی مانند سیلیس، آهن، آلومینیوم ، منگنز، و کلسیم است که این ناخالصی ها معمولا ً به شکل کانی های متنوعی وجود دارند. مثلا برخی از این کانی ها عبارتند از: کوارتز، تالک، میکا مگنتایت (Magnetite). پس از استخراج سنگ معدن، باید عملیات فرآوری انجام شود. روش های فرآوری متنوع هستند مثلا خردایش ، دانه بندی، شستشو، جداسازی بوسیله ی آهنربا و ملوتاسیون برخی از این روش ها ست . پس از خالص سازی کربنات منیزیم ، این ماده کلسیناسیون می شود. دمای کلسینا سیون بین است. فرآیند کلسیناسیون موجب تولید دانه های بسیار ریز Mgo با خواص واکنشی بالا می شود. این محصول منیزیای سوز آور(caustic magnesia) نامیده می شود. نوع زینته شده یا پخته شده (dead- burned) منیزیا بوسیله ی کلسیناسیون منیزیم کربنات در دمای بالاتر از تولید می شود. در طی این فرآیند کریستال های واکنش پذیر رشد کرده و از این رو میزان واکنش پذیری آنها کاسته می شود.
منیزیا را همچنین می توان از آب دریا یا آب های شور با درصد پایین منیزیم تولید کرد. تقریبا 60% تولید ترکیبات منیزیمی در آمریکا از این منابع تامین می شود. آب دریا دارای در کیلوگرم است.
مهمترین فرآیند تولید Mgo از آب دریا بدین صورت است که هیدروکسید منیزیم از محلول نمک های مینزیم و بوسیله ی یک عامل بازی قوی رسوب می کند.(طبق واکنش زیر)
رسوبات شسته شده ، فیلتراسیون می شود و بوسیله ی فرآیند کلسیناسیون آب گیری می شود. روش دیگر تولید منیزیا بدست آوردن منیزیا از آب شور است. این فرآیند بر پایه ی تجزیه یرسوبات در دمایرسوبات اتفاق می افتد. (طبق واکنش زیر )
ظرفیت تولید سالانه ی منیزیا تقریبا 10 مگاتن در سال است. تقریبا 9 مگاتن از منیزیا از منابع طبیعی و تقریباً 1.5 مگاتن آن از آب دریاها و آب های شور بدست می آید. قیمت منیزیا در گسترده ی 150- 1200 دلار بر تن است. که این قیمت گذاری بر اساس خلوص آن انجام می شود.
کاربرد عمده ی منیزیا به عنوان دیرگدازهای مورد استفاده در آسترکاری کوره هاست. مقادیر بسیار کمی از منیزیا در تولید محلول خوراکی شیری رنگ (مخصوص درد معده) استفاده می شود. همچنین از منیزیا در ساخت سایر سرامیک ها مانند مواد اسپنیلی بدون کروم استفاده می شود. اسپینل بدون کروم در طبیعت در مقادیر قابل استفاده در صنعت وجود ندارد. اسپنیل را می توان بوسیله ی ذوب الکتریکی آلومینا و مینزیا تولید کرد.
* زیرکونیا
اکسید زیرکونیوم ، زیرکونیا) به طور عمده از زیرکن ) بدست می آید. زیرکن مینرالی است که در سنگ های آذرین مانند گرانیت ها و پگماتیت ها تشکیل می شود.
در برزیل و ماداگاسکار برای تولید زیرکن ، سنگ های آدرین پگماتیتی (pegmatates) را تجریه می کنند. همچنین زیرکن می تواند به عنوان جزئی از سنگ های دگرگون تشکیل شده باشد. در سواحل استرالیا، برزیل، هند و فلوریدا از زیرکن به صورت ذخایر موجود در ماسه های ساحلی وجود دارد که این ذخایر از نوع ذخایر ثانویه هستند. در این نوع از ذخایر که به صورت تجاری مورد استفاده قرار می گیرد، زیرکن به همراه مینرال های دیگر مانند المنتایت (ilmentite) ، روتایل (rutile) و مونازیت (monazite) تشکیل شده است.
برای تولید زیرکونیای خالص از زیرکن چندین روش تجاری وجود دارد. زیرکن در دمای بالاتر از به زیرکونیا و سیلیس تجزیه می شود. تزریق ماسه های زیرکنی به یک محیط پلاسما (در دمای بالاتر از 6000c° ) باعث تجزیه شدن زیرکن و ذوب شدن آن می شود. در هنگام انجماد مذاب پلاسمایی ، زیرکونیا به صورت ساختار دندریتی انجماد پیدا می کند. وبه صورت پوششی شیشه ای بر روی زیرکونیا تشکیل می شود. سیلیس موجود در این ساختار می تواند بوسیله ی شستشو با محلول سدیم هیدروکسید جوشان از بین برود. در این فرآیند مواد زائد شسته می شود و زیرکونیا بوسیله ی سانتریفیوژ جدا سازی می شود.
روش اصلی در تولید اکسید زیرکونیوم ذوب زیرکن در کوره ی قوس الکتریکی است. دمای این ذوب بین 2100c°- 2300 است با آنکه دمای این واکنش نسبت به پلاسما پایین تر است اما فرآیند تجزیه ی زیرکن اتفاق می افتد. اما در این حالت زیرکونیای جامد در سیلیس مذاب تولید می شود. خلوص تولیدی در این روش تقریبا 99% است.
یکی دیگر از منابع تأمین کننده ی زیرکونیا ، بادولیت (baddeleyite: مونوکلینک و ناخالص) است. البته این کانی از لحاظ تجاری اهمیت کمتری نسبت به زیرکن دارد . ذخایر بادولیت کم می باشد. همچنین این ذخایر به همراه آلودگی هایی مانند سیلیس ، اکسید آهن و تیتانیا وجود دارد. ذخایر با دولیت به صورت تجاری در برزیل و آفریقای جنوبی استخراج می شوند. همه ی منابع سنگ معدن زیرکونیوم دارای مقادیر متنوعی از هافینوم ( به طور نمونه وار 3 – 1.5%) هستند . به دلیل شبیه بودن ویژگی های شیمیایی این دو ماده ، فرآیند جداسازی آنها گران قیمت است. به همین دلیل اکثر گریدهای زیرکونیا بیش از %3wt هافینوم دارند.
* زینسیت
اکسید روی (ZnO) به صورت طبیعی در مینرال زینسیت Zincite))وجود دارد. اکسید روی خالص سفید رنگ است. کانی زینسیت به دلیل وجود منگنز( بیش از 10%) و مقادیر ناچیزFeo قرمز رنگ است. منابع طبیعی زینسیت از لحاظ تجاری اهمیت ندارند. دو روش برای تولید اکسید روی وجود دارد:
1)اکسیداسیون فلز روی (در حالت بخار) با هوا
2)کاهش اسفا لاریت ( Sphalerite:zns) با کربن و CO اسفالاریت یکی از کانی های طبیعی و بسیار مهم از روی است. منابع عظیمی از این کانی در سنگ های آهکی دره ی میسی سی پی ، حوالی جوپلین (Joplin) وجود دارد .همچنین منابع عظیمی از این کانی در فرانسه ، مکزیک، اسپانیا ، سوئد و انگلستان وجود دارد.
مقادیر زیادی از اکسید روی تولید شده در صنعت تولید چسب و رابر استفاده می شود. از این اکسید همچنین در رنگ های لاتکس ، کاشی ها ، لعاب ها و صنعت پرسلان استفاده می شود.
این ماده همچنین یکی از مواد پر کاربرد در ساخت وریستور (Varistors) است.
* روتایل و آناتار
روتایل ، تیتانیا) یکی از اجزای تشکیل دهنده ی سنگ های آذرین مانند گرانیت و همچنین به عنوان یکی از مشتقات سنگ های دگرگون مانند گنیس (geneiss) است. این کانی به صورت سوزن های ریزی در نمک ها، میکای بیوتایتی (biotitemica) ، کوارتز و فلدسپار یافت می شود. از لحاظ اقتصادی ذخایر مهم این ماده در سنگ های آذرین ویرجینیا (Virginia) ،کانادا (Canada) و نوروی (Norway) یافت می شود. روتایل (rutile) همچنین یکی از اجزای مهم سنگ های ساحلی است که از فرسایش سنگ های دارای روتایل بوجود آمده اند. این سنگ های ساحلی در استرالیا، فلوریدا و هند وجود دارند.
تیتانیا همچنین از واکنش المنیت با اسید سولفوریک در دمای نیز تولید می شود. این واکنش به صورت زیر انجام می شود و تشکیل تیتانیل سولفات (Sulfate titanyl) می دهد:
تیتانیل سولفات در آب قابلیت حل شوندگی داشته و می توان بدین وسیله از ناخالصی های نامحلول در آب جداسازی شود. (این کار بوسیله ی فیلتراسیون انجام می شود.) هیدرولیز در دمای باعث تشکیل رسوبات هیدروکسید طبق واکنش زیر می شود.:
هیدروکسید تیتانیل بوسیله ی کلسیناسیون در دمای 1000c° به تیتانیا تبدیل می شود.
* غیر اکسیدی ها
اکثر سرامیک های غیر اکسیدی مهم در طبیعت وجود ندارند و بنابراین باید آنها را سنتز کرد. روش سنتز این مواد معمولا یکی از روش های زیر است:
1)ترکیب مستقیم فلز و نافلز در دمای بالا
2)کاهش اکسید با کربن در دمای بالا (کاهش کربوترمال) و واکنش متعاقب با نافلز در این بخش از مقاله نگاه مختصری به سرامیک های غیر اکسیدی مهم داریم. برای نشان دادن تنوع سرامیک های غیر اکسیدی ما مثال هایی از کاربیدها ، نیتریدها و بوریدها را آورده ایم. البته سرامیک های غیر اکسیدی دیگری نیز وجود دارند که آنها نیز مورد توجه هستند.
SiC: ساینده ، بخش های الکترونیکی با شرایط دشوار
TiC: یا تاقان ، ابزارهای برش،
AIN:قطعات الکترونیکی، بوته ذوب فلز
: توربین های گازی آینده و اجزای موتورهای دیزل
Zr B_2: بوته ی ذوب فلز و تیوپ های ترموول (tubes Thermowell)
WC: ساینده، ابزارهای برش
C (گرافیت): روانساز جامد
C(الماس) : ساینده
* سیلیسیم کاربید
سیلیسیم کاربید(SiC) بیشترین مصرف را در بین مواد سرامیکی غیر اکسیدی دارد. کاربرد عمده ی این ماده در صنعت ساینده است. علت استفاده از آن در صنعت ساینده سختی بالا (تنها الماس، نیترید بورکیوبیک و کاربیدبور سختی بالاتری از سیلیسیم کاربید دارند.) سیلیسیم کاربید در طبیعت تشکیل نمی شود و بنابراین باید آن را به صورت مصنوعی ساخت. این ماده به دو شکل کریستالی وجود دارد. فرم کیوبیک که به آن فاز B می گویند (B-SiC) و فرم هگزا گونال که به آن فاز می گویند.(-SiC). فرم در دمای بالاتر از تشکیل می شود و فرم B در گستره ی دمایی تشکیل می شود.
سیلیسیم کاربید به صورت تجاری بوسیله ی فرآیند آچسون (Acheson Process) تولید می شود. در این فرآیند مخلوطی از ماسه ی سیلیسی (99.5%.)، کک (carbon) تهیه شده و در طول بزرگی دپو می شود. سپس الکترودهای کربنی در داخل توده جا سازی می گردد. هر توده معمولا از 3000 تن ماده تشکیل شده است. گرم کردن کک باعث آزاد شدن انرژی کک می شود. که معمولا در دما در بخش هایی از توده به نیز می رسد. انرژی الکتریکی کل که در طی راه اندازی استاندارد یک توده (کوره) مصرف می شود حدود 2 میلیون کیلو وات ساعت (kwh) است که این میزان تقریبا برابر است با 7 تراژول (7TJ). میانگین توان ورودی به کوره در طی راه اندازی کوره حدود 9000-10000KW است. در دمای بالا کک با واکنش می دهد و Sic و CO(مونواکسید کربن ) تولید می کند:
عملیات حرارت دهی کوره ادامه می یابد تا واکنش به طور کامل انجام شود. زمان حرارت دهی از2- 20 روز طول می کشد .(بسته به بزرگی کوره و ترانسفورماتور). پس از سرد شدن کوره، توده شکسته می شود و پس از خردایش دانه بندی می شود. مرکز توده دارای کریستال های SiC هگزاگونال با خلوص بالاست که رنگ آنها سبز است. این کریستال ها برای کاربردهای الکتریکی مناسبند. خلوص SiC براساس رنگ کریستال ها قابل تشخیص است:
خلوص % 9908 : سبز کم رنگ
خلوص % 99: سبز پررنگ
خلوص % 98.5 : سیاه رنگ
گرداگرد مرکز توده یک بخش با خلوص پایین (بیش تر از %97.5) وجود دارد که برای کاربردهای ساینده مناسب است. لایه ی بیرونی دارای مخلوطی از SiC و واکنش نداده و کربن است که این لایه در فرآیند پخت بعدی استفاده می شود. شکل 1 مثال هایی از کریستال های SiC تولید بوسیله ی فرآیند آچسون است.
بزرگترین تولید کننده ی SiC جهان چین است .این کشور سالانه 450000 تن SiC تولید می کند. شکل 2 یک کارخانه ی تولید SiC را نشان می دهد. قیمت SiC تولیدی به روش آچسون بین 10- 40 دلار بر کیلوگرم است
تیتانیوم کاربید
تیتانیم کاربید (TiC) یکی دیگر از مواد سرامیکی غیر اکسیدی است که در طبیعت تشکیل نمی شود. این ماده نیز بوسیله ی کاهش کربوترمال یا بوسیله ی واکنش مستقیم بین عناصر تیتانیم و کربن تولید می شود. فرآیند تولید TiC نیز نیازمند دمای بالای تولید می باشد. دمای کربوراسیون بین است.
آلومینیوم نیترید
چندین روش صنعتی برای تولید AIN وجود دارد. درحال حاضر دو تا از این روش ها به صورتی صنعتی کار برد دارند. یکی از آنها نیتریداسیون مستقیم آلومینیوم است. که در زیر واکنش آن نشان داده شده است.
در دمای بالاتر از نقطه ذوب فلز تمام پودر به صورت مستقیم به نیترید تبدیل می شود. کنترل دقیق فرآیند بوسیله ی جلوگیری از انعقاد فلز در طی فرآیند نیتریداسیون انجام می شود.
کاهش آلومینا با استفاده از نیتروژن و یا آمونیاک درحضور کربن یکی دیگر از روش های تولید AIN است. (طبق واکنش زیر)
مخلوط آلومینا و کربن با اتمسفر دارای نیتروژن و در دمای بالاتر از واکنش می دهد. برای تبدیل کامل مواد به AIN فاکتورهایی مانند اندازه ی ذرات پودر و مخلوط نمودن مناسب مواد مهم می باشند. در دو روش تولید AIN، ناخالصی های اصلی اکسیژن (1.O% وزنی) و کربن (زیر O.O7%wt) هستند. سایر ناخالصی هایی که در این ماده وجود دارد عبارتند از: سیلیسیم، آهن، کلسیم. این ناخالصی ها به طور نمونه وار هر کدام در غلظت هایی زیر 50ppm وجود دارند. فروش جهانی AIN در حدود 200 تن در سال است. قیمت این ماده در گسترده 20- 180 دلار بر کیلوگرم است. این تفاوت قیمت به خاطر کیفیت و ویژگی های پودری AIN است.
در بسیاری از کاربردهایAIN نیاز است تا این ماده به صورت زیر لایه یا دیواره ی بوته باشد. این ماده یک عایق الکتریکی خوب است و رسانایی گرمایی بسیار بالایی دارد. (بهتر از آهن) این مسئله باعث شده تا از آن در بخش های الکترونیکی استفاده شود. بوته های آلومینیوم نیتریدی برای نگهداری مذاب فلزات استفاده می شود.
سیلیسیم نیترید
سیلیسیم نیترید () یکی دیگر از کانی های مصنوعی است. این ماده دارای دو فرم کریستالی است .فرم دما پایین آن است که این فرم از آن نسبت به فرم β بیشتر ترجیح داده می شود. (به عنوان ماده ی اولیه ) زیرا تغییرات فازی فرم βدر طی فرآیند زینترینگ موجب پدید آمدن تغییرات طولی در ساختار کریستالی می شود. چندین روش برای سنتز پودر وجود دارد که این روش ها شبیه به روش های تولید AIN است. این روش ها عبارتند از :
1)نیتریداسیون پودر سیلیسیم
2)کاهش کربوترمال سیلیس در گاز نیتروژن
3)واکنش در فاز گاز یا سیلان () با آمونیاک
بیشتر پودرهایی که به صورت تجاری در دسترس هستند از واکنش پودر سیلیسیم با نیتروژن در دمای تولید شده اند. (طبق واکنش زیر)
این پودر عموما مخلوطی از فاز و β است (که نسبت به β برابر 90 به 10 است.) در اغلب موارد برای تسریع واکنش و جلوگیری از تشکیل فاز β از پودر به عنوان جوانه زا استفاده می شود. پودر نیترید شده شامل ناخالصی هایی مانند آهن ، کلسیم و آلومینیوم است. که این ناخالصی ها از ابتدا در پودر سیلیسیم وجود داشته اند و یا در طی فرآیند آسیاب کردن ثانویه پدید آمده اند. پودر با خلوص بالا را می توان بوسیله ی کاهش کربوترمال در دمای بین تولید کرد.( طبق واکنش زیر)
اگر چه این فرآیند باعث تولید پودرهایی می شود که در آنها کربن و اکسیژن باقی مانده وجود دارد ولی پودر تولیدی دارای مساحت سطح بالایی است و درصد فاز نیز در این پودر بالاست.
پودرهای با خلوص بالا همچنین بوسیله ی واکنش در فاز بخار تولید می شود. که در زیر این واکنش ها آورده شده است:
〖
پودر تولیدی به روش بالا آمورف است. اما محصولاتی که تا دمای حرارت داده شوند.
تقریباً به طور کامل به فرم تبدیل می شود.
تولید جهانی، 500 تن در سال است. قیمت پودر این ماده از 30 – 150 دلار بر کیلوگرم قیمت دارد. که این قیمت به اندازه ی ذرات و کیفیت آن بستگی دارد.
سیلیسیم نیترید در دماهای بالا دارای استحکام بالایی است. این ماده دارای مقاومت به شک حرارتی ، مقاومت به خزش و مقاومت به اکسیداسیون بسیار خوبی در شرایط سخت است. از این رو این ماده برای ساخت قطعات توربین و موتورهای دیزل مناسب است.
زیرکونیوم دی بوراید
زیرکونیوم دی بوراید یک ماده ی مناسب برای ساخت بوته ی ذوب فلزات است. علت این مسئله مقاومت به خوردگی استثنائی این ماده است. این ماده همچنین در سلولهای هال – هرولت (Hall- Heroultcells) (فرآیند تولید آلومینیوم ) به عنوان کاتد و در فرآیند تصفیه ی فولاد به عنوان تیوپ های ترموول استفاده می شود.
فرآیندهای مختلفی برای تولید استفاده می شود. این فرآیند ها شبیه به روش های تولید کاربیدها و نیتریدهاست. به صورت صنعتی این ماده به روش واکنش مستقیم زیرکونیوم و بور تولید می شود.
همچنین از واکنش کربوترمال نیز می توان برای تولید استفاده کرد. که واکنش آن به شکل زیر است.
همه ی این واکنش ها باید در دمای بالا و تحت اتمسفر خنثی یا خلاء انجام شود. قیمت پودر بین 60- 100 دلار بر کیلوگرم است.
تنگستن کاربید
تنگستن کاربید یک ماده ی مقاوم در برابر سایش است. این ماده در فلز کاری، استخراج معدن و صنعت ساخت قطعات ماشین آلات و ساخت قالب کاربرد دارد. این ماده بوسیله ی کربوره کردن پودر تنگستن تولید می شود. ایالات متحده ی آمریکا سالانه 5500 تن WC مصرف می کند.
کربن
گرافیت یکی از فرم های سه گانه ی کربن است. فرم های کریستالی دیگر کربن عبارتند از : الماس و فولرن ها ، گرافیت به طور طبیعی در سنگ های دگرگون مانند مرمر (marble) وجود دارد. البته این ماده شباهت زیادی با سایر سرامیک های غیر اکسیدی ندارد.
گرافیت مورد استفاده در صنعت از منابع طبیعی استخراج می شوند. بزرگترین تولید کنندگان گرافیت دنیا، چین و هند هستند. تولید جهانی این ماده یک مگاتن در سال است. هم اکنون گرافیت در ایالات متحده ی آمریکا استخراح نمی شود. اگر چه این کشور سالانه 300000 تن گرافیت به شکل مصنوعی تولید می کند. که ارزش این تولید یک میلیارد دلار است.
چندین روش برای تولید گرافیت به صورت مصنوعی وجود دارد. بسیاری از این روش ها بدین گونه هستند که کربن های غیر گرافیتی در دمای بالاتر از گرما داده می شوند تا گرافیت تشکیل شود. برای مثال فرم بسیار خالص از این ماده بوسیله ی حرارت دادن مخلوط کلسینه شده ی کک نفتی و ذغال سنگ در دمای تولید می شود. دمای بالای این فرآیند باعث می شود تا اتم های کربن به صورت آرایش ورقه ای (ساختار گرافیتی) در آیند. گرافیت مصنوعی را همچنین می توان بوسیله ی رسوب از حالت فاز بخار هیدرو کربن ها در دماهای پایین (حدود ) تولید کرد.
بیشتر گرافیت مصنوعی که در ایالات متحده ی آمریکا تولید می شود، برای ساخت الکترودهای بسیار بزرگ استفاده می شود. این الکترودهای بزرگ در کوره های قوس الکتریکی استفاده می شوند. همچنین الکترودهای باطری نیز از این گرافیت ساخته می شود. کاربردهای عمده ی دیگر این ماده در روانسازی و فولاد سازی است.
استفاده های عمده از گرافیت طبیعی در صنعت دیرگداز (45%) ، لقمه ترمز (%20) است.
گرافیت طبیعی حدود 500 دلار بر تن قیمت دارد. در حالی که نوع مصنوعی آن قیمتی بالاتر از 2000 دلار بر تن دارد.
میزان الماس صنعتی تولید شده در ایالات متحده ی آمریکا بسیار کمتر از میزان تولید گرافیت مصنوعی است. تقریبا 300 میلیون قیراط الماس مصنوعی به صورت سالانه تولید می شود که کاربرد آن در ابزار آلات برش سنگ و مرمت آزاد راه ها و ساختمان هاست.
فولرن ها در سال 1985 کشف شدند. این در حالی است که نانو تیوپ های کربنی در سال 1991 کشف شدند. هر دو ماده ی اشاره شده هم اکنون به صورت تجاری در دسترس اند. البته این مواد هم اکنون گران قیمت هستند و کاربرد آنها به محصولات خاصی (مثلا افزودنی های مورد استفاده در پوشش های پلیمری ) محدود می شود
رستگار-واحد کنترل کیفیت شرکت صدیق سرام
آشنايي با Al2O3
Al2O3 در تقسیم بندی های اولیه در سرامیکها یک ماده بسیار مهم است و جزو Structural ceramics است.
Structual Ceramics: موادی هستند که برای ساخت قطعات مختلف برای کاربردهای مختلف در یک محدوده وسیع استفاده می گردند. مانند Al2O3، ZrO2، SiC، Si3N4، SiO2، SiAlON، Carbids و...
Engineering ceramics (سرامیکهای مهندسی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار می کند. یا برای بهبود کارکرد وسیله ای دیگر استفاده می گردد.
Advanced Ceramics: هرآنچه که سنتی نباشد، پیشرفته است که در عصر حاضر مطرح گردیده است. (چه ساخت و چه خواص آن) را گویند. یا آنچه که مواد اولیه آن به روش خاص سنتز می شوند و از مواد معدنی و... به طور مستقیم استفاده نمی کند را گویند.
Functional Ceramics (سرامیک های کاربردی یا کارکردی): یک تقسیم بندی است بر اساس کارکرد سرامیکها
1- Electroceramic
2- Optical ceramic
3-Optoelectrical ceramic
4- Bioceramic
Technical Ceramics (سرامیکهای تکنیکی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار میکند یا برای بهبود کارکرد یک وسیله دیگر استفاده می شود. (مانند Engineering ceramic).
Al2O3 مهمترین Structural ceramic است.
آشنايي با Al2O3
Al2O3 در تقسیم بندی های اولیه در سرامیکها یک ماده بسیار مهم است و جزو Structural ceramics است.
Structual Ceramics: موادی هستند که برای ساخت قطعات مختلف برای کاربردهای مختلف در یک محدوده وسیع استفاده می گردند. مانند Al2O3، ZrO2، SiC، Si3N4، SiO2، SiAlON، Carbids و...
Engineering ceramics (سرامیکهای مهندسی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار می کند. یا برای بهبود کارکرد وسیله ای دیگر استفاده می گردد.
Advanced Ceramics: هرآنچه که سنتی نباشد، پیشرفته است که در عصر حاضر مطرح گردیده است. (چه ساخت و چه خواص آن) را گویند. یا آنچه که مواد اولیه آن به روش خاص سنتز می شوند و از مواد معدنی و... به طور مستقیم استفاده نمی کند را گویند.
Functional Ceramics (سرامیک های کاربردی یا کارکردی): یک تقسیم بندی است بر اساس کارکرد سرامیکها
1- Electroceramic
2- Optical ceramic
3-Optoelectrical ceramic
4- Bioceramic
Technical Ceramics (سرامیکهای تکنیکی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار میکند یا برای بهبود کارکرد یک وسیله دیگر استفاده می شود. (مانند Engineering ceramic).
Al2O3 مهمترین Structural ceramic است.
آشنايي با Al2O3
Al2O3 در تقسیم بندی های اولیه در سرامیکها یک ماده بسیار مهم است و جزو Structural ceramics است.
Structual Ceramics: موادی هستند که برای ساخت قطعات مختلف برای کاربردهای مختلف در یک محدوده وسیع استفاده می گردند. مانند Al2O3، ZrO2، SiC، Si3N4، SiO2، SiAlON، Carbids و...
Engineering ceramics (سرامیکهای مهندسی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار می کند. یا برای بهبود کارکرد وسیله ای دیگر استفاده می گردد.
Advanced Ceramics: هرآنچه که سنتی نباشد، پیشرفته است که در عصر حاضر مطرح گردیده است. (چه ساخت و چه خواص آن) را گویند. یا آنچه که مواد اولیه آن به روش خاص سنتز می شوند و از مواد معدنی و... به طور مستقیم استفاده نمی کند را گویند.
Functional Ceramics (سرامیک های کاربردی یا کارکردی): یک تقسیم بندی است بر اساس کارکرد سرامیکها
1- Electroceramic
2- Optical ceramic
3-Optoelectrical ceramic
4- Bioceramic
Technical Ceramics (سرامیکهای تکنیکی): سرامیکی که با استفاده از آن قطعه یا وسیله دیگری کار میکند یا برای بهبود کارکرد یک وسیله دیگر استفاده می شود. (مانند Engineering ceramic).
Al2O3 مهمترین Structural ceramic است.
فیبر نوری1
الياف نوري
بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
Glass & Glassmaking J.of chemical Ed. , 68(9), 765-768(1991)
پي نوشت ها :
1. Obsidin
2. Visions
3. Corning
4. Chemical – Vapor Deposition
5. Vapor Deposition Outside
Alyaf noori
الياف نوري
بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
Glass & Glassmaking J.of chemical Ed. , 68(9), 765-768(1991)
پي نوشت ها :
1. Obsidin
2. Visions
3. Corning
4. Chemical – Vapor Deposition
5. Vapor Deposition Outside
بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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5. Vapor Deposition Outside
بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
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پي نوشت ها :
1. Obsidin
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4. Chemical – Vapor Deposition
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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پي نوشت ها :
1. Obsidin
2. Visions
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
Glass & Glassmaking J.of chemical Ed. , 68(9), 765-768(1991)
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2. Visions
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
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بالاخره ، يكي از ساده ترين شيشه ها (SiO2 خالص) در يكي از مهمترين محصولات شيشه اي يعني هدايت كننده هاي نوري براي ارتباطات راه دور مورد استفاده قرار مي گيرد .اين قبيل الياف نياز به خلوص خيلي بالايي براي عبور نور در بيش از دهها كيلومتر دارند .در اين مواد بايد از ناخالصي هايي ماننـــد فلزات واسطه يا H2O محلول ، حتي به ميزان يك بيليونيم نيز اجتناب نمود ، زيرا اين مواد قسمت عمده نور را در فواصل زياد ، جذب ميكنند . در ضمن هنگام ذوب SiO2 نيز با مشكلاتي مواجه مي شويم كه تهيه اين ماده را مشكل تر مي كند .
به همين دليل الياف نوري معمولاً با استفاده از تكنيك غير متداول رسوب دهي بخار شيميايي (4) تشكيل مي شوند. در شكل ديگري از اين تكنيك يعني رسوبدهي بخار بيروني (5) مخلوطي از SiCl4, و O2 در شعله CH4 - O2 شعله ور مي شود. يكي از محصولات واكنش SiO2 بي شكل دوده مانند است كه بر سطح خارجي يك ميله شيشه اي ته نشين مي شود. ميله جابجا مي شود وبا حرارت دادن در دماي بالا دوده به شيشـــه محكم مي شود. شيشـــه حاصل به صورت يك تار نازك و فوق العاده خالص در مي آيد. با افزايش كنترل شده ساير هاليدها(براي مثال GeCl4) به شعله ، ضريب شكست مقطع طولي تار حاصل با دقت زياد كنترل مي شود. تركيبات شيشه – سراميك و شيشه هاي تجارتي متنوع ديگر در سراسر جهان به فروش مي رسد . توسعه تكنيكهايي مانند روش رسوب دهي بخار شيميايي و تحقيق در زمينه اساس شيميايي و ساختار شيشه در بسياري از آزمايشگاه هاي دانشگاهي و صنعتي دنبال مي شود . اين تحقيقات تا زماني كه به طرق مختلفي بر زندگي روزمره اثر مي گذارند ، ادامه خواهند يافت .
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4. Chemical – Vapor Deposition
5. Vapor Deposition Outside
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
شيشه – سراميك ها بين شيشه ها و سراميك ها ي بلوري ، پلي ايجاد مي كنند . شيشه – سراميك ها به بهترين شكل به صورت » جامدهاي ريز بلوري كه با تبـــلور كنترل شده شيشه بوجود آمده اند « تعريف ميشوند . شيشه ها با استفاده از تكنيــكهاي استاندارد ذوب شده و شكل مي پذيرند و سپس با عمليات حرارتي ويژه اي ، بلور دانه اي يكنواختي تشكيــل ميشود . معمولاً 50% حجمي شيشه – سراميك ها بلوري است و آنها را بادرجه بلوري شدن از شيشه هاي مات تشخيص مي دهند. خواص ويژه شيشه – سراميك ها توسط خواص فيزيكي تك بلورها و بوسيله رابطه بين بافت بلورها و شيشه باقي مانده كنترل مي شود . به همين دليل شيشه – سراميك ها داراي خواص گوناگوني از قبيل : استحكام ، قابليت ماشين كاري و پايداري در برابر تغييرات حرارتي مي باشند . (شكل 3 )
شكل 3-(a) β – ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك كوارتز پر شده , كه درجه تبلور اين مواد را نمايش مي دهد
(b) ميكروگراف الكتروني عبوري شيشه – سراميك فلورميكا
نمونه اي از اين پديده ، ويژنز (2) محصول كورنينگ است (3) كه از شيشه Li2O - Al2O3 - SiO2 كه مقاديـــر كمي از TiO2 و ZrO2 دارد تحت تاثير گرما ساخته مي شود. تحت تاثير گرما بلورهايي از زيركونيم تيتانات از شيشه رسوب مي كند و محلهاي هسته زايي را براي رشد بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات از شيشه فراهم ميكنند . از آنجا كه انبساط گرمايي بلورهاي ليتيم آلومينوسيليكات بطور استثنائي پايين است ، اين شيشه – سراميك ها مي توانند تغييرات ناگهاني دما را در ارتباط با ظروف خوراك پزي تحمل كنند . در ضمن به دليل اينكه اندازه هر بلور كوچكتر از طول موج نور است و ضريب شكست اين بلورها و شيشه با يكديگر همخواني دارد پراكندگي نور صورت نمي گيرد و اين مواد شفاف به نظر ميرسند .
سرامیک مشتق از کلمه keramos یونانی است که به معنی سفالینه یا شئی پخته شده است. در واقع منشا پیدایش این علم همان سفالینههای ساخته شده توسط انسانهای اولیه هستند. در واقع قبل از کشف و استفاده فلزات، بشر از گلهای رس به علت وفور و فراوانی آنها و همچنین شکلگیری بسیار خوب آنها در در صورت مخلوط شدن با آب و درجه حرارت نسبتاً پایین پخت آنها استفاده میکرد. آلومینوسیلیکاتها که خاکهای رسی خود آنها به حساب میآیند، از عناصر آلومینیوم، سیلیسم و اکسیژن ساخته میشوند که این سه عنصر بر روی هم حدود 85 درصد پوسته جامد کره زمین را تشکیل میدهند. این سه عنصر فراوانترین عناصر پوسته زمین هستند.